80+ लड़कियों और लड़कों के लिए बहुत दर्द भरी शायरी | BF GF के लिए गम भरी शायरी

dard bhari shayari

1
लोगो के पास बहुत कुछ होता है जीने को
मेरे पास तेरे सिवा कोई और ना था
तुझसे ही किया था इश्क बेपनाह
तेरे अलावा कोई और मेरा सहारा न था
जब तू ना रही मेरे पास ए मेरी “जां”
तो मुझसे ज्यादा कोई बेसहारा न था।।

2
इश्क में लम्हा लम्हा बहुत तड़पा हूं मै
हर दर्द की इंतहा से गुजरा हूं मै
हर रात बेदर्द थी मेरी, हर शाम रोया हूं मै
आंखो मे ना था पानी मेरे
खून मे आंसू रोया हूं मै।।

3
कभी जो वक्त तेरे साथ गुजारा था वो याद आता है
लम्हों का बीता हुआ, संसार याद आता है
तेरी यादें इस कदर तड़पाती है मुझे हर रात
तेरे संग बिताए हर वो हंसी लम्हा याद आता है।।

4
इस दर्द की इंतहा हो गई मुर्शीद
अब मुझे कोई और गम लाकर दो
जो चला गया महबूब मेरा मुझसे दूर
कोई मुझे उसकी खबर लाकर दो।।

5
बीत जाने के बाद हर कोई याद आता है
गुजरा हुआ वक्त भी हमे सताता है
जब वो थी तो कद्र नहीं थी उसकी
आज उसके संग बिताया हर पल याद आता है।।

6
कभी जो आओ मेरे घर तो उसकी खबर लेते आना
वो मुझसे अब बात नहीं करता
जान छिड़कता था जो कभी मुझपर
अब वो कभी मुलाकात नहीं करता।।

7
तूने ही सिखाया था मुझे मोहब्बत करना
फिर क्यों दे दिया मुझे ये आंसू का झरना
हर रात मरता हूं मै इस कदर
जैसे जिंदा लाश देख रही हो कोई सपना।।

8
तू तो कहा करता था, साथ रहेगा मेरे हमेशा
फिर हमसफर तूने धोका क्यों दे दिया
करके मुझसे दगा तूने
मुझे गम का पता क्यों दे दिया।।

9
अब कहा आया करती है नींद मुझे
अब तो मै हर रात जागा करता हूं
मेरी जो बर्बादी हुई है
उसका जश्न मनाया करता हूं।।

10
शराब पीकर गम भूलना चाहा
पर मै तुझे फिर भी भूल नहीं पाया
तू थी मेरे बहुत करीब मेरी “जां”
फिर भी मै तुझे जाने से रोक ना पाया।।

11
मुलाकातें अक्सर बदल जाया करती हैं
दोस्ती प्यार में बदल जाया करती है
पर जब मिलता है दर्द मोहब्बत में बेशुमार
तो अच्छे-अच्छों की आंखें नीर बहाया करती हैं।।

12
अब पत्थर बन चुका हूं मैं
मुझे किसी के जाने से फर्क नहीं पड़ता
हां रोया करता था मैं रातों को बहुत
पर अब मेरी आंखों से आंसू नहीं गिरता।।

13
बेवजह थी मोहब्बत तुझसे,बेइंतहा इश्क किया था
हर गम मेरा भूलकर भी, मैंने तेरा साथ दिया था
कोई नहीं था तेरे साथ,तब मैंने तुझे अपना हाथ दिया था
फिर भी तुम क्यू चली गई मुझे इस कदर अकेला छोड़कर
मेरी “जां” मैंने तो सिर्फ तुझे प्यार किया था।।

14
हमें पूछो क्या होता है, मोहब्बत में दूर जाना
आंखों से हर समय आंसू बहाना
रोना पड़ता है, हर पल उसकी याद में
जिंदगी का हर लम्हा उसके बिन बिताना।।

15
ये इश्क आसान नहीं होता,
सबके लिए एक जैसा नहीं होता
किसी को मिलती है खुशियां हजार
तू किसी को मिलता है गमो से भरा संसार।।

16
करके तुझे प्यार मैंने कोई गलती नहीं की थी
तू चली गई तो कसूर तेरा भी नहीं
शायद मैने ही तुझे अधूरी खुशियां दी थी
तुझे यकीन ही नहीं था मेरे प्यार पर
इसीलिए तूने मुझे खुद से दूर रहने की बद्दुआ दी थी।।

17
अब मिल भी जाए मुझे यह दौलत और शोहरत
अब मेरे यह किसी काम की नहीं होगी
दुनिया से नाता कबका तोड़ चुका हूं मैं
अब किसी की हमदर्दी भी मेरे काम की नहीं होगी।।

18
वह भी एक दौर था, जब मुझे तुझसे मोहब्बत थी
हर और तेरी यादें, और मेरी आशिकी की मोहब्बत थी
पर मुझे क्या पता था यह दिन भी आएगा
जिससे किया था बेपनाह इश्क
वो ही मुझे इस कदर रुलाएगा।।

19
अब तो हवाओं से भी मेरी दुश्मनी रहती है
क्योंकि वो तेरा पैगाम ले आती हैं
तेरी हर चीज से नफरत है मुझे अब
क्योंकि वो हर समय तेरी याद ले आती है।।

20
जिंदगी में एक शख्स मिला था काम का
जिसे मैंने अपने दिल का हाल बताया था
पर वो भी निकला उन सब जैसा ही
जिन्होंने मुझे बेहाल बताया था।।

21
हमसफर अक्सर साथ छोड़ जाया करता है
कहानियों में अपनी याद छोड़ जाया करता है
पर वह लम्हे ही होते हैं बड़े हसीन
वह गुजरे वक्त का एहसास छोड़ जाता है।।

22
लोग अक्सर कहानियों में हमसफर तलाशते हैं
पर मैंने तुझमें अपनी जिंदगी देखी थी
इश्क ही नहीं किया था मैंने तुझसे
मैंने तुझ में अपनी पूरी दुनिया देखी थी।।

23
आग जो जल रही है मेरे सीने मे
वो इस कदर जल्दी ही रहेगी
कोई साथ रहे या ना रहे मेरे
ये तन्हाई हमेशा मेरे साथ रहेगी।।

24
बीते हुए लम्हें जब भी लौट कर आते हैं
मुझे बहुत ही बेदर्दी से तड़पाते हैं
टूटे हुए दिल के हर कोने से एक ही आवाज आती है
तेरे नाम की सरगोशियां मेरे कानों में सुनाई दे जाती है।।

25
हम तो क्या ही लिख पाएंगे तेरे लिए
जो तू देकर चली गई वही पन्नों में उतार रहे हैं
जो यह दर्द बढ़ गया है हमारे जीवन में
उसी का बोझ कलम के जरिए उतार रहे हैं।।

26
जो भी मौसम आता है, सबके लिए खुशियां लाता है
पर मेरे लिए हर मौसम, दर्द की सौगात लाता है
किसी से भी नहीं मिलता हूं मैं आजकल
हर कोई मेरी बदहाली पर मेरा मजाक उड़ाता है।।

27
जो सफर तेरे साथ शुरू हुआ था
वो तुझ पर ही खत्म हो गया
मेरी जिंदगी का सबसे हसीन लम्हा भी
तेरी यादों में ही खो गया।।

28
जब मिलेगा ही नहीं दर्द मुझे
तो फिर वह मोहब्बत किस काम की
जब याद ही नहीं आएगी मुझे मेरे महबूब की
वो बेपनाह चाहते मेरे किस काम की।।

29
अक्सर तुझे रातों में भी सोचा करता हूं मे
तेरे संग जिंदगी के हसीन लम्हे बिताया करता हूं मैं
तू नहीं है आज मेरे साथ तो क्या हुआ
तेरी यादों का सिरहाना बनाकर सोया करता हूं मैं।।

30
जब भी कोई मुझसे पूछता है कोई तेरे बारे में
हंसकर उसे बता दिया करता हूं
मेरी तकलीफ क्या है अब किसी के सामने
सबको अपने जख्म दिखा दिया करता हूं।।

31
दिल टूटा है मेरा भी, तभी इतना कठोर हो गया हूं मैं
क्या कहा तुमने बहुत खुश रहता हूं
अब यह नाटक करते करते थक गया हूं।।

32
जिंदगी तो बस हम जीने के लिए गुजार रहे हैं
मर तो चुके हैं हम कब के,,
हम तो बस सदियों का बोझ उतार रहे हैं
दिए थे जो जख्म कभी उसने
हम तो बस उसी की फसल काट रहे हैं।।

33
भूल भी जाऊंगा दर्द को अगर तो क्या होगा
गम है ये मेरा टूट कर आधा तो नहीं हो सकता
और जब तू मेरा ना हुआ ए सनम
तो तू किसी और का भी नहीं हो सकता।।

34
मेरी बर्बादी को मैंने इस कदर खुद लिखा है
खुद से ज्यादा किसी और को प्यार किया है
तभी तो मिली है, ये दर्द की सौगात मुझे
क्योंकि मैंने किसी से बेपनाह इश्क किया है।।

35
कौन कहता है कि इश्क आसान होता है
कभी आग का दरिया, तो कभी समंदर होता है
कभी रहता है गम बेशुमार
तो कभी उजाले में भी अंधेरा होता है।।

36
मैं नहीं जाया करता हूं अब रोशनी में
वो मेरे किसी काम की नहीं
जब तुम ही ना रही मेरी जिंदगी में
तो यह मेरी यह हंसी किसी काम की नहीं।।

37
अब मैं नहीं रहा करता हूं खुश
मेरी शामे उदास ही होती हैं
हर वक्त छाया रहता है अंधेरा मेरी जिंदगी में
हर लम्हा गम की बरसात होती है।।

38
तुमसे किए हुए सारे वादे तो निभाए थे मैंने
फिर मेरे प्यार में क्या कमी रह गई
तुमने क्यों दे दिया मुझे इतना गम
मेरे इश्क में कौन सी अधूरी ख्वाहिश रह गई।।

39
तेरा जाना तो हम बर्दाश्त कर भी लेते
पर तूने किसी और के लिए मुझे छोड़ दिया
हमारा जो अटूट रिश्ता था प्यार का
तूने किसी अनजान के लिए वो तोड़ दिया।।

40
तेरा गैरों से हंस कर यूं बातें करना
मुझे बहुत तकलीफ देता है
तू नहीं करती थी प्यार मुझसे पता है
पर सबके सामने मेरे प्यार का यूं मजाक उड़ाना
मुझे बहुत तकलीफ देता है।।

41
जी तो रहे है यहां सब
मगर हर कोई जिंदा नहीं है
कुछ लोग ऐसे भी हैं इस जहां में मेरे यारो
जो अपनी करतूतों पर शर्मिंदा नहीं है।।

42
गम की रातें अब काटे नहीं कटती
तेरी कमी हर वक्त मुझे सताती है
जब भी सोता हूं मैं रातों में
तेरी वह मीठी बातें मुझे रुलाती है।।

43
दिन तो कट ही जाता है जैसे तैसे मेरा
पर यह कमबख्त रात ही नहीं कटती
सोता ही कहां हूं आजकल में
भूख प्यास नहीं लगती
सबको पता है तेरी खैरियत
एक मुझे ही तेरी खबर नहीं लगती।।

44
कहानियों के जब किरदार बदल जाते हैं
प्यार करने वाले किसी और के साथ नजर आते हैं
दर्द देता है उनका यू बेवफाई कर जाना
उनकी बीती यादों के वो हसीन किससे याद आते हैं।।

45
क्या खबर थी हमें जिस तरह टूट कर बिखर जाएंगे
इश्क किया था हमने,सोचा था हम संवर जाएंगे
पर जो सोचा था उसका उल्टा ही हुआ
हमें क्या पता था हम गमगीन रातों का हिस्सा बन जाएंगे।।

46
मैंने जला दिए अब तेरे सारे खत
मुझे अब कोई भी बुरी याद नहीं रखनी
दिला दे मुझे तेरे प्यार की याद
मुझे अब वह कोई निशानी नहीं रखनी।।

47
एक वक्त वह भी था मेरी “जां”
जब तू मेरी छोटी सी चोट से परेशान हो जाया करती थी
लगाकर मुझे सीने से, प्यार से डाटा करती थी
पर अब मेरा रोना भी तुझे तकलीफ नहीं देता
तू हंस कर बातें करती है अब गेरो से
तुझे अब मेरा कोई ख्याल नहीं रहता।।

48
मैंने तुझे अपने ख्यालों से कभी जुदा नहीं किया
तू दूर रही हो मुझसे मगर,
मैने कभी किसी और से प्यार नहीं किया
तेरे हिस्से का प्यार हमेशा संभाल कर रखा मैंने
मेरे दिल ने कभी किसी और पर ऐतबार नहीं किया।।

49
तेरी तस्वीर को लगाकर हम सीने से सो जाया करते हैं
जब तन्हाई होती है पास हमारे
तेरी वो पुरानी आवाज सुन लिया करते हैं
जिसमें किया था तूने प्यार का इजहार
वह पुराना खत हम पढ़ लिया करते हैं।।

50
जब भी शाम को घूमने जाता हूं कहीं
रस्ते पर तेरे संग चलना वो याद आता है
वो तेरा खिलखिला कर हंसना
वो तेरा गले से लग जाना याद आता है।।

51
खुद के आंसू अब मैं खुद पोंछ लिया करता हूं
अब मुझे किसी के सहारे की जरूरत नहीं है
टूट कर बिखर चुका हूं मैं तो कबका ही
अब मुझे तुम्हारी भी जरूरत नहीं है।।

52
गुस्से में कह तो दिया था मैंने तुमसे कि चली जाओ
पर तुमने भी एक बार पीछे मुड़कर नहीं देखा
मै करता रहा इंतजार तुम्हारा उसी रास्ते पर
तुमने कभी वापस उस जगह आकर नहीं देखा।।

53
जैसा तुम छोड़ कर गई थी मुझे
आज भी मैं वैसा ही हूं
बदला नहीं है कुछ भी मेरे अंदर
बस मैं अब हंसता नहीं हूं।।

54
तुझसे ही जुड़ी हुई थी खुशियां मेरी
अब तो मेरे पास कुछ भी ना रहा
जिंदगी के बहुत से मंजर देखे थे मैंने
पर इससे दर्द भरा कोई समंदर ना रहा।।

55
याद है मुझे आज भी वो दिन
जब तुम मुझसे आखिरी बार मिलने आई थी
मैं रो रहा था अपनी तकदीर पर
तुम मुझे छोड़ जाने का फैसला सुनाने आई थी।।

56
किसी को बताकर अपनी तकलीफ
मुझे फायदा भी क्या हो जाएगा
जब रहा ही नहीं कोई अब मेरा
तो मुझे कौन सा अब हमदर्द मिल जाएगा।।

57
हमसफर था तू मेरी जिंदगी का
मैंने तुझे अपना साथी माना था
कोई नहीं था तेरे पास भी
जब मैंने तुझे अपना माना था।।

58
क्यों भूल जाता हूं मैं ये बात
जो तुमने ही मुझे बताई थी
कोई नहीं रहता हमेशा साथ
यह बात तुमने ही सिखाई थी।।

59
मैं तेरे संग तेरे हर दुख में खड़ी रहा
तू मेरी खुशी में भी शामिल ना हुआ
मैंने तो दिया था तेरा हरदम साथ
तू एक पल भी मेरे साथ ना खड़ा रहा।।

60
आवाज नहीं आती इस दिल की
ये यूंही टूट जाया करता है
जख्म नहीं भरते हैं पुराने कभी भी
नासूर बन हमेशा जलाया करता है।।

61
मेरी तकदीर ही ऐसी लिखी है उस लिखने वाले ने
कभी मुझे खुशियां नसीब नहीं होगी
मैंने देखे थे जो सपने, तेरे साथ हसीन
वह ख्वाब भरी रातें कभी सच नहीं होगी।।

62
तू तो अब किसी और की हो गई है
मेरी अमानत कहां रह गई है
तू तो जिक्र करती है अब किसी और का ही
तेरे दिल में मेरी जगह कहां रह गई है।।

63
मैं अक्सर रूठ जाया करता था उससे
वो भी मुझे प्यार मना लिया करती थी
जब मैं नहीं खाता था खाना
वो मुझे अपने हाथों से खिला दिया करती थी।।

64
कहां तक लिख पाऊंगा अपने दर्द को
एक दिन तो थक ही जाऊंगा
नींद नहीं आएगी रातों में जब मुझे
मैं कभी ना उठने वाली नींद सो जाऊंगा।।

65
अब कोई ना पूछा करो मेरा हाल
मेरा अब कोई ना रहा
कहने को तो सारे रिश्ते हैं मेरे पास
पर अब मेरा सनम मेरे साथ ना रहा।।

66
एक वक्त एक दौर वो भी आएगा
जब हर ओर से मुझे मारा जाएगा
मेरा हमदर्द नहीं होगा जब साथ मेरे
मुझे हर जगह आजमाया जाएगा।।

67
मेरी और गम की अब दोस्ती हो गई है
वो मुझे छोड़कर नहीं जाया करता
अब रह लेता हूं मैं उसके बगैर भी
अब यह दर्द मुझे नहीं सताया करता।।

68
बहुत मिला है दर्द मुझे ,बहुत मै सह चुका हूं
अब मुझमें कुछ बचा ही नहीं
मैं अपना दिल कब का खो चुका हूं
रोया तो बहुत हूं मैं रातों में
पर अब मैं जिंदा लाश हो चुका हूं।।

69
क्या कहा था तूने तू मेरे सिवा किसी और को नहीं चाहती
पर आज भी तू उससे बात करती है
मेरे प्यार को देखकर धोखा अपनी चालाकी से
उसके साथ हंसी रात करती है।।

70
तुझे मैं बेवफा भी नहीं कह सकता
क्योंकि मैंने तुझे प्यार किया था
मैंने तेरा हर जन्म में इंतजार किया था
पर आप जब तू बदल गई है
मेरे प्यार का कोई मतलब ना रहा
ए सनम अब तू भी पहले जैसा मेरा ना रहा।।

71
इंतजार की भी अब हद हो चुकी है
मेरे दर्द की अब इंतहा हो चुकी है
तू तो आएगी नहीं कभी, पता है मुझे
तेरे बिना मेरी जिंदगी कब की बंजर हो चुकी है।।

72
लड़का बहुत सख्त था मै
पहली बार रोया था तेरे जाने के बाद
तू तो सो जाती होगी चैन से
मुझे तो नींद भी नसीब नहीं होती थी तेरे जाने के बाद।।

73
हिना बेदर्द हवाओं से कहो मेरा रास्ता छोड़ दें
मेरी जिंदगी तो अब पहले ही पतझड़ हो चुकी है
जिंदगी से नाता बचा है मेरा थोड़ा बहुत
कहीं अब ये वह भी ना तोड़ दें।।

74
मेरा दर्द कोई नहीं समझ सकता
मैं तेरे बिना जी नहीं सकता
कहने को तो हर चीज है मेरे पास
पर मैं तेरे बिना रह नहीं सकता।।

75
कुछ नहीं चाहिए था मुझे, कभी तेरे सिवा
एक तुझे ही मैंने रब से हर अरदास में मांगा था
तेरे लिए ही रखे थे सारे व्रत मैंने
तेरी खुशियों का वरदान भगवान से मांगा था।।

76
मैं नहीं करता अब किसी से मोहब्बत
ना ही किसी से बात करता हूं
रहते नहीं जो लोग मेरे साथ
मैं ना उनके लिए अपनी शामे उदास करता हूं।।

77
लोग कहते हैं मुझे कि वक्त के साथ बदल जाऊं मैं
पर उन्हें कैसे समझाऊं तू ही मेरा वक्त था
जब तू ही नहीं रहा महफिल में मेरी
तो मेरे लिए कोई भी लम्हा खास नहीं था।।

78
आज भी उदासी छा जाती है मेरे दिल में
जब भी तेरा वह जाना याद आता है
इस कदर रुला देता है मुझे खून के आंसू
जब तेरे संग वो गुजरा जमाना याद आता है।।

79
मैं क्या कहूं और क्या लिखूं तेरे बारे में
तू मेरी हर खुशी का हिस्सा थी
मान लिया तुझे मोहब्बत नहीं थी मुझसे
पर तू मेरे लिए मेरी सच्ची इबादत थी।।

80
कोई पूछे आकर हमसे
तो बताएं उसे दिल का हाल
वरना यह जिंदगी तो कट ही रही है
जैसे-जैसे हो रहा है सवेरा
मेरी जिंदगी अब घट रही है।।

81
मैं करता रहा मौत की गुजारिश खुदा से
सुन ली उसने भी मेरी फरियाद एक दिन
पर जब आयी मौत मुझे लेने मेरे घर
तो छोड़ दिया मुझे उसने भी,
जिंदा ना समझ कर।।

82
कुछ पल ही गुजारे थे उसने साथ मेरे
पर वो ही मेरी जिंदगी के सबसे हसीन पल थे
मेरी किस्मत में तो अब रोना ही लिखा है
पर वो पल मेरे लिए खुशियों के पल थे।।

83
इस जमाने से लेकर उस जमाने तक की
सारी खुशियां तेरे लिए खरीद लाया था
फिर किस बात की कमी थी तुझे
मैं तेरे लिए तो सब कुछ छोड़ आया था।।

84
मेरी बेपनाह मोहब्बत से ज्यादा
तुझे किसी गेर पर यकीन हो गया
तेरे वादे भी रहे, तेरी तरह ही खोखले
कल तुझे जो मुझसे था
वो तुझे आज उससे हो गया।।

85
तेरे सिवा अब नहीं रहता इंतजार किसी का
बारिश की बूंदों में भी इंतजार नहीं रहता सावन का
मेरे लिए तो सर्दी गर्मी कुछ भी नहीं
अब मुझे इंतजार नहीं रहता खुशियों का।।

86
दिन रात का अब कोई फासला ना रहा
मेरा भी तुझसे अब कोई वास्ता ना रहा
चल जा आजाद किया तुझे मेरे प्यार से
जब तुझे मुझसे प्यार ही ना रहा।।

87
अब क्या हो जाएगा इन बातो से मुर्शीद
जाने वाला अब वापस नहीं आ सकता
जो चला गया उससे क्या करू इल्तज़ा मै
जब उसका साया भी वापस आ नहीं सकता।।

88
गुजार दूंगा मै ये जिंदगी अब तेरा ही नाम लेकर
अब ये गम तो हिस्सा बन चुका है मेरा
इसे भी कर दूंगा मै फना
अब तेरा नाम लेकर।।

89
सोचा था तुम चलो आओगी
मै संभल ही जाऊंगा
पर मुझे क्या पता था
की मै इस कदर टूट जाऊंगा।।

90
मुझे तो लगा था प्यार था उसको
पर मै तो वक्त निकालने का जरिया था
सोचा था जिसे मैने अपनी जिंदगी
वो तो मेरे लिए एक धोखा था।।

91
मै तो उसे बस काम पड़ने पर ही याद आता हूं
इश्क नहीं करती वो मुझसे यारों
कोई तो बता दो मुझे मेरी ग़लती
जो वो अब मुझसे नहीं मिलती यारों।।

92
कब तक करे हम इंतजार तेरे आने का
शायद ये रात गुजार जाएगी
और तेरे आने से पहले
मेरे पास मेरी मौत आ जाएगी।।

93
खुद को ही तकलीफ देता हूं मै अब
खुद पर ही गुस्सा निकाल लेता हूं
कोई क्या समझाएगा मुझे
मै तो खुद को ही थप्पड़ मार लेता हूं।।

94
सच कहते है लोग इश्क मै पागल हो जाते है
खुद करते है प्यार उससे, फिर खुद पछताते है
रखकर अपनी जान उसके पास गिरवी
अपनी मोहब्बत पर बड़ा इतराते है।।

95
मै एक जरिया बन गया
किसी के लिए वक्त बन गया
मै तो था ही नहीं कभी किसी की जिन्दगी
अब मै सबके लिए बस मौत बन गया।।

96
कभी मिला ही नहीं था मुझे मेरे हिस्से का प्यार
फिर उस बेवफा से उम्मीद भी क्या करता
वो तो हंस- हंस कर जी रही थी वहां
मै खुद के मरने का मातम क्यों करता।।

97
सुनाते रह गए हम हमारे इश्क की अधूरी दांस्ता
पर कोई सुन नहीं पाया
सब बोल पड़े बीच मै ही की
तुझ जैसा इश्क आज तक कोई कर नहीं पाया।।

98
क्या दर्द ओर क्या तकलीफ
अब ये कोई मायने नहीं रखती
महुसुस नहीं होती ये अब मुझको
मेरे लिए मेरे खुशी भी अब कोई मायने नहीं रखती।।

99
अंदर से मर चुका हूं मै
पर बाहर से हंसकर जिया करता हूं
दुनिया वालो को क्या पता
मै छुप छुप कर रोया करता हूं।।

100
किसी को कोई मतलब नहीं मुझसे
सब अपनी जिन्दगी मै खुश रहा करते है
जो लोग नहीं थे मेरे
वो अब मुझसे दूर रहा करते है।।

101
ना किसी से दोस्ती ना किसी से गम रहा
ना मेरे लिए कोई प्यार, ना हमसफर रहा
सब चले गए मुझे छोड़कर
अब सिर्फ काली रातों का साया रहा।।

102
बेचैन दिल है मेरा आज
कुछ तबीयत खराब सी लग रही है
पता करो हकीम से मुझे हुआ क्या है
बीमारी है या मुझे उसकी तलब लग रही है।।

103
जो मेरी एक चीख सुनकर दौडी चली आती थी
वो आज मेरे बुलाने पर भी नहीं आ रही है
हमदर्दी तो दूर की बात है मुर्शीद
वो तो मुझसे नज़रे भी चुरा रही है।।

104
कब तक होगी दर्द की मुलाकात मुझसे
मै भी देखता हूं, कोई मिले या ना मिले मुझे
मै भी तेरा प्यार आजमा कर देखता हूं
रो तो बहुत लिया हूं रातों को मै
अब खुदा से फरियाद करके देखता हूं।।

105
जब ख्वाबों मै भी तूझसे बिछड़ जाया करता था
नींद मै भी अपने आंसू बहाया करता था
हर पल तेरी ही फिक्र रहती थी मुझे
मै तुझे जब सीने से लगाया करता था।।

106
मेरी बर्बादी का किस्सा अब आम बात हो गया
मै किसी के लिए इश्क मै फना हो गया
पर वो ना रह सका मेरा बनकर
मेरे यारों मै तो मोहब्बत मै कब का बार बर्बाद हो गया।।

107
हर पल ऐसे गुजर रहा है जैसे सदियों का इंतजार हो
उसके बिना तो कहां अब दिन ओर रात हो
मै तो सोचा करता था भूल जाऊंगा उसे
पर क्या पता था, उसके बिना दर्द की बरसात हो।।

108
जितना खेल खेलना है, ए जिंदगी
तू भी खेल सकती है
मै तो अब रहा नहीं हूं जिंदा
तू मेरी मौत से भी खेल सकती है।।

109
पता नहीं चलता राते गुजर जाया करती है
ये हिज़्र की राते कट जाया करती है
उनके बिना जहां चैन नहीं होता था एक पल का भी
आज सदिया गुजर जाया करती है।।

110
लिख दिए दिल के जज्बात, अहसास की कलम से
किसी को यकीन ना हुआ, मै करता रहा सच्चा इश्क उससे
उसी को यकीन ना हुआ, दुनिया ने तो मारे मुझे पत्थर
मेरे सनम को भी मुझ पर ऐतबार ना हुआ।।

111
जब हम कभी तेरी यादों से लिपट जाया करते है
अपनी आंखो से नीर बहाया करते थे
तू याद करे या करे हमे
हम तेरी तस्वीर को भी सीने से लगाए करते है।।

112
जहां से पाया मैने तेरा अधूरा हिस्सा
उसे संभालकर कर रख लिया
इश्क किया था, जो तूने थोड़ा बहुत
मैने उसे दिल मै बसाकर रख लिया।।

113
मेरी यादों के हिस्से मै खार आया करते है
तेरे लिए हम बार हद से गुजर जाया करते है
पर अब को तू ही नहीं रहा सनम
हम तेरी यादों को भी ठोकर मार दिया करते है।।

114
बहुत होता है दर्द बेइंतहा मोहब्बत मै
ये सिर्फ इश्क करने वाला जानता है
किसी को क्या पता दर्द की इंतहा
ये सिर्फ प्यार करने वाला जानता है।।

115
जी भरकर हमने देखा भी ना उसको
वो तो हमारे दिल से रुखसत हो गया
रोका था हमने उसे, तो कहा उसने
तेरा दिल अब मेरे लिए खंडहर हो गया।।

116
अब दूर रहता हूं दुनियावालों से
अब मै कम बोला करता हूं
बंद कमरे मै चुपचाप
मै अकेला रोया करता हूं।।

117
तेरी कहीं हुई हर बात मुझे आज तक याद है
तेरे दिल का वो हाल आज तक याद है
जो कभी ना कहा था मुझे किसी ने
तेरा वो बेवफा कह जाना आज भी याद है।।

118
मेरी तन्हाइयां ओर मै हम दोनों अकेला हुआ करते है
एक दूसरे से बाते, गले मिला करते है
जिंदगी तो हो गई है कब की खत्म
हम तो अब जिंदा रहने का नाटक किया करते है।।

119
तेरे दिल से निकले हम, यू किस्मत के मारे हम
कहां जाए अब किस रास्ते पर, जिंदगी से हारे हम
मौत भी नहीं देती दस्तक हमारे पास
किस कदर तेरे बिन जिंदगी बताए हम।।

120
मेरे सारे हक़ छीन लिए उसने
मुझे कुछ भी ना दिया
मेरे हिस्से मै बचा था जो प्यार
मुझे उसने भी वो ना दिया।।

121
क्या करे अब, कैसे लिखें हम मोहब्बत का अफसाना
दर्द लिखना बन गया है अब वो गुजरा जमाना
यादों को वीरान जंगल है दिल मेरा
अब यहां कोई मुझसे मिलने ना आना।।

122
तेरे मिलन की बात तो मैने सबको बताई थी
पर तेरे ग़म मै सबसे छुपा रहा हूं
कोई कह ना दे तुझे बेवफा
इसलिए मै खुद को ग़लत बता रहा हूं।।

123
जिंदगी अक्सर खेल खेला करती है
हमे कुछ पता नहीं होता
गम देकर ये मोहब्बत हमे छला करती है
हमे कुछ पता नहीं होता।।

124
तेरे संग बिताए हर हसीं लम्हा याद बन गया
दिन भी अब काली रात बन गया
कुछ ना खाता पीता हूं मै
अच्छा खासा इन्सान जिंदा लाश बन गया।।

125
कहा लगती है भूख मुझे अब
मै तो बस सोया रहता हूं
लगकर सिरहाने से अपने
तेरी यादों मै खोया रहता हूं।।

126
क्या हम लिखेंगे ओर क्या हमसे लिखा जाएगा
मिला ना था जो, वहीं आजमाया जाएगा
हर सफर मै नहीं मिलता सबको हमसफ़र
ये दर्द सबको बताया जाएगा।।

127
दर्द बताने से कुछ नहीं होता
लोग मजाक बनाया करते है
कहकर पागल हमको
हमारी हंसी उड़ाया करते है।।

128
जितना कम हो जाएगा, मै कितना कम जर पाऊंगा
क्या मै तेरी हसीन यादों से भाग पाऊंगा
दर्द मिलेगा मुझे इस कदर इतना
क्या मै अब जिंदा बचा पाऊंगा।।

129
जिंदगी मै दो ही काम किए थे
कभी किसी से दगा नहीं किया
धोका देते है सब लोग मुझे
मैने किसी को धोका नहीं दिया।।

130
क्या कर लेता मै जो उसे भूल जाता
ये दर्द तो फिर भी मेरे द्वार आता
मै तो नहीं चलता था उसके साथ
पर वो तो मुझे हर वक्त रुलाता।।

131
जब भी दर्द लिखने लगता हूं
कलम अपने आप चलने लगती है
मै तो था खुशनुमा मिजाज व्यक्ति
पर आज कल मेरी तबियत बिगड़ने लगती है।।

132
बेख्याल हूं मै तो पर हर वक्त तेरा ध्यान आता है
भुला ना रहा कभी, गम का तूफान आता है
जो कहते है आसान है मोहब्बत करना
उन्हे बताओ जिंदगी मै बर्बादी का दौर आता है।।

133
मै हर जगह सताया गया
मेरी मोहब्बत को मजाक बनाया गया
उसने कहा मुझे सबके सामने पागल
इस तरह मुझे इश्क मै सताया गया।।

134
हर पन्ना रंग था तेरे नाम से मैने
जिंदगी को तेरे हवाले कर दिया था मैने
पर जब देने है थे गम उसे
अपनी मोहब्बत को उसके हवाले कर दिया था मैने।।

135
किस रास्ते पर जाऊं की तेरी यादों से बच जाऊं
तू बता मुझे कोई तरीका मेरी “जां”
की अब मै मर जाऊं
इंतहा इश्क की हो चुकी है
अब मै बस सोता ही रह जाऊं।।

136
एक रोज मै ऐसी नींद सो जाऊंगा
फिर कभी ना उठ पाऊंगा
जागते वाले जगाते रहेंगे मुझे
मै तो भगवान के घर चला जाऊंगा।।

137
आंखे दर्द करती है अब मेरी
नींद नहीं आया करती है
ये दुनिया मुझे मारकर भी
मुझे ही आजमाया करती है।।

138
हमसफ़र का मिलना मेरी जिन्दगी मै सारी खुशियां दे गया
जब वो चली गई छोड़कर, मुझे दुनिया भर के गम दे गया
क्या हिफाजत करता मै मेरे प्यार कि
मेरा साथी ही मुझे अब दगा दे गया।।

139
मै अक्सर जख्म छुपा लिया करता हूं
खुद को मजबूत बता दिया करता हूं
दिल नहीं है मेरे पास अब
ये कहकर मोहब्बत ठुकरा दिया करता हूं।।

140
मुझे नहीं जमाना था हक़ तेरे ऊपर
मै तो बस फिक्रमंद रहा करता था
तू समझा करती थी गुस्सा कर रहा हूं
मै तो तुझे सिर्फ प्यार किया करता था।।

141
अपनी कमजोरी को बनाकर अब हथियार
मै उसी गली जाया करता हूं
जहां छोड़कर गई थी वो मुझे
मै अब वह जश्न कि रात मनाया करता हूं।।

142
कोई कितना तड़पा लेगा मुझे मुर्शीद
अब वो कुछ नहीं कर सकता
मै तो हो चुका है कब का खत्म
वो मुझसे अब वापस वफ़ा नहीं कर सकता।।

143
जो आया उसके हिस्से मै गम
वो भी मैने ले लिया था
दुनिया भर का हर सुख उसे लाकर दिया था
फिर भी मेरे प्यार मै कमी रह गई
वो मुझे छोड़कर किसी ओर की बाहों में सो गई।।

144
तेरी भी जाना कोई मजबूरी रहा होगा
पर मै इन सब मै टूट चुका हूं
मोहब्बत करके मै तो
अपनी मौत लिख चुका हूं।।

145
अब भी रब से यही प्रार्थना करता हूं
की तू जहां रहे खुश रहे
मेरा क्या है कुछ नहीं, एक दिन जिंदगी डूब जाएगी
तेरी ही यादों मै ये शाम किसी दिन अस्त हो जाएगी।।

146
छोड़कर सारी इश्क की गालियां अब मै आ चुका हूं
जो नहीं रखते राबता मुझसे मै उन्हे भी आजमा चुका ही
देखकर उनके ये झूठे आंसू मुर्शीद
मै अपना हाल बेहाल बना चुका हूं।।

147
शायरी मै तो लिखा गया था सच
पर लोगो ने इसे शायरी ही समझा
मै सुनाता रहा उन्हे अब दर्द
उन्होंने तो इसे मेरी मोहब्बत का अंजाम समझा।।

148
सब वाह वाह कर उठे मेरे लिए
उन्हे क्या पता अपना दर्द बता रहा हूं
जो मै चुका है दिल मेरा
उसी के किस्से सुना रहा हूं।।

149
आज मै मशहूर बड़ा हूं
पर ये शोहरत मेरे किसी काम की नहीं
तेरे बिना तो आज भी उदास ही है शामें मेरी
ये दौलत मेरे किसी काम की नहीं।।

150
दर्द का आखिरी घूंट भी हंसकर पी गया मै
आज भी बिन खाए ही सो गया मै
रोता हूं मै तो रातों को अब भी
तेरे बिन, तेरी यादों का सिरहाना लगाकर सो गया मै।।

गम भरी शायरी

1
दिल की बात दिल ही जानता है
टूट हुए हाल को पहचानता है
कोई ले आओ उसको मेरे पास
जो मेरे दर्द का इलाज जानता है।।

2
उसके जाने से बिल्कुल अकेला हो चुका हूं मै
अब हर गम को सह चुका हूं मै
दर्द जाता है नहीं है मुझसे दूर
जिंदगी को अब बहुत जी चुका हूं मैं।।

3
रातों में जब भी उसकी याद आया करती है
पुरानी यादें ताजा हो जाए करती हैं
रोने लगता हूं मैं रातों में भी
जब वो ख्वाबों मै मेरा साथ छोड़ जाए करती है।।

4
हर दर्द की अब इंतहा हो चुकी है
मेरे ग़म की हद बढ़ चुकी है
राते तन्हा कटती है मेरी
उसकी याद अब जिंदगी बन चुकी है।।

5
अब दर्द मुझसे दूर जाता नहीं है
मेरा महबूब मेरे पास आता नहीं है
हर रात कट जाती है तन्हा मेरी
उसका ख्याल जहन से जाता नहीं है।।

6
मै तो अब थक चुका हूं मै
ग़म भरी रातो से
अब मुझे सुकून चाहिए
जिंदगी से अब थोड़ी से मोहलत चाहिए।।

7
रो लेने से दर्द काम नहीं हो जाया करता
टूटा हुए दिल नहीं जुड़ जाया करता
यादे ही आती है वापस
गए हुए लोग का साथ नहीं आया करता।।

8
उसके जाने से बहुत अकेला हो चुका हूं मै
दर्द की हर आलम सह चुका हूं मैं
अब उसके बिना रहा नहीं जाता
मेरा दर्द अब किसी से कहा नहीं जाता।।

9
ग़म भरी राते होती है पर साथ नहीं होता
सब लोग रहते है पास तेरा हाथ नहीं होता
अब जिंदगी से भी मुंह मोड़ चुका हूं मै
इन दर्द भारी रातों का अब सवेरा नहीं होता।।

10
अगर थोड़ा सा दर्द सह लिया जाएगा
तो क्या ये कम हो जाएगा
लोग तो कभी नहीं आएंगे हमारे पास
उनके जाने से अब कोई मर नहीं जाएगा।।

11
दर्द है मेरे पास ओर कुछ नहीं बचा
किसी को देने के लिए अब प्यार नहीं बचा
लोग तो कहते है मुझे बुरा
पर अब मेरे पास किसी का सहारा नहीं बचा।।

12
मेरे लिए अगर कुछ हो जाएगा
अपना साथ सब लोग को भा जाएगा
लोग तो क्या कहेंगे हमारे बारे मै
हर कोई हमे अपने हाल पर रुलाएगा।।

13
मेरी किस्मत मेरे हाल पर शरमाई है
देखो ये कैसी घड़ी आई है
उससे दूर जाना पड़ रहा है मुझे
मेरे घर गम की बारिश आई है।।

14
हर लम्हा तुझे याद करता हूं
हर लम्हा तुझे सोचा करता हूं
तुम ही हो मेरी जान अब
मै ये सबको बताया करता हूं।।

15
सारा दर्द मेरे हिस्से मै आता है
ग़म का समंदर मेरे पास आता है
मेरा महबुब नहीं करता अब मुझसे बात
उसकी बेरुखी का ग़म मुझे हर वक्त रुलाता है।।

16
अब मै कैसे जी पाऊंगा
उसके बिना कैसे रह पाऊंगा
तन्हा राते है अब मेरी
मै तो अब मर भी नहीं पाऊंगा।।

17
जीते जी मर गया हूं मै
अब जिंदा लाश बन गया हूं मै
मुझे अब किसी से मतलब नहीं है मुर्शीद
मै सबकी फितरत देख चुका हूं अब।।

18
राते मेरी तन्हा कट जाया करती है
मेरे घर पर दर्द की सौगात आया करती है
सो जाया करता हूं मै उसको याद करके
मेरे महबूब की याद मुझे बहुत सताया करती है।।

19
कभी-कभी जिंदगी से मन भर जाया करता है
उसकी यादों का साया जब आया करता है
सिरहाना भीग जाता है मेरा आंसुओं से
जब वह ख्वाबों में मेरा हाथ छोड़ जाया करता है।।

20
कभी कभी ऐसा लगता है उसके सिवा कोई नहीं था
उसके जाने के बाद मेरा कोई नहीं था
आखिरी बार देखा था उसने मुझे
उसके जैसा कोई मेरा हमसफ़र नहीं था।।

21
जब वो मुझे प्यार से गले लगाया करती थी
अलग अलग नामों से मुझे बुलाया करती थी
वो सब यादें आज भी जहन में संभाल कर रखी है
मैंने उसकी तस्वीर को अपने सीने से लगा कर रखी है।।

22
सहारा किसी का नहीं होता
राते बीत जाए करती हैं
सवेरा अब कहां होता है मेरा
जिंदगी गुजर जाया करती है।।

23
मेरा दर्द मुझे जी सहना पड़ेगा
कोई मेरा साथ नहीं आएगा
मुसीबत मै हूं मै आज
पर मेरा खुदा मुझे जरुर बचायेगा।।

24
जिंदगी के गम बहुत है मेरे पास
दर्द के आलम बहुत है मेरे पास
अब मै नहीं रह सकता ओर यहां मुर्शीद
जिंदगी के अलावा अब मौत भी है मेरे पास।।

25
किसी को अब क्या कहूंगा मै
कोई सुनने वाला नहीं रहा रहा
जिसे कहता था अपनी जान मै
उसका साया ही अब नहीं रहा।।

26
अब मै नहीं रूठा करता हूं
खुद ही मान जाया करता हूं
वो नहीं है मेरे पास अब
मै अपनी किस्मत को वापस बुलाया करता हूं।।

27
पत्थर बहुत है राह है मेरे
हर जगह मुझे ठुकरा दिया जायेगा
मै नहीं रहा अब किसी के लिए जरूरी
मुझे अब दिल से बेदखल कर दिया जायेगा।।

28
उसके दिल मै मेरी जगह नहीं रही अब
मै उसके बिना कैसे रह पाऊंगा
मैने तो उसे समझा था अपनी जिंदगी
मै इसे कैसे भुला पाऊंगा।।

29
कुछ लोग खास हो जाते है
फिर वही साथ छोड़कर चले जाते है
वादे नहीं कर पाते मोहब्बत के पूरे
दर्द का आलम बेपनाह दे जाते है।।

30
अब हम खुद ही खुद को समझा लिया करते है
खुद की ज़ख्मों पर मरहम लगा लिया करते है
रोना आता है बहुत उसकी याद मै
हम उसकी तस्वीर को सीने से लगा लिया करते है।।

31
ग़म जो मेरे रास्ते मै आया था
अब वो वापस जाता ही नहीं
कोई तो ले आओ उसकी खबर यारो
मेरा महबूब अब प्यार जताता ही नहीं है।।

32
हर ग़म सह लेता मै
पर तेरी बेवफाई सह नहीं पाया
तुझे जब देखा किसी ओर के साथ
मै तुझे फिर कभी अपना कह नहीं पाया।।

33
दिल उसने तोड़ दिया मेरा
अब मुझे उससे कोई शिकायत नहीं है
उसने तो कहा कहा था बेवफ़ा हूं मै
मेरे पास उसका अब कोई जवाब नहीं है।।

34
उसकी खुशी के लिए उसे अकेला छोड़ दिया
मैने उससे अपना हर नाता तोड़ दिया
मुझसे दूर रहकर अगर खुश है वो
मैने उसे अपने दिल से आजाद कर दिया।।

35
क्या उसे भी उतना ही दुख हुआ होगा
मेरे जाने से उस भी दर्द हुआ होगा
मै तो रोता रहता हूं उसकी याद मै
क्या उसे भी मेरा ख्याल आया होगा।।

36
दर्द को बताकर कोई फायदा नहीं है
कोई मुझे समझ नहीं पाएगा
ये ग़म तो अब जिंदगी के साथ है
मेरे मरने के बाद ही ये जाएगा।।

37
लोग भी मुझसे अब दूर चले जाया करते है
रिश्ते मैने तो निभाए थे उनसे
वो मुझे अब तडपाया करते है
पहले देकर प्यार का वास्ता
अब वो मुझे नजरो से गिराया करते है।।

38
रातों मै नींद कहा आया करती है
मेरे हिस्से मै रोशनी कहा आया करती है
मै तो घूमता हूं अब अकेला पागल की तरह
मेरे पास खुशी की रात कहा आया करती है।।

39
जिंदगी मै उसके सिवा कोई नहीं था
उस माना था मैने जिंदगी
उसके सिवा मेरा कोई हमसफर नहीं था
उसके जाने के बाद भी प्यार रहेगा दिल मै
मेरी मोहब्बत मै कोई धोका नहीं था।।

40
जो भी मैने लिखा है उसके बारे मै बिल्कुल सही लिखा है
वो भी मेरी फ़िक्र किया करती थी
मै जब नहीं था उसके साथ मुर्शीद
वो भी रातों को छुप छुप कर रोया करती थी।।

41
दर्द उसे भी उतना ही हुआ होगा
दिल उसका भी टूटा होगा
पर मेरी तकदीर को कोई नहीं जानता
मेरे हिस्से मै नहीं आता कभी प्यार
मेरे दर्द को कोई नहीं पहचानता।।

42
हर लम्हा उसे सोचा है मैने
इश्क़ का इजहार किया है मैने
मोहब्बत को माना था इबादत मैने
फिर क्यों वो मुझे छोड़कर चली गई
मुझे क्यों ये दर्द भरी ग़म के राते दे गई।।

43
अब ज्यादा सोचने से भी क्या हो जाएगा
मेरा महबूब तो कभी लौटकर नहीं आएगा
उसके बिना ही जीना है अब मुझे
उसका साया कभी नहीं आएगा।।

44
तेरी हर बात याद आ जाती है
जब तू कभी मेरे जहन मै आ जाती है
दिल मै भी तेरी ही यादें है मेरे पास
ग़म भरी रातो मै जैसे रोशनी आ जाती है।।

45
रोशनी से डर लगता है अब मुझे
मै अंधेरी रात को ही अपना मानता हूं
एक हाथ मै लेकर जाम
हर रोज मौत को जश्न मानता हूं।।

46
तकलीफ जब हद से बढ़ जाएगी
तो जिंदगी मेरी खत्म हों जाएगी
कोन कहता है खुश हूं मै
मुझे तो आसानी से मौत भी नहीं आएगी।।

47
अब इंतज़ार बस उसका करता हूं मै
अपने लिए नहीं उसके लिए जीता हूं मै
उसने कहा था कभी छोड़कर मत जाना मुझे
उसके जाने के बाद उसकी यादों के साथ जीता हू मै।।

48
अब क्या ग़म मुझे परेशान कर पाएगा
मै तो कब का मर चुका हूं अंदर से
अब कौन मुझसे दिल लगाएगा।।

49
खाना भी अब नहीं खाया जाता
मुझे भूख ही कहा लगती है
तेरे बिना कोन है मेरा
मुझे ये खुशी भी अच्छी नहीं लगती है।।

50
हर रिश्ता है मेरे पास
बस एक तेरी कमी खलती है
खुश नहीं रहता अब मै
मुझे ये तन्हा राते परेशान करती है।।

51
मेरे ग़म को किसी ने नहीं समझा
मै लफ्जो मै अपनी बात कहता रहा
लोग करते गए वाह वाह
मै अपनी जिंदगी को बयां करता रहा।।

52
अब तो मै अधूरा हो चुका हूं
दुनिया से दूर जा चुका हूं
मुझे अब किसी की फ़िक्र नहीं है
मै तो अब जिंदा लाश बन चुका हूं।।

53
अकेला ही अब हर राह पर चल पड़ता हू
ग़म के अंधरो को अपना मान लेता हूं
दीवारों से करता हूं अब मै बाते
लोगो कि हकीकत को पल भर मै पहचान लेता हूं।।

54
दर्द है बढ़ता है जाएगा
ये कभी कम नहीं हो पाएगा
अगर थोड़ा सा मिल जाएगा सुकून
फिर भी ये टूटकर आधा तो नहीं हो जाएगा।।

55
तेरी जगह आज भी दिल मै वही है
मेरे हिस्से का प्यार भी वही है
किसी को नहीं देखा मैने आज तक
तेरे सिवा आज भी कोई दिल मै नहीं है

56
तू चली गई मुझे छोड़कर
मेरा कसूर तो बता देती
कोनसा किया था मैने गुनाह
उसका हिसाब तो लगा देती।।

57
इससे अच्छा तो हम मिले ही ना होते
कम से कम मै अपनी जिंदगी यूं खत्म तो ना करता
आज जी रहा हूं मौत से बदतर जिंदगी
मै अपने आप को बर्बाद तो नहीं करता।।

58
अगर निभा नहीं सकती थी
तो वादे क्यों किए
झूठी कसमें खाकर दगा क्यों किए
जान ही था अगर तुझे मेरी जां
तो मुझसे प्यार के नाटक ही क्यों किए।।

59
इश्क़ मोहब्बत पर से अब यकीन उठ चुका है
मेरा तो अब खुद पर से भी विश्वास उठ चुका है
हर आदमी ने मुझे दिया है धोका
मोहब्बत शब्द से मेरा यकीन उठ चुका है।।

60
अगर पता होता मुझे दिल लगाने कि ये सजा दी जाएगी
एक दिन मेरी जां मुझसे बेवफाई कर जाएगी
किसी ओर की बाहों में होगी वो
ओर मुझसे झूठा प्यार जताएगी।।

61
मेरी तकदीर ही लिखी है ऐसी खुदा ने
मेरे पास ग़म ही आता है
खुशी भाग जाती है मुझसे दूर
दर्द का समंदर मेरे पास आता है।।

62
अपनी अपनी बात करते है सब
किसी को कोई मतलब नहीं है
नमक का शहर है ये
यहां मरहम को कोई काम नहीं है।।

63
उसने आज अलविदा कह दिया
मैने उसे बहुत रोका था
वो नहीं रुकी मेरे रोकने पर भी
मै आज बहुत रोया था।।

64
उसके बिना कैसे रह पाऊंगा मै
अब जिंदगी कैसे बिता पाऊंगा मै।
वो तो चली गई मुझे छोड़कर
अब जिंदा कैसे रह पाऊंगा मै।।

65
आज दिल मै बचैनी बहुत है
उसके जाने का ग़म बहुत है
रो भी नहीं सकता मै तो खुलकर
मेरे आसपास लोग बहुत है।।

66
एक रोज ऐसा दिन भी आएगा
वो मुझे छोड़कर चला जायेगा
मै बुलाती रहूंगी उसे पास अपने
पर वो लौटकर कभी नहीं आएगा।।

67
कसम देकर कहा है उसने मुझे
की अपना ख्याल रखना
मै तो जा रही हूं तुमसे दूर
तुम मुझे सदा अपने दिल मै रखना।।

68
उसके दूर जाने से मेरी जान जाती थी
ओर आज मेरी जान चली गई
मै देखता रह गया उसको
मेरी जिंदगी मुझसे दूर चली गई।।

69
ये शोहरत और दौलत मेरे किसी की काम नहीं
अगर तू मेरी जिंदगी का हिस्सा नहीं
मैने सब कुछ तो किया था उसके लिए
ए खुदा फिर वो मेरे साथ क्यों नहीं।।

70
क्या हर बार मुझे ही कहा जाएगा
मुझे ही बेवफ़ा बताया जाएगा
कसूर उसका भी था मुर्शीद
उसके जाने से अब मेरी जिंदगी मुझे कोन लोटाएगा।।

71
अब इस दुनिया से दूर जा रहा हूं मै
जहां कोई नहीं रहता वहा जा रहा हूं मै
लोग तो है मेरे पास आज भी बहुत
पर सुकून की तलाश मै जा रहा हूं मै।।

72
अब कौन कहता है मुझे अच्छा
मै तो अब बुरा बन चुका हूं
जो लोग नहीं थे मेरे
मै उनसे कब का रिश्ता तोड़ चुका हूं।।

73
खुशी नहीं है मेरी तेरी बगैर
उदास हर शाम लगती है
कोई नहीं है मेरा अब मेरे पास
मुझे यह जिंदगी अब जहन्नुम लगती है।।

74
तुझसे इश्क किया था मैंने
तुझे ही बेपनाह चाहा था
तेरी यादों के सहारे ही मैंने
अपना जीवन बिताया था।।

75
जब तुम नहीं थी मेरे पास
तुम्हारी यादों का सिरहाना लगाकर सोया करता था
मैं तन्हा और गम भरी रातों में
अकेला छुप छुप कर रोया करता था।।

76
कुछ लम्हे हसीन यादें दे जाते हैं
कुछ लोग हमें बहुत याद आते हैं
जो नहीं रहते हमारे पास फिर
उनकी यादों के दर्द बहुत सताते हैं।।

77
पत्थर दिल थी वो मेरे प्यार को समझ ना पाई
छोड़कर मुझे कहीं और वह दिल लगा भी ना पाई
अगर नहीं करती नहीं थी वो मुझसे मोहब्बत
तो फिर किसी और से प्यार क्यों नहीं कर पाई।।

78
प्यार तो हर लम्हा तकलीफ देता है
सुकून ओर चैन कहा मिल पाता है
लोग तो चले जाते हैं हमें छोड़ कर
उनके बिना जीवन कहां कट पाता है।।

79
आज भी आंखों से आंसू बह जाया करते हैं
जब भी पुराने दिन याद आया करते हैं
मिली थी जब वह मुझसे गले लग कर
मुझे वह हसीन लमहे बहुत सताया करते हैं।।

80
कब मेरे दर्द का अंत होगा
कब जिंदगी का नया सवेरा आएगा
थक चुका हूं मैं अभी गम भरी रातों से
कब सूरज का प्रकाश मुझे दिख जाएगा।।

81
अकेला चल पड़ा हूं उन राहों पर
जहां कोई नहीं जाता
जिंदगी तो नहीं मिलती है वहां
पर थोड़ा सुकून जरूर मिल जाता।।

82
उसकी यादों के सहारे ही जीना सीख लिया है मैंने
हकीकत को आज अपना लिया है मैंने
नहीं आ सकती वो वापस जानता हू मै
इसलिए उसका इंतजार करना छोड़ दिया है मैंने।।

83
इंतजार इजहार इबादत सब तो किया है मैंने
अब कैसे बताऊं मेरे प्यार की गहराई क्या थी
तुझसे ही थी बेपनाह मोहब्बत मेरी
इससे ज्यादा मेरी रुसवाई क्या थी।।

84
वो जो चला गया हमें छोड़कर
खुश अब वो भी नहीं रहेगा कभी
दर्द जो मैने सहा है
उस वो भी सहेगा कभी।।

85
जिंदगी मेरी तनहाई मै गुजरी रही है
हर रात दर्द भरी कट रही है
लोग भी मारते है मुझे अब पत्थर
मेरी जिंदगी मै नरक बन रही है।।

86
लोगो के हिस्से मै सुख आता है
पर मेरे पास तो सिर्फ दर्द आता है
कोई नहीं रहता है मेरे पास अब
सिर्फ यादों को बसेरा ही आता है।।

87
ग़म भरी राते का अब सवेरा हो जायेगा
मेरा भी खुदा है आखिर मुझे कब तक रुलाएगा।।

88
नींद ही नहीं आती अब तेरे बगैर
ये रात मुझे कहां अपनी लगती है,,
संग तेरे ना चलने की खाव्हिश
हर दम मुझे खलती है।।

89
खुशी मेरी कहा है तेरे बिन
ये शाम उदास लगती है,,
बैठा रहता हूं तेरे इंतज़ार में
मुझे तो खुद की खबर नहीं लगती है।।

90
तेरी खुशी ही चाहता हूं मै
मुझे कहा ये हंसी रात लगती है,,
तेरे होने से जहां खुश होता है
वरना मुझे हर खुशी फीकी लगती है।।

91
तेरे मन की बात जान लेता हूं मै
मुझे तेरी हर वक्त कमी खलती है,,
मेरी जान तो उसमे बसती है मुर्शीद
मुझे ये जिंदगी कहा अपनी लगती है।।

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