नमस्कार दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम आपके साथ वसंत ऋतु पर कविता शेयर करने वाले हैं. वसंत ऋतु बहुत ही बढ़िया मौसम होता है इसमें ना तो हमें ज्यादा गर्मी होती है और ना ही बरसात के मौसम की तरह हर जगह पानी पानी दिखता है|
वसंत ऋतु हमें खुद पर्सनली बहुत अच्छा लगता है. आज के इस लेख में हम आपके साथ वसंत ऋतु के ऊपर बहुत ही अच्छी अच्छी कविताएं शेयर करने वाले हैं तो दोस्तों हमारी कविताओं को पूरा जरूर पढ़ें|
वसंत ऋतु पर कविता
Winter Season Poem in Hindi
1. वसंत आया है
वसंत आया है,
नवजीवन का संदेशा लाया है
पतझड़ का मौसम भी आया है
पेड़ों पर नय फूल खिले
नवजीवन का अमृत लिए
देखो वसंत आया है।।
चारो ओर छाई नई हरियाली
पेड़ों पर पकती आम की डाली
वसंत ऋतु का मौसम है ये
बहारे भी हुई है मतवाली।।
सन- सन करती हवा चल रही
चारो ओर खुशबू महक रही
नदी किनारे देखो सूरज
फसलों को दे रहा है नया मूरत
सबको भाया है ये मौसम
देखो आया है वसंत का मौसम।।
पक्षियों ने भी घर छोड़े
अपने सारे घोसलें तोड़े
उम्मीदों की पंख फैलाए
बाज आसमां की तरफ दौड़े
सब ओर छाया है नयापन
देखो झूमकर आया है ये वसंत।।
2. वसंत ऋतु फिर से आयी
हर तरफ बात है छाई
वसंत ऋतु फिर से आई
काले काले खेतों में
सरसों की पीली फसल लहराई।।
भीनी भीनी खुशबू से
तन मन को महकाई
देखो फिर बनकर अनोखी छटा
बादल बनकर प्रकृति पर छाई
एक बार फिर से देखो बसंत ऋतु आई।।
सब ऋतुओं की तरह
इसने भी अपनी रंगत बरसाई
पवन के संग उड़ चली ये
देखो फिर यह वसंत ऋतु आई।।
धीरे-धीरे चली हवा
मंद मंद पृथ्वी मुस्कुराई
पानी में वो ठंडी बहारों वाली
एक अनोखी मस्ती छाई।।
नए पत्तों का हुआ आगमन
वसंत ऋतु का अनोखा संगम
हर तरफ फैली है खुशियां
वसंत ऋतु की अपनी दुनिया
देखो फिर बसंत आई
हर मौसम की तरह ये भी छाई।।
3. आसमान पर बादल छाए
आसमान पर बादल छाए
देखो बसंत का मौसम आए
हर तरफ बिखरी हरियाली
प्रकृति भी हुई मतवाली।।
कल-कल बहता नदी पानी
मौसम का वो रूप सुहानी
सब ऋतुओ का मौसम है ये
ऋतुराज यह वसंत कह लानी।।
शरद ऋतु के बाद यह आती
मार्च-अप्रैल में रोनक बरसाती
किसानों के लिए खुशियां लाती
लंबे अंतराल के बाद है आती
फसलें भी सारी पक जाती
तब जाकर यह बसंत ऋतु आती।।
इस ऋतु में नहीं पल्लव खिलते
नहीं पुष्प फूल भी खिलते
पेड़ों से पत्ते नीचे गिरती
नए पत्तों से पेड़ सुशोभित होते
वसंत के संग ये उल्लासित होते।।
4. वसंत ऋतु का मौसम आया
वसंत ऋतु का है मौसम आया
संग अपने यह बाहर लाया
उम्मीदों का नया सवेरा
जीवन में उजियारा लाया।।
चारों तरफ सुनहरी धूप
वसंत ऋतु का मौसम आया
कोयल मधुर गान सुनाया
पंछियों ने अपना घोंसला बनाया
वसंत ऋतु का मौसम आया।।
इस मौसम की बात निराली
हर तरफ यह मौसम छाया
थोड़ी हल्की ठंड और
गर्मी का संतुलन लाया
देखो फिर से वसंत ऋतु का मौसम आया।।
फसल पक गई खेतों में
नई ऋतु का मौसम आया
किसान भी इस मौसम को देख
आज मन में बड़ा हर्ष आया
वसंत ऋतु का मौसम आया।।
5. वसंत आईं बहारे लाई
नव पल्लव और नव कुसमो से प्रकृति लगी झूमने
नई उमंग से सज धज होकर लगी शोभा बिखेरने
मनमोहक दृश्य देखने इसका, सूरज भी सर पर आया
हर और लालिमा का प्राकृतिक आवरण छाया।।
हरियाली भी करती अठखेलियां
रंग बिरंगी मौसम में, पक्षी भी कलरव करते
इस रंग बिरंगी मौसम में, प्रकृति भी खिल उठी
इस बसंत ऋतु के आलिंगन में।।
पीली चुनर ओढ़े बैठी,
प्रकृति सज गई इस मौसम में
दुल्हन रूपी आभा बिखरे
सुन्दर मधुर उपवन में।।
मंत्रमुग्ध होकर देखा
इस पावन रूप अनुपम में
प्रकृति की मौसम की
बाहर छटी है नवजीवन में।।
6. वसंत का ये मौसम
छोटी अवधि के लिए है रहता
आता और चला जाता है
वसंत ऋतु का यह मौसम
सबके मन को बहुत भाता है।।
अगले वर्ष फिर से ये
मौसम आता है
बेसब्री से इंतजार करते हैं
हर वर्ष नहीं खुशियां लाता है।।
सब करते प्रशंसा इसकी
गुणगान भी बहुत गाते हैं
अच्छी-अच्छी सौगातों को लेकर
यह मौसम हर वर्ष आता है।।
वर्षा ऋतु की रानी है
तो यह ऋतुराज कहलाता है
पनघट पर खेले वह बच्चा
मस्ती का आलम गाता है ।।
वसंत ऋतु की खुशियां
वह भी बहुत मनाता है
अलौकिक छटा बिखेरी प्रकृति ने
मनमोहक दृश्य यह भाता है।।
7. वसंत ऋतु का मौसम
बसंत का सौंदर्य हर तरफ छाया
आम पर भी बोर आया
पीलापन हर और छाया
फसलों पर यह मौसम लहराया।।
मन में उठने लगी उमंग
चारों ओर खिली तरंग
रंग रंगीला मौसम है ये
बहारों का मौसम है ये।।
गुलाब की खुशबू सा महके
जीवन को अनोखा संगम है ये
बसंत ऋतु का मौसम है ये
कोयलिया की कुह से उठी
तन्मय मधुर सुगंध है ये
वसंत ऋतु का मौसम है ये।।
यह रंग बिरंगी हरियाली का
उपवन पहाड़ों और नदियों का
नया नवेला स्वरूप है ये
वसंत ऋतु का मौसम है यह।।
8. वसंत ऋतु पर छोटी कविता
वसंत ऋतु का मौसम झूम झूम कर आया,
खिल गई नन्ही कलियां,
फूल भी हर और मुस्कुराया,
बारिश की बूंदों के साथ
कोयल ने मधुर गाना गाया,
जंगल में मोर नाचे,
हर ओर नया उत्सव छाया,
बसंत आई खुशियां बनकर,
मौसम का नया रूप लेकर,
सब पक्षी जीव जंतु खुश है,
हर और उमंग खुशियों का मौसम है,
जंगल में नए पत्तों का आगमन है,
ये बसंत ऋतु मा नया संगम है,
हर और चली नहीं मृदुल उमंग है,
सरसराहट चली हवा में,
हर और बसंत का यह नया मौसम है ,
इस ऋतु का आगमन सुंदर प्रतिरूपण है।।
9. वसंत का मौसम कविता
पेड़ों ने बाहें फैलाए,
हर ओर हरियाली छाई,
वसंत ऋतु के मौसम में,
यह कैसी मधुर मनोरम छटा आयी,
पेड़ों पर में नई कोंपल फूटी,
सूरज की नई रोशनी छुटी,
प्रात काल पक्षी का कलरव,
भंवरे का फूलो पर गुंजन,
तितली का भी फूलों पर मंडराना,
रस चूस कर फिर भाग जाना,
पंछी का फिर घोसले में आना,
नया घोंसला घरौंदा बनाना,
तिनका तिनका वापस जोड़ना,
विरह वेदना सहते जाना,
वसंत का मौसम जैसे ही आया,
नई उमंग और खुशियां लाए।।
10. आई है वसंत ऋतु
देखो भोर हो गई आज
पंछी करते मधुर गान
अब तो खेतो पर चलना है
फसल पक गई नया मौसम ढलना है
नीम के पेड़ों पर नए नए पत्ते आए
आम भी खड़ा खड़ा लद जाए
पीपल भी हिलोरे मारकर मुस्काए
फूल भी करें पुकार ,वसंत से है हमें प्यार
बड़े दिनों के बाद आइ ये ऋतू
मौसम का आनंद लाइ ये ऋतू
शीत की ठंड से बचाकर
गुनगुनाती धूप लाइ ये ऋतु
वसंत के साथ पावन मधुरम संगम लाई ये ऋतू
देखो भाई आई बसंत ऋतु।।
11. वसंत ऋतु का पैग़ाम
जिसका था इंतजार वो मौसम आ गया
ऋतुराज कहलाने वाला वसंत आ गया
हर और खुशी की लहर दौड़ पड़ी
सबका प्यारा मौसम आ गया
हर तरफ ठंडी हवा चलने लगी
बहता पानी साफ हो गया
वसंत ऋतु के आने से
बादल भी निर्मल स्वच्छ शीतल हो गया
रात्रि में आसमान के चांद तारे भी टिमटिमाए
बसंत की आने की शुभकामनाएं सबको देते हैं
वसंत ऐसा ही यह मौसम है
ठंडी हवा और प्यार का संगम है
सब बैठे हैं खेतों की हरियाली के बीच
देखो कितना मनोरम मौसम है
देखो यह बसंत का मौसम है।।
आपकी और दोस्तों
दोस्तों यह था वसंत ऋतु पर कविता, हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह वसंत ऋतु की कविताएं अच्छी लगी होगी. यदि आपको हमारी कविता पसंद आई हो तो प्लीज इसे एक लाइक अवश्य करें और अपने दोस्तों के साथ शेयर भी करें|
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