वर्षा ऋतु पर कविता | Rainy Season Poem in Hindi

Rainy Season Poem in Hindi: नमस्कार दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम आपके साथ वर्षा ऋतु पर कविता शेयर करने वाले है इसको पढ़कर आपको बहुत अच्छा लगेगा. सबसे बढ़िया मौसम वर्षा ऋतु का ही होता है और इस ऋतु में पेड़ और पौधे बहुत ही ज्यादा खिल जाते है.

आपको ये सभी कविता पढनी चाहिए तो फिर चलो दोस्तों बिना कोई टाइम बर्बाद करते हुए सीधे पोस्ट को स्टार्ट करते है.

वर्षा ऋतु पर कविता

Rainy Season Poem in Hindi

Varsha-ritu-par-kavita

 

1. वर्षा ऋतु है आयी

ग्रीष्म ऋतु के ताप से जब वसुधरा विचलाए
पंछी घोसलो में जब डर से छुप जाए
जब पानी के लिए त्राहि-त्राहि मच जाए
तब जाकर आसमान पर काले बादल मंडराए।।

सब देखें आसमान की तरफ, कब वर्षा ऋतु का मौसम आए
इस गर्मी से छुटकारा पाकर बारिश में हम कब खो जाएं
तब जाकर एक बूंद गिरी आसमान से ज्योही धरती पर
खुशी से नभ अंबर झूमे बूढ़े बच्चे सब चिल्लाए।।

प्रकृति खिल खिल जाए पुष्प धरा सब महक जाए
आलिंगन करे वृक्षों का वर्षा जब धरती पर आए
मंद मंद यह बहती हवाएं, गंगा विकराल रूप धर जाए
वर्षा ऋतु का मौसम आए, सब खुशियों से शोर मचाए।।

हरियाली चारो है छाई, नवजीवन को देती बधाई
वर्षा ऋतु के आ जाने से देखो यह प्रकृति हर्षाई
हर्ष उल्लास का मौसम है यह, नदियां भी देखो इठलाई
वर्षा ऋतु है अब तो आई चारों ओर ही खुशियां छाई।।

2. आसमान में आए बादल

आसमान में आए बादल
नील गगन में छाए बादल
धरती से अंबर तक लेकर
खुशियों का रंग बरसाए बादल।।

उमड़ घुमड़ कर बारिश लाएं
तूफानों के संग आए बादल
वर्षा ऋतु का मौसम आया
ये पैगाम लाय बादल।।

काली घटाएं छा रही
बिजली कड़कती सी दौड़ रही
पानी की बूंदे टपक रही
नभ अंबर में झूम रही।।

देखो मौसम आया है
बहारों को संग लाया है
सब झूम रहे हैं बारिश में
वर्षा ऋतु का मौसम आया है।।

3. पानी आया

पानी आया पानी आया
मेंढक भी टर टर चिल्लाया
पक्षी चले आशियाने में
भागे हैं वह सर छुपाने।।

धरती पर खुशहाली छाई
नवजीवन जी को कोंपल आई
हरियाली संग देखो देखो
प्रकृति कैसे मुस्कराई।।

बच्चे नाचे बारिश में
कागज की वो नाव चलाए
मोर नाचे जंगल में
सुंदरता को अनुपम बढ़ाएं।।

नदिया कल कल बह जाए
बारिश के पानी में मिल जाए
समुद्र से संगम कर जाए
प्रकृति का सौंदर्य बढ़ाएं
वर्षा ऋतु को यह अपनाएं।।

बारिश की पहली बूंद से
मिट्टी की जो खुशबू आए
प्रकृति के साथ ही
वो तन मन को भी मैं हटाए।।

4. वर्षा के रूप अनेक

वर्षा हमें रुप अनेक दिखाती
जीवन का वो महत्व समझाते
एक दूसरे से प्रेम करना सिखाती
बूंदों की तरह हमें जुड़ना सिखाती।।

लाली है हरियाली है
रूप बहारों वाली है
वर्षा के मौसम में देखो
प्रकृति कितनी मतवाली है।।

नभ में कभी बादल
तो कभी नीला आसमान हो जाए
इंद्रधनुष सतरंगी सा
नभ अंबर की शोभा बढ़ाएं।।

कैसा ये मौसम है
हर तरफ फूल खिल जाए
सूखे पेड़ों में पत्ते आए
कुओ में मीठा पानी आए ।।

तालाब लबालब भर जाए
किसान खेतों में हल चलाए
नई फसल को वह उपजाए
मिट्टी को वो शीतल बनाएं।।

5. वर्षा ऋतु का मौसम(short poem)

वर्षा के पानी से सबको नवजीवन मिल जाता है
बूंदों की ठंडक से सारा जहां महकाता है
नदिया नाले सब एक हुए, सब वर्षा से संतृप्त हुए
वर्षा ऐसे आई मानो, खुशियों के रंग लाई मानो।।

चिड़िया अब खुश है कि उसको जल मिल जाएगा
हिरण भी अब खुश है कि वह प्यासा ना मर पाएगा
वसुधरा अब खुश है कि सूरज का ताप बच जाएगा
किसान भी अब खुश है कि वह फसल को बो पाएगा।।

पेड़ो के पत्तों से भी अब मटमैला रंग हट जाएगा
मछलियों को भी अब जीने का सहारा मिल जाएगा
सबको उम्मीद मिलेगी जब बारिश का पानी आएगा
खुशियां बरसेंगी अब जमकर, वर्षा ऋतु का मौसम आयगा।

6. वर्षा जब आती है

वर्षा ऋतु जब आती है
छतरी ये निकलवाती है
बच्चे जाते बाहर खेलने
कीचड़ में गिर जाते हैं।।

फिर उठकर सब भागे
पानी में यह नहाते हैं
उस ठंडी ठंडी हवा का
अनोखा लुफ़्त उठाते है।।

खेल खेलते कई अनेक
बड़े भी बाहर जाते है
प्रकृति की हरियाली देखकर
मन में बहुत हर्षाते है।।

कभी तोड़ते पेड़ों के पत्ते
कभी धरा को निहारते है
पहाड़ों से देखे अंबर को
फोटो ये खिचवाते है।।

7. वर्षा ऋतु नहीं आई तो

वर्षा ऋतु अगर ना आई तो
वर्षा का एक अंश भी धरती पर ना मिल पाएगा
सब मर् जाएंगे प्यासे, मानव भी कहा बच पाएगा
सुंदर सा ये जहां, मरूथल सा बन जाएगा।।

ना जीव होंगे ना जंतु, संसार ये सुना पड़ जाएगा
बारिश ना आएगी तो यह जीवन ना बच पाएगा
नदियों का जल भी सूखा पड़ जाएगा
किसान ना बोएगा फसल, संसार ये भूखा मर जाएगा।।

प्रकृति का अनुपम सौंदर्य भी कहां दिख पाएगा
पेड़ ना होंगे तो ऑक्सीजन कैसे मिल पाएगा
मरुधरा की कहानियों का हिस्सा बन जाएगा
बारिश के बिना यह जंगल उपवन सब सूखा पड़ जाएगा।।

बारिश ना होगी तो मौसम कैसे बन पाएगा
तप्त धरा और तपेगी सब कुछ जल जाएगा
सूरज अपनी किरणों से सबका नाश कर जाएगा
प्रकृति पर जीवन का नामो निशान मिट जाएगा।।

8.सावन आया

सावन आया सावन आया
सबके मन को यह बहुत भाया
आम के पेड़ों पर झूला सज गए
वर्षा ऋतु का यह मौसम आया।।

देखो यह तपता सूरज
इससे निजात दिलाने आया
किसान और जीवो की उम्मीदों को लेकर
देखो यह वर्षा ऋतु का मौसम आया।।

आगे आगे चली हवा
सन- सन करती मस्त जवां
बादल भी अब गरज रहे है
आज ये जमकर बरस रहे है।।

इंसानों के जीवन में
खुशी का यह पल आया
जीव जंतु सब नाच उठे
अत्यधिक मर हर्षाया
वर्षा ऋतु का ये मौसम आया।।

छोटे छोटे तालाब भर गए
नलकूपों मै भी जल भर आया
सड़क ओर मरुस्थल, खेत
झमाझम बारिश का ये मौसम आया।।

9. मेघा देखो बरस रहे

जब सब पानी को तरस रहे है
मेघा देखो बरस रहे है
चांद छुप रहा आसमांन में
मौसम कितना बेईमान है।।

रिमझिम- रिमझिम बरसात हुई
लेकर सबकी आस हुई
मन प्रफुल्लित हो गया आज
जब से ये घनाघनाहट हुई।।

मोर नाचे पपीहा बोले
कभी गिरे बारिश की बूंदे
तो कभी गिरे बर्फ के गोले
नाच रहा है आज तो तन मन
जब से है ये मेघा बोले।।

गरज – गरज कर बरस रहे है
बिजली कड़ – कड़ कड़क रही है
तूफानों का संकेत हुए है
मेघा देखो बरस रहे है।।

10. ये बारिश की बूंदे

ये बारिश की बूंदे कुछ तो कह रही है
गिर काम जमीं पर धूल में मिल रही है
बादलों को चीर कर नीचे गिर रही है
कभी नदी में तो कभी नालों में जाकर मिल रही है
ये बारिश की बूंदे कुछ तो कह रही है।।

सुंदर प्रकृति मै चार चांद लगा रही है
मन मोहित अदृश्य हो रही है
पेड़ो को नवजीवन देकर
सब के संग ये खेल रही है
ये बारिश की बूंदे कुछ तो कह रही है।।

हिमालय से निकलकर गंगा मै मिलकर
खेतों मै फसलों को पानी देकर
तेरेती हुई समुद्र में मिलकर
हवा के साथ बातें करती हुई
ये बारिश की बूंदे कुछ तो कह रही है

निर्मल शीतल जल में मिलकर
मनुष्य की प्यास बुझाकर
जीव जंतु को अमृत देकर
हरियाली को नव जीवन देकर
ये बारिश की बूंदे कुछ तो कह रही है

11. नभ के नीले अम्बर मै

नभ के नीले अंबर में,
घनघोर घटाएं अब छाई,
सूरज से तपती वसुंधरा ने,
अब ली है अंगड़ाई है,
मौसम आया वर्षा ऋतु का,
बजने लगी है हर और शहनाई,
पेड़ों पर नए पत्ते आए,
कोयल मधुर राग बजाए,
पपीहा राग मल्हार गाय,
पक्षी डरकर घोसलौ मै छिप जाए,
अंधियारी रात में शोर मचाए,
तूफान दरवाजा खटखटाया,
घर की टूटी छत से पानी आए,
पानी में छप- छप करते बच्चे,
मेंढक भी उछल कूद मचाए,
तत्काल बिजली चली गई,
घर से फिर सब बाहर आए,
देखने नज़ारा बारिश का,
संबंध में बहुत हर्षाए।।

12. बारिश आई नाव चली

बारिश आई नाव चली,
संग मै लेकर बाहर चली,
कल- कल बहते पानी मै,
मधुर मधुर फुहार चली,
पानी के संग बहती हुई ,
देखो अब तो नाव चली,
बच्चे कूद रहे है इसमें,
ये नदी के उसपार चली,
सबकी खुशियों को लेकर,
नाव नदी के पार चली,
हाथों में पतवार लिए,
संग मौसम की बाहर लिए,
मूसलाधार बरसात लिए,
नाव नदी के पार चली,
कभी रोका आंधी ने रस्ता,
कभी तूफान से टकराकर चली,
हर मुश्किल का हौसला तोड़कर,
उम्मीदों का दामन जोड़कर,
देखो आज है नाव चली,
वर्षा ऋतु के मौसम मै,
बच्चो के खुशियों की आश चली,
देखो आज नाव चली।।

13. वर्षा है तो हम है

वर्षा है तो हम है,
ये ऋतुओं का मौसम है,
इससे ही है जीवन हमारा,
ये प्राण वायु जल संगम है,
इसके ना होने से ना बाग है ना उपवन है,
ना जीवन जीने की कोई संकल्पना है,
जीवन बना है जिससे मिलकर,
यह उन तत्वों का संगम है,
इस मौसम की बात निराली,
सबसे बढ़कर है हरियाली,
सब ऋतुओं की रानी है ये,
वर्षा ऋतु महारानी है,
इसके आने से फूल खिल उठते,
खेतों में अनाज अंकुरित हो उठते,
नवजीवन वृक्षों को मिलता,
वसुंधरा को पानी मिलता।।

14. वर्षा रानी आई है

वर्षा रानी आई है,
मधुर संदेशा लाई है,
जीवन जीने की परिकल्पना लिए,
बादलों के संग आईं है,
बेंले जो वृक्षों पर चढ़कर,
आज बहुत इठलायी है,
ठंडा ठंडा ये मौसम देखो,
मिट्टी से भी भीनी खुशबू आई है,
लेकर शीत ऋतु का आगमन,
यह वर्षा ऋतु आई है,
प्रकृति भी खुश हो गई,
सबके मन को भायी है,
नए पत्ते पेड़ों पर आए,
जंगल में सब खुशी मनाएं,
नए पौधों का जन्म हुआ,
नदियों का भी संगम हुआ,
पर्वतराज हिमालय देखो,
आज ये कितना मग्न हुआ,
बारिश निकली पहाड़ों पर से,
नदियों का भी जश्न हुआ,
वर्षा ऋतु का देखो आज यह कैसा संगम हुआ।।

15. ये मौसम है वर्षा का

वर्षा सबके मन को लुभाती,
खेल अनेक प्रकृति के दिखाती,
कभी ओले कभी बिजली बरसाती,
फसल को भी ये बर्बाद कर जाती,
कभी ठंड का अहसास कराती,
कभी नदियों मै तूफान है लाती,
चक्रवात से सब नष्ट कर जाती,
मिट्टी को अपने संग बहा ले जाती,
कभी करती मृदा अपरदन,
कभी नदी मै बाढ़ ले आती,
कभी बरसती यह मधुर शीतल,
नवजीवन को साथ ले आती,
वर्षा के है रूप अनेक,
हर रूप यह अपना दिखलाती,
प्रकृति के संग में मिलकर,
खेल हमें यह अनेक दिखाती।।

16. बच्चो की वर्षा ऋतु पर कविता

बारिश का ये मौसम आया,
हम तो नाव चलाएंगे,
खूब खेलेंगे पानी में
घर पर पकवान खाएंगे,
बारिश के पानी में हम तो,
आज खूब नहाएंगे,
नदियों के पास जाकर,
कागज की नाव चलाएंगे,
स्कूल से घर आएंगे,
बस्ता लेकर भागेंगे
बारिश के पानी में हम आज खूब नाचेंगे,
यह मौसम है हमको प्यारा,
पानी से संसार हमारा,
वर्षा देती जीवन हमको,
यह है जीने का सहारा।।

आपकी और दोस्तों

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