1
हर पल तुझे ही सोचता हूं
कहां चली गई तुम
मेरे दिल को इस कदर तोड़कर
कहां चली गई तुम।।
2
दिल उसने जो तोड़ दिया मुर्शीद
खुश वो भी नहीं रहेगा अब।।
3
इश्क़ अधूरा रह गया पूरा ना हुआ
दिल टूट गया और दर्द भी ना हुआ
रहते थे जिसके इंतज़ार मै हम हमेशा
वो कभी हमारा ना हुआ।।
4
आजकल वो गेरो से बात करता है
मेरी हर जगह बुराई करता है
धोका दिया था उसने मुझे
वो मुझे खुद रुसवा करता है।।
5
रातों को अब नींद नहीं आती
दिन में भी चैन कहां रहता है
भूख प्यास नहीं लगती
अब मुझे होश कहा रहता है।।
6
वफ़ा ने मुझे ऐसा सितम दिया है
करके मुझे रुसवा गम दिया है
महफ़िल अब मेरे किसी काम की नहीं
मेरे महबूब ने मुझे दर्द दिया है।।
7
मुझे अब कुछ अच्छा नहीं लगता
उसके बिना कुछ सच्चा नहीं लगता
वो गई है जब से मुझे छोड़कर
मेरा दिल अब कहीं ओर नहीं लगता।।
8
रातों में अकेला मकान मै घूमता हुआ
तुमको ही पाता हूं, हर वक्त तेरी याद में समा जाता हूं
गम इतना है क्या बताऊं मै किसी को
मै नींदों मै भी आंसू बहाता हूं।।
9
तेरा इंतज़ार ही रहा अब मेरे पास
तू भी नही रहा अब मेरे पास
अब बता क्या करू मै, मेरी जां
कोई नहीं रहा अब मेरे पास।।
10
जब भी तेरी याद आती है
आंखो से अशक बह जाते है
मै रो पड़ता है जब मुझे
पुराने किस्से याद आते है।।
11
एक रात है जो हमसे गुजारी नहीं जाती
ओर पूरी जिंदगी हमसे तुम्हारे बिना काटी नहीं जाती।।
12
जिस गली से गुजरू तेरी ही याद आती है
तेरी झलक हर जगह दिखाई दे जाती है।।
13
तेरा यू बहाने बनाकर
मुझसे बात ना करना भी याद आता है
रो पड़ता है मै जब वो जमाना याद आता है।।
14
मै लड़का बहुत सख्त था
पर उस जाते हुए देख रोने लगा।।
15
अब तो ये दिन भी दिन नहीं लगता
रात उदास है चांद मै नुर नहीं लगता
यू ही बीत जाती है सारी राते
मै कभी खुद से अब खुश नहीं लगता।।
16
अंधेरा किसको कहते है ये बस जुगनू समझता है
दर्द किसे कहते है ये बस आशिक़ समझता है
रात को क्या पता रोशनी क्या होती है
दर्द को सिर्फ महखना समझता है।।
17
तेरी यादें भुलाई नहीं जाती
दिल से ये निकाली नहीं जाती
मै क्या करू अब तुम ही बताओ
ये दर्द की प्याली अब भरी नहीं जाती।।
18
मै रोकता रहा उसे उसने मेरी एक ना सुनी
जा रही हूं कहकर मेरी बात ना सुनी
रोता रहा मै उससे बिछड़कर
उसने मेरी आवाज तक ना सुनी।।
19
उसने कहा जा रही हूं मै
मैने भी उसे नहीं रोका
रो दोनों रहे थे हम
पर हमने एक दूसरे को नहीं टोका।।
20
मुझसे बिछड़कर खुश है वो
मुझे भी अब उसकी फिक्र नहीं
क्या करूंगा उसको देखकर मै
जब उसे मेरी जरुरत नहीं।।
21
हर जगह तो तेरी यादें है
इनसे भागकर कहां जाऊंगा
पर अब तू पास नहीं मेरे
तेरे गले कैसे लग पाऊंगा।।
22
जो लिखा रहा तकदीर मै वो हो गया
गम से मेरा तकल्लुफ सौदा हो गया
नहीं सोचा था मैने जो सपने में भी
उस हकीकत से मेरा सामना हो गया।।
23
क्या करू कुछ समझ नहीं आता
गम है मेरे ये बता नहीं पता
किसी के सामने रोने से क्या मुर्शीद
जब मेरे महबूब को मेरा ख्याल नहीं आता।।
25
ये जिंदगी हम जी नहीं रहे
हम इसे काट रहे है
तेरे बिना ए महबूब
हम पत्थरों से गम बांट रहे हैं।।
26
रातों को ख्याल तेरा नींद ही नहीं आती
सुबह तक मुझे कोई दूसरी याद नहीं आती
हर पल तो रहता है तू मेरे दिल मै
ये तेरी याद अब चली क्यों नहीं जाती।।
27
जी तो रहे है मगर जिया नहीं जाता
हमसे तो अब मरा भी नहीं जाता
दुनिया वाले से रहे है ताने मुझे
मुझसे अब ये दर्द सहा भी नहीं जाता।।
28
तुमसे प्यार करके है गुनाह कर दिया
मैने तुझे अपना कहकर खुद को बेगुनाह कर दिया
किसे दोष दू अब तेरी बेवफ़ाई का
जब मेरे सनम ने ही मुझे रुसवा कर दिया।।
29
कितने दिनों से नहीं सोया हूं
नींद कहा से आयगी
जब तक नहीं है मेरे पास
मुझे तेरी याद सताएगी।।
30
टूट चुका है दिल का दरवाजा
अब कोई दस्तक ना देना
कोई नहीं रहता अब यहां मुर्शीद
तुम मुझे अब बेवफा ना कहना।।
31
हर गम भुला सकता हूं मै
पर तुझे नहीं भुलाया जाता
क्या करू मै ए हमसफ़र
तेरा ख्याल मेरे जहन से नहीं जाता।।
32
क्या हुआ जो तुम चली गई
हम तन्हाई मै ही रह लेंगे
पल पल मर कर जिंदा है हम
पर कोई बात नहीं हम एक दो जाम पी लेंगे।।
33
हर जगह तेरा साया है जो मेरा पीछा नहीं छोड़ता
जहा जाता है मेरा साथ नहीं छोड़ता
बहुत कोशिश कि मैने तेरी यादों से भागने की
पर कमबख्त तेरी यादों को जकिरा पीछा नहीं छोड़ता।।
34
कभी साथ बैठे थे हम वो जमाना भी याद है
कभी हंसकर गले लगा लिया था तुमने
वो एहसास भी याद है, पर चली गई तुम जिस दिन
वो जख्म मुझे आज भी याद है।।
35
क्या करू कहां जाऊं जहां तेरी याद ना आए
तू ही बता दे कोई जगह ए हमसफर
जहां मुझे मौत ना आए।।
36
किसी की रिश्तेदारी नहीं है हमसे
हम अब बेगाने हो गए
दुनिया के लिए हम अब कुछ नहीं
हम सबके लिए पराए हो गए।।
37
तेरे लिए सबसे लड़ गया मै
हर गम हंसते हुए सह गया मै
आज तू ही साथ नहीं मेरे
जिसके लिए रेट सा डह गया मै।।
38
खुद की पसंद पर अब सवाल क्या करना
जो छोड़ गया तू मुझे तो बवाल क्या करना
मै भी रह लूंगा अब इन यादों के साथ
अब आंख ने आंसुओ से सवाल क्या करना।।
39
हर जगह जाकर देख लिया
दर्द भुलाकर देख लिया
मै भूल नहीं सकता उसको
मैने हर जतन आजमा कर देख लिया
अब कोई रास्ता नहीं बचा मेरे पास
मैने महखाने भी जाकर देख लिया।।
40
वो ठंड भरी राते याद आती है
वो चाय को चुस्की याद आती है
डरकर तेरा अंधेरे से मेरी
बांहों मै सिमटना याद आता है
रो पड़ता है मै उस वक्त
जब मुझे बिछड़ा जमाना याद आता है
41
जाम भी पी लिया दर्द मै भी रह लिया
किसी से कुछ असर ना हुआ
मै भूखा भी रह लिया
अब नहीं बचा मेरे अंदर प्यार
मै बिना दिल के जमाने में रह लिया।।
42
हम भी तेरी तरह तुझे भुला पाते
तो कितना अच्छा होता
ये गम की राते ओर आंसुओ का समा ना होता।।
43
जैसे मै रोया हूं तू भी रोएगा
मेरी तरह दर्द तुझे भी होएगा
रह लेगा तू मेरे बिन पता है मुझे
पर इस दर्द को एहसान तुझे भी होएगा।।
44
एक ओर रात निकल गई मै सोया नहीं
मै हर रोज की तरह आज रोया नहीं
कैस बताऊं मै तुम्हे मुर्शीद
मै आज गम भुलाकर सोया नहीं।।
45
तेरी दहलीज से होकर जो रास्ता मुझ तक आता है
वो मेरे दिल से अब बाहर जाता है
जा आजाद किया मैने तुझे
अब तू मुझे नहीं भाता है।।
46
अब तो मंजिलों को भी पता नहीं
हम कहा जाएंगे
तेरे बिना जमाने मै हम कहां ठोकर खाएंगे
तू नहीं है पास मेरे हमदम
हम अब जीते जी मर जाएंगे।।
47
जी तो रहा हूं मै पर जिंदा लाश बन चुका हूं
अब मै नहीं रहा किसी का मै याद बन चुका है
आऊंगा किसी रोज तेरे सपने मै
मै अब बारिश कि बूंद बन चुका हूं।।
48
मेरे शहर मै आज बरसात बहुत हो रही है
शायद कोई रोया होगा
किसी ने टूटकर चाहा होगा किसी को
आज वो जी भर के रोया होगा।।
49
अब तो आंसू भी नहीं आते मेरे
वो भी सुख चुके है
गम के साथ कैसे जिया जाते है
वो अब ये कला सीख चुके है।।
50
हर तरफ तो ना तो ऐसा दर्द जो आज है
अब कोई अच्छा नहीं लगता ये जो कल आज है
रह रहा हूं अब भी तेरे बिना ही मै
गम के सागर को पी रहा है तेरे बिना ही मै।।
51
मैने ही नहीं किया था गुनाह प्यार करने का
उसने भी हां मिलाई थी, दर्द देकर भी वो गई
जिसने साथ निभाने की कसमे खाई थी।।
52
मैने नहीं किया था इज़हार
वो ही मेरे पास आई थी
जब करने लगा मै उससे मोहब्बत
वो ही मुझसे दूर भाग आई थी।।
53
अब तो किस्मत यही है, मै रोता रहूं
गम के ये घूंट यू ही पीता रहूं
क्या कर लेगा अब कोई मेरा
मै ये जाम यूं ही पीता रहूं।।
54
अब कहा मिलता है सुकून मुझे
अब तो गम की रात मिलती है
क्या कहा तुमने खुश है मै
हा मुझे अब आंसू की बरसात मिलती है।।
55
जमाने ने भी प्यार का मजाक बना दिया
जो नहीं रोता था कभी उसे रुला दिया
प्यार किया था मैने जिस कदर तूझे
मुझे सबने उस तरह ही ठुकरा दिया।।
56
अब लोग पागल कहकर मुझे पत्थर मारते है
हमसफर मेरा कहा है अब मुझे लोग जहर से मारते है
कसूर उनका भी नहीं है ए मुर्शीद
उसने भी समझ था पागल मुझे इसलिए सब मारते है।।
57
पता नहीं था एक दिन ये भी आएगा
मै रोऊंगा यहां तू वहां खुशियां मनाएगा
मुझे नहीं पता था ये मुक्कदर आएगा
किस्मत का लिखा हुआ हर पल मुझे सताएगा।।
58
तू भी कर ले सितम ए सितामगार
अब तू मुझे कितना रुलाएगा
सबने दिल दु:खा दिया मेरा
तू अब ओर कितना दु:खा पाएगा।।
59
ना कुछ कहना है ना अब इस दुनिया मै रहना है
मुझे जाना है उस घर जहां दर्द का ना पहरा है
थक चुका हूं अब मै इस गम भरे दरिए से
ले चलो मुझे अब जहां नया सवेरा है।।
60
जमाना कहता रहेगा दर्द देता रहेगा
किस्मत है मेरे ये सब दिल सहता रहेगा
जब तू ही नहीं रहा मेरे पास
तो ये तकलीफ किसी हमसफर
ये दिल अब हमेशा रोता रहेगा।।
61
एक तेरी यादों का ही सहारा था
वो भी दर्द देती है
हर पल आती है तेरी याद मुझे
अब ये दिल की डायरी भी जख्म देती है।।
62
अब तो अल्फ़ाज़ नहीं बचे दर्द लिखने को
क्या लिख सकता हूं मै, तेरे जाने के बाद
कैसे रह सकता हूं मैं, मर नहीं सकता इस कदर
पर जी भी नहीं सकता है मै।।
63
हर तरफ जो आलम है वो होकर रहेगा
दिल था जो मेरा वो अब टूटकर रहेगा
बहुत रोऊंगा मै आज ए सनम
आज फिर तेरी यादों का सवेरा होएगा।।
64
लिख भी दूंगा कलम से दर्द, कम नहीं हो जाएगा
कितना भी सह लू मै इसे, आधा नहीं हो जाएगा
किस्मत से कैसे लड़ सकता हूं मै
ये तकदीर-ए-हया है मेरी, इससे कैसे बच पाऊंगा।।
65
हर मुश्किल मै तुम आ जाते थे
आज भी आ जाओ ना
आवाज देता हूं तुम्हे मै
तुम फिर से चले आओ ना
मत तड़पाओ मुझे इतना ए सनम
तुम एक बार फिर लौट आओ ना।।
66
लिख दूंगा तुम्हे किसी बदले एहसास की तरह
रो लूंगा आज जी भरकर बरसात की तरह
पर तुम मुझे अब कभी याद नहीं आओगी
मेरे गम की सजा तुम भी पाओगी।।
67
दूर हूं तुझसे मै क्यों इस कदर आज
बार बार यही ख्याल आता है
क्या ग़लती थी मेरी ए मुर्शीद
जो गम हर बार मेरे घर आता है।।
68
बदल ले अब तो रास्ते दर्द मेरी तकदीर से
बहुत सह चुका हूं मै उसके जाने का गम अब भूल चुका हूं मै
फिर भी कहीं से एक याद उसकी आ जाती है
मेरे सारे मरे जख्मों को फिर से जिंदा कर जाती है।।
69
जी तो सब रहे है यहां मगर
पर हर कोई जिंदा थोड़े है
इश्क़ किया है सबने यहां
मगर हर कोई परिंदा थोड़े है
जो उड़ जाएगा आसमां मै गम
यह कोई हवा का झोंका थोड़े है।।
70
मैने भी कहा है अब सबको
मुझसे थोड़ा दूर चला करे
टूटा हुआ कांच हूं अब मै
मुझसे सब बचकर चला करे
दिल नहीं है अब मेरे अंदर
सब थोड़ा अब मुझसे संभलकर चला करे।।
71
कैसे मान लूं मै तुम्हे मुझसे प्यार नहीं था
मेरी बातो का तुम्हे ऐतबार नहीं था
इश्क़ किया था तुमने भी मुझे
या फिर तुम्हे कभी प्यार नहीं था।।
72
जाना ही था तो पहले चली जाती
इतना दर्द ना होता
हर जगह दिखाई देती है अब तुम
यूं उम्मीदों के मरने का मातम ना होता।।
73
मै भी अब उम्मीदों का मातम मना लिया करता हूं
टूटे हुए दिल को अब संभाल लिया करता हूं
जिसने गम दिया मुझको इस कदर
मै अब उसे भुला दिया करता हूं।।
74
तू क्या समझ पाएगा मेरे प्यार को
मेरी किस्मत मै लिखे इंतज़ार को
खुशियां तो चली गई मेरी कब की
पर मैने छोड़ नहीं तेरे इंतज़ार को
कभी तो आएगा तू मालूम है मुझे
मैने छोड़ नहीं आज भी उस घर की दीवार को।।
75
लिख दिया था मैने तुझे प्यार बनाकर अपनी किस्मत मै
पर अब वो दर्द बनकर छाया है
ये किस जन्म का दु:ख है मेरे मौला
जो आज मेरे हिस्से मै आया है।।
76
रोया था मै उसकी तस्वीर से इस कदर लिपटकर
जैसे कोई बच्चा रोता है अपनी मां से लिपटकर
जाते हुए उसने एक वक्त भी नहीं देखा मुझे
टूटकर बिखर गया था मै उसी वक्त जमी पर।।
77
कितना सहेगा अब ये दिल भी
एक दिन टूट ही जाएगा
कोई गम नहीं था मेरे हिस्से मै
अब हर रोज घर आएगा।।
78
दस्तक देती है उसकी यादे मेरे दिल पर
वो अब नहीं आती
मै कितना भी बहा लू अब आंसू
मेरी जां मुझे चुप कराने नहीं आती।।
79
उसने तो कहा था मुझे
मै उसकी जिंदगी का हिस्सा हूं
मै ना रहूंगा वो मर जाएगी
फिर कैसे चली गई वो मुझे छोड़कर
अब उसकी यांदे मेरे घर से कैसे जाएगी।।
80
वो आई थी शायद कुछ बाकी रह गया था
कोई दर्द था जो छूट गया था
कुछ खत थे जो वापस कर दिए उसने
मुझे रुसवा कर सबके सामने जला दिए उसने।।
81
मेरे प्यार की तो कद्र करती
तूने मुझे क्यू ऐसा कहा था
मेरी जां थी ना तू तो
फिर तूने मुझे क्यू बेवफा कहा था।।
82
अब क्या फायदा मुर्शीद
वो अब नहीं आएगी
वो जा चुकी है अब तेरी दुनिया से
अब केवल उसकी याद आएगी।।
83
आ जाती लौट कर वो तो कितना अच्छा होता
मै कुछ पल ओर जी लेता कितना अच्छा होता
पर अब उसके सिवा यहां कोई नहीं है
जिंदगी है मेरे पास पर उसमें अब जान नहीं है।।
84
अभी तो लिखा था मैने अफसाना तेरी मोहब्बत का
तूने इतनी जल्दी साथ छोड़ दिया
मैने कब कहा तू मेरे पास रहना हमेशा
पर तूने मुझे इस कदर मरता छोड़ दिया।।
85
मिली थी आज वो मुझे
मेरी आंखो मै भी दर्द था
उसकी नजरें झुकी हुई थी मेरे सामने
उसकी बांहों मै कोई नया सनम था।।
86
मेरी बर्बादी का तमाशा भी दुनिया ने देख लिया
मुझे रुसवा कर जमाने मै मेरे महबूब ने मेरा दर्द देख लिया
अब क्या बाकी रहा उस दुनिया मै
मैने मेरे हमसफ़र को किसी ओर की बाहों में देख लिया।।
87
जहां जाता है हर जगह तू चली आती है
तेरी याद साया बनकर मुझे सताती है
तू क्यू नहीं चली जाती मेरे जिंदगी से
क्या मेरी कमी भी तुझे इस कदर सताती है।।
88
मुझे नहीं पता था गम क्या होता है
हमदम नहीं रहता संग मेरे अब
राहों में फूल क्या होता है
दर्द ही रहता है अब मेरे पास
मुझे नहीं पता खुशी का आलम क्या होता है।।
89
मैने तो चाहा था तुम्हे किसी चकोर की तरह
तुम ही चली गई छोड़कर बरसात की तरह
मुझे गम दे गई हर मौसम की तरह
रोना भी है अब किसी बेहरहम की तरह।।
89
ये मेरा गम है जो लिख रहा हूं मै मुर्शीद
लोगो को क्या पता वो बस वाह वाह कर रहे है।।
90
मेरी शायरी की सब तारीफ करते है
मेरे गम को कोई नही जानता
हंसता हूं मै सबके सामने
मगर मेरा दर्द कोई नहीं जानता।।
91
अब तो अकेला ही रो लिया करता हूं
हम जाम पी लिया करता हूं
मोहब्बत की है मैने यारो
मै रातों को अब सड़को पर सो लिया करता हुए।।
92
गम भुलाने के लिए मैने क्या नहीं किया
ऐसा कौन सा जाम था जो मैने नहीं पिया
तू ही तो जन्नत थी मेरी ए जां
बता मैने तुझे कब प्यार नहीं किया।।
93
तुझे किसी बंदगी की तरह मांगा था मैने
पर क्या करता मै, किसी संगदिल कि तरह माना था मैने
जाना जरूरी था क्या तुम्हारा
तुम्हे अपना हमसफर माना था मैने।।
94
जब दर्द हद से बढ जाएगा
पता नहीं मै कहा जाएगा
किस तरह संभालूंगा खुद को
मेरे खुदा भी मुझे कैसे बचाएगा।।
95
हर जाम तो पिया है
गम का इनाम थी लिया है
फिर डर किस बात को मुर्शीद
उसने मेरा नाम तो लिया है।।
96
अब लौटकर ना आना कभी
मै तुम्हारा नहीं रहा
जो मरता था कभी तुम पर
वो दिल अब तुम्हारा नहीं रहा।।
97
तेरी यादों से भागकर कहां जाऊं मै
हर जगह तेरे कदमों के निशान बाकी है
छुआ था तूने मुझे जहां – जहां
उन यादों के किस्से अभी बाकी है।।
98
मेरे लब तो मुस्कुराना ही भूल गए
गया जो तू, ये तो तराना ही भूल गए
अब नहीं रहा मै तेरा सनम
तेरे दिल तक आने का हम रास्ता भूल गए।।
99
मैने लिखी थी जो आखिरी चिट्ठी उसे
उसका भी जवाब नहीं आया
फटा हुआ मिले मुझे खत बहार
मेरा वो प्यार भी उसे रास नहीं आया।।
100
इंतज़ार लिखा था मैने सदियों का
उसका एक कॉल तक ना आया
मै करता राहा उसके मेसेज का इंतज़ार
उसका कोई जवाब ना आया।।
101
रात से सवेरा हो गया
आंखो का भी बसेरा हो गया
चार दिन से नहीं सोया मै
इश्क़ मै मुझे बुखार हो गया।।
102
अब दर्द की इंतहा हो चुकी है
हम कहां जाएंगे
तू अगर नहीं आओगी ए जां
हम अब मर जाएंगे।।
103
लिखा था तुम्हे मैने आखिरी पन्ने पर दुबारा
पर उस पर भी आंसू गिर गया
स्याही फैल गई पन्ने पर
मेरा दर्द फिर से आंखो से छलक गया।।
104
जमाने से आदत कैसी हो गई
कोई ले तेरा नाम अगर नफरत कैसी हो गई
दर्द तो रहता था ना दिल मै
अब ये बाहर रोने की जुर्रत किस की हो गई
105
जिंदगी ही तो थी चल है रही थी
पर अब धीमी हो गई
एक के चले जाने से अब ये
बेअसर हो गई।।
106
ना दिन कटता है ना रात कटती है
चांद से बाते होती है अब
ना मेरी हिज़्र की रात कटती है
चांदनी नहीं है अब मेरे पास
बिना नूर ही ये रात कटती है।।
107
अब ना पूछा कर हाल तुम हमसे हमारा
हम कुछ बता नहीं सकते
जी तो रहे है हम तुम्हे पता है
पर अपना दर्द किसी को बता नहीं सकते।।
108
हर गम मै शरीक अगर तू ना होता
फिर तू मेरा हमसफर भी ना होता
गर नहीं देता तू दर्द मुझे
तो तू आज मेरा गुनहगार नहीं होता।।
109
खुशियां पूछती है पता मेरा
कैसे बताऊं अब वो शख्स यहां नहीं रहता।।
110
हर किसी ने मुंह फेर लिया मुझसे
जब से तुम गई हो
मै नहीं रहता अब पुराने पत्ते है
जब से तुम दिल से गई हो।।
111
खत ना लेकर आना अब तुम मेरे महबूब का
वो मुझसे पराया हो गया
दर्द देकर मुझे जमाने भर का
वो मुझसे अलग दूर नदारद हो गया।।
112
दिल से निकलने के बाद भी
वो मुझे इतना याद आता है
मुझे देकर हर तकलीफ़
वो मुझे इतना क्यु सताता है।।
113
ठुकराए हुए लोगो से मोहब्बत नहीं कि जाती
जाने वाले से हमदर्दी नहीं की जाती
अब चला गया जो उसका क्या रोना रोऊ
उसके जाने से मेरी जिंदगी नहीं जाती।।
114
कहने को बहुत कुछ था मेरे पास पर तुम सुन नहीं पाई
मैने कहा तुम्हे रुक जाओ तुम रुक नहीं पाई
मेरे प्यार को मारकर ठोकर तुमने
मेरे दिल से भी की है बेवफ़ाई।।
115
अब तो रहा नहीं जाता उसके बिना
दर्द बहुत बढ़ गया है
हर तकलीफ़ मेरे पास है अब
उसके जाने से गम ओर बढ़ गया है।।
116
रुक जाती तो कितना अच्छा होता
तुमसे कुछ ओर बाते कर लेता
वो आखिरी मुलाकात हमारी थी
तुमसे कुछ प्यार भारी बाते कर लेता।।
117
आज भी रोता है दिल, पर आवाज नहीं होती
जख्मों पर अब वो बात नहीं होती
मेरे हाथ मै गुलाब देखकर सब सोचते है मै खुश हूं
पर कोई नहीं जानता….
मेरे लिए कभी दिन तो कभी रात नहीं होती।।
118
तुम तो नहीं आओगी पता है मुझे
अब अकेले ही रहना होगा
ये जो दिन रात का समय है
सब कुछ अकेले ही सहना होगा।।
119
मै भी अब रोने लगी हूं
खुद से बाते करने लगी हूं
कोई नहीं अब सुनने वाला
मै रातों को अब जागने लगी हूं।।
120
मै तुम्हारी परछाई हूं हर जगह दिखाई दूंगा
जहां मिलेगी तन्हाई वहां सुनाई दूंगा
साथ नहीं हूं अब पता है मुझे
पर भूल नहीं पाओगी सपने मै भी दिखाई दूंगी।।
121
हमें पूछो क्या होता है
बिना तेरे यूं जिए जाना
तकलीफ़ होती है इस कदर मुझे
बिना दिल के जैसे जिए जाना।।
122
अब कोई अंत नहीं इस तकलीफ़ का
कुछ हो नहीं सकता मैने देखा है
हर मंजर तबाही का इस कदर
मै अब चाहकर भी खुश हो नहीं सकता।।
123
अब मै तुझे देखना भी नहीं चाहता
तुझे सुनना भी नहीं चाहता
दी है जो तकलीफ़ तुमने
मै अब उस गम को भूलना भी नहीं चाहता।।
124
जब देखा था मैने तुम्हे तो सोचा नहीं था
इस कदर तबाही का मंजर आएगा
रोऊंगा मै इस कदर जी भरकर
मेरे गमों का इस कदर समंदर आएगा।।
125
मुझे देख कर अब वो आंखे फेरता है
मिलता है तो कुछ नहीं बोलता है
गमों में क्या मै ही रहता हूं
वो भी मेरे सामने कभी कभी रो पड़ता है।।
126
मुझे तेरा मिलना याद आता है
बिन बात के झगड़ना याद आता है
तेरी वो बातो मै प्यार आता है
तेरे लफ्जो मै कहा वो जानू याद आता है
रोता हूं हर वक्त मै जब मुझे वो जमाना याद आता है।।
127
तुमने तो कहा था लौट आओगी
पर तुम आई नही
बैठा रहा मै तेरे इंतज़ार मै हर वक्त
पर तेरी एक याद भी आईं नहीं।।
128
लिखा था तुझे मैने अपनी कहानियों में
मेरे लफ्जो मै मेरी दीवानियो मै
हर जगह ढूंढा था मैंने तुम्हें
मेरे किस्से कहानियों मै।।
129
हमारे मिलने के वो दिन याद आते है
गुजरे हुए वो पल याद आते है
रातों मै अब नींद कहां है
मुझे तेरे वो प्यारे किस्से याद आते है।।
130
घर जलता रहा हमारा हम कुछ ना कर सके
यादें मै जल गए हम पर कुछ कह ना सके
कुछ था ही नहीं हमारे पास खोने को
हम तो तेरी ख़ामोशी से डर गए।।
131
अब ज्या करे कुछ समझ नहीं आता
मेरी जां अब तेरा वो खत नहीं आता
सुख चुके है मेरे आंसू अब
मुझे अब रोना नहीं आता।।
132
मैने तो कुछ कहा नहीं वो बिन बोले ही समझ गई
मेरी बातों मै वो इस कदर खो गई
मै रोकता रहा उस पर वो
कुछ बोले बिना ही वो मुझसे दूर हो गई।।
133
नफरत बढ़ गई है इस क़दर
की अब चाहतों का दौर नहीं है
वो रूठ गई है मुझसे
अब प्यार का का वो दौर नहीं है।।
135
वो हमसे आजकल कम मिला करते है
मिलते है तो नजरें चुराया करते है
इतनी भी क्या बेदर्दी ए जां
वो मिलकर हमसे अब दूर जाया करते है।।
136
लाख होते है पास मगर
इंतज़ार उसी का रहता है।।
137
सुनाने वाले सुनाते रहे प्यार की दास्तां
राहगीर गुजरते गए हसंते हुए
दर्द बहुत था मेरे दिल मै
पर लोग सुनते गए हसंते हुए।।
138
उनका कुछ गया नहीं मुर्शीद
ओर हमारा कुछ नहीं बचा।।
139
हर पन्ना तेरे नाम से रंग दिया
मेरी डायरी से पूछ इश्क़ किसे कहते है
तू जां है मेरी, यू मत जा मुझे छोड़कर
मेरे दिल से पूछ मोहब्बत किसे कहते है।।
140
अगर आदत लग जाए किसी की
तो फिर नींद भी अपनी नहीं होती।।
141
अब तू मेरा रहा नहीं
फिर तुझे खोने का डर कैसा।।
142
तेरे जाने के बाद इतने गम मिल रहे है
अब तेरे जाने का गम नहीं रहा
मै कैसे बताऊं तुम्हे की
अब तेरे दिल का मै हिस्सा ना रहा।।
143
ज़ी तो रहा हूं मै अब
मगर जिंदा थोड़ी हूं।।
144
छोड़ दिया हमने भी उनको
जो अब हमसे राब्ता नहीं रखते
दिल तोड़कर हमारा वो
अब हमसे कोई उम्मीद नहीं रखते।।
145
सोचा था तुम्हे सारी खुशियां दूंगा
तुम्हे पलको पर बिठाकर रखूंगा
पर तुम उस लायक नहीं थी
गई जिस तरह तुम मेरे दिल
तुम वहां रहने के लायक नहीं थी।।
146
मान लिया मै बुरा हु
क्या कहा तुम अच्छी हो
इतना भी मजाक क्या करना।।
147
दिल भी उसक हो गया
जो हर किसी का हो जाता है।।
148
तेरा तो कुछ था ही नहीं तो गया क्या
मेरा तो दिल तो को अब टूट गया।।
149
अब आजाद करता हु तुम्हे हर रिश्ते से
मुझे अब कुछ नहीं कहना
रहो तुम कहीं भी
मुझे अब कुछ ओर नहीं सहना।।
150
तेरी यादें भी अब तेरी तरह जा रही है
एक दिन तुम्हे भी भूल जाऊंगा
दर्द दिया है जो तुमने मुझे
एक दिन तुम्हे मै जरूर याद आऊंगा।।
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