90+ मौत शायरी | मरने की शायरी

maut shayari in hindi

1

अब इंतज़ार नहीं करता मै जिंदगी का
मुझे तो मौत प्यारी लगती है
उसके जाने के बाद से
ये जिंदगी मुझे अब बोझ लगती है।।

2
आज नहीं तो कल होने ही था
मेरा ये नुकसान भी होना ही था
मैने की थी उससे बेपनाह मोहब्बत
तो मुझे इस कदर मरना ही था।।

3
जिन्दगी से मन भर गया
अब मै जीना नहीं चाहता
हर शक्श निकला बेवफा
मै इस दुनिया मै अब रहना नहीं चाहता।।

4
लोग मिलते है मुझसे, मुझे समझा देते है
पर मुझे अब फर्क नहीं पड़ता
जीने कि आस ही खतम हो गई है
मुझे अब मौत से भी फर्क नहीं पड़ता।।

5
जिंदगी इस कदर चल रही है
हर रोज नया खेल, खेल रही है
रोज मिलता हूं मै जिंदगी से
पर अब मुझे सिर्फ मौत मिल रही है।।

6
जब सब पर से यकीन उठ जाए
जब किसी का साथ ना मिल पाए
तो दिल मै एक ही ख्याल आता है
जिन्दगी जीने का मलाल
और मौत मै सुकून आता है।।

7
मेरा तो हर सफर उस तक आकर रुक गया
फिर वो मुझे छोड़कर क्यों चली गई
इतनी सस्ती थी मेरी जिन्दगी उसके लिए
मुझे मरता हुआ छोड़कर चली गई।।

8
हर मंजिल हर सफर उसके साथ तय करना है
ये मै हमेशा सोचा करता था
उसके जाने के बाद तो कुछ नहीं बचा
जिन्दगी का छोड़ो मौत तक आलम नहीं बचा।।

9
अब जीना नहीं है
इस दुनिया से मन भर गया है
मै कोई नहीं लगता था उसका
उससे अब मेरा मन भर गया है।।

10
कभी कभी लगता है क्यों जी रहा हूं
जब मेरे पास अब कोई ना रहा
जिसको करता था बेपनाह प्यार
वो ही मेरे पास ना रहा।।

11
सफर चल रहा है ऐसा
जिन्दगी मै कुछ मजा ना रहा
मौत आती है मेरे दर तक
जिन्दगी का कुछ पता ना रहा।।

12
अब ये दर्द मुझसे सहा नहीं जाता
मुझे कोई मौत का पता बता दो
मै नहीं जीना चाहता हूं अब
कोई तो मुझे इस दर्द का इलाज बता दो।।

13
खुद से ज्यादा चाहा था उनको
हमने खुद को भुला दिया
उनकी खुशी के लिए
मौत का अपना पता बता दिया।।

14
उसके होने से जिंदगी थी मेरी
मै तो उसे दिल की धड़कन कहा करता था
वो ही मोहब्बत थी मेरी
मै उसे अपनी जान कहा करता था।।

15
अब क्या गिला उससे अब क्या शिकायत करूंगा
मै तो हो चुका है अब उससे दूर
अब क्या उससे मोहब्बत करूंगा
मरने के बाद याद आऊंगा उसको
मै तो उसको अब क्या याद करूंगा।।

16
हमने इश्क मै इतवार भी नहीं देखा
जिससे किया बेपनाह इश्क
उसने एक बार मुड़कर भी नहीं देखा
मौत आई मेरे पास ओर चली गई
उसने भी मेरा हाल नहीं देखा।।

17
अंदर से मर चुका हूं मै
अब इस दुनिया से कोई फर्क नहीं पड़ता
मुझे तो अब जीने मरने से भी
कोई फर्क नहीं पड़ता।।

18
उसकी बेवफाई देख ले मैने
अब ओर क्या बाकी रह गया
जिन्दगी नहीं जीना चाहता अब मै
मौत के सिवा मेरे पास क्या बाकी रह गया।।

19
शायरी मै लिख दिया मैने अपना दर्द
मुझे कलम से मोहब्बत हो गई
उसके जाने के बाद
मेरी जिंदगी मौत से बदत्तर हो गई।।

20
लोग अब मेरा मजाक उड़ाते है
मेरे पास अब कुछ ना रहा
जिसको किया मैने इतना प्यार
वो आखिरी वक्त मै साथ ना रहा।।

21
सफर तब सुहाना लगता है
जब प्यार करने वाला साथ हो
वरना जिंदगी भी मौत बन जाती है
जीते जी मर जाता है इन्सान
जिन्दगी उसकी जिंदा लाश बन जाती है।।

22
हमने जब भी देखा उसको
अपनी जिंदगी की तरह देखा
फिर उसका जाना कैसे बर्दास्त करते
हमने तो उससे की थी मोहब्बत
उससे दूर जाना कैसे बर्दास्त करते।।

23
अब जिंदगी मिलती है मुझे
राह मै खड़ी हुई
पर मुझे उससे कोई मतलब नहीं रहा
अब तो मौत आ जाए मुझे
मुझे लोगो से कोई मतलब नहीं रहा।।

24
उसके बिना हम जी तो रहे है
पर जिंदगी गुजारे नहीं गुजरी रही
वो थी हमारी मोहब्बत
उसके बिना ये जिंदगी नहीं सवर रही।।

25
अब वो आएगा एक दिन मेरे पास
पर मै उसे मिल नहीं पाऊंगा
वो बहुत रोएगा मेरे लिए
पर मै उसके गले नहीं लग पाऊंगा।।

26
हर परेशानी का सामना मैने किया है
पर अब मुझसे रहा नहीं जाता
अब थक चुका हूं मै जिन्दगी से
अब ये दर्द सहा नहीं जाता।।

27
कोई तो हो मेरे पास
जिसे अपने दिल की बात बता संकू
अंदर से रोजाना मर रहा हूं
उसको गले लगा सकु।।

27
जब यार मै यार नहीं रहता
जब अपने पास प्यार नहीं रहता
ये जिंदगी एक बोझ लगती है
जब जिंदगी मै कोई आना नहीं रहता।।

28
मौत से नहीं डरता अब मै
उसका भी सामना किया करता हूं
लोग क्या मारेंगे मुझे
मै खुद मौत का इंतज़ार किया करता हूं।।

29
रातों की तन्हाई ने मुझे इतना सिखाया है
मुझे दर्द मै जीना सिखाया है
किसी से मत करना मोहब्बत तुम
मोहब्बत ने पल पल मरना सिखाया है।।

30
मोहब्बत तब सुकून देती है
जब वो हमारे पास रहता है
नहीं तो इसमें बेशुमार दर्द है
जब वो हमसे दूर रहता है।।

31
जिन्दगी से मिला एक रोज मै
तो उसने भी मुझे पहचानने से इंकार कर दिया
अब मौत पूछती है पता मेरा
मैने भी जिंदगी से मुंह मोड़ लिया।।

32
कहां से चले थे हम ओर कहां आ गए
आज देखो मौत के कितने करीब आ गए
कुछ नहीं बचा मेरे पास अब
हम तो मोहब्बत से भी दूर आ गए।।

33
अब दुनियादारी कि फिक्र नहीं करता
मुझे अब किसी से मतलब नहीं रहा
मोहब्बत तो नाकाम निकली मेरी
मुझे अब जिन्दगी से भी कोई मतलब नहीं रहा।।

34
बेवफा था वो हर शक्श
जो मुझसे टकराया था
जिसके होने से थी मेरी जिन्दगी
वो तो मेरे पास कभी ना आया था।।

35
लिखा था मैने आखिरी खत उसको
पर उसने वो पढ़ा ही नहीं
जब जिंदगी ही से गई धोका
तो अब किसी से रिश्ता रहा है नहीं।।

36
जी कर भी मै अब क्या कर लूंगा
अंदर से तो मर चुका हूं
दुनिया से कब का दूर हूं मै
मै तो अब जिंदा लाश बन चुका हूं।।

37
कमजोर नहीं हूं मै पर अब कुछ मन नहीं करता
उसके बिना दुनिया मै रहने का जी नहीं करता
तन्हाई सता रही है मुझे इस कदर
मेरे लिए अब कोई दुआ भी असर नहीं करता।।

38
दूर से जिसे देखा था हमने
वो तो पास से रेत का घर निकला
जिन्दगी अब चली गई मुझसे दूर
हर शक्श यहां बेवफा निकला।।

39
अब किसी ओर से क्या शिकायत करू
जब जिंदगी ने ही मुझे धोका दे दिया
किसी ओर का हाथ थाम लिया मैने
मुझे तो हर किसी मै दगा दे दिया।।

40
ग़म भारी उदास राते मेरी यादों का हिस्सा है अब
पर मुझे किसी से फर्क नहीं पड़ता
जिन्दगी जब रही ही नहीं मेरे पास
तो अब मौत से भी फर्क नहीं पड़ता।।

41
उसके जाने के बाद बहुत अकेला हो गया था मै
मुझे कुछ पता नहीं चला
खुद को संभाल लिया मैने
पर मुझे जिंदगी का पता नहीं चला।।

42
मेरे हिस्से मै ही हमेशा दर्द क्यों आता है
क्या मुझे जीने का अधिकार नहीं है
मै तो नहीं रहता अब किसी के दिल मै
क्या मुझे मरने का भी अधिकार नहीं है।।

43
जिन्दगी ने तो बहुत दर्द दिए है मुझे
पर आज भी मुस्कुरा रहा हूं
मर तो कब का चुका हूं मै
पर अब अपनी बर्बादी का जश्न मना रहा हूं।।

44
कौन आएगा मेरे पास अब
दिल का हर कौना टूट चुका है
जिन्दगी से मन भर गया मेरा
मुझे तो मेरा सनम ही लूट गया है।।

45
क्या खबर थी मुझे की ऐसा भी हो जाएगा
वो मुझे छोड़कर इस कदर चला जाएगा
मै रोटी रहूंगी उसकी याद मै
वो मुझे बेवफाई कर जाएगा।।

46
जिन्दगी को एक खेल की तरह समझता था मै
पर आज हर जंग हार चुका हूं
जिन्दगी कहा बची है अब मेरे पास
मै मौत को पास बुला चुका हूं।।

47
मरना तो उस खुदा मै हाथ मै
ओर शायद अब वो भी यही चाहता है
मेरा दुख उससे भी नहीं देखा जाता
इसलिए मुझे पास बुलाना चाहता है।।

48
जिन्दगी से कब का दूर हो गया हूं मै
अब अकेले रहना अच्छा लगता है
जीना नहीं चाहता हूं अब मै
मुझे मरना भी अब अच्छा लगता है।।

49
जब आपके पास कोई नहीं होता
जब कुछ बाते दिल मै रह जाती है
जब मोहब्बत साथ छोड़ जाती है
तब जीने का मन नहीं करता
पर जिन्दगी इतनी सस्ती भी नहीं
इसलिए मरने का भी मन नहीं करता।।

50
जिसके लिए सब कुछ किया
आज वो मुझे मरता हुआ छोड़ गया
जिससे कि थी बेपनाह मोहब्बत
बीच सफर मै आज वो मेरा हाथ हाथ छोड़ गया।।

51
वो जाना चाहता है अब
मै भी उसे नहीं रोका करती
मेरे लिए मर गया वो आज से
मै भी उसे प्यार नहीं किया करती।।

52
जिंदा हूं मै तो किसलिए हूं
कुछ लोग तो मुझे मारना चाहते थे
मुझे धोका देकर वो बेवफा
किसी ओर को गले लगाना चाहते थे।।

53
बचा हुआ सफर इस कदर काट रहा हूं मै
बचे हुए दिन मेरे
मौत के इंतज़ार मै काट रहा हूं मै।।

54
दर्द अब हद से ज्यादा बढ गया है
तभी का तरह का ख्याल आया है
जिन्दगी से ज्यादा मुझे
अब मरने का ख्याल आया है।।

55
कोई नहीं मिलता दुनिया मै
जो हमे समझ सके
खुद को खुद ही समझना पड़ता है
मौत तो आनी है सबको एक दिन
पर मोहब्बत मै रोज मरना पड़ता है।।

56
उसके इंतज़ार मै बैठा रहा
पर वो अभी तक नहीं आई
जिससे किया था इतना प्यार मैने
वो तो मेरे मरने पर रोने भी ना आई।।

57
क्यों ना ऐसा मजाक किया जाए
आज जिंदगी से खेल खेला जाए
क्या आता है मेरे हिस्से मै देखा जाए
आज मौत से रुबरु होया जाए।।

58
कुछ नहीं मिलता मोहब्बत मै
हर रोज मरना पड़ता है
जो चला गया हमे छोड़कर
उसकी यादों मै जीना पड़ता है।।

59
अब कहा जाकर सुनाऊं मै अपनी फरियाद
मेरा तो अब कोई नहीं रहा
मौत भी नहीं आती मुझे
जब मेरा जिंदगी से को रिश्ता ही नहीं रहा।।

60
जब तक जीता रहूंगा उसकी याद मै
एक दिन तो मर ही जाऊंगा
वो आयेगी मेरे पास
पर मै उसे मिल नहीं पाऊंगा।।

61
कुछ नहीं मिला मुझे कभी
मेरे हिस्से मै प्यार नहीं आया
जिन्दगी ने दिया है मुझे दगा
मेरे पास कोई यार नहीं आया।।

62
साथी नहीं मिला मुझे कोई सफर मै
कोई मुझे हमदर्द नहीं मिला
अकेला ही रह गया मै जहां मै
मुझे मेरा प्यार भी नहीं मिला
अब नहीं जीना चाहता है मै
मुझे तो कभी जिन्दगी का हिस्सा ही नहीं मिला।।

63
रहगुजर रही है जिंदगी अब
चल रही है जिंदगी अब
जिनके बिना जी नहीं सकते थे
उनके बिना पल पल मर रही है
जिन्दगी अब।।

64
कुछ तो था जो मेरे पास नहीं था
ग़म के सिवा कुछ नहीं था
प्यार मिला ही नहीं मुझे कभी
मौत के सिवा कोई सहारा है नहीं था।।

65
जब दुनिया से मन भर जाता है
जब हर इन्सान बुरा लगने लग जाता है
जब मोहब्बत पर से यकीन उठ जाता है
तब जिंदगी से ज्यादा मौत का ख्याल आता है।।

66
चल रही थी सांसे मेरी उसके बिना
मेरे हिस्से मै कभी कुछ नहीं आया
मोहब्बत तो कभी मिली ही नहीं
पर जिन्दगी जीने का पल भी नहीं आया।।

67
अब क्या किसी से शिकायत करूंगा
जब कोई अपना ही नहीं रहा
मौत ही आयेगी मुझे अब
मेरा जिंदगी से कोई वास्ता नहीं रहा।।

68
कुछ लोगो से नहीं सब पर से यकीन उठ चुका है
दर्द मिला है इतना कि प्यार पर से भरोसा उठ चुका है
अब नहीं जीना मुझे इस जिन्दगी मै मुर्शीद
जहां मेरा दिल एक खिलौना बन चुका है।।

69
बहुत कर किया ऐतबार मैने
अब मै प्यार नहीं करता
जिन्दगी जब नहीं मिली मुझे
तो मै उसका इंतज़ार नहीं करता।।

70
दर्द अब बढ चुका है हद से ज्यादा
मेरा अब कोई नहीं रहा
मेरे हिस्से मै नहीं आया प्यार
मेरा सनम भी मेरा नहीं रहा
मौत तो कब की आ चुकी है मुझे
मेरा अब जिन्दगी पर यकीन नहीं रहा।।

इनको भी जरूर देखे:

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *