टीचर्स डे क्यों मनाया जाता है केवल 1 प्रमुख कारण | शिक्षक दिवस क्यों मनाते है

स्वागत है आपका हमारे वेबसाइट पर आज हम आपके साथ टीचर्स डे पर आर्टिकल शेयर करने वाले हैं जो स्कूल में और कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों के साथ-साथ सभी लोगों को शिक्षक दिवस के बारे में बहुत अच्छी जानकारी देगा।

हम हर साल ५ सितम्बर को टीचर्स डे मनाते है, लेकिन हम में से बहुत लोग ऐसे है जिनको ये पता ही नहीं है की शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है और इसकी असली कारण क्या है।

हम सभी ने कभी ना कभी स्कूल और कॉलेज में टीचर्स डे जरूर मनाया होगा और ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है क्यूंकि हमरे शिक्षक हमारे गुरु होते है और वो भगवान के समान होते है।

यदि आपको भी शिक्षक दिवस मनाने की असली वजह नहीं पता है तो इस आर्टिकल को आप एक बार पूरा अवश्य पढ़े आपक बिलकुल सही जानकारी मिल जाएगी।

शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) क्या है?

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शिक्षक दिवस टीचर्स का सम्मान करने का एक विशेष दिन होता है जिस दिन सभी बच्चे मिलकर अपने गुरुजनों और शिक्षकों का सम्मान करते हैं।

शिक्षक दिवस अलग-अलग देशों में भिन्न-भिन्न तरीके से मनाया जाता है कुछ देशों में इस दिन छुट्टी रहती है तो कुछ देशों में कार्य करते हुए शिक्षक दिवस को मनाया जाता है।

भारत में शिक्षक दिवस का एक अलग ही महत्व है सभी गुरुओं का सम्मान करने के लिए शिक्षक दिवस भारत में हर वर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है।

इस दिन सभी बच्चे और स्कूल में पढ़ने वाले छात्र अपने गुरुजनों का सम्मान करने के लिए उनको अलग अलग तरीके से भेंट उपहार प्रदान करते हैं.. भारत में शिक्षक दिवस की घोषणा 1962 में कांग्रेस के द्वारा की गई थी।

टीचर्स डे क्यों मनाते हैं केवल 1 प्रमुख कारण

dr sarvepalli radhakrishnan

भारत के भूतपूर्व उप राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन 5 सितंबर भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है… देश के पहले उपराष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1889 मैं तमिलनाडु में हुआ था वह तिरूमानी गांव में ब्राह्मण परिवार में जन्मे थे।

बचपन से ही इनको किताबें पढ़ने का बहुत शौक था।  डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने छात्रों से उनके जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा व्यक्त की थी तब से ही 5 सितंबर को हर वर्ष भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है विश्व के सभी देशों में शिक्षक दिवस अलग-अलग तारीख को मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस के दिन सभी स्कूलों में और कॉलेजों में अवकाश होता है और सभी बच्चे और छात्र अपनी इच्छा अनुसार अपनी शिक्षकों का सम्मान करते हैं और शिक्षक दिवस को बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं शिक्षक दिवस के दिन कई जगहों पर कार्यक्रम भी किया जाता है जिसमें शिक्षक दिवस पर भाषण के साथ-साथ शिक्षा के महत्व पर भी जोर दिया जाता है।

शिक्षक दिवस का महत्व

भारत में शिक्षक दिवस का बहुत महत्व है क्योंकि भारत एक विकासशील देश है और अपने बच्चों के भविष्य के लिए वह शिक्षा पर बहुत ध्यान देता है और शिक्षा का मुख्य माध्यम शिक्षक होते हैं।

जिनके द्वारा भारत के बच्चों के भविष्य का नव निर्माण संभव है इसीलिए भारत में शिक्षक दिवस का महत्व अत्यधिक हो जाता है इस दिन सभी बच्चों को आगे बढ़ने की हो जीवन में सफलता प्राप्त करने की प्रेरणा और मार्गदर्शन टीचर्स द्वारा दिया जाता है जो कि आगे चलकर उनकी भविष्य के लिए लाभप्रद साबित होता है।

शिक्षक दिवस कैसे मनाते हैं?

shikshak diwas kyu manate hai

विश्व के करीब 100 देशों में शिक्षक दिवस मनाया जाता है और सभी जगह इसे मनाने की परंपरा अलग होती है बहुत से देशों में इस दिन अवकाश रहता है और कई देशों में कार्य करते हुए ही शिक्षक दिवस को मनाया जाता है।

भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है और इस दिन सभी विद्यालय और कॉलेजों में छुट्टी होती है और सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमें छात्र अपने गुरुजनों का सम्मान करते हैं और उन्हें गिफ्ट उपहार देते हैं और उनके बारे में सभी को बताते हैं।

शिक्षक दिवस के दिन टीचर्स भी बच्चों का मार्गदर्शन करते हैं और अपनी दी हुई शिक्षा का उनको सम्मान करना सिखाते हैं छात्रों और शिक्षक दोनों के लिए यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है इस दिन स्कूल और कॉलेजों में मिठाइयां भी बांटी जाती हैं और बड़ी धूमधाम से शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है।

सभी के लिए यह बहुत खुशी और हर्ष उल्लास का दिन होता है सभी बच्चे सुबह सुबह स्कूल में आते हैं और टीचर्स के लिए अच्छी-अच्छी कविताएं भी सुनाते हैं कई स्कूल और कॉलेजों में टीचर्स के सम्मान में केक भी लाया जाता है.. और उसे काटकर टीचर्स डे को सेलिब्रेट किया जाता है।

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का शिक्षा में योगदान

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हम टीचर्स डे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में मनाते हैं उनका भारतीय शिक्षा में बहुत बड़ा योगदान रहा था।

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारतीय शिक्षा को एक नई दिशा दी… डॉ राधाकृष्णन ने उच्च शिक्षा के लिए दर्शनशास्त्र को अपना विषय बनाया इस विषय के अध्ययन से उन्हें विश्व ख्याति मिली।

एम.ए की डिग्री लेने के बाद 1909 में डॉ राधाकृष्णन एक कॉलेज में अध्यापक के रूप में नियुक्त हुए और वहीं से उन्होंने भारतीय जगत में शिक्षा को एक नया आयाम प्रदान किया।

उन्होंने मैं मैसूर तथा कलकत्ता विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र की प्रोफेसर के रूप में कार्य किया.. इन्होंने कई पुस्तकें और ग्रंथ लिखे.. इसीलिए इनके शिक्षा में योगदान को देखते हुए हर वर्ष 5 सितंबर को टीचर्स डे के रूप में मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस के बारे में विशेष जानकारी

देश की उज्जवल भविष्य के निर्माता शिक्षक ही होते हैं और शिक्षा की राष्ट्र के नींव होते है… जब डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने तो उनके छात्रों ने जश्न मनाने की मन में ठान ली।

और जब राधाकृष्णन को यह पता चला तो उन्होंने अपने छात्रों से कहा कि यदि वह उनका जन्म दिवस मनाना चाहते हैं तो उसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तब से ही 5 सितंबर को हर वर्ष शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक का महत्व

आधुनिक समय के साथ-साथ शिक्षा में भी बहुत सारे बदलाव हुए हैं और गुरु शिष्य का रिश्ता भी अब बदल चुका है प्रशिक्षक का आज भी विद्यार्थी के जीवन में उतना ही महत्व है जितना पहले हुआ करता था।

शिक्षक विद्यार्थी को सही मार्ग दिखाने के साथ-साथ सत्य और अहिंसा का पाठ भी पढ़ाता है और हमेशा अंधकार से उजाले की ओर जाने के लिए प्रेरित करता है.

एक विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक का महत्व बहुत ही ज्यादा होता है पर आजकल विद्यार्थी शिक्षक का उतना सम्मान नहीं कर पाते हैं और सिर्फ टीचर्स डे पर बड़ी बड़ी पोस्ट डाल कर और मैसेज लिख कर उनका मान करते हैं पर ऐसा नहीं करना चाहिए।

अगर राष्ट्र में शिक्षक ही नहीं रहा तो शिक्षा का कोई मोल नहीं रह जाएगा और ऐसे में भारत का भविष्य अंधकार की तरफ चला जाएगा।

शिक्षक किताबी ज्ञान के अलावा छात्रों को संस्कृति और सम्मान का ज्ञान भी देता है जो प्रत्येक विद्यार्थी के जीवन में एक बड़ी मुख्य भूमिका निभाता है इसीलिए हमें शिक्षक का सम्मान करना चाहिए और उसे आदर देना चाहिए।

निष्कर्ष:

शिक्षक भारत के भविष्य के साथ ही हमारी प्रगति में भी विशेष महत्व रखता है इसीलिए हमें टीचर्स का सम्मान सदैव करना चाहिए और उनकी आज्ञा का अनुसरण करते हुए उनके कहे का पालन करना चाहिए।

सिर्फ 5 सितंबर के दिन ही नहीं हमें हर दिन टीचर का सम्मान करना चाहिए उन्हें सम्मान गर्व की अनुभूति पर आना चाहिए शिक्षक राष्ट्र के लिए बहुत कुछ करता है और उसकी योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।

हम सिर्फ शिक्षक दिवस मना कर टीचर्स का सम्मान नहीं कर सकते उन्हें आदर और सद्भावना का भाव देकर भी हम टीचर्स डे को सेलिब्रेट कर सकते हैं वह इसीलिए हम हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाते हैं।

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