गुरु पर कविता | Guru Poem in Hindi

नमस्कार दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम आपके साथ गुरु पर कविता शेयर करने वाले है जिसको पढ़कर आपको अपने गुरूजी पर नाज होगा| गुरु हमारे लिए कोई भगवान से कम नहीं होते है|

वो हमको शिक्षा देते है और अच्छे और बुरे के बारे में जानकारी देते है| दोस्तों आज आप ये सभी कविता को जरुर पढ़े आपको बहुत अच्छा लगेगा| तो चलिए दोस्तों सीधे पोस्ट को स्टार्ट करते है|

गुरु पर कविता

Guru Poem in Hindi

Guru-par-kavita

 

1. गुरु बिना संसार नहीं

गुरु बिना संसार नहीं
जीवन का आधार नहीं
गुरु से मिलती शिक्षा हमको
गुरु के बिना जीवन का सार नहीं।।

गुरु में बसते हैं भगवान
गुरुवर का करते हैं हम सम्मान
गुरु दक्षिणा देते हैं उनको
गुरु से पाते हम वरदान।।

गुरु पूर्णिमा पर करते पूजा
गुरु जैसा ना कोई दूजा
गुरु के चरणो मे संसार
गुरुवर की महिमा है अपार।।

जीवन का अंधकार हर लेते
ज्ञान से परिपूर्ण कर देते
शिक्षा का देते वरदान
गुरुवर होते है सबसे महान।।

2. गुरु पर कविता

गुरु के ज्ञान से उद्धार हुआ
गुरु की महिमा से ही कल्याण हुआ
ऊंच-नीच का भेद मिटा
जीवन सफल साकार हुआ।।

आदर्श मिले संस्कार मिले
जीवन रूपी अमूल्य सुझाव मिले
गुरु के चरणों में स्थान मिला
जीवन निष्कपट निश्चल मिला।।

प्रेम दया का भाव मिला
मानवता का पाठ मिला
हर मुश्किल का हल मिला
उपदेशों से जीवन को करुण सफल संघर्ष मिला।।

गुरु की महिमा है अपार
गुरुजी के बिना जीवन बेकार
गुरु ही होता है भगवान
जीवन का संपूर्ण आधार
गुरु का मान रखना हम सबका अधिकार
गुरु बिना ज्ञान मिले कहां
गुरु की महिमा पूर्ण अपार।।

3. गुरुवर को प्रणाम

जीवन की जो राह दिखाएं,
हमारे में भी दीप जलाए,
सही गलत का भेद बताए,
ऐसे गुरुवर को प्रणाम,
जीवन जीना हमको सिखाते,
जब भी डूबे नाव हमारी,
वो हमें मझधार से बचाते,
जीवन रूपी पथ पर,
अग्रसर होना हमें सिखाते,
कठिनाइयों से लड़ना सिखाते,
जीवन को सफल बनाते,
भाईचारे से रहना सिखाते,
ऐसे गुरुवर को प्रणाम,
आओ हम सब मिलकर करें,
गुरु पूर्णिमा पर इनका सम्मान।।

4. राष्ट्र की नींव

जब जन्म लिया तो मां को देखा, सीखे कुछ संस्कार,
पर गुरुवर ने दिया उन संस्कारो को आधार,
गुरू शिष्य की परंपरा को निभाया,
गलत किया तो मुझको समझाया,
प्यार से हर पाठ पढ़ाया,
सब को एक समान बताया,
ऊंच नीच का भेद मिटाया,
बुलंदियों के शिखर पर पहुंचाया,
बड़ों का मान करना सिखाया,
परिपूर्ण किया मुझको शिक्षा से,
जीवन का मर्म समझाया,
असत्य पर चलना ना कभी,
सत्य अहिंसा का पाठ पढ़ाया,
देश से ना करना गद्दारी,
देशभक्ति का महत्व बताया,
गुरु ने हमको आत्म ज्ञान से परिचित करवाया,
जब भी गए अंधेरे में हम,
उजाले का मार्ग दिखलाया,
हाथ पकड़कर हमारा,
पढ़ना लिखना हमें सिखाया,
ऐसा होता है गुरु जिसने यह संसार बनाया।।

5. गुरु के रूप अनेक

कभी गुस्से में डांटते, कभी प्यार से बातें बतलाते
गुरु के होते हैं रूप अनेक, यह हम सबको सिखलाते हैं।।

किस्से कहानियों में भी शिक्षा देते, शिक्षाप्रद बातें बताते
परिवार की कमी ना महसूस होने देते कभी, इतना बच्चों से वह प्यार जताते।।

कभी मारते कभी पीटते, कभी प्यार से गले लगाते
जीवन के हर उद्देश्य को, भली भांति वो समझाते।।

ज्ञान, ध्यान, शील, विवेक, हर चीज का महत्व बताते
गुस्सा ना वह कभी करते, सूरज के जैसे चमकना सिखाते।।

बिना स्वार्थ के ज्ञान वो देते, शिक्षा का अधिकार वो देते
हर बच्चे को जीवन का, अमूल्य ज्ञान अधिकार वो देते।।

किसी को ना रखते शिक्षा से वंचित, हर बच्चे को प्यार देते
जीवन में आगे बढ़ने का, हर एक वह संस्कार देते।।

आपकी और दोस्तों

तो दोस्तों ये था गुरु पर कविता, हम उम्मीद करते है की इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपके मन में अपने गुरु के लिए और भी ज्यादा सम्मान होने लगेगा|

दोस्तों हम चाहते है की आप इस पोस्ट को अधिक से अधिक लोगो तक शेयर करे ताकि लोगो को अपने गुरु के प्रति सम्मान बढ़ पाए धन्येवाद दोस्तों|

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