Father Poem in Hindi | पिता पर कविता

Father Poem in Hindi: हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम आपके साथ पिता पर कविता शेयर करने वाले है जिसको पढ़कर आपको बहुत अच्छा लगेगा. दोस्तों हमारे पिताजी हमारे लिए बहुत कुछ करते है.  आज जो कविता हम आपके साथ शेयर करेंगे उसको पढ़कर आपको पिता की एहमियत पता चलेगी.

हमारे माता पिता हमारे लिए किसी भगवान से कम नहीं होते है. तो चलिए दोस्तों बिना कोई टाइम बर्बाद करते हुए सीधे इन कविताओं को पढ़ते है.

Father Poem in Hindi

पिता पर कविता

Father-poem-in-hindi

 

1. पापा क्या होते है

पिता घर का वो स्तंभ होता है
बाहर से कठोर तो अंदर से नरम होता है
खुद कम खा लेता है पर बच्चों को दे देता है
उनके गम लेकर खुशियां उनको दे देता है।।

खुद की परवाह नहीं करते
दिन भर काम भी वह करते हैं
अपने बच्चों की खुशी के लिए
मजदूरी सरेआम भी करते हैं।।

बच्चों से वह प्यार भी करते, बिटिया उनकी रानी होती है
उनके पास कुछ नहीं, फिर भी बच्चों को लाकर देते हैं
खुद फटी शर्ट में रह लेते, बेटे को बाइक लाकर देते हैं।।

खुद धूप में जलते हैं, पर बच्चों पर आंच ना आने देते हैं
ऐसे होते हैं पापा, सम्मान ना खोने देते हैं।।

2. पापा है तो सब कुछ है

पापा के बिना कुछ अच्छा नहीं लगता है
वह घर की सुरक्षा कवच होते हैं
उम्मीदों की डोर, रिश्तो का दामन होते हैं
सपनों की चाबी, खुशियों की अलमारी होते हैं।।

पापा जैसे राजा, बच्चे उनके राजकुमार होते हैं
पापा मन को पढ़ने वाले,
कभी गुस्सा तो कभी शांत होते हैं।।

हंसना सिखाते हैं वह हमें,
मुश्किलों से लड़ना सिखाते हैं
हर मुश्किल आसान डगर पर चलना सिखाते हैं।।

राहों में कहीं भटक ना जाए,
जीवन का महत्व समझाते हैं
उम्मीदों की किरण धुंधली
हो जाने पर नया मार्ग बतलाते हैं।।

अपने जीवन के कड़वे सत्यो का
अनुभव हमको करवाते हैं
कभी उठाते कंधे पर, कभी गोद में सुलाते हैं।।

मां होती ममता की मूरत
तो पिता भी प्यार की खान होते हैं
पापा हम सबकी जान होते हैं।।

3. मेरे प्यारे पापा

सबसे प्यारे होते पापा
खुशियों की सौगात पापा
कभी मारते कभी डांटते
प्यार भी बहुत करते हैं पापा।।

सारी ख्वाहिश पूरी करते
सब का बोझ उठाते पापा
घर की जिम्मेदारी को भी
अच्छे से निभाते पापा।।

सारे दु:ख चुपचाप सहते
कभी ने शिकायत करते
पापा कैसी भी मुश्किल आए
डटकर सामना करते पापा।।

बच्चों की ज़िद को पूरी करते
खुद ना कभी कुछ लेते पापा
एक-एक पैसा जोड़कर
बच्चों को पढ़ाते पापा।।

4. बचपन ( पिता पर कविता)

बचपन से लेकर बड़े होने तक
हर ख्वाहिश को पूरी करते हैं पापा
उंगली पकड़कर चलना सिखाया
कभी ना थकते रुकते हैं पापा।।

राह भटकने पर सही मार्ग भी दिखाते है पापा
जीवन में आत्म सम्मान से जीना भी सिखाते हैं पापा।।

मां की ममता छांव होती, तो सर पर आसमान होते हैं पापा
कभी चोट लगती बच्चों को, तो अकेले में रो पड़ते हैं पापा।।

कभी लाते हैं खिलौने कभी दिलाते कपड़े पापा
बड़े हो जाने पर भी उतना ही प्यार जताते हैं पापा।।

बच्चों को कुछ करता देख खुशी से फूले नहीं समाते पापा
उनकी खुशियों की चिंता कर सारे दु:ख सह जाते पापा।।

घर का गौरव और अभिमान ऐसे होते हैं प्यारे पापा।।

5. बेटी की पिता पर कविता

तेरी उंगली को पकड़कर चलना सीखा
तेरे प्यार की छांव में पलना सीखा
कंधे पर तुमने झूला भी झुलाया
सही गलत का महत्व समझाया।।

सब ने मुझको नाम दिया पर, पापा ने सम्मान दिया
समाज से लड़कर पहचान दिलाई
पढ़ा लिखा कर नाम किया
मेरी बिटिया अफसर बनेगी
गर्व से मेरा नाम लिया।।

रोने लग जाती कभी तो प्यार से तुमने संभाला मुझको
मम्मी की डांट से भी बचाया
रानी बिटिया कहकर प्यार भी जताया
स्कूल जाने जाने लगी
सही गलत का पाठ भी पढ़ाया।।

जब बड़ी हुई मैं शादी के लायक
लड़का ढूंढ मेरा ब्याह कराया
वह घर भी अब तेरा है जीवन का सार समझाया
विदाई के वक्त अकेले ही रो लिए
प्यार से मुझको गले लगाया।।

पर पापा में भी आपका सम्मान रखूंगी
आपका ना हो अपमान ऐसा ना कोई काम करूंगी।।

6. पिता भगवान होते है

पिता भगवान होते हैं
घर का मान होते हैं
मां जन्म देती है तो
पिता पहचान होते हैं।।

घर देर से आते हैं तो
चिंता वह भी करते हैं
प्यार जताना नहीं आता उनको
गले लगाना नहीं आता उनको
पर सबसे ज्यादा प्यार भी बच्चों से वो ही करते हैं।।

समाज से लड़ते हैं
घर का खर्च चलाते हैं
मेहनत हो मजदूरी हो सारी जिम्मेदारी निभाते हैं
हर वक्त रहते हैं साथ साया बनकर
धूप में छांव तो सर्दी में धूप बनकर।।

होली हो दिवाली हो
चाहे हो कोई सा भी त्यौहार
सबकी जरूरतों का ख्याल रखते
ले आते हैं सारे उपहार।।

7. बूढ़े पिता ( short poem)

जब बाप बूढ़ा हो जाता है
तो बच्चों की आंखों में चुभ जाता है
उसका थोड़ा सा डांटना भी उनको बुरा लग जाता है
बात न मानते उनकी कोई
उनका प्यार भी झूठा लगने लग जाता है।।

जिसने बोलना सिखाया उसको चुप करवाते हैं
घर से बाहर निकालकर ममता का मोल चुकाते हैं
फिर भी कुछ नहीं कहता है वो
बच्चों की खुशी के खातिर सब कुछ सहता है वो।।

आंसुओं को पी कर घुट- घुट कर जीता है वो
उसका कोई सहारा नहीं फिर भी तुम्हारा सहारा होता है वो।

8. आप क्यू चले गए (sad poem)

पिता के चले जाने पर खुशियों का दामन सूना हो गया
उम्मीद बिखरकर टूटी, वक्त धीमा हो गया।।

हौसला देने वाला ना रहा अब कोई
सर से छत छीन गई, आसमान सूना हो गया
पिता के चले जाने से, यह दुख दर्द दूर दुना हो गया
ढूंढती है निगाहें पर, साया नही दिखता
पिता का अक्ष दिखता है, पर पिता नहीं दिखता।।

जैसे परछाई ने छोड़ा साथ
जीवन में अंधेरा हो गया
पापा के चले जाने से
यह घर सूना हो गया।।

ना डांट रही ना वो प्यार रहा
ना वो उम्मीदों का संसार रहा
ना वो अधिकार रहा ना वो सम्मान रहा
पापा के बिना कहा वो मान रहा।।

खुशियों का ना साथ रहा
ना पिता का सर पर हाथ रहा।।

9. बेटे की पिता पर कविता

पापा आप के मान को कभी ठेस नहीं पहुंचाऊंगा
दिए हैं जो संस्कार उन्हें में निभाऊंगा
हर उम्मीद पर खरा उतरूंगा
आपके लिए कुछ भी कर जाऊंगा।।

आपके सपने पूरा करूंगा
अपना फर्ज निभाऊंगा
कर्तव्य पथ पर अडिग रहूंगा
नाम आपका कर जाऊंगा
शीश झुके आपका कभी काम ना वो कर पाऊंगा।।

पापा से है पहचान मेरी यह सब को बतलाऊंगा
किया है जो संघर्ष आपने
उसका मान बढ़ाऊंगा
आपके सपने पूरा करूंगा कुछ भी कर जाऊंगा।।

मर्जी मानूंगा आपकी हौसला आपका बढ़ाऊंगा
बुढ़ापे में सहारा बनूंगा
बेटा बनकर दिखलाऊंगा।।

काम करूंगा, नाम करूंगा जग मैं पहचान बनाऊंगा
पहचाना जाऊं आपके नाम से यह सम्मान भी पाऊंगा।।

10. पापा पर कविता (sad poem)

कंधे पर बैठाकर शहर घुमा दो ना पापा
आप कहां चले गए आ जाओ ना पापा
सब मुझे डांटते हैं इनकी डांट से बचाओ ना पापा
मैं बहुत अकेली हूं आ जाओ ना पापा।।

मैं आपकी बिटिया रानी थी
एक बार कहो ना पापा
फिर से एक बार गले लगाओ ना पापा
आपकी उंगली पकड़कर चलना सीखा
अब ऐसे हाथ ना छुड़ाओ ना पापा।।

कुल्फी खाना, संग खेलना, मस्ती करना
यादों का था वो खजाना
वह सब एक बार फिर से लोटाओ ना पापा
वापस आ जाओ ना पापा।।

सहारा नहीं है कोई मेरा
फिर से सर पर हाथ फेरो ना पापा
हौसला टूट रहा है मेरा, हिम्मत मेरी बढ़ाओ ना पापा
यादों में ही रहोगे अब, असलियत में आ जाओ ना पापा।।

11. पिता का प्यार

पिता से रिश्ता अलग सा होता है
कह नहीं पाते है वो पर प्यार बहुत होता है
चोट लगे बच्चो को तो दर्द पिता को होता है।।

लड़ जाए बच्चों के लिए
मन में आदर वो प्यार होता है
पिता रखता है हर जरूरत का ख्याल
बिन बोले समझ जाता है दिल का हाल
ला कर देता है वो चीजें
जिससे मन हो जाता है खुशहाल।।

खुद दर्द सह लेता
बच्चों को देता मोटर, बाइक, कार
मुसीबतों से लड़ता है
बनाता है एक प्यारा घर संसार
खुशी से रहते हैं सब पड़ता है प्रेम अपार।।

12. पापा होते है बहुत प्यारे

जब सो रहे थे तो सर पर हाथ फिरा रहे थे पापा
सुबह उठे तो काम पर जा रहे थे पापा
गलत राह जाने पर, सही रास्ता दिखा रहे थे पापा
अपने गम भुलाकर सबको खुशी दे रहे थे पापा।।

हाथ पकड़कर चलना सिखा रहे थे पापा
गिरते हैं तो उठ कर संभाल रहे थे पापा
ज्ञान की बातों के साथ
संस्कार भी सिखा रहे थे पापा
सपनों का मतलब, और उम्मीदों को समझा रहे थे पापा।।

घर से बाहर जाकर रातों को कमा रहे थे पापा
ठिठुरती ठंड में भी मजदूरी कर रहे थे पापा
खुद को बेचकर भी हमारे सपने खरीद रहे थे पापा।।

13. पिता का स्नहे

पिता का स्नहे सागर सा होता है
कुछ बूंदी नहीं विशाल होता है
आत्मविश्वास से भरा उनका प्यार होता है
जीवन रूपी नाव आधार होता है।।

वात्सल्य प्रेम का समागम होता है
डांट ओर मार का संगम होता है
भला ही चाहते हैं वह बच्चों का
गुस्सा करने का अधिकार होता है।।

नाराज हो जाते हैं कभी तो मना लेते हैं
प्रेम का स्नेह अपार होता है
पापा जैसा प्यार कहां मिलता है
स्नेह से भरा उनका दुलार होता है।।

14. पिता का अभिमान

जब हम कहीं जाते हैं
वो गर्व से हमे मिलवाते हैं
यह मेरे बेटा- बेटी
कहकर परिचय करवाते हैं।।

जब स्कूल में फर्स्ट आते हैं, प्रतियोगिता जीत जाते हैं
पापा तब भी खुशी से फूले नहीं समाते हैं
गर्व करते हैं वह हम पर
आशीर्वाद दे जाते हैं।।

हम इसी तरह से उनका नाम करें
वह गर्व करें हम सम्मान करें
उनके जीवन की पूर्ण सारी अभिलाषाएं काम करे।।

हर दिन होता है पिता का
फादर्स डे पर ही ना उनका सम्मान करें
जीवन में वह काम करें पिता का ऊंचा नाम करें
आशीर्वाद लेकर पिता का जीवन में सब कुछ काम करें।।

15. पापा है सम्मान हमारा

पिता की गरीबी पर कभी शर्म मत करना
बड़े हो जाओ तो खुद का अपमान महसूस ना करना
जहां पिता का सम्मान ना हो वहां पांव ना धरना।।

जिस मुकाम पर तुम हो, उस पर कभी घमंड ना करना
उस नहीं पढ़ाया लिखाया
खून पसीने की कमाई को बदनाम ना करना
तुम पापा का कभी अपमान ना करना।।

धूमिल हो जाए जब दृष्टि
उनकी लाठी बनना
बुढ़ापे का सहारा, उम्मीदों का हौसला बनना
तुम कभी पिता का अपमान न करना।।

आपकी और दोस्तों:

तो दोस्तों ये था पिता पर कविता ( Father poem in hindi ), हम उम्मीद करते है की आपको ये सभी पोएम पसंद आये होंगे. यदि हां तो हमारे इस पोस्ट को लाइक जरुर करे और अपने दोस्तों के साथ भी सोशल मीडिया साइट्स पर जरुर शेयर करे|

आपको हमारी ये पोएम किसी लगी उसके बारे में भी हमारे साथ कमेंट में शेयर करे. जब तक आप हमारी दूसरी पोस्ट को पढ़े धन्येवाद दोस्तों.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *