हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम आपके साथ नए साल पर कविता शेयर करने वाले है. दोस्तों नया साल हर वर्ष केवल एक बार आता है तो इस विषय पर हमने सोचा की अपने दर्शकों के साथ एक बहुत ही अच्छी हैप्पी न्यू इयर पोएम शेयर करते है.
दोस्तों ये कविता हमने खुद लिखी है और आशा करते है की आपको आज की ये कविता जरुर पसंद आएगी. तो फिर चलिए दोस्तों बिना टाइम बर्बाद करते हुए सीधे इस कविता की शुरुवात करते है.
नए साल पर कविता
Happy New Year Poem in Hindi
1. नया साल आया है
नया साल आया है
ढेर सारी खुशियां लाया है
हर तरफ है नई बहारे
नए सवेरे लाया है।।
नए साल में सब कुछ नया हो
नए गीत नई बाते, हर तरफ खुशियां हो
भूलकर पुराने साल की बुरी यादे
नए साल कि नई यादों का सवेरा हो।।
हर तरफ शुभकामनाओं का दौर हो
सबके घर में खुशियां हर ओर हो
चला गया जो उसे भुला दे सब
नए साल का नया गीत गाए सब।।
पुरानी बाते ना कोई दिल में रखे
ना कोई किसी से बेर भाव रखे
जाने दे उसे जो चला गया
आने वाले का दौर का सब स्वागत करें।।
2. एक युग बीत गया
एक युग जो बीत गया जो अच्छा था
शायद कल आने वाले से अच्छा था
अब सब कुछ अगले वर्ष नया होगा
हर ओर नया दौर नया संकल्प होगा।।
जो बीत गया उसमें खुशियां थी
पतझड़ था नया वसंत था
हर ओर नए फूल की खुशबू थी
हर तरफ भंवरे गुनगुना रहे थे।।
विदा कर रहे है हम उन सारी यादो को
उन मीठी से सारी बातों को
जो था वो चला गया, अब उसका कुछ नहीं
जो आने वाला है उसकी राहा देखे
नए साल का नया नूतन का जश्न हम देखे।।
सब कुछ देख लिया था इस वर्ष में
अब अगला वर्ष हम देखे
जो बीत गया युग, उसको भूलकर
नए युग की शुरुवात हम देखे।।
3. नए साल कि आभा
नए साल कि आभा ने
हर ओर अपनी सुनहरी धूप बिखेरी
हल्की हल्की ठंड ने हर ओर अपनी छटा बिखेरी
सूर्य नहीं निकला आज आसमन में
हर ओर ओस ने अपनी बूंदे बिखेरी।।
सुबह का ये मनोरम मौसम
हर तरफ खुशियां छा गई
नए साल का संदेशा लेकर
चिड़िया रानी भी आ गई।।
प्रकृति भी दे रही बधाई
हर ओर पेड़ो की कांति छा गई
मंद बहती हवा में देखो
प्रकृति आज मुस्कुरा गई।।
नया साल का जश्न मना
फैसले खेतो मै लहलहा गई
देखो फिर से नए वर्ष की
नई रोशनी आ गई।।
4. एक नया सवेरा
एक लंबे अरसे के बाद नया सवेरा होगा
रात कट जाएगी यू ही नया बसेरा होगा
नए साल के सपने देखे जो आंखे नींदों में सोई थी
आज उनके इंताजर का नया नूतन जगेरा होगा
आज नए वर्ष का सवेरा होगा।।
सबके घरों मै खुशियां भर जाएंगी
हर घर मै आज जश्न होगा
नए वर्ष मै नया – नया सब
अब ना वो पुराना दौर होगा।।
बागों में नई कालिया होंगी
प्यारी तितली का बसेरा होगा
फूल मै मुस्कुराएंगे नई अदा मै
आज नए वर्ष का नया सवेरा होगा।।
5. नए वर्ष की शुभकामनाएं कविता
नए वर्ष की शुभकामनाओ का दौर होगा
हर जगह नए साल का शोर होगा
आपके घर मै भी बरसे खुशियां
घर आपका स्वस्थ सुखी संसार होगा।।
शीत ऋतु का दौर आपके जीवन में होगा
नई सुबह की किरणों का आगमन होगा
आशीर्वाद मिलेगा सूरज देवता का आपको
आपके घर मै खुशियों का वास होगा।।
जो देखे थे स्वपन हर स्वपन पूरा होगा
बच्चो के किए खेलने वाला शीत ऋतु का मौसम होगा
सारी सपने सच होंगे हर तरफ भाईचारा होगा
नए साल का नया सवेरा हर ओर प्यारा होगा।।
शुभकामनाओ के साथ विदा आपको
हर तरफ आपका गुणगान होगा
आप रहे खुश हमेशा ऐसे ही
नए वर्ष का नया आगमन होगा।।
6. नव वर्ष पर कविता
बेर भाव भुलाकर गले लग जाओ
सारी दुश्मनी को नव वर्ष मै जलाओ,
हर तरफ हो रही है नए सुबह की किरण
आप भी इसका हिस्सा बन जाओ,
गलतियां जो हो गई सबको भुलाओ
आओ नए साल पर प्यार से गले लग जाओ,
हाथ मिलाओ प्रेम से भाईचारा बढ़ाओ
सबके घर जाकर नए वर्ष की शुभकामनाएं दे आओ।।
दिल मै ना रखो कोई ग़म हर बात समझा आओ
जो बेर था उसको तुम आज भुला आओ,
सबके घर जाकर नव वर्ष की शुभकामनाएं दे आओ
तुम आज नया वर्ष मना आओ।।
7. नया वर्ष
नया वर्ष कुछ अलग हो इस बार
पहले जैसा ना हो कोई व्यवहार
ना कोई दंगा हो ना हो कोई अत्याचार
हर तरफ नए साल की नई सुबह का हो प्रचार।।
शांति रहे चारो ओर हो नई सुबह का प्रकाश
अंधियारा मिट जाए आज हो नया एक विचार
नए बीज का सृजन हो, मिट्टी की भी है पुकार
इस वर्ष का नया साल हो सबसे सुखी अपार।।
मंडराते बादल ठंडे ठंडे, हर तरफ दे अच्छी बोछार
ये नए हिलते हुए पत्ते, दे सबको बाल मनुहार
ये पंछी का घोसला भी दे सबको नई सीख अपार
गिरकर उठाना ओर चलना प्रकृति है नया संसार।।
नई सुबह को पहचाने करे नई शुरुवात अपार
हमने देखा है जो सपना उसको करे इस वर्ष साकार
साथ मिलकर मनाएं हर त्योहार
नए साल का नया सवेरा नया हो आज जश्न अपार।।
8. नए साल पर नई ग़ज़ल
पेड़ो की हरियाली बोल उठी, चिड़िया भी आज चहक उठी
नए साल कि हो मुबारक, ओस की बूंद भी बोल उठी,
वो खेलने जाता हुआ बच्चा रुक कर पीछे मुड़ गया
देखकर बडो को आशीर्वाद लेने झुक गया,
वो नदी का पानी अविरल बहता रहा
देखा जब नया सवेरा कुछ पल को ठहर गया,
वो खेतो से आता हुआ किसान आज थक गया
पर नए को देख वो सबसे राम राम बोल गया,
वो भूखा बच्चा जो, रो राहा था भूख से
अपनी मां को देख चुप हो गया,
वो दूर से आती हुई हवा छू कर निकाल गई सबको
नए वर्ष का सवेरा हो गया..,
गजल बन गई शब्दो मै ढलकर पन्नों पर उतर गई
नई वर्ष की सुबह का मनोरम दृश्य हो गया…,
हर तरफ से संदेशा आया सबका मन बहल गया
खुशी से आज बरसो पुराना बेर भूल गया,
सुबह का नए मौसम की किरण सूरज फेल गया
आज नए सुबह का नया सवेरा फेल गया।।
Final Words:
तो दोस्तों ये था नए साल पर कविता, हम उम्मीद करते है की आपको हमारी ये हैप्पी न्यू इयर पोएम अच्छी लगी होगी. अगर आपको हमारी ये कविता अच्छी लगी हो तो प्लीज इस पोस्ट को १ लाइक करे और शेयर भी जरुर करे धन्येवाद.