शरीर में आत्मा कहां रहती है?

हमारे मन में आत्मा से सम्बधिंत बहुत सारे सवाल आते है कि शरीर में आत्मा का निवास कहां होता है वैसे अगर हम बात करें तो गीता में हमें बताया गया है कि आत्मा हृदय में वास करती हैं पर क्या वाकई में ऐसा होता है या फिर यह पूरी तरह से सत्य नहीं है।

क्योंकि अगर आत्मा का वास दिल में होता, तो दिल ट्रांसप्लांट करते समय दिल के साथ आत्मा बाहर आ जाती, जिससे इंसान की मृत्यु हो जाती है पर ऐसा नहीं होता है तो आखिर आत्मा शरीर में कहां वास करती हैं बहुत सारे लोग कहते हैं कि इसका वास मस्तिष्क में होता है।

और कुछ का मानना है कि मस्तिष्क के अंदर कोशिकाओं में इसका वास होता है तो कुछ कहते हैं आत्मा पीठ की रीड की हड्डी में रहती है तो कुछ उसे नाभि में बताते हैं आखिर इन सब से कोई भी निष्कर्ष निकलकर सामने नहीं आता है क्योंकि अगर ऐसा है तो आत्मा शरीर से बाहर आ जाती।

क्योंकि हर चीज को तो बदला जा सकता है जिससे आत्मा भी उनके साथ बाहर आ जाती होंगी, पर ऐसा नहीं होता है तो आखिर इसके पीछे का रहस्य क्या है आखिर इंसान के शरीर में आत्मा कहां पर निवास करती है तो आज हम आपको इन सब सवालों के जवाब देंगे।

और आपको बताएंगे की आत्मा हमारे शरीर में कहां पर स्थित होती है जिससे आपको पता लगेगा कि यह कहां पर होती हैं क्योंकि हर कोई इस बात को जाना चाहता है कि हमारे शरीर में वह कौन सा अंग है जहां पर आत्मा का वास होता है और वह हमेशा उसी में रहती है।

शरीर में आत्मा कहां रहती है?

aatma kaha rehti hai

इस आर्टिकल को लिखने में हमको बहुत अच्छा लग रहा है क्यूंकि ये एक बहुत बड़ा रहस्य है और लोगों को इस सवाल का जवाब जानना है. अलग लोगों की अलग अलग सोच है इस विषय में.

लेकिन इस लेख में हम आपको विज्ञानं और शास्त्रों का क्या मानना है उसके बारे में भी हम आपके साथ डिटेल में बात करेंगे. आपको सही जवाब देने के लिए हमने इसके बारे में बहुत रिसर्च किया और जो भी जवाब हमको हमरे रिसर्च करने के बाद मिला है उसको आज के इस लेख में हम आपको बताने वाले है तो इस लेख को पूरा जरुर पढ़े.

शरीर की सरंचना और आत्मा

शरीर की सरंचना और आत्मा

यदि हम बात करें तो शरीर की संरचना इस प्रकार की गई है कि उसे हर चीज महसूस होती है पर उसे आत्मा की अनुभूति क्यों नहीं होती है क्या आत्मा कोई पदार्थ नहीं है या फिर कोई तत्व नहीं है जिस वजह से हम उसे महसूस नहीं कर सकते है या फिर हम आत्मा को महसूस कर सकते हैं बहुत सारे ऐसे सवाल हैं।

जिनके जवाब हमको नहीं पता है यदि हम अपने शरीर की बात करें तो हमारे शरीर में बहुत सारे ऐसे अंग हैं जहां पर आत्मा का निवास बताया गया है जिनमें अगर हम गीता के बारें बतायें तो उसमें इसे दिल में बताया जाता है भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में बताया है कि आत्मा हमारे हृदय में वास करती है।

पर क्या यह बात सच है क्योंकि आज के समय में बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जिन्हें दिल की बीमारी होती है और इसी वजह से उनका दिल ट्रांसप्लांट किया जाता है तो आखिर आत्मा भी उस समय शरीर से बाहर आ जाती है अगर ऐसा है तो उस समय इंसान की मृत्यु हो जानी चाहिए क्योंकि अगर शरीर से आत्मा बाहर आ जाएगी।

तो इंसान मृत अवस्था में पहुंच जाता है पर ऐसा नहीं होता है अगर हम बात करें, मस्तिष्क की तो इसमें भी बहुत सारी बीमारियां होती हैं बहुत सारे लोगों को ब्रेन ट्यूमर जैसी भंयकर बीमारियां हो जाती है वही क्योंकि लोगों का कहना है कि वह कोशिकाओं में वास करती है तो इसमें कोशिकाओं को निकाल दिया जाता है।

तो फिर आत्मा भी उन कोशिकाओं के साथ बाहर आ जाती होगी, पर ऐसा नहीं होता है बहुत सारे लोगों का कहना होता है कि वह पीठ की रीड की हड्डी में होती है पर आज के समय में बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिनकी यह हड्डी टूटी हुई है तो क्या इससे आत्मा भी टूट जाती हैं पर ऐसा नहीं होता है हमारे शरीर में जिस प्रकार आत्मा है वह उसी प्रकार रहती है।

क्योंकि वह हमारे रोम रोम में बसी हुई है वह किसी एक जगह पर निवास नहीं करती है शरीर में जितने भी अंग है उन सभी में उसका वास होता है फिर चाहे दिल हो, हड्डी हो, मस्तिष्क हो या नाखून हो वह हर किसी में होती है इसीलिए जब हमारे शरीर का कोई हिस्सा खराब हो जाता है तो वह हमारे शरीर से बाहर नहीं निकलती है।

बल्कि शरीर में ही बनी रहती है इसके आधार पर हम यह कह सकते हैं कि शरीर में आत्मा हर जगह पर रहती है, अगर हम इसे किसी एक जगह पर बताएंगे तो यह गलत होगा, क्योंकि अगर ऐसा हो तो हम लोगों की कब की मृत्यु हो चुकी हो क्योंकि बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिनका शरीर का कोई ना कोई अंग खराब हो ही जाता है।

क्योंकि भगवान ने हमारे शरीर की संरचना इस प्रकार की है कि अगर किसी भी अंग में कोई दिक्कत हो जायें या फिर हमसे कोई लापरवाही हो जायें तो वह खराब हो जाता है जिस वजह से हमें उसे या तो ठीक करवाना पड़ता है या फिर उसे हटाना पड़ता है तो इस आधार पर हम यह नहीं कह सकते हैं कि आत्मा हमारे किसी एक अंग में रहती है।

आत्मा के बारे विज्ञान का नजरिया क्या है

science ke hisab se aatma ka stan kya hai

अगर हम इसमें विज्ञान का नजरिया देखें तो इसमें विज्ञान का अलग ही नजरिया है क्योंकि उन्होंने कई सारे एक्सपेरिमेंट किए हैं और भी कई सारी रिसर्च की है जिनके आधार पर उनका कहना है कि आत्मा शरीर में मस्तिष्क की कोशिकाओं के अंदर बने एक ढांचे में रहती है जिसे ‘माइक्रोटयूबुल्स’ कहते हैं।

और अगर हम विज्ञान की माने तो आत्मा का निर्माण उन्हें तंतुओं से हुआ है जिससे ब्रह्मांड बना हुआ है और इस आत्मा का कोई भी अंत नहीं है यह अनंत है और इसकी कोई भी सीमा नहीं, अगर हम विज्ञान के इस एक्सपेरिमेंट के बारे में बात करें तो यह इस प्रकार काम करती है जैसे कोई कंप्यूटर काम करता है।

यानि की मृत्यु के बाद भी यह शरीर को तरंगे भेजती रहती है जिससे कभी कबार मनुष्य मरने के बाद भी जिंदा हो जाता है और उसे ऐसी अनुभूति होती है कि वह अभी अभी परमात्मा से मिलकर आ रहा हो, विज्ञान इसे चेतना से जोड़कर देखता है क्योंकि उनका मानना है कि जब तक मनुष्य सोएगा नहीं तब तक उसे चेतना नहीं आएगी।

और चेतना के लिए उसका सोना जरूरी होता है पर अगर हम बात करें कि अगर कोशिकायें खराब हो जाये तो इससे क्या इंसान की मृत्यु हो जाएगी, तो इसमें विज्ञान का नजरिया है कि अगर माइक्रोटयूबुल्स में कोई खराबी आ जाती है तो इस वजह से इंसान कोमा में चला जाता है और जब उनकी यह कोशिकायें फिर से रिकवर हो जाती हैं।

तो इंसान फिर से कोमा से बाहर आ जाता है जिसे हम ऐसा कह सकते हैं कि इंसान अपनी मौत को छूकर बाहर आया हो और वह फिर से अपनी नई जिंदगी जीने लगता है तो इस आधार पर तो विज्ञान का कहना है कि आत्मा का निवास मस्तिष्क की कोशिकाओं के बनें ढांचे में होता है।

शास्त्रों में क्या लिखा है इस बारें में

shahtra ke anusar aatma kaha rehti hai

अब हम बात करते हैं कि हमारे वेदों पुराणों में क्या लिखा है आखिर उसमें क्या बताया गया है कि हमारे शरीर में आत्मा का कहां वास होता है क्योंकि अगर हम शास्त्रों की बात करें तो उन्हें सिद्ध पुरुषों द्वारा लिखा गया है उन्हें लिखने वाले कोई आम पुरुष नहीं थे उन्हें हमारे भगवान का आशीर्वाद था तो उनका लिखा हुआ तो सही ही होगा।

तो उसमें बताया गया है कि आत्मा का वास सहस्त्रार चक्र में होता है यह दिमाग का एक हिस्सा होता है जिस स्थान पर चोटी होती है आपने देखा होगा कि पंडित हमेशा अपने सिर पर एक चोटी रखते हैं जिनसे कहा जाता है कि वह अपनी बुद्धि को एक स्थान पर रखते हैं जिससे उनकी बुद्धि तीव्र और शांत बनी रहती है और यही पर आत्मा का वास होता है।

जिससे वह पूरे शरीर में अपनी शक्ति को सुचारू करती है वही अगर हम विज्ञान और शास्त्रों की बात करें तो इनमें तो आत्मा का निवास हमें मस्तिष्क में ही बताया गया है तो क्या वाकई में आत्मा का निवास मस्तिष्क में ही होता है या फिर और कहीं, तो आज आपको पता लग गया होगा कि शरीर में आत्मा किस जगह पर रहती है।

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निष्कर्ष:

तो ये था शरीर में आत्मा कहां रहती है, हम आशा करते है की इस आर्टिकल को पढने के बाद आपको आत्मा कहां रहती है इसके बारे में सही जानकारी मिल गयी होगी.

अगर आपको ये लेख अच्छी लगी तो इसको शेयर अवश्य करें ताकि अधिक से अधिक लोगों को आत्मा के रहने की जगह के बारे में पूरी जानकारी मिल पाए.

इसके अलावा आपका इस विषय में क्या मानना है और आप अपनी राइ निचे कमेंट में हमारे साथ जरुर शेयर करें.

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