गूगल का आविष्कार किसने किया था और कब | Who Invented Google in Hindi

गूगल अपने आप में ही एक बहुत बड़ा ब्रांड है। दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक गूगल शुरुआत में महज एक सर्च इंजन था। जिसने वक्त के साथ इतनी तरक्की की कि वो आज दुनिया पर राज कर रहा है। अमेरिका जैसे विकसित देशों के पीछे गूगल जैसी कंपनियों का ही हाथ है, जो इन्हें दुनिया से अनगिनत पैसा कमाकर देती है।

गूगल आज विश्व में अपनी सुविधाओं के लिए जाना जाता है। इस बात को कहने में कोई हर्ज नहीं है कि “इंटरनेट और गूगल ने पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया है।” जब से गूगल ने इस दुनिया में एंट्री मारी है, तब से दुनिया ऑफलाइन से ज्यादा ऑनलाइन हो गई है। आज हर चीज ऑनलाइन होने लग गई है, जिस कारण लोगों का नॉलेज पहले की तुलना में अच्छा हो गया है।

गूगल का आविष्कार किसने किया था और कब

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अब आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि गूगल का आविष्कार किसने किया था? जिसका जवाब हम आज के अपने इस आर्टिक्ल “गूगल का आविष्कार किसने किया था?” में विस्तार से जानेंगे। लेकिन सबसे पहले हम जानते हैं कि गूगल क्या है?

गूगल क्या है?

गूगल एक अमेरिकन कंपनी है, जो सबसे ज्यादा एक सर्च इंजन के रूप में जानी जाती है। हालांकि गूगल कंपनी का नाम सर्च इंजन पर ही पड़ा था। यानी शुरुआत में गूगल एक सर्च इंजन हुआ करता था, जिसकी कामयाबी के बाद इसे एक कंपनी के रूप में परिवर्तित कर दिया गया।

गूगल अपनी सबसे ज्यादा कमाई विज्ञापनों से करती है, परंतु आज गूगल के कई प्रोडक्टस भी दुनियाभर के बाज़ारों में बिकते हैं। अपनी बढ़ती कमाई की मदद से गूगल क्लाउड कम्प्यूटिंग, सॉफ्टवेर और हार्डवेयर जैसे कई क्षेत्रों में कामयाबी हासिल कर रहा है।

इसके अलावा हाल ही में गूगल ने अपना मोबाइल फोन गूगल पिक्सल बनाकर मोबाइल मार्केट में कदम रखा है। कंपनी की क्लाउड यूनिट को Google क्लाउड कहा जाता है, जिसमें जी-सूट, कंपनी के प्रॉडक्ट एप्लिकेशन जैसे जीमेल और गूगल ड्राइव जैसी चीजें शामिल हैं।

सर्च इंजन का इतिहास

आप Google (GOOG) का इतिहास कभी भी ज्ञात नहीं कर सकते। क्योंकि गूगल एक सर्च इंजन है, जो शायद दुनिया का पहला सर्च इंजन नहीं है। दुनियाभर में मौजूद विश्वकोश सदियों से है, जिनमें दुनिया की लगभग सभी जानकारियाँ निहित है।

लेकिन इंटरनेट पर सब कुछ कवर करने वाला एक खोज इंजन बनाने का विचार केवल 30 वर्षों से कम समय पुराना है। पहला वेब-आधारित खोज इंजन बनाने का श्रेय मैकगिल विश्वविद्यालय के छात्र एलन एम्टेज को दिया जाता है। एलन के द्वारा बनाए गए उस खोज इंजन का नाम “आर्ची” था। “Archie” – short for “archives.”

आर्ची ने data analysts की एक बहुत बड़ी समस्या का समाधान किया था, जो अक्सर उन्हें परेशान करती थी। आर्ची ने इंटरनेट पर बिखरे हुए डाटा को एकत्रित करने में सहायता की, ताकि जब यूजर सर्च इंजन में किसी query को सर्च करे तो उसके सामने एक फ़ाइल बनकर आ जाए। जिसमें पूरा डाटा सही रूप में हो और एक जगह एकत्रित हो।

हालांकि इसके बाद कुछ ही वर्षों के भीतर बड़ी संख्या में खोज इंजनों को बनाया गया। LookSmart, Excite, Yahoo Directory, Alta Vista, Business.com, Ask.com और Galaxy सभी 1990 दशक के मध्य तक वेब उपयोगकर्ताओं के लिए सबसे ज्यादा लोकप्रिय हो गए थे।

गूगल का शुरुआती इतिहास

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1995 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर विज्ञान के दो छात्रों लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन (Larry Page and Sergey Brin) ने BackRub नामक एक कंप्यूटर प्रोग्राम पर काम करना शुरू किया।

यह एक ऐसा खोज इंजन था, जिसने इंटरनेट पर डेटा को ट्रैक और रिकॉर्ड करने के लिए backlink analysis की सहायता ली। “BackRub” नाम एल्गोरिथम रैंकिंग से लिया गया था, जिसने किसी भी वेब पेज में कितने ‘Backlinks’ है, इसकी गणना करने में सहायता प्रदान की थी।

बैकरब का क्राउन ज्वेल एक डेटा संग्रह प्रणाली थी जिसे पेजरैंक के नाम से जाना जाता था। इसने किसी भी वेबसाइट में Pages की संख्या गिनकर उसकी रैंकिंग को महत्व देना शुरू किया। यानी किसी भी वेबसाइट में जीतने ज्यादा पेज होंगे, उतनी ही उसकी रैंकिंग अच्छी होगी।

साथ ही इन Pages में वेबसाइट के मैन पेज का लिंक भी होना बहुत जरूरी था। इस तरह से Backlink की शुरुआत हुई, जिसे आज भी गूगल कहीं न कहीं अपनी एल्गोरिथम में स्थान देता है।

फंड की समस्या

यह तकनीक सीधे Google को क्रेस्टिंग की ओर ले गई, जिसे पेज और ब्रायन द्वारा स्वयं Funded किया गया था। यह एक कम बजट में शुरू हुआ प्रोजेक्ट था, जो आगे जाकर पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गया।

इसके अलावा दोनों छात्र अपना स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के हॉस्टल से बाहर काम कर रहे थे। ताकि उनके काम में किसी प्रकार का कोई व्यवधान पैदा न हो।

इन दिनों दोनों छात्र अपने इस प्रोजेक्ट के लिए ज्यादा से ज्यादा फंड जुटाने की कोशिश करने लगे, इसके लिए उन्होंने अपने क्रेडिट कार्ड्स का इस्तेमाल किया। लेकिन फिर भी उनके सामने पैसों की समस्या खड़ी होने लगी।

फिर एक दिन उनकी किस्मत जागृत हुई और Andy Bechtolsheim जो Sun Microsystems के co founder थे ने उनको 100,000 डॉलर की आर्थिक सहायता प्रदान की।

इस तरह से Larry Page और Sergey Brin द्वारा गूगल का आविष्कार किया गया। Bechtolsheim ने कथित तौर पर स्टैनफोर्ड के प्रोफेसर के सामने एक Google Product का डेमो देखा, जो उन्हें काफी पसंद आया।

इसके बाद बिना देरी करते हुए Bechtolsheim ने Google Inc. के नाम एक चेक लिख दिया। यह Larry Page और Sergey Brin के लिए किसी वरदान से कम नहीं था।

इसके बाद जल्द ही Google को और अधिक फंड प्राप्त हुआ और Google ने इंटरनेट सर्च इंजन पिरामिड के शीर्ष पर चढ़ाई शुरू की। यह खोज इंजन Google आधिकारिक तौर पर 1999 में शुरू हुआ, उसी वर्ष ब्रायन और पेज ने Menlo Park, कैलिफोर्निया में पहला Google कार्यालय खोला।

इस गैरेज का स्वामित्व सुसान वोज्स्की के पास था, जो एक प्रारंभिक स्टाफ सदस्य और अब Google के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।
इस नई कंपनी का मिशन वक्तव्य सरल और सीधा था: “दुनिया की जानकारी को व्यवस्थित करने और इसे सार्वभौमिक रूप से सुलभ और उपयोगी बनाने के लिए काम करना।”

हालांकि इसके नाम में ही एक दिलचस्प बैकस्टोरी है। “गूगल” शब्द “googol” शब्द से बना है- जिसका अर्थ है Number One जिसके आगे 100 शून्य है।

यह नाम “Mathematics and the Imagination” बूक से लिया गया था। इस बूक को Larry Page और Sergey Brin द्वारा पढ़ा गया और बाद आपसी सहमती से इसे कंपनी का नाम दिया गया।

कंपनी के इतिहास के अनुसार, दोनों Google Founders ने इस शब्द को इंटरनेट पर हर चीज पर जानकारी एकत्र करने के कठिन कार्य को समाहित करने के लिए एक शानदार तरीके के रूप में देखा। दोनों को यह नाम काफी पसंद आया और इसने दोनों को motivate भी किया।

गूगल की सालों साल तरक्की

आने वाले वर्षों में Google ने स्थिर विकास का एक शानदार मार्ग बनाया। इंजीनियरों, कंप्यूटर वैज्ञानिकों, बिक्री पेशेवरों, प्रशासनिक और विपणन कर्मचारियों को काम पर रखा और अपने गैरेज कार्यालय को माउंटेन व्यू, कैलिफ़ोर्निया में स्थित एक नए मुख्यालय में अपग्रेड किया। यह नया कार्यालय परिसर अब “द गूगलप्लेक्स” के रूप में जाना जाता है।

फिर भी 1990 के दशक के दौरान पेज और ब्रायन ने कई बार Google को लगभग बेच ही दिया था। कथित तौर पर याहू, एक्साइट और कई अन्य सिलिकॉन वैली कंपनियों ने Google के सह-संस्थापकों द्वारा कंपनी को $ 1 मिलियन की कीमत पर खरीदने के लिए संपर्क किया गया था।

सौभाग्य से उन दोनों के लिए और हजारों Google कर्मचारियों और लाखों निवेशकों के लिए यह सभी सौदे विफल हो गए और पेज और ब्रायन ने इंटरनेट सर्च इंजन बाजार पर अपनी पकड़ सुरक्षित कर ली। अगर उस समय दोनों का मन भटक जाता तो शायद आज हमें गूगल देखने को नहीं मिलता।

2000 के बाद Google के काम

2002 में Google ने अपने pay-per-click, third-party advertising platform AdWords की शुरुआत के साथ वास्तव में बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली थी।

एक बार फिर याहू के पास Google को भुनाने का मौका था, क्योंकि पेज और ब्रायन ने प्रौद्योगिकी कंपनी से 3 अरब डॉलर की फंडिंग की मांग की थी।

लेकिन याहू ने इसके लिए मना कर दिया था और गूगल को पैसा कहीं और से मिल गया। इसके बाद गूगल ऐडवर्ड्स पिछले 16 वर्षों में गूगल के लिए एक सबसे बड़ा लाभ का केंद्र बन गया है।

इसके तुरंत बाद Google ने कुछ अन्य पहल की, जिसमें Google AdSense (2003) की शुरूआत हुई। या एक ऐसा प्रॉडक्ट था जिसने कंपनियों को एक बटन के क्लिक पर वैश्विक विज्ञापनदाताओं से जुड़ने में सक्षम बनाया। Google का ईमेल उत्पाद, जीमेल, 2004 में April Fool’s Day पर लॉन्च किया गया था।

अन्य मुख्य कारनामे:-

  • Google Maps (2005)
  • YouTube (2005)
  • Google Earth (2005)
  • Google Calendar (2006)
  • Google Finance (2006)
  • Google Streetview (2007)
  • Google Android (2007)
  • Google Chrome (2008)
  • Google Voice (2009)
  • Google Labs (in 2012)

2007 में Google को फॉर्च्यून पत्रिका द्वारा यू.एस. में काम करने वाली नंबर वन कंपनी के रूप में भी उद्धृत किया गया था।

गूगल के कुछ प्रोडक्टस और सर्विसेज़

1. सर्च इंजन

गूगल इंटरनेट पर मौजूद अरबों पेजों को एक क्रम में व्यवस्थित करता है, ताकि यूजर्स कीवर्ड और ऑपरेटरों के उपयोग के माध्यम से अपनी मनचाही जानकारी की खोज कर सकें।

नवंबर 2009 से comScore market research के अनुसार, Google Search संयुक्त राज्य अमेरिका के मार्केट में 65.6% मार्केट हिस्सेदारी के साथ प्रमुख सर्च इंजन है।

मई 2017 में Google ने Google सर्च में एक नया “Persnol” टैब सक्षम किया, जिससे उपयोगकर्ता अपने Google Accounts की विभिन्न सेवाओं में सामग्री सर्च कर सकते हैं। जिसमें जीमेल से ईमेल संदेश और Google फ़ोटो से फ़ोटो सर्च करना शामिल हैं।

Google ने 2002 में अपनी Google समाचार सेवा शुरू की, जो एक स्वचालित सेवा है। यह अलग-अलग वेबसाइटों के समाचार लेखों को सारांशित करती है, जिसमें मुख्य समाचार एक साथ दिखाई देते हैं।

इसके अलावा Google, Google books भी होस्ट करता है, यह एक ऐसी सेवा है जो वाकई में बहुत शानदार है। जैसे कोई भी यूजर इसमें किसी भी बूक के words को सर्च करता है, तो उसके सामने वो पूरी की पूरी बूक प्रदर्शित हो जाएगी।

इस तरह से अगर आपको किसी भी बूक के कोई शब्द याद है और उसका नाम आप भूल गए हैं तो आप उसे इसके माध्यम से आसानी से सर्च कर सकते हैं।

2. Advertising

Google अपना अधिकांश राजस्व विज्ञापन (Advertising) से प्राप्त करता है। इसमें ऐप्स की बिक्री, इन-ऐप खरीदारी, Google और YouTube पर digital content products, Android और लाइसेंस और सर्विसेज़ शुल्क भी शामिल हैं। इसके अलावा Google क्लाउड ऑफ़रिंग से प्राप्त शुल्क से भी गूगल कमाई करता है।

इस लाभ का 46% क्लिक (प्रति क्लिक की लागत) से था, जो 2017 में 109,652 मिलियन डॉलर था। इसमें तीन प्रमुख तरीके शामिल हैं, जो AdMob, AdSense (Content के लिए AdSense, Search के लिए AdSense, आदि) और DoubleClick AdExchange है।

Search requests को समझने के लिए अपने स्वयं के एल्गोरिदम के अलावा, Google यूजर्स की रुचि को प्रोजेक्ट करने और search context और यूजर के इतिहास के हिसाब से विज्ञापन को दिखाने के लिए डबलक्लिक की तकनीक का उपयोग करता है।

यानी यूजर क्या सर्च कर रहा है और क्या सर्च किया है, इसके हिसाब से वह उसे विज्ञापन दिखाता है। ताकी उसकी कंटैंट में रूचि बनी रहे।

2007 में Google ने उभरते हुए मोबाइल विज्ञापन बाज़ार का लाभ उठाने के लिए “मोबाइल के लिए ऐडसेंस” लॉन्च किया।
Google Analytics वेबसाइट कंट्रोल करने वालों को ट्रैक करने की अनुमति देता है कि लोग आपकी वेबसाइट का उपयोग कहां और कैसे कर रहे हैं।

उदाहरण के लिए किसी वेब पेज पर सभी लिंक के लिए क्लिक दरों की जांच करके बताता है कि यूजर को कौनसा content सबसे ज्यादा पसंद आ रहा है।

Google Ads विज्ञापनदाताओं (advertisers) को cost-per-click के माध्यम से Google Content नेटवर्क में अपने विज्ञापन प्रदर्शित करने की अनुमति देता है।

सिस्टर सर्विस, गूगल ऐडसेंस वेबसाइट मालिकों को इन विज्ञापनों को अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित करने और हर बार विज्ञापनों पर क्लिक करने पर पैसा कमाने की अनुमति देता है।

यानी कोई कंपनी ऑनलाइन विज्ञापना लगाना चाहती है तो वो गूगल से संपर्क करेगी। इसके बाद गूगल उन विज्ञापनों को किसी वेबसाइट पर लगाएगा। इसके बदले में वो वेबसाइट के मालिक को प्रति एड क्लिक के हिसाब से पैसों का भुगतान करेगा।

इस कार्यक्रम की आलोचनाओं में से एक सबसे बड़ी धोखाधड़ी की संभावना है। जो तब होती है जब कोई व्यक्ति या स्वचालित स्क्रिप्ट प्रॉडक्ट में दिलचस्पी के बिना विज्ञापनों पर क्लिक करता है, जिससे विज्ञापनदाता Google को अनुचित रूप से पैसे का भुगतान करता है।

यानी बिना किसी रुचि के कोई एड्स पर क्लिक करता है तो उसका Advertisers को कोई फायदा नहीं होता है। 2006 में आई इंडस्ट्री रिपोर्टों ने दावा किया कि लगभग 14 से 20 प्रतिशत क्लिक धोखाधड़ी या अमान्य होते हैं।

Google Search Console (मई 2015 में Google वेबमास्टर टूल्स से पुनः ब्रांडेड) वेबमास्टर्स को साइटमैप, क्रॉल दर और उनकी वेबसाइटों की सुरक्षा समस्याओं की जांच करने के साथ-साथ उनकी वेबसाइट की दृश्यता को अनुकूलित करने की अनुमति देता है।

कुछ Consumer Services

1. Web-based services

Google ईमेल के लिए जीमेल, समय-प्रबंधन और शेड्यूलिंग के लिए Google कैलेंडर, मानचित्रण के लिए Google मानचित्र, नेविगेशन और सैटिलाइट इमेजरी, फाइलों के क्लाउड स्टोरेज के लिए Google ड्राइव, Google डॉक्स, शीट्स और स्लाइड्स, फोटो स्टोरेज और साझा करने के लिए Google फ़ोटो प्रदान करता है।

नोट करने के लिए Google Keep, भाषा अनुवाद के लिए Google Translate, वीडियो देखने और साझा करने के लिए YouTube, सार्वजनिक व्यावसायिक जानकारी के प्रबंधन के लिए Google My Business और सामाजिक संपर्क के लिए Duo आदि सुविधाएँ प्रदान करता है।

मार्च 2019 में, Google ने Stadia नामक क्लाउड गेमिंग सेवा का अनावरण किया। एक जॉब सर्च प्रॉडक्ट भी Google Jobs के नाम से पहले ही मौजूद है।

जो जॉब्स के लिए Google की एक उन्नत सर्च सुविधा है जो नौकरी प्रकाशित करने वालों की जानकारी को इकट्ठा करके दिखाती है।

इसके अलावा कुछ Google Services वेब-आधारित नहीं हैं। 2005 में शुरू की गई Google Earth ने उपयोगकर्ताओं (Users) को अपने कंप्यूटर पर डाउनलोड किए गए सॉफ़्टवेयर के माध्यम से पूरे संसार के HD फोटोज़ देखने की सुविधा प्रदान करता है। यह फोटोज़ धरती के बाहर चक्कर लगा रहे सैटिलाइटस की मदद से ली गई होती है।

2. सॉफ्टवेयर

Google Android मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ-साथ अपनी स्मार्टवॉच, टेलीविज़न, कार और इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स-सक्षम स्मार्ट डिवाइस जैसे प्रोडक्टस भी बनाता है।

Google ने क्रोम वेब ब्राउज़र और क्रोम ओएस, क्रोम पर आधारित एक ऑपरेटिंग सिस्टम को भी सक्षम किया है। जिसने इंटरनेट ब्राउज़िंग को काफी हद तक आसान बना दिया है।

3. हार्डवेयर

जनवरी 2010 में Google ने नेक्सस वन जारी किया, जो अपने ब्रांड के तहत पहला एंड्रॉइड फोन था। इसने “नेक्सस” ब्रांडिंग के तहत कई फोन और टैबलेट को बनाने का अवसर दिया, जब तक कि 2016 में यह अंतिम रूप से बंद नहीं हो गया।

बाद में यह ब्रांड नेक्सस से बदलकर पिक्सेल के रूप में विकसित हो गया। इसके अलावा 2011 में गूगल ने क्रोमबुक पेश किया गया जो क्रोम ओएस पर चलता है।

4. गूगल पे

आज के टाइम पर गूगल पे इंडिया में बहुत जोरो शोरो से चल रहा है हर दुकान में आपको गूगल पे का स्कैनर मिल जाता है जिससे आप बहुत ही आसानी से पेमेंट कर सकते हो|

गूगल पे इस टाइम पर नंबर १ upi पेमेंट सर्विस है और आने वाले टाइम पर इसका और भी ज्यादा इस्तेमाल होने वाला है| गूगल पे हमको समय समय पर रिवॉर्ड भी देते है और इस कारण की वजह से उनका ये प्रोडक्ट लोगो के बीच में बहुत ही ज्यादा पोपुलर हो गया है|

गूगल पे की मद्दद से आप आसानी से कही भी पेमेंट कर सकते हो, ऑनलाइन शौपिंग, मर्चेंट पयेमेंट, मोबाइल रिचार्ज, dth, केबल, इलेक्ट्रिसिटी, पानी का बिल इत्यादि आप गूगल पे की मद्दद से एक बटन दबाते ही भर सकते हो।

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निष्कर्ष:

तो ये था गूगल का आविष्कार किसने किया था और कब, हम उम्मीद करते है की इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको गूगल के आविष्कार के बारे में पूरी जानकारी मिल गयी होगी।

अगर आपको हमारी ये आर्टिकल अच्छी लगी हो तो इसको शेयर जरूर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को गूगल के आविष्कार के बारे में सही जानकारी मिल पाए।

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