20 हाई प्रोटीन लो फैट फूड्स | High Protein Low Fat Foods in Hindi

प्रोटीन हमारे शरीर में हर कोशिका के निर्माण और रखरखाव (maintenance) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हमारी कोशिकाओं को फ्युल देता है और हमारे शरीर को शक्ति प्रदान करता है।

हमारा शरीर प्रोटीन को स्टोर नहीं कर सकता है। इसलिए लोगों के लिए हर दिन प्रोटीन का सेवन करना महत्वपूर्ण है। रोजाना प्रोटीन का सेवन आपकी कोशिकाओं को अच्छे आकार में रखने में भूमिका निभाता है।

प्रोटीन अमीनो एसिड से बना होता है, जिसे आमतौर पर बिल्डिंग ब्लॉक्स के रूप में जाना जाता है, क्योंकि ये लंबी श्रृंखलाओं में जुड़े होते हैं। इसे “मैक्रोन्यूट्रिएंट” भी माना जाता है, जिसका अर्थ है कि स्वस्थ रहने के लिए आपको इसकी अपेक्षाकृत बड़ी मात्रा की आवश्यकता होती है।

प्रोटीन हड्डियों, मांसपेशियों, cartilage और स्किन का एक महत्वपूर्ण निर्माण खंड है। दरअसल आपके बाल और नाखून ज्यादातर प्रोटीन से बने होते हैं। इसके अलावा आपका शरीर प्रोटीन का उपयोग ऊतक के निर्माण और मरम्मत के लिए करता है।

लाल रक्त कोशिकाओं में एक प्रोटीन यौगिक होता है जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाता है। यह आपके पूरे शरीर को आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति करने में मदद करता है।

लगभग आधा आहार प्रोटीन जो आप प्रतिदिन उपभोग करते हैं, एंजाइम बनाने में जाता है। यह एंजाइम भोजन को पचाने में सहायता करता है, और नई कोशिकाओं और शरीर के रसायनों को बनाता है।

इसके अलावा प्रोटीन शरीर में हार्मोन regulation में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, विशेष रूप से यौवन के दौरान कोशिकाओं के परिवर्तन और विकास के दौरान। इस तरह से प्रोटीन हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है।

प्रोटीन प्लस फाइबर हमें लंबे समय तक भरा रखता है, जिसका मतलब है कि आपको अक्सर खाने की इच्छा महसूस नहीं होती है। यह हमारी कोशिकाओं को सही पोषक तत्वों की आवश्यकता के साथ ईंधन भरने के दौरान वजन कम करने में मदद करता है।

प्रोटीन किससे बने होते हैं?

protein kaise bante hai

प्रोटीन कई बिल्डिंग ब्लॉक्स से बने होते हैं, जिन्हें अमीनो एसिड के रूप में जाना जाता है। हमारे शरीर को कोशिकाओं और ऊतकों के विकास और maintenance के लिए अमीनो एसिड की आवश्यकता होती है, जिसकी आपूर्ति के लिए आहार प्रोटीन की आवश्यकता होती है।

हमारे आहार में प्रोटीन की आवश्यकता जीवन भर बदलती रहती है। वयस्कों को प्रति दिन कम से कम 0.83 ग्राम प्रोटीन प्रति किलोग्राम शरीर के वजन के अनुसार खाना चाहिए। उदाहरण के लिए 70 किलोग्राम वयस्क के लिए 58 ग्राम/दिन।

पौधे और पशु-आधारित प्रोटीन अपनी गुणवत्ता और पाचन क्षमता में भिन्न होते हैं, लेकिन यह आमतौर पर ज्यादातर लोगों के लिए चिंता का विषय नहीं होता है यदि उनका कुल प्रोटीन उनकी जरूरतों को पूरा करता है।

प्रोटीन एक साथ जुड़े कई अलग-अलग अमीनो एसिड से बने होते हैं। आमतौर पर पौधों और जानवरों में पाए जाने वाले इन अमीनो एसिड यानि बिल्डिंग ब्लॉक्स की संख्या 20 हैं।

एक विशिष्ट प्रोटीन 300 या अधिक अमीनो एसिड से बना होता है। प्रत्येक प्रोटीन के लिए अमीनो एसिड की विशिष्ट संख्या और sequence अद्वितीय (यूनिक) होते हैं। संपूर्ण प्रोटीन बनाने के लिए अमीनो एसिड को लाखों अलग-अलग तरीकों से व्यवस्थित किया जाता है।

अमीनो एसिड की संख्या और क्रम के आधार पर, परिणामी प्रोटीन एक विशिष्ट आकार में मुड़ जाएगा। यह आकार बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह प्रोटीन के कार्य (जैसे मांसपेशी या एंजाइम) को निर्धारित करेगा। मनुष्यों सहित प्रत्येक प्रजाति के अपने विशिष्ट प्रोटीन होते हैं।

अमीनो एसिड को आवश्यक या गैर-आवश्यक के रूप में वर्गीकृत किया गया है। जैसा कि नाम से पता चलता है, आवश्यक अमीनो एसिड शरीर द्वारा नहीं बनाया जाता है और इसलिए हमें इन्हें भोजन से प्राप्त करना पड़ता है।

जबकि गैर-आवश्यक अमीनो एसिड शरीर द्वारा उत्पादित किए जाते हैं और इसलिए हमें इन्हें अपने आहार से प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है। आवश्यक और गैर-आवश्यक अमीनो एसिड इस प्रकार से हैं-

Sr. No.Essential amino acidsNon-Essential amino acids
1.HistidineAlanine
2.IsoleucineArginine
3.LeucineAsparagine
4.LysineAspartate
5.MethionineCysteine
6.PhenylalanineGlutamate
7.ThreonineGlutamine
8.TryptophanGlycine
9.ValineProline
Serine
Taurine

प्रोटीन शरीर के लिए क्या करते हैं?

protein sharir me kya kam karte hai

हमारा शरीर हजारों विभिन्न प्रोटीनों से बना हैं, इसमें से प्रत्येक प्रोटीन का अलग काम होता है। ये हमारी कोशिकाओं और ऊतकों के संरचनात्मक घटकों के साथ-साथ कई एंजाइम, हार्मोन और इम्यून कोशिकाओं के लिए महत्वपूर्ण है।

हमारे पूरे जीवन में शरीर के इन प्रोटीनों का लगातार repair और replace होता है। इस प्रक्रिया (जिसे ‘प्रोटीन संश्लेषण’ के रूप में जाना जाता है) को अमीनो एसिड की निरंतर आपूर्ति की आवश्यकता होती है।

हालांकि कुछ अमीनो एसिड शरीर के पुराने प्रोटीन के टूटने से recycled हैं, यह प्रक्रिया अपूर्ण है। इसका मतलब है कि हमें अपने शरीर की अमीनो एसिड की मांग को पूरा करने के लिए आहार प्रोटीन का सेवन करना चाहिए।

चूंकि कोशिका और ऊतक वृद्धि के लिए प्रोटीन आवश्यक है, प्रोटीन का पर्याप्त सेवन विशेष रूप से तेजी से विकास और ग्रोथ के दौरान महत्वपूर्ण होता है, जैसे कि बचपन, किशोरावस्था, गर्भावस्था और स्तनपान।

ज्यादा फैट के क्या नुकसान है?

jyada fat khane ke nuskan

उच्च वसा (फैट) वाले आहार से मोटापा और संबंधित बीमारियां हो सकती हैं। यहां कुछ अन्य कारण बताए गए हैं कि हाइ फैट फूड्स आपके लिए क्यों खराब है। एक नवीनतम अध्ययन से पता चला है कि हाइ फैट वाले आहार और भारी शराब पीने के बीच एक संबंध है।

शोधकर्ताओं ने दावा किया कि वजन बढ़ना और अधिक शराब पीना व्यवहारिक रूप से जुड़ा हुआ है क्योंकि ये दोनों आदतें एक ही न्यूरोकाइक्रिट्री का उपयोग करती हैं।

कई अध्ययनों ने साबित किया है कि कैसे मध्यम शराब का सेवन भी आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। यहां बताया गया है कि हाइ फैट वाला आहार आपके शरीर के लिए कैसे नुकसान पहुंचाता है-

  • यह आपके मस्तिष्क के लिए हानिकारक है: 2015 के एक अध्ययन में कहा गया है कि एक हाइ फैट वाला आहार हमारे मस्तिष्क में एक्टिव इम्यूनिटी कोशिकाओं को गतिहीन बनाता है। इससे संज्ञानात्मक हानि होती है और जिससे दिमाग कम काम करने लगता है।
  • स्मेल करने की शक्ति खत्म हो जाती है: एक अध्ययन में कहा गया है कि एक ज्यादा फैट से आपकी गंध (smell) की भावना खो सकती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि हाइ फैट वाले फूड्स olfactory system में प्रमुख संरचनात्मक और कार्यात्मक परिवर्तन कर रहे थे, जिससे smell की भावना प्रभावित हो रही थी।
  • चिंता और डिप्रेशन पैदा करता है: हाइ फैट आहार आपके व्यवहार को बदल सकता है, जो चिंता और डिप्रेशन के जोखिम को बढ़ा सकता है। इस तरह के आहार से brain में सूजन भी होती है जो कई तरह की मानसिक समस्याओं को जन्म देती है।
  • इससे सेप्सिस हो सकता है: एक और हालिया अध्ययन से पता चला है कि उच्च वसा वाले आहार से पुरानी सूजन और सेप्सिस की में वृद्धि होती है जिससे सदमा लग सकता है।
  • यह संतान को मोटा बनाता है: गर्भावस्था के दौरान हाइ फैट वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से माताओं में मोटापा आता है जो भविष्य में संतानों को आजीवन मोटापे के खतरे में डाल देता है।
  • बुजुर्गों के लिए हानिकारक: 2019 के एक अध्ययन ने साबित किया कि ओमेगा-6 फैटी एसिड से भरपूर हाइ फैट वाले आहार से बुजुर्ग लोगों को डायबिटीज़ और हार्ट failure का खतरा बढ़ जाता है। अध्ययन में विस्तार से बताया गया है कि कैसे कैलोरी से भरपूर आहार आंत की संरचना में व्यवधान पैदा करता है, जिससे सूजन होती है। यह हार्ट रोगों के प्रमुख कारणों में से एक है।
  • यह स्लीप एपनिया का कारण बन सकता है: जो पुरुष फैट में उच्च आहार का सेवन करते हैं, उन्हें रात में स्लीप एपनिया सहित नींद की समस्या का अनुभव होने की संभावना होती है। क्योंकि उन्हें दिन में अधिक नींद आती है। दिन के समय नींद आना, दिन के दौरान कम एनर्जी और हाइ फैट वाले भोजन के अधिक सेवन से होता है। ये रात में फिर से नींद की समस्या पैदा करता है।

High protein Low fat foods in hindi

High protein Low fat foods in hindi

हाइ प्रोटीन और लॉ फैट फूड्स खाना वास्तव में एक हैल्थी डाइट का अहम हिस्सा है। कई फूड्स प्रोटीन में उच्च होते हैं, लेकिन उनमें फैट की मात्रा अलग-अलग होती है। कुछ हाइ-प्रोटीन फूड्स फैट में भी हाइ होते हैं।

नट्स और सीड्स अच्छे उदाहरण हैं, एक कप बादाम में 74 ग्राम फैट होता है। लीन प्रोटीन वाले फूड्स बहुत अधिक प्रोटीन प्रदान करते हैं, और इनमें फैट की मात्रा भी बहुत कम होती हैं। वजन घटाने के लिए बहुत से लोग लीन प्रोटीन खाद्य पदार्थों की ओर रुख करते हैं।

इसके अलावा बॉडी-बिल्डर अक्सर मांसपेशियों के निर्माण के लिए लीन प्रोटीन खाद्य पदार्थों पर भरोसा करते हैं। कई लीन प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों में कम कैलोरी होती है, इसलिए यदि आप कम कैलोरी का सेवन करना चाहते हैं, तो यह आपके लिए एकदम सही है।

1. सादा दही (ग्रीक योगर्ट)

सामान्य दही के विपरीत, processing के दौरान liquid whey को हटाकर सादा या ग्रीक दही बनाया जाता है। इस प्रकार यह कम फैट और अधिक मलाई के साथ ज्यादा प्रोटीन युक्त दही का उत्पादन करता है।

अगर आप हाइ प्रोटीन और लॉ फैट वाले भोजन की तलाश में हैं, तो यह एक अच्छा चुनाव है। 170 ग्राम ग्रीक योगर्ट में लगभग 20 ग्राम प्रोटीन होता है। आप पनीर या अंडे जैसे कम कैलोरी वाले स्नैक के साथ ग्रीक योगर्ट का सेवन कर सकते हैं।

अच्छी खबर यह है कि आप इसे डिनर के समय भी खा सकते हैं क्योंकि इसमें ट्रिप्टोफैन होता है। चूंकि ट्रिप्टोफैन नींद की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है।

2. सफेद मीट पोल्ट्री

सफेद मांस का न केवल अच्छा स्वाद होता है, बल्कि इसमें आवश्यक प्रोटीन भी ज्यादा मात्रा में होता है। औसतन 100 ग्राम उबले या भुने हुए टर्की (एक पक्षी) में लगभग 30 ग्राम प्रोटीन होता है।

सफेद मांस में अधिकांश प्रोटीन ब्रेस्ट और पंखों के आसपास केंद्रित होती है। इसका मतलब यह है कि चिकन या टर्की के ब्रेस्ट में अन्य हिस्सों की तुलना में कम फैट होती है, जैसे कि पैर, जांघ आदि।

मुर्गे की स्किन में ब्रेस्ट से अधिक फैट होती है। इसलिए एक उच्च-प्रोटीन और कम वसा वाले भोजन के लिए, आप पोल्ट्री मीट को स्किन से उतार कर खा सकते हैं। बिना स्किन वाला मीट हमेशा कम फैट का होता है।

3. अंडे का सफेद भाग

अंडे की सफेदी में अंडे की प्रोटीन सामग्री का आधे से अधिक हिस्सा मौजूद होता है। एवं अंडे की जर्दी में कोलेस्ट्रॉल जैसे अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं, लेकिन इसमें बड़ी मात्रा में फैट और कैलोरी भी होती है।

यदि आप कम फैट वाले लेकिन हाइ प्रोटीन सामग्री वाले भोजन का चयन करना चाहते हैं, तो हम आपको केवल अंडे का सफेद भाग खाने की सलाह देते हैं। अंडे की सफेदी में जर्दी की तुलना में अधिक प्रोटीन और कम फैट होती है।

दही की तरह इन्हें भी रात के भोजन के समय खाया जा सकता है। क्योंकि इनकी प्रोटीन सामग्री आपकी नींद की गुणवत्ता में सुधार करती है। एक अध्ययन के अनुसार जो लोग रात को सोने से पहले हाइ प्रोटीन फूड्स का सेवन करते हैं, उन्हें अच्छी नींद आती है।

4. दूध

दूध में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व सही अनुपात में होते हैं, और यदि आप हाइ प्रोटीन व लॉ फैट वाले फूड्स की तलाश कर रहे हैं तो यह एक बढ़िया विकल्प है। दूध में कुछ पोषक तत्व कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन B12 भी पाए जाते हैं।

कम फैट वाला दूध स्किम्ड या सूखे दूध के रूप में होता है। इसका स्वाद अच्छा होता है और यह आपकी सेहत के लिए भी बहुत अच्छा है। कैल्शियम आपकी हड्डियों को मजबूत बनाता है और इसी तरह दूध में अन्य पोषक तत्व भी शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।

यदि आप लैक्टोज असहिष्णुता से पीड़ित हैं तो दूध आपके लिए इतना अच्छा विकल्प नहीं है क्योंकि यह दस्त और गैस को ट्रिगर करता है। जिसके बाद आपको बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

5. टूना मछली

टूना एक स्वस्थ प्रोटीन फूड है। जिसका आप कभी भी और किसी भी दिन सेवन कर सकते हैं। यह खारे पानी में पाई जाने वाली मछली है। इसका मांस उच्च प्रोटीन और कम वसा व कैलोरी पैदा करता है।

यह विटामिन और कुछ अन्य पोषक तत्व जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड भी प्रदान करती है जो एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। टूना को उबाल कर गर्म खाया जाता है या विभिन्न प्रकार की सब्जियों के साथ भी खाया जाता है।

इसका स्वाद अच्छा होता है और देर रात के नाश्ते के रूप में भी यह आपके लिए बहुत अच्छा है। हालाँकि तली हुई टूना मछली खाना इतना अच्छा नहीं है क्योंकि इसमें तेल और बहुत अधिक कैलोरी होती है।

6. झींगा

झींगा मछली सबसे बढ़िया सी फूड माना जाता हैं। ये रेंगने वाली मछली की तरह दिखते हैं लेकिन थोड़े बड़े होते हैं। लो-फैट, हाई-प्रोटीन डाइट के लिए झींगा सबसे बेहतरीन विकल्प है। झींगे में सेलेनियम और राइबोफ्लेविन जैसे अन्य पोषक तत्वों की उच्च सामग्री होती है।

अधिकांश फैटी एसिड की तरह इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है। झींगा में कैलोरी बहुत कम होती है। 3 औंस झींगा में लगभग 20 ग्राम प्रोटीन होता है लेकिन मुश्किल से 84 कैलोरी होती है। कुछ लोगों को सी-फूड खाने के बाद एलर्जी होती है।

यह अंतर्निहित एलर्जी के कारण होता है, एक ऐसी स्थिति जहां शरीर समुद्री भोजन में कुछ यौगिकों को एंटीजन के रूप में मानता है और उनके खिलाफ लड़ने का प्रयास करता है।

यदि आप समुद्री भोजन खाने के बाद एलर्जी की प्रतिक्रिया देखते हैं, तो आपको sea food नहीं खाना चाहिए। आप इसके अलावा कोई दूसरा भोजन कर सकते हैं।

7. ओट्स (दलिया)

ओट्स पोषण का एक पावरहाउस है, जो फाइबर से भरा हुआ है। ओट्स में मांसपेशियों के लिए प्रोटीन और जोड़ों के लिए आवश्यक फैट होता है। दलिया ओट्स में लगभग 11-15% प्रोटीन होता है जो प्रति 100 ग्राम 11.1 ग्राम प्रोटीन के बराबर होता है।

ओट्स प्रोटीन से भरपूर भोजन के लिए एकदम सही आधार हैं। आप इसमें नट बटर, चिया सीड्स, अलसी के बीज, कटे हुए मेवे, प्रोटीन पाउडर भी एड कर सकते हैं।

ओट्स की पोषक संरचना अच्छी तरह से संतुलित है। ये कार्ब्स और फाइबर का एक अच्छा स्रोत हैं, जिसमें शक्तिशाली फाइबर बीटा-ग्लूकन भी पाया जाता हैं। ओट्स आवश्यक अमीनो एसिड के अच्छे संतुलन के साथ उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन का भी एक अच्छा स्रोत हैं।

एक कप ओट्स में 51 ग्राम कार्ब्स, 13 ग्राम प्रोटीन, 5 ग्राम फैट और 8 ग्राम फाइबर होता है। इसी सर्विंग में केवल 303 कैलोरी होती है। इसका मतलब है कि ओट्स सबसे अधिक पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें आप खा सकते हैं।

8. कम फैट वाला पनीर

पनीर एक प्रोटीन युक्त भोजन है। इसमें कम फैट और कैलोरी होती है। इसका स्वाद अच्छा होता है और यह सभी भारतीयों की पहली पसंद है। पनीर में कैल्शियम होता है, जो हड्डियों के विकास और दांतों को मजबूत बनाने के लिए बहुत अच्छा होता है।

ज़्यादातर पनीर में विटामिन डी होता हैं, जो आपके शरीर को कैल्शियम को अवशोषित करने और उसका उपयोग करने में मदद करता है। यह पैराथायरायड ग्रंथियों के लिए बहुत अच्छा है।

9. सफेद मांस वाली मछली

सफेद मांस वाली मछली हाइ प्रोटीन देने वाली भोजन है और इसमें बहुत कम फैट होती है। 100 ग्राम सादी पकी हुई सफेद मांस वाली मछली में लगभग 25 ग्राम प्रोटीन और लगभग 120 कैलोरी होती है।

सफेद मांस वाली मछली में एंटी-इंफ्लेमेटरी फैटी एसिड होता है, जैसे ALA और ओमेगा-3 फैटी एसिड। इन मछलियों में तिलापिया मछली, पोलक, फ्लाउंडर, हैडॉक आदि शामिल हैं। यदि आप किसी नदी के किनारे रहते हैं, तो सफेद मांस वाली मछली आसानी से मिल जाती है।

इसके अलावा ये समुद्र तट के बाजारों में सबसे अधिक बिकने वाली मछली हैं। लेकिन अगर आप कहीं दूर रहते हैं, तो आपको इसे बाजार से ही खरीदना होगा। जहां आपको ये जमी हुई मिलती है।

10. फलियां (Legumes)

फलियां फैबेसी परिवार में पौधों का एक समूह है। फलियाँ प्रोटीन और फाइबर का एक बड़ा स्रोत है, फिर भी इनमें कम फैट और कैलोरी होती है। इनमें सेम, मटर और मसूर शामिल हैं।

माना जाता है कि अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में 100 ग्राम दालों में औसतन 8 ग्राम प्रोटीन और कैलोरी का प्रतिशत बहुत कम होता है। दालों और कई अन्य फूड्स में मौजूद फाइबर ब्लड प्रेशर को कम करता है।

फाइबर मल को बेहतर तरीके से बाहर निकालने में मदद करता है। इस तरह फाइबर पाचन कार्यों और शौच में भी सहायता करता है। भारत में मूंग, मसूर और चने की दाल प्रोटीन का सबसे बेहतरीन सोर्स मानी जाती है।

11. टोफू

टोफू सोयाबीन से बनाया जाता है और जिसे शाकाहारी लोग काफी पसंद करते हैं। यह एक हाइ प्रोटीन और लॉ फैट वाला फूड है। टोफू पौधे आधारित आवश्यक अमीनो एसिड में समृद्ध होता है।

टोफू में आइसोफ्लेवोन्स भी होता है। ये एंटीऑक्सिडेंट आइसोफ्लेवोन्स, हार्ट रोग, डायबिटीज़, कैंसर और इम्यून सिस्टम के रोगों के खिलाफ मदद करने में बहुत अच्छा है।

शाकाहारी लोग मीट की बजाय टोफू का सेवन कर सकते हैं। टोफू विटामिन का भी एक बड़ा स्रोत है, जैसा कि अन्य पौधों के उत्पाद हैं। अगर आप हाइ प्रोटीन और लॉ फैट वाले फूड की तलाश में हैं, तो यह आपके लिए एक बेहतरीन ऑप्शन है।

12. धूप में सूखे टमाटर

एक कप धूप में सुखाए गए टमाटर में 139 कैलोरी, 8 ग्राम प्रोटीन और 7 ग्राम फाइबर होता है। इसका मतलब यह है कि पुरुषों को प्रोटीन की अनुशंसित दैनिक आवश्यकता का 14 प्रतिशत और फाइबर का 18 प्रतिशत मिलता है।

जबकि महिलाओं को उनके दैनिक सेवन का 17 प्रतिशत प्रोटीन और 28 प्रतिशत फाइबर प्राप्त होता है। धूप में सुखाए गए टमाटरों की एक कप सर्विंग में पोटैशियम की अनुशंसित दैनिक आवश्यकता का 39 प्रतिशत होता है।

पुरुषों को 82 प्रतिशत और महिलाओं को आयरन के अनुशंसित दैनिक सेवन का 27 प्रतिशत प्राप्त होता है। इनकी यही खुराक थायमिन और राइबोफ्लेविन के दैनिक सेवन का 23 प्रतिशत और साथ ही नियासिन का 31 प्रतिशत प्रदान करता है।

ये B विटामिन भोजन को ऊर्जा में बदलने, तंत्रिका तंत्र को बनाए रखने और स्किन को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक हैं। इससेआपको विटामिन K के दैनिक सेवन का 19 प्रतिशत भी प्राप्त होगा, जो रक्त के थक्के जमने के लिए आवश्यक है।

13. अमरूद

अमरूद में भरपूर प्रोटीन और फाइबर होता है। फिर भी इसमें बहुत कम कैलोरी होती है। इसलिए यह कम फैट और हाइ प्रोटीन का सबसे बढ़िया ऑप्शन है। इसमें पाँच मध्यम संतरे में पाए जाने वाले विटामिनों की संख्या का लगभग तीन गुना भी होता है।

अमरूद का स्वाद अच्छा होता है और यह कई प्रकार के कार्य करता है। अमरूद एक उष्णकटिबंधीय फल है जो हर जगह उपलब्ध नहीं होता है। अमरूद उपलब्ध सबसे अधिक प्रोटीन युक्त फलों में से एक है। यह विटामिन C जैसे अतिरिक्त पोषक तत्व भी प्रदान करता है।

अमरूद में अन्य फलों की तुलना में अधिक मात्रा में डायटरी फाइबर होता है। फाइबर बल्क अप और मल को नरम करने में मदद करता है जो कब्ज और दस्त को कम करता है। एक अमरूद में आपके अनुशंसित दैनिक फाइबर सेवन का 12% होता है।

14. चने

छोले पौधे-आधारित प्रोटीन का एक बड़ा स्रोत है, जो इन्हें उन लोगों के लिए एक उत्कृष्ट भोजन बनाता है जो मीट नहीं खाते हैं। 1-कप (164-ग्राम) सर्व करने से लगभग 14.5 ग्राम प्रोटीन मिलता है, जो कि ब्लैक बीन्स और दाल जैसे समान खाद्य पदार्थों की प्रोटीन सामग्री के बराबर है।

छोले में मौजूद प्रोटीन पेट को भरा हुआ रखने और आपकी भूख को नियंत्रण में रखने में मदद करता है। प्रोटीन वजन कंट्रोल करने, हड्डियों को मजबूत और मसल्स बनाने के लिए आवश्यक है।

कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि छोले में प्रोटीन की गुणवत्ता अन्य प्रकार की फलियों की तुलना में बेहतर होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि छोले में मेथिओनाइन को छोड़कर सभी आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं।

इस कारण से ये प्रोटीन के अधूरे स्रोत हैं। इसलिए आपको मेथिओनिन से भरपूर फूड्स का भी साथ में सेवन करना चाहिए। जैसे क्विनोआ। तो इस तरह चना प्रोटीन का एक उत्कृष्ट स्रोत है, जो वजन कंट्रोल करने और हड्डियों के लिए बहुत जरूरी है।

15. बादाम

बादाम प्रोटीन, फाइबर और हैल्थी फैट का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं। आपकी डाइट में 10 बादाम शामिल करने से आपको अपनी पोषक तत्वों की ज़रूरतों को पूरा करने में मदद मिलती है। बादाम खाने से आपका वजन भी कंट्रोल में रहता है।

एक अध्ययन के अनुसार बादाम जैसे प्रोटीन युक्त स्नैक फूड खाने से पेट भरे होने की भावना बढ़ जाती है, जो भूख को नियंत्रित कर कम कैलोरी के सेवन करने में मदद करती है।

एक बादाम में 0.25 ग्राम प्रोटीन होता है। इसलिए 10 बादाम खाने से आपको लगभग 2.5 ग्राम प्रोटीन मिलता है। बादाम की एक खुराक आमतौर पर 1 औंस होता है, जो लगभग 23 पूरे बादाम के बराबर होता है।

16. कद्दू के बीज

हाइ प्रोटीन और लॉ फैट फूड्स की इस लिस्ट में हमारा अगला नंबर कद्दू के बीज का है। 28 ग्राम कद्दू के बीज में 8.6 ग्राम प्रोटीन होता है। 1 औंस या 28 ग्राम शेल-फ्री कद्दू के बीज में लगभग 160 कैलोरी होती हैं, जो मुख्य रूप से फैट और प्रोटीन से होती हैं।

कद्दू के बीज फ्लेवोनॉयड्स और फेनोलिक एसिड जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। इनमें थोड़ी मात्रा में विटामिन E और कैरोटीनॉयड भी होते हैं। एंटीऑक्सिडेंट सूजन को कम करते हैं और आपकी कोशिकाओं को हानिकारक फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं।

इस कारण एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन कई बीमारियों से बचाने में मदद करता है। ऐसा माना जाता है कि कद्दू के बीजों में उच्च स्तर के एंटीऑक्सीडेंट हैल्थ पर पॉज़िटिव इफेक्ट डालते हैं।

17. पिस्ता

पिस्ता सबसे कम कैलोरी वाले नट्स में से एक है। 1 औंस पिस्ता में सिर्फ 159 कैलोरी होती है। कुछ अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में नट्स आमतौर पर कैलोरी में अधिक होते हैं। 1 औंस पिस्ता से लगभग 6 ग्राम प्रोटीन प्राप्त होता है।

पिस्ता बादाम, हेज़लनट्स, पेकान और अखरोट सहित अन्य नट्स की तुलना में आवश्यक अमीनो एसिड प्रदान करता है। क्योंकि पिस्ता में कम कैलोरी और उच्च फाइबर व प्रोटीन सामग्री होती है, इसलिए ये उन लोगों के लिए अच्छे हैं, जो वजन कम करना चाहते हैं।

18. चिया सीड्स

चिया सीड्स साल्विया हिस्पानिका L के पौधे से प्राप्त छोटे काले या सफेद बीज होते हैं। चिया सीड्स के सिर्फ 1 औंस (28 ग्राम या 2 बड़े चम्मच) में निम्न प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं-

  • कैलोरी: 138
  • प्रोटीन: 4.7 ग्राम
  • फैट: 8.7 ग्राम
  • अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA): 5 ग्राम
  • कार्ब्स: 11.9 ग्राम
  • फाइबर: 9.8 ग्राम
  • कैल्शियम: दैनिक आवश्यकता (DV) का 14%
  • आयरन: DV का 12%
  • मैग्नीशियम: DV का 23%
  • फास्फोरस: DV का 20%
  • जिंक: DV का 12%
  • विटामिन B1 (थियामिन): डीवी का 15%
  • विटामिन B3 (नियासिन): डीवी का 16%

अपने छोटे आकार के बावजूद चिया सीड्स अत्यधिक पौष्टिक होते हैं। ये फाइबर, प्रोटीन, ओमेगा -3 फैटी एसिड और विभिन्न सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरे होते हैं। चिया सीड्स एंटीऑक्सीडेंट का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं।

एंटीऑक्सिडेंट न केवल चिया सीड्स में संवेदनशील फैट को बासी होने से बचाते हैं, बल्कि फ्री रेडिकल्स के रूप में जाने जाने वाले प्रतिक्रियाशील अणुओं को बेअसर करके हमारी हैल्थ को भी लाभ पहुंचाते हैं।

चिया सीड्स में पाए जाने वाले विशिष्ट एंटीऑक्सिडेंट में क्लोरोजेनिक एसिड, कैफिक एसिड, माइरिकेटिन, क्वेरसेटिन और कैम्फेरोल शामिल हैं। इन सभी का आपके हार्ट और लिवर पर सुरक्षात्मक प्रभाव पड़ता है, साथ ही इनमें कैंसर रोधी गुण भी होते हैं।

19. सोयाबीन

100 ग्राम सोयाबीन में 36 ग्राम प्रोटीन होता है। इसमें फैट की मात्रा भी बहुत कम होती है। इस तरह से यह एक हाइ प्रोटीन और लॉ फैट वाला बेहतरीन फूड है। सोयाबीन में डायटरी फाइबर अधिक मात्रा में मौजूद होता है।

संपूर्ण शरीर के कामकाज के लिए आहार फाइबर आवश्यक है और पाचन तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फाइबर आपके मल को ऊपर उठाने में मदद करता है, जिससे यह आंतों से आसानी से निकलकर शरीर से बाहर निकल जाता है।

फाइबर शरीर में पेरिस्टाल्टिक गति को उत्तेजित करने में मदद करता है, जो पाचन तंत्र में मांसपेशियों का संकुचन है। कब्ज से पीड़ित लोगों को फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

कब्ज पर अगर ध्यान नहीं दिया जाता है, तो रक्तस्राव, दर्द और यहां तक कि कोलोरेक्टल कैंसर जैसी कुछ गंभीर स्थितियां हो सकती हैं। सोयाबीन एक फाइबर युक्त खाद्य स्रोत है जिसमें ऑलिगोसेकेराइड भी होता है।

यह एक कार्बोहाइड्रेट है, जो स्वस्थ आंत बैक्टीरिया के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए जाना जाता है, जो प्रीबायोटिक के रूप में कार्य करता है। इस तरह से सोयाबीन खाने के फायदे ही फायदे हैं।

20. मशरूम

मशरूम व्यापक रूप से अपने बेहतरीन स्वाद और अद्भुत स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। क्रिमिनी मशरूम सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली मशरूम किस्मों में से एक है, जो दुनिया भर के रसोई घरों में लोकप्रिय है।

बहुत से लोग यह नहीं समझते हैं कि क्रिमिनी मशरूम समेत मशरूम वास्तव में एक प्रकार का कवक है। मशरूम एक कम कैलोरी वाला भोजन है जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है।

कई स्वास्थ्य वर्धक विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर इन्हें लंबे समय से किसी भी आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। उदाहरण के लिए पराबैंगनी प्रकाश के संपर्क में आने वाले मशरूम विटामिन D का एक अच्छा स्रोत हैं।

क्रिमिनी मशरूम जिंक का एक उत्कृष्ट स्रोत है, जो एक आवश्यक ट्रेस तत्व है। जिंक इम्यून सिस्टम के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। यह छोटे बच्चों के लिए बहुत जरूरी है।

इनको भी जरुर पढ़े:

निष्कर्ष:

तो ये थे कुछ हाई प्रोटीन लो फैट फूड्स की लिस्ट, हम उम्मीद करते है की इस आर्टिकल को पूरा पढने के बाद आपको हाई प्रोटीन वाले फूड पता चल गए होंगे जिसमे फैट की मात्रा बहुत कम होती है.

यदि आपको अपना मोटापा या वजन कम करना है तो इन फूड को अपनी डाइट प्लान में शामिल अवश्य करें, आपको weight loss करने में बहुत हेल्प होगी.

इसके अलावा जिनको बॉडी बनानी होती है उनके लिए भी ये डाइट काफी अच्छी है जिससे उनको लीन बॉडी बनाने में बहुत मद्दद मिलेगी.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *