20+ दिल को छू जाने वाली मेरी प्यारी माँ पर कविता | Heart Touching My Mother Poem in Hindi

आज हम आपके साथ मेरी प्यारी मां पर कविता शेयर करने वाले हैं जिसको पढ़ कर आपको बहुत अच्छा लगेगा और आपको यह पता चलेगा कि मां कोई भगवान से कम नहीं होती.

लोग भगवान को ढूंढते हैं लेकिन हम आपको कहना चाहते हैं कि आपकी माँ ही आपकी भगवान है. माँ हम जन्म देती है तो सच में देखा जाये तो हमारे लिए तो माँ ही हमारी भगवान होती है।

इसके अलावा माँ का प्यार बहुत ही सच्चा और पवित्र होता है, दुनिया में आपको अपनी माँ से ज्यादा प्यार करने वाला कोई भी दूसरा व्यक्ति नहीं मिल सकता।

लेकिन आज भी ऐसे कुछ लोग है जो की अपनी माँ को दुःख देते है लेकिन उनको पता है की ऊपर वाला सभ देख रहा होता है। हम सभी को अपनी माँ को मरते दम तक मान सम्मान देना चाहिए क्यूंकि एक कहावत है की ना की हमको किसी इंसान की क़द्र तब महसूस होती है जब वो हमसे दूर चला जाता है।

लेकिन हम दिल से सभी को ये सन्देश देना चाहते है की इस दुनिया में आपकी माँ का आशीर्वाद आपके सर पर होना दुनिया का सबसे ख़ुशी की बात है और इसका कोई मोल नहीं है। और हम सभी माताओं को सम्मान देने के लिए आज आपके साथ मेरी माँ पर कुछ बहुत ही सुंदर अच्छी और दिल को छू जाने वाली कविताएं शेयर करने वाले है।

हम आपसे रिक्वेस्ट करते है की आप इन सभी कविताओं को एक बार पूरा अवश्य पढ़े आपको ये सभी पोएम जरूर अच्छी लगेगी।

20+ Heart Touching My Mother Poem in Hindi

my mother poem in hindi

1. मां का एहसास

मां की ममता का एहसास अलग होता है
उसके आंचल में सुखो का वास होता है
जब वो रहती है आसपास तो गम भी उदास रहता है
जब लगती है चोट मुझे तो तुम्हारा मन उदास रहता है।

खुद कष्ट सह लेती है भूखा रह लेती है
अपनेे बच्चों के लिए हर गम सह लेती हैं
मां तुम्हारा साथ गर्मी में शीतल छांव होता है
तुम रहो आसपास तो खुशी का माहौल होता।

दूर रहता हूं जब घर से तुम्हारा फोन आता है
पूछती हो मेरे से खाना क्यों नहीं खाता है
कैसे बताऊं तुम्हारे बिना कुछ अच्छा नहीं लगता है
तुम्हारी ममता के एहसास के बिना सब सूना लगता है।

तुम्हारी डांट में भी मेरे लिए प्यार होता है
तुम्हारा हाथ जब मेरे सर पर होता है
मुझे जन्नत का एहसास होता है।

मां की ममता का एहसास अलग होता है…..

2. मां की ममता

मां की ममता का कोई मोल नहीं होता
उसके जैसा कोई और नहीं होता।

मैं जब रूठ जाता हूं तुम मुझे मनाती हो
पापा की डांट से हर वक्त मुझे बचाती हो।

गलती जब करता हूं तो चार बातें सुनाती हो
प्यार से जब तुम मुझको थप्पड़ कभी लगाती हो।

कभी कहती हो राजा बेटा कभी नालायक बुलाती हो
रखती हो मेरे नए नाम मुझको बहुत चिढ़ाती हो।

स्कूल जब मैं नहीं जाता हूं ,देर से जब मैं नहाता हूं
डंडा लेकर आती हो, मुझे दूर तक दौडाती हो।

जब मैं सपनों में कभी रातों को डर जाता हूं
जब पास तुम्हारे आता हूं गले मुझे लगाती हो।

जब घर से बाहर में जाता हूं चिंता बहुत करती हो
खाना खाया या नहीं बार-बार पूछा करती हो।

जब घर कभी देर से आता हूं तुम मुझे डांटा करती हो
प्यार से जब तुम मुझको गले लगाया करती हो।

मां की ममता को कोई मोल नहीं होता …..

3. लौट आओ ना मां ( sad poem)

लौट आओ ना मां तुम कहां चली गई
मुझे इन राहों में अकेला छोड़कर।

अब कुछ भी अच्छा नहीं लगता है
ये जीवन बहुत अधूरा और कच्चा लगता है।

मुझे अब लोरी गाकर कौन सुनाएगा
अपनी गौद मै सर रखकर कौन सुलाएगा
मुझ रोते हुए को कौन चुप कराएगा
मुझे अपने हाथो से अब कौन खिलाएगा।

हर दिन तुम्हारी याद में गुजरता है
रात आंसुओ मै कटती है।

जी कर भी रोज़ाना अंदर से मरा करता हूं मै
अपनी किस्मत पर रोजाना रोया करता हूं मै।

तुम थी तो दुःख में भी सुख का अहसास था
तुम्हारी ममता का आंचल मेरे पास था
जिंदगी भर अब इस दुःख को सहना होगा
मां मुझे अब तुम्हारे बिना रहना होगा।

लौट आओ ना मां तुम कहां चली गई मुझे अकेला छोड़कर..

4. मां क्या है

मां इश्क है
मां मोहब्बत है
मां इबादत है
हर जख्म की दवा है
हर दर्द का मलहम हैं
दुनिया में खुशियों की छांव है
एक तरफ दुनिया का हर सुख
और एक तरफ मां का साया
मां तुम्हारी हर बात निराली है
कभी खुशियों को सहेजना सिखाती हो
तो कभी दुःख से लड़ना सिखाती हो
शिखर पर पहुंच कर भी
अपनी मिट्टी से जुड़ना सिखाती हूं

5. मां के जन्मदिन पर कविता

मां तुम्हारे जन्मदिन पर हर खुशी तुम्हें मिल जाए
गमों के बादल हट कर खुशियों की बरसात मिल जाए।

भगवान रखे खुश हमेशा तुम्हें आज यही दुआ मिल जाए
हो तुम्हारी लंबी उम्र मेरी उम्र भी तुम्हें लग जाए।

रिश्ते हैं बहुत दुनिया में पर यह सबसे प्यारा है
मां शब्द में ही निहित यह संसार सारा है।

क्या तोहफा दूं तुम्हें तुमने ही तो जन्म दिया है
शब्दों का उपहार मैंने भेंट तुम्हें किया है।

6. बूढ़ी मां

खुशनसीब होते हैं वो लोग जिनके पास मां होती है
बुढ़ापे में उसको ठुकरा देते हैं फिर भी दुआ देती है।

जिसका हाथ पकड़कर चलना सीखा
वह घर से बाहर होती है
जिसने किया इतना बच्चों के लिए
उनकी दुत्कार का शिकार होती है।

फिर भी वह सब कुछ सहती है
कुछ भी नहीं कहती है
कांपते हुए हाथों से
फिर भी आशीर्वाद देती है।

जिसने दिया जन्म वह छुप कर रोती है
जब वह तुम्हारी इन बातों को सहती है।

मां शब्द एक परिभाषा होती है
मत देना दुःख उसको
वही स्वर्ग और ईश्वर होती है

7. मां तुम्हारा नाम हो जाए

मेरी जिंदगी की यूंही शाम हो जाए
मेरा ये जीवन तुम्हारे नाम हो जाए।

तुम्हारे नाम से जाना जाऊं मैं
दुनिया में ऐसा काम हो जाए।

दुःख ना आने दूं तुम्हें मेरी जिंदगी तमाम हो जाए
साथ रहूं हर दम ,हर खुशी दूं तुम्हें, ऐसा काम हो जाए।

नहीं करूंगा काम ऐसा, जो तुम्हारा सर शर्म से झुक जाए
संस्कार दिए हैं तुमने जो, वह हमेशा मेरे काम आए

मां मेरा जीवन तुम्हारे नाम हो जाए
मेरी जिंदगी की यूंही शाम हो जाए….

8. सबसे प्यारी मेरी मां

मां घर की एक डोर होती है
सारे रिश्तों को मोतियों मै पिरोती है।

कभी बहू थी कभी पत्नी होती है
किसी की बेटी तो किसी की मां होती है।

हर ज़िम्मेदारी को निभाती है
घर को खुशहाल बनाती है।

सबकी खुशियों का रखती है ख्याल
जैसे कोई जिन का अवतार होती है।

हर गम को चुपचाप सह लेती है
हसंती है सबके सामने अकेले मै रो लेती है।

घर का स्तंभ ओर रिश्तों का पुल होती है
हा मां सबसे प्यारी होती है।

9. मेरी मां की मोहब्बत

राहें दुनिया मौकापरस्त होती है
पर मां की मोहब्बत सरपरस्त होती है।

लड़ जाए खुदा से वो अपने बच्चो के लिए
कभी जांबाज तो कभी ममता की मूरत होती है।

यह मां की मोहब्बत सब मोहब्बत से बढ़कर होती है
निश्चल प्रेम का उदाहरण होती है
ईश्वर का दूसरा अवतार होती है ।

बिना कहे समझ जाती है मन की बातें
जैसे कोई जादू की छड़ी होती है
कमी नहीं होती किसी की
जब मैं अपने पास होती है।

यह मां की मोहब्बत से मोहब्बत से बढ़कर होती है…..

10. सबसे प्यारी मां है मेरी

जब पैदा हुआ मैं तुम्हारी गोद में खेला चला था
जब हाथ पकड़ कर मैंने तुम्हारा चलना सीखा था।

जब पहली बार बोला मैंने मां शब्द मुंह से निकला था
पहली बार मिट्टी खाने पर तुमने मुझको डांटा था।

जब पेट दर्द का बहाना करके मैं स्कूल नहीं जाता था
तब भी तुम मेरी फिक्र करती थी मैं तुम्हें बहुत सताता था।

जब कभी मुझे मारती थी मैं बहुत रोता था
फिर प्यार से पास बुलाती थी सर मेरा सहलाती थी।

सबसे छोटा था घर में प्यार भी ज्यादा करती थी
कोई कुछ कहे मेरे बारे में नहीं सुना करती थी।

तुमने कितने दर्द सहे है मुझे कभी नहीं बताया था
हर बार जब मैंने पूछा प्यार से मुझे समझाया था।

खुद तंग रही खर्चों से पर मुझको बहुत पढ़ाया था
मेरी हर ख्वाहिश की पूरी खुद का ख्याल ना आया था।

क्या किया है बहुत तुमने तुम्हारे लिए कुछ भी कर जाऊंगा
तुम मेरी मां हो यह दुनिया को बतलाऊंगा।

11. बेटी की मां पर कविता

जन्म हुआ जब मेरा खुशियां घर में आई थी
मां की ममता की आंचल की छांव जो मैंने पाई थी।

बड़ी हुई जब मैं तुम्हें चिंता मेरी सताई थी
सही गलत का फर्क तुमने मुझको समझाया था।

शादी की जब उम्र हुई मेरी मर्जी किसी ने ना पूछी थी
ना लड़के से मिलने दिया अपनी मर्जी थॉपी थी

पर तुमने मुझको समझा था मेरी दोस्त बन कर आई थी
मेरी मर्जी पूछी थी मुझको लड़के से मिलवाया था।

शादी हुई जब मेरी विदा होने का समय आया था
गले लगाकर जब मैं तुम्हे , बहुत रोई थी
अपने मन को समझा कर मुझे ढांढस बंधाया था
कुछ बातें थी जो तुमने मुझको बतलाई थी।

मेरी लाडो तू अब जा रही है, वह घर भी अब तेरा है
उस घर के लोगों का संसार भी अब तेरा है।

उस घर के सम्मान को आंच ना आने देना
अपनी मां का सर कभी ना झुकने देना।

मैं तेरी बेटी हूं मैं तेरी लाज रखूंगी
तेरी हो बदनामी ऐसा ना कोई काम करूंगी।

मेरी मां…..

12. अगले जन्म में ( short poem)

फिर यही गोद में ले फिर यही जहां मिले
अगले जन्म में तु मुझे फिर मेरी मां मिले।

फिर से खेलो तेरी गोद में फिर से ममता की छांव मिले
फिर से यही गोद में ले फिर से ये ही मां मिले

इस जन्म में नहीं चुका पाया कर्ज तेरा
अगले जन्म में फिर मौका मिले
वही गुस्से वाला प्यार मिले
डांट में तेरा दुलार मिलेगा।

खुशियों वाला वही संसार मिले
तेरे आंचल का साथ मिले
फिर यही गोद मिले
फिर यही जहां मिले
अगले जन्म में मुझे भी फिर मुझे ये ही मां मिले।

13. जिनकी मां नहीं होती

दर्द उनसे पूछो जिनकी मां नहीं होती
जिस्म रोता है पर रूह नहीं होती।

अकेले सो जाते हैं मां का साथ नहीं होता
कितना भी मिले प्यार पर वह मां जैसा नहीं होता।

वो प्यार नहीं होता वो दुलार नहीं होता
वह गुस्सा नहीं होता वो डांट नहीं होती।

मां की ममता का आंचल नहीं होता
दर्द में जब होते हैं तो उसका साथ नहीं होता।

मां की दुआओं का साथ नहीं होता
चलता हूं राहों में पर उसका आशीर्वाद नहीं होता।

दर्द उनसे पूछो जिनकी मां नहीं होती ….

14. मां के प्यार की दास्तां

कैसे लिखूं मां की अनकही प्यार की दास्तां
स्याही कम पड़ जाएगी लिखते – लिखते राब्ता।

नहीं मांगी मैंने खुशियां किसी से
उसने मुझे सब कुछ दिया था
मैं ना बोलूं फिर भी
उसने सारा सुख मुझे दिया था।

जो ना मांगा मैंने मंदिर में जाकर
वह मां से मांगा था
उसके पैरों की जन्नत में
सारा संसार समाया था।

मां के प्यार की दास्तान सबसे अलग होती है
राहों में मिलते हैं कांटे पर वह ममता की मूरत होती है।

तुम कभी करो अगर गुस्सा
फिर भी प्यार से बातें करती है
बूढ़ी आंखों में भी वो प्यार दिखाई देता है
मां मैं तो सारा संसार दिखाई देता है।

मां के प्यार की दास्तां अलग होती है
शब्द नहीं मिलते लिखने को जज्बात बहुत होते हैं।

मां के प्यार की दास्तां सबसे अलग होती है.

15 .माँ का प्यार

खूबसूरत सी दुनिया में मासूम का इंतज़ार
महीनो की तपस्या के बाद आँगन में किलकारी कीं बोछार
हँसी ओर ख़ुशी से झूम उठता है माँ का मन

जब होता हे नन्हें क़दमों का दुनिया में आगमन
जन्म से पहले ही जुड़ जाता हे माँ से जब दामन
हज़ारों मुसीबतें भी पार करा दे
माँ का स्पर्श ओर माँ का प्यार ।

अनेक़ो रिश्तों से बढ़कर बड़ा हे यह रिश्ता
एक ही शब्द ओर एक ही रिश्ता
बच्चे की पुरी दुनिया या दुनिया का मतलब माँ

कभी ना ख़त्म होने वाला रिश्ता
हर रिश्ते से ज़्यादा किमती है
माँ का स्पर्श ओर माँ का प्यार ।

सही राह पर चलने को प्रेरित करतीं है
गलत राह पर जाने से बचाती है
चोट लगने पर दवाई तो लग जाती है
पर गहरे ज़ख़्मों क़ो जो मरहम दे
वह हे माँ का स्पर्श ओर माँ का प्यार।

सही ग़लत का फ़र्क़ करना सिखाया
गलत राहों से बचना सिखाया
जमीं की गहराइयों से आसमाँ की ऊँचाइयों तक

नन्हें कदमों से लेकर जवानी तक
ज़िंदगी के हर पड़ाव से गुजरना सिखाया
सुकून का मतलब माँ या माँ का मतलब सुकून
हर चीज़ से किमती है माँ का स्पर्श ओर माँ का प्यार।

16. माँ

बचपन में चलना सिखाया
गिरते हुए कदमों को संभाला
अपने प्यार से मेरे बचपन को सिंचा
किताब के ज्ञान से लेकर दुनिया का ज्ञान सिखा
कहने को तो एक़ ही शब्द है माँ
लेकिन इसी शब्द ने दुनियादारी का मतलब सिखाया
माँ ने मुझे जीवन के पहलुओ को समझना सिखा दिया।

कभी धूप में जलना सिखाया कभी पेरो पर खड़े रहना सिखाया
गिरकर उठना उठकर गिरना हर मुसीबत से लड़ना सिखाया
प्यार के पन्ने से लेकर संघर्ष के पन्नो तक

मुझे आत्मनिर्भर रहना सिखाया
मुसीबतों क़ो हराना ओर आगे बढ़तें रहना सिखाया
अपने आँचल की छाँव में रखकर ज़िन्दगी की तप से लड़ना सिखाया
माँ ने मुझे जीवन के पहलुओ क़ो समझना सीखा दिया।

पीछे पलटकर ना देखना कर्म करते रहना सीखाया
मंज़िल तों मिलेंगी ही इतना विश्वास मन में जगाया
कहने को एक शब्द ही है माँ
इसी शब्द ने दुनिया में जीने का तरीक़ा सिखा दिया
माँ ने मुझे जीवन के पहलुओ को समझना सीखा दीया।

मुश्किल राहों को आसान बनाना सीखाया
दबकर नही डटकर खड़े रहना सिखाया
सपनो को पूरा करने का होंसला बढ़ाया
माँ ने मुझे जीवन के पहलुओ को समझना सीखाया।

17 . माँ का विश्वास

जो पराजय को भी विजय बना देता है
जो मुश्किलों से लड़ने क़ी शक्ति देता है
व्यक्ति की सकारात्मक सोच होता है
टूटीं हुई हिम्मत को बांध देता है
मुश्किल राहों क़ो भी आसान बना देता है
हर पल जो साथ देता है उसे कहते हे माँ का विश्वास।

सफलता दिलाने का एकमात्र राज़
आत्मविश्वास खोकर भी जो विश्वास दिलाता है
अपने बच्चे क़ो मँज़िल तक पहुँचने का रास्ता दिखता
दूसरों पर निर्भर ना रहकर जो खुद को आत्मनिर्भर बनाता है
हारते हारते भी जो जीत के मोड़ पर लें आता हे उसे कहते है माँ का विश्वास।

18. माँ की छवि

अपने संस्करो से परिवार की नीव को बनायें रखा आपने
हमारी हर ख़्वाहिशों को पूरा किया आपने
परिवार को एकजुट होकर रहना सिखाया आपने
माँ की छवि को शब्दों में समझाना आसान नही
दिल सिर्फ़ यहीं कहता हे दुनिया की सारी ख़ुशियाँ कदमों में रहे आपके।

मुसीबत में भी मुस्कुराना सिखा आपसे
जीवन जीने की कला भी सिखी आपसे
चाहत सिर्फ़ यही हे हाथ सदा सर पर रहे आपका
माँ के अस्तित्व को परिभाषित करना आसान नही
दिल सिर्फ़ यहीं कहता हे दुनिया की सारी ख़ुशियाँ क़दमों में रहे आपके।

इतना प्यार ओर ख़ुशियाँ दी आपने
जमीं से जुड़कर आसमान की ऊँचाइयों को छूना सिखाया आपने
माँ के महत्व को शब्दों में समझाना आसान नही
दिल सिर्फ़ यहीं कहता हे दुनिया की सारी ख़ुशियाँ क़दमों में रहे आपके।

19. माँ की याद

जब मायके की दहलीज़ पार कर जाती है बेटियाँ
ससुराल की ज़िम्मेदारियों को निभाती है बेटियाँ
बचपन की यादों को दिल में समेटकर
माँ को याद करतीं है बेटियाँ ।

सुबह से शाम थककर सुकून के दो पल निकालती हे बेटियाँ
छोटी से बड़ी कब हों जाती हे माँ की जान होती हे बेटियाँ
सब ठीक हे कहकर बात को ख़त्म कर
माँ को याद करती हे बेटियाँ ।

अभी नही कर सकतीं कहने वाली
ससुराल में हर ज़िम्मेदारी को निभाती है बेटियाँ
पल में यहाँ पल में वहाँ घुमने वाली
ससुराल वालों की इजाज़त से जब घूमती हे
माँ को याद करती है बेटियाँ।

20. माँ का संघर्ष

बचपन से बड़े होने तक कर्म करते देखा है
एक आवाज़ में सबकी ज़रूरतों को पूरा करते देखा है
खुद की फ़िक्र से पहले दूसरों की फ़िक्र करते देखा है
मेने माँ को संघर्ष करते हुए देखा है।

सुबह से भागतीं दोड़ती काम को सबसे पहले रखने वाली
दूसरों के लिए जीवन जीने वाली
अपनी अहमियत को खोते देखा है
मेने माँ को संघर्ष करते देखा है

सभी को खुश रखने वालीं सभी का अच्छा सोचने वाली
दूसरों की ग़लतियों को नज़रअंदाज़ करने वाली
खुद दूसरों से छल ओर कपट सहते देखा है
मेने माँ को संघर्ष करते देखा है।

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निष्कर्ष:

तो ये थे दिल को छू जाने वाली मेरी प्यारी माँ पर कविता, हम उम्मीद करते है की हमारे द्वारा प्रकाशित किये हुए ये सभी माँ पर कविताएं आपको जरूर अच्छी लगी होगी।

यदि आपको ये सभी कविताएं सुंदर लगी और आपके दिल को छू गयी तो इन्हे शेयर अवश्य करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को मेरी माँ पर बहुत ही अच्छी कविताएं पड़ने का मौका मिले।

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