1 दिन में कितना फिश खाना चाहिए | रोज कितनी मछली खाना चाहिए

आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि मछली दुनिया का सबसे लोकप्रिय भोजन है, जिसकी खपत 2024 तक प्रति व्यक्ति 21.5 किलोग्राम तक पहुंचने का अनुमान है। यानि हर वर्ष प्रत्येक व्यक्ति औसतन 21.5 किग्रा मछली खाने लगेगा।

समुद्री भोजन विशेष रूप से मछली सबसे हैल्थी फूड्स में से एक माना जाता है क्योंकि यह ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड, विटामिन और कई अन्य पोषक तत्वों से भरा होता है। मछली खाने में जितनी स्वादिष्ट होती है, असल में उसके उतने ही फायदे हैं।

मछली एक उच्च प्रोटीन, कम फैट वाला फूड है, जो कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। मछली में पशु प्रोटीन के किसी भी अन्य स्रोत की तुलना में बहुत कम फैट होती है। इसके अलावा तैलीय मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड या “अच्छा” फैट अधिक होता है।

सप्ताह में एक या दो बार मछली खाना आपकी डाइट में सुधार करने का एक शानदार तरीका है। मछली कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, विटामिन A, विटामिन B कॉम्प्लेक्स और विटामिन D जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं।

यह लीन प्रोटीन का भी एक बड़ा स्रोत हैं। कई मछलियां ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होती हैं। कई अध्ययनों के अनुसार ओमेगा-3 फैटी एसिड रक्त वाहिकाओं को चौड़ा कर खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है।

नतीजतन इस आवश्यक अमीनो एसिड को अपने नियमित आहार में शामिल करने से दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम को कम किया जा सकता है। साथी ही फिश में मैग्निशियम भी पाया जाता है। मैग्नीशियम हमारे शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है।

यह मांसपेशियों और तंत्रिका कार्यों के साथ-साथ ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में भूमिका निभाता है। मछली मैग्नीशियम का एक प्राकृतिक स्रोत हैं। नियमित रूप से मछली खाने से आपके शरीर के तरल पदार्थ को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

मछली में पाए जाने वाले पोषक तत्व

fish nutritional value

मछली एक हाइ प्रोटीन वाला भोजन है, जिसमें कम कैलोरी कम फैट होती है। इसमें विभिन्न प्रकार के विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं। हाल के स्वास्थ्य अध्ययनों से पता चला है कि मछली खाने से दिल का दौरा, स्ट्रोक, मोटापा और हाइ ब्लड प्रेशर का खतरा कम हो जाता है।

मछली विकासशील शिशुओं और बच्चों के लिए आवश्यक पोषक तत्व भी प्रदान करती है। मछली को आमतौर पर कम कैलोरी वाला प्रोटीन स्रोत माना जाता है। मछली के प्रति तीन औंस पके हुए हिस्से में 100 कैलोरी से कम होती है।

लेकिन मैकेरल, हेरिंग और सैल्मन जैसी अधिक फैट वाली मछली में प्रति खुराक लगभग 200 कैलोरी होती है। मछली एक पूर्ण प्रोटीन स्रोत है। इसमें शरीर के लिए आवश्यक सभी अमीनो एसिड होते हैं।

100 ग्राम फिश के सेवन से आप रोजाना प्रोटीन की आवश्यकता का लगभग 50% प्राप्त कर लेते हैं। मछली में पाया जाने वाला प्रोटीन पचाने में आसान होता है, क्योंकि मछली में रेड मीट और पोल्ट्री की तुलना में कम “संयोजी ऊतक” होता है।

मछली को आमतौर पर टोटल फैट और सैचुरेटेड फैट में कम माना जाता है। अधिकांश मछली और शेलफिश में कुल फैट 5 प्रतिशत से कम होती है और यहां तक कि सबसे मोटी मछली जैसे कि मैकेरल और सामन में 15 प्रतिशत से अधिक फैट नहीं होती है।

मछली में फैट का एक बड़ा हिस्सा पॉलीअनसैचुरेटेड फैट का होता है, जिसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड शामिल है। इसके हमारे शरीर के लिए बहुत सारे फायदे हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड एक आवश्यक फैटी एसिड हैं जो स्वस्थ मानव ग्रोथ के लिए आवश्यक हैं।

इन कार्बनिक यौगिकों को मानव शरीर पैदा नहीं कर सकता है, इसलिए इन्हें भोजन के माध्यम से प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। इन्हें प्राप्त करने के लिए सबसे अच्छा फूड फिश है।

फिश में पाए जाने वाले अन्य पोषक तत्व इस प्रकार से हैं-

  • वैज्ञानिक साक्ष्य बताते हैं कि सी फूड में पाए जाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड, इकोसैपेंटेनोइक एसिड (EPA) और डोकोसाहेक्साएनोइक एसिड (DHA) हार्ट रोग के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं और शिशुओं में माइंड के विकास में योगदान करते हैं।
  • अधिकांश एनिमल फूड्स में कोलेस्ट्रॉल अलग-अलग मात्रा में मौजूद होता है। लेकिन सभी मछलियों और शेलफिश की तीन औंस प्रति सर्विंग में 100 मिलीग्राम से कम कोलेस्ट्रॉल होता है, जो ज्यादा मात्रा नहीं है।
  • मछली B-कॉम्प्लेक्स विटामिन, विटामिन D और विटामिन A (विशेष रूप से तैलीय मछली) का एक प्राकृतिक स्रोत है। B-कॉम्प्लेक्स विटामिन तंत्रिका तंत्र के स्वस्थ विकास में योगदान करता हैं। विटामिन A स्वस्थ दृष्टि के साथ-साथ स्वस्थ स्किन के लिए आवश्यक है, जबकि विटामिन D हड्डियों के विकास के लिए आवश्यक है।
  • मछली आवश्यक मिनरल्स का भी एक उत्कृष्ट स्रोत है, जैसे सेलेनियम, जिंक, आयोडीन और आयरन। सेलेनियम एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो सेल डैमेज से बचाता है और Mercury के नकारात्मक प्रभावों का मुकाबला करने में मदद करता है।
  • सेल ग्रोथ और इम्यून सिस्टम हेल्थ के लिए जिंक की आवश्यकता होती है। आयोडीन थायराइड ग्रंथि के कार्य को बनाए रखने में मदद करता है, जबकि आयरन लाल रक्त कोशिका उत्पादन में महत्वपूर्ण है।
  • सार्डिन और एंकोवी जैसी छोटी मछलियां कैल्शियम का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं, जो हड्डियों के विकास के लिए आवश्यक मिनरल हैं।

मछली खाने के फायदे

fish khane ke fayde

मछली खाने के बहुत सारे फायदे हैं, जो इस प्रकार से हैं-

1. हार्ट हैल्थ में सुधार

मछलियां ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होती हैं। कई अध्ययनों के अनुसार ओमेगा-3 फैटी एसिड रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करता है और खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है।

नतीजतन इस अमीनो एसिड को अपने नियमित डाइट में शामिल करने से आपके दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम को कम किया जा सकता है।

2. प्राकृतिक विटामिन डी प्रदान करती है

भारत में विटामिन D की कमी एक आम समस्या है। कैल्शियम को अवशोषित करने और आपकी हड्डियों की रक्षा करने के लिए आपके शरीर को विटामिन D की आवश्यकता होती है।

विटामिन D की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस और रिकेट्स होता है। मछली विटामिन D के एकमात्र आहार स्रोतों में से एक है। आप नियमित रूप से विटामिन D वाली मछली खाकर अपनी हड्डियों को मजबूत बना सकते हैं।

3. मैग्नीशियम का प्राकृतिक स्रोत

मैग्नीशियम हमारे शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। यह मांसपेशियों और तंत्रिका कार्यों के साथ-साथ ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में भूमिका निभाता है।

मछली मैग्नीशियम का एक प्राकृतिक स्रोत हैं। नियमित रूप से मछली खाने से आपके शरीर के तरल पदार्थ को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।

4. एनर्जी बढ़ाती है

प्रोटीन आपके शरीर के लिए ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है जो क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को फिर से जीवंत करने में मदद करता है। मछली लीन प्रोटीन का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं। मछली खाकर आप अनहैल्थी फैट या खराब कोलेस्ट्रॉल का सेवन किए बिना अपनी एनर्जी बढ़ा सकते हैं।

5. कैलोरी में कम

कैलोरी स्वस्थ शरीर के वजन को प्राप्त करने और बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चूंकि मछली कैलोरी में कम होती है और पोषक तत्वों से भरपूर होती है, इसलिए कम कैलोरी वाले आहार में सीफूड को शामिल करना समझदारी है।

6. Respiratory Health में सुधार करती है

विटामिन B और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व आपके श्वसन तंत्र को पर्यावरण प्रदूषण के प्रभाव से बचाते हैं। ये छाती में सूजन को कम करते हैं जिससे सांस लेने में कठिनाई और खांसी की समस्या कम होती है।

मछली इन पोषक तत्वों का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि जो बच्चे नियमित रूप से मछली खाते हैं उनमें अस्थमा होने का खतरा कम होता है।

7. मानसिक रूप से स्वस्थ बनाती है

अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से मछली का सेवन करने से वृद्धावस्था में mental function में गिरावट और अल्जाइमर रोग जैसे brain disorders के जोखिम को कम किया जा सकता है।

एक अध्ययन से पता चला है कि नियमित रूप से मछली खाने से संज्ञानात्मक कार्य (cognitive function) और एकाग्रता में भी सुधार होता है। मछली में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड स्ट्रेस, चिंता और डिप्रेशन के अन्य लक्षणों को भी कम करता है।

8. अनिद्रा (Insomnia) का इलाज करती है

खराब गुणवत्ता वाली नींद के कई नकारात्मक दुष्प्रभाव और प्रतिकूल हैल्थ इफ़ेक्ट्स होते हैं। विटामिन D, प्रोटीन और मैग्नीशियम सहित नींद की गुणवत्ता में सुधार के लिए मछली में कई पोषक तत्व पाए जाते है।

यदि आप अनिद्रा से पीड़ित हैं, तो नियमित रूप से मछली खाने से आपको नींद आने में मदद मिल सकती है।

9. स्किन को चमकदार बनाती है

जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, आपकी स्किन लोच खोने लगती है। अध्ययनों से पता चलता है कि ओमेगा-3, विटामिन B, विटामिन A और प्रोटीन जैसे उच्च स्तर के पोषक तत्वों का सेवन त्वचा की लोच को बढ़ाते हैं।

यही कारण है कि सप्ताह में एक से दो बार मछली खाने से आपकी स्किन काफी जवां दिखाई देती है। यह सोरायसिस के खतरे को भी कम करता है।

10. मांसपेशियों की ताकत में सुधार

प्रोटीन और पोटेशियम मजबूत मांसपेशियों के निर्माण खंड हैं। मछली दोनों पोषक तत्वों से भरपूर होती है। नियमित रूप से मछली खाने से आप अपनी मांसपेशियों को मजबूत बना सकते हैं।

11. आयरन की कमी का इलाज करती है

मछली आयरन का एक प्राकृतिक स्रोत है, जिसकी आपके शरीर को लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए आवश्यकता होती है। अपने आहार में पर्याप्त आयरन के बिना आप एनीमिया की समस्या से जूझ सकते हैं।

मछली को अपने आहार में शामिल करने से आयरन की कमी का खतरा कम हो सकता है।

एक दिन में कितनी फिश खाना चाहिए?

1 din me kitna fish khana chahiye

मछली प्रोटीन, ओमेगा 3 और विटामिन D का एक बड़ा स्रोत है, यह सभी हमारी हड्डियों, त्वचा की आंखों और नसों के लिए मददगार है। पोषण विशेषज्ञ सलाह देता है कि हम सप्ताह में कम से कम दो भाग मछली खा सकते हैं, इनमें से कम से कम एक भाग तैलीय मछली है।

एक हिस्से को 140 ग्राम पकी हुई मछली माना जाता है। मतलब आप सप्ताह में 280 ग्राम मछली खा सकते हैं। जो रोजाना के हिसाब से 40 ग्राम होती है। लेकिन यहाँ आपको सलाह दी जाती है, कि आप रोजाना की बजाय सप्ताह में दो बार फिश का सेवन करें।

मछली प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत प्रदान करती हैं। ऑयली फिश विशेष रूप से ओमेगा-3 का अच्छा स्रोत है, यही कारण है कि हमें सप्ताह में कम से कम एक पोर्शन ऑयली फिश खाने की सलाह दी जाती है।

मछली विटामिन D का भी अच्छा स्रोत है, जो हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसके अलावा विटामिन B2 स्किन, आंखों, लाल रक्त कोशिकाओं और तंत्रिका तंत्र के लिए अच्छा है।

जब हमारी त्वचा सूर्य के संपर्क में आती है तो शरीर को अधिकांश विटामिन D हमारे अपने कोलेस्ट्रॉल से मिलता है। परंतु विटामिन D के अन्य आहार स्रोतों में अंडे और डेयरी उत्पाद शामिल हैं।

इस तरह से रोजाना 40 ग्राम फिश खाना उचित होता है। लेकिन फिश में पाए जाने वाले mercury से सावधान रहना चाहिए। अधिकांश मछलियों में मौजूद mercury के स्तर को खतरनाक नहीं माना जाता है, लेकिन गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को नहीं खाने की सलाह दी जाती है।

फिश खाने का सही समय क्या होता है?

fish khane ka sahi samay

 

मछली दुनिया भर के अधिकांश लोगों के लिए मुख्य फूड्स में से एक है। चाहे वह समुद्र की मछली हो या मीठे पानी की मछली, तली हुई या कढ़ी, मछली दुनिया भर के मेनू में प्रमुख व्यंजनों में से एक है।

नतीजतन यह दुनिया में सबसे अधिक निर्यात की जाने वाली वस्तुओं में से एक है, और सबसे आम फूड्स में से एक है। सभी प्रकार की मछलियाँ आज दुनिया में हर जगह उपलब्ध हैं।

मछली वास्तव में दिन के किसी भी समय नाश्ते, दोपहर के भोजन और रात के खाने के समय खाई जा सकती है। लेकिन बहुत अधिक मरक्युरि होने के कारण आपको ज्यादा फिश खाने की सलाह नहीं दी जाती है।

आदर्श रूप से मछली को दिन के सबसे भारी भोजन यानि दोपहर के भोजन के समय सेवन खाना चाहिए। इसमें आमतौर पर फैट की मात्रा बहुत कम होती है, जिसे ओमेगा 3 फैटी एसिड द्वारा अवशोषित किया जा सकता है।

इस तरह से दोपहर के भोजन के समय फिश खाना अच्छा होता है। लेकिन कुछ लोग इसे नाइट को खाना भी पसंद करते हैं, जो कई लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। नाइट को फिश खाने से पहले उसे अच्छा से पकाना बहुत जरूरी होता है।

क्या रोजाना फिश खाना अच्छा होता है?

kya roj fish khana sahi hai ya nahi

मछली एक आसानी से उपलब्ध फूड है, जिसे बहुत से तरीके से तैयार किया जा सकता है। इसलिए इसे हर दिन खाना एक चुनौती की तरह भी नहीं लगेगा। फैट में कम लेकिन प्रोटीन में उच्च फिश खाने के बहुत से फायदे हैं। जिनके बारे में हमने ऊपर बताया है।

मैकेरल, हेरिंग, एंकोवी और सार्डिन जैसी प्रजातियां सबसे आसानी से उपलब्ध फिश हैं। हर दिन मछली खाने से शरीर में कई अलग-अलग प्रणालियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हालांकि मछली के सेवन के प्रकार के आधार पर, इसमें कमी भी आ सकती है।

1. हार्ट प्रॉबलम्स से छुटकारा मिलता है

रोजाना मछली खाने हार्ट प्रॉबलम्स से छुटकारा मिलता है। एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने हर हफ्ते कम से कम एक बार मछली का सेवन किया, उनमें हृदय रोग का खतरा 15 प्रतिशत तक कम हो गया था।

अन्य अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि जो लोग नियमित रूप से मछली खाते हैं। उनमें दिल के दौरे और अन्य हृदय रोग का खतरा कम होता है। इस तरह से रोजाना मछली खाने से हार्ट रोगों में कमी आ सकती है।

मछली जितनी अधिक मोटी होगी, आपके हार्ट के लिए उतनी ही बेहतर होगी। फैटयुक्त मछली जैसे सैल्मन, समुद्री बास और सार्डिन में ओमेगा-3 फैटी एसिड बहुत मात्रा में पाया जाता हैं, जो हार्ट हैल्थ के लिए इष्टतम है।

इन फैटयुक्त मछलियों में वास्तव में दो प्रकार के ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं: DHA और EPA. ये दोनों एसिड हमारी हार्ट हैल्थ के अलावा सूजन को कम करने और स्ट्रैस से लड़ने में मदद करते हैं।

2. Brain तेजी से काम करता है

उम्र बढ़ने के दौरान संज्ञानात्मक गिरावट (cognitive decline) एक प्राकृतिक घटना है। हालांकि मछली के सेवन से मानसिक गिरावट की दर को धीमा किया जा सकता है।

एक अध्ययन के अनुसार रोजाना फिश खाने से मेमोरी में काफी सुधार होता है, जो हमारी ब्रेन हैल्थ के लिए बहुत जरूरी है। इसके अलावा ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक अन्य लाभ यह है कि यह ब्रेन को हैल्थी बनाता हैं।

ये फैटी एसिड मस्तिष्क की कोशिकाओं के चारों ओर झिल्लियों के निर्माण में सहायता करते हैं, जिससे उनकी संरचना और कार्य में सुधार होता है। एक अध्ययन में पाया गया कि ओमेगा-3 फैटी एसिड मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को भी बढ़ाते हैं।

3. विटामिन D प्राप्त होता है

शरीर सीधे सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने से विटामिन D बनाता है। दुनिया के धूप वाले हिस्से में मनुष्यों को विटामिन D आसानी से मिल जाता है।

लेकिन जिन क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में धूप नहीं होती है या बादल छाए रहते हैं। उन लोगों के शरीर में विटामिन डी की आवश्यकता होती है। क्योंकि यह विटामिन शरीर में कैल्शियम की मात्रा को विनियमित करने में मदद करता है।

साथ ही यह हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है। मछली साल भर विटामिन D का स्रोत प्रदान करती है, और आपको इसका अधिक सेवन करने की भी आवश्यकता नहीं है।

सामन फिश की एक 4-औंस खुराक आपको अनुशंसित दैनिक आवश्यकता का 100 प्रतिशत प्रदान करती है। भारत की लगभग आधी आबादी में विटामिन D की कमी है, लेकिन समुद्र के किनारों पर रहने वाले लोगों में यह समस्या बहुत कम है।

रोजाना फिश खाने के क्या नुकसान है?

यदि आप नियमित रूप से रोजाना मछली खाते हैं, तो आप डायबिटीज़ और रुमेटीइड गठिया जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों के खतरे को दूर रख सकते हैं। मछली इतने महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का एकमात्र स्रोत है कि यह आपके शरीर में एक स्वस्थ संतुलन बनाए रखती है।

इसके अलावा यह सभी प्रकार की बड़ी बीमारियों से लड़ने में मदद करती है। तो सप्ताह में कितनी बार मछली खाना सुरक्षित है? तो इसका जवाब है, कि सप्ताह में 2 सर्विंग्स खाएं।

लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादातर लोगों के लिए हफ्ते में दो बार से ज्यादा सीफूड खाना सेहतमंद होता है। परंतु ज्यादातर लोगों के लिए हर दिन मछली खाना ठीक है। इसके अलावा जो लोग समुद्र किनारे भी रहते हैं, वे भी रोजाना फिश नहीं खाते हैं।

बहुत सारी मछली खाने से सबसे बड़ी चिंता mercury poisoning है। मरकरी एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पदार्थ है और कम मात्रा में यह समस्या पैदा नहीं करता है।

हालांकि बहुत अधिक खाने पर खतरनाक लक्षण पैदा कर सकता है, जो बच्चों को सबसे महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है। इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन मर्करी के सेवन को कम कर ही इसे आगे बढ़ने से रोका जा सकता है।

  • कम mercury वाली फिश: सैल्मन, झींगा, कैटफ़िश, टिलिपिया, स्कैलप्स, ऑयस्टर, हेरिंग, सार्डिन और ट्राउट
  • ज्यादा mercury वाली फिश: स्वोर्डफ़िश, किंग मैकेरल, शार्क, टाइलफ़िश, ऑरेंज रफ़ी, मार्लिन, एही और बिगआई ट्यूना

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निष्कर्ष:

तो ये था 1 दिन में कितना फिश खाना चाहिए, हम उम्मीद करते है की आर्टिकल को पूरा पढने के बाद आपको ये पता चल गया होगा की रोज कितना फिश खाना चाहिए.

यदि आपको ये आर्टिकल हेल्पफुल लगी तो इसको शेयर जरुर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजाना कितनी मछली खा सकते है इसके बारे में सही जानकारी मिल पाए.

इसके अलावा क्या आपको मछली खाना पसंद है? और आप हफ्ते में कितने दिन फिश खाते है उसके बारे में निचे कमेंट में जरुर बताएं.

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