1.
कदम कदम पर बहारो ने साथ छोडा ,
जरुरत पडने पर यारो ने साथ छोडा ,
बादा किया सितारोँ ने साथ निभाने का ,
सुबह होने सितारो ने साथ छोडा.
2.
यू तो हर दिल में एक कशिश होती है
हर कशिश में एक ख्वाहिश होती है
मुमकिन नही सभी के लिए ताज महल बनाना
लेकिन हर दिल में एक मुमताज़ होती है
3.
अगर आप किसी कों धोका देने में कामयाब हो गए
तो ये मत समजना की आप कितने चालाक है
ये सोचना की वो आप पर कितना विश्वास करता था
4.
मैंने उनसे प्यार किया,
यह मेरे प्यार की हद थी.
मैंने उनपे इतबर किया,
यह मेरे इतबर की हद थी.
मरकर भी खुली रही मेरी आखें,
यह मेरे इंतिज़ार की हद थी.
5.
किसी का हाथ लेकर हाथ मे जब तुम मिले हमसे,
तो कैसे टूट के बिखरा था मेरा मन आँखो मे,
ना समझो चुप है तो तुमसे कोई शिकवा नही बाकी,
हम अपने दर्द की नही रखते कोई पहचान आँखो मे,
6.
समजते थे हम उनकी हर एक बात को,
वो हर बार हमसे धोका देते थे,
पर हम भी वक़्त के हातो मजबूर थे,
जो हर बार उनको मौका देते थे.
7.
हमने तो बेवफा के भी दिल से वफ़ा किया
इसी सादगी को देखकर सबने दगा किया
मेरी टिशनगी तो पी गयी हर जख्म के आँसू
गर्दिश मे आके हमने अपना घर बना लिया
8.
मोहब्बत मे जी गया कोई प्यार मे मर गया कोई,
मोहब्बत आग को सागर हे फिर भी उतार गया कोई,
प्यार मे ज़ख़्म का किस्सा बहोत पुराना हे दोस्तो,
ज़ख़्म दे गया कोई तो ज़ख़्म भर गया कोई .
9.
मौत माँगते है तो जिन्दगी खफा हो जाती है, जहर लेते है तो वो भी दवा हो जाती है, तू ही बता ऐ दोस्त क्या करूँ, जिसको भी चाहा वो बेवफा हो जाती है.
10.
कैसी है यह हमारी तक़दीर,
हर तरफ दागा ही पाया है.
दिल मे तो है प्यार ही प्यार लेकिन,
हर तरफ बेवफाओ को ही पाया है.
11.
इंनकार करते करते, इकरार कर बैठे,
हम तो एक बेवफा से प्यार कर बैठे.
12.
कोई वादा नही फिर भी तेरा इंतेज़ार है,
जुदाई के बाद भी तुमसे प्यार है,
तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गवाही,
मुजसे मिलने को तू अब भी बेकरार है.
बड़ी हसीन थी ज़िंदगी..
जब ना किसीसे मुहब्बत ना किसी से नफ़रत थी!
ज़िंदगी में एक मोड़ ऐसा आया मुहब्बत उससे हुई
और नफ़रत सारी दुनिया से हो गयी.
13.
पत्थर से दिल लगाने से पहेले देख लेते,
की वो धड़क रहा हे के नही.
उनपर ऐतबार ना करते हम अगर,
तो ज़िंदगी मे ठोकर ना खाते हम कभी.
14.
वफ़ा के नाम से वो थोड़े अंजान थे,
किसी की बेवफ़ाई से शायद थोड़े परेशान थे,
जब हमने वफ़ा देनी चाही तब पता चला के,
हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे.
15.
चाहते थे जिन्हे उनका दिल बदल गया
समन्दर तो वही गहरा हे पर साहिल बदल गया
कतल ऐसा हुआ किस्तो मे मेरा,
कभी बदला खंजर तो कभी कातिल बदल गया.
16.
एक आग लगाई सिने मे मेरे,
और उसका माज़ा भी लेते रहे,
शोलो का तमाशा भी देखा उसने,
और आँचल से हवा भी देते रहे.
17.
बेख़बर तुझे क्या खबर;
तेरी आँखों मई कैसा जमाल है;
तुझे देख ले जो बस इक नज़र;
उस की आँखों मे फिर यह सवाल है!
18.
ग़मों की बरसात समेटे बैठा हूँ , किसी बेवफा से धोखा खाया बैठा हूँ ,
जाने कब देगा उपरवाला मुझे मौत , खुदा के भरोसा आस लगाये बैठा हूँ
19.
यू तो कोई तन्हा नही होता,
चाहकर किसी से कोई जुदा नही होता,
मोहब्बत को मजबूरिया ही ले डूबती है,
वरना खुशी से कोई बेवफा नही होता.
20.
हमने अपनी सांसो पर उनका नाम लिख लिया,
नही जानते थे की हमने कुछ ग़लत किया,
वो प्यार का वादा हमसे करके मुकर गये,
खैर उनकी बेवफ़ाई से कुछ तो सबक लिया.
21.
हर धड़कन मे एक राज़ होता है,
हर बात को बताने का एक अंदाज़ होता है,
जब तक ठोकर ना लगे बेवफ़ाई की,
हर किसी को आपने प्यार पे नाज़ होता है.
22.
अब तो हम तेरे लिए अजनबी हो गये
बातो के सिलसिले भी कम हो गये
खुशियो से ज़्यादा हमारे पास गम हो गये
क्या पता ये वक़्त बुरा है या बुरे हम हो गये.
23.
मत रख हमसे वफा कि उम्मीद,
हमने हर दम बेवफाई पाई हे.
मत धुंढ हमारे जिस्म पे ज़ख्मो के निशान,
हम ने हर चोट दिल पे खाई हे.
24.
वो दिल की लगी को अदा समजने लगे,
दो पल रुठ के गुज़रे जफ़ा समजने लगे,
वो क्या जाने मे कितना रोया उनके बिन,
वो बिन सोचे समजे बेवफा समजने लगे.
25.
आपके प्यार ने दिया सुकून इतना,
के आपके सिवा ना कोई प्यारा लगे,
बेवफ़ाई करनी हे तो इस तरह से करना,
के आपके बाद कोई बेवफा ना लगे.
26.
ए खुदा तूने हम दीवानो का,
ये कैसा नसीब बनाया है,
जितनी खुशिया दूर जाती है,
उतना ही गम करीब आया है.
27.
वो धोकेबाज मेरा इम्तिहान क्या लेगी,
मिलेगी नज़रो से तो नज़र तक झुका देगी,
उसे मेरी कबर पे दिया जलाने को मत कहेना,
वो तो नादान हे कही अपना हाथ जला देगी.
28.
हर दिल का ज़ख़्म धो लेते हे,
आंसुओ के जाम से.
इतनी बेवफ़ाई करो की,
नफ़रत हो जाए लडकियों के नाम से.
29.
वफ़ा के नाम से वोह अनजान थे!
किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे!
हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला!
हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे!
30.
मेरी मौत के सबब आप बने;
इस दिल के रब आप बने;
पहले मिसाल थे वफ़ा की;
जाने यूँ बेवफ़ा कब आप बने।
31.
अपने दिल को आख़िर दुखाना है,
और बहारो मे घर सज़ाना है,
तो प्यार अक्सर एक बेवफा से करो,
अगर मोहब्बत को आजमाना है.
32.
सब कुछ है मेरे पास पर दिल की दवा नहीं, दूर वो मुझसे हैं पर मैं खफा नहीं,
मालूम है अब भी प्यार करते है मुझसे, वो थोडा सा जिद्दी है, मगर बेवफा नहीं
33.
चाहने वालो को यू सताया नही जाता,
बेवफाओ को भी यू भुलाया नही जाता.
हम तो तुम्हारे ही है,तुम्हारे ही थे,
आपनो को यू ज़िंदगी मे तडपाया नही जाता.
34.
धोकेबाज है दुनिया किसी का ऐतबार ना करो,
हर पल देते है धोका किसी से प्यार ना करो,
मिट जाओ बेशाक़ तनहा जी कर,
पर किसी के साथ का इंतज़ार ना करो.
35.
वो जो अपना था हुंसे है खफा,
पता नही किस से हुई थी क्या ख़ाता,
बे वजह दिल नही टूटता किसी का,
तुम थे या हम थे बेवफा.
36.
लोग तो अपना बना कर छोड देते हैं, कितनी आसानी से गैरों से रिश्ता जोड लेते हैं,
हम एक फूल तक ना तोड सके कभी.. कुछ लोग बेरहमी से दिल तोड देते हैं.
37.
हसी की राह मे गम मिले तो क्या करे,
वफ़ा के नाम पर बेवफा मिले तो क्या करे.
कैसे बचे ज़िंदगी मे धोके बाजो से,
कोई हस के धोका दे तो हम क्या करे.
38.
आग दिल में लगी जब वो खफा हुए;
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए;
करके वफ़ा कुछ दे न सके वो
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफा हुए.
39.
ज़ख़्म जब मेरे सीने के भर जाएँगे;
आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे;
ये मत पूछना किस किस ने धोखा दिया;
वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे।
40.
मत बहा आंसुओं में जिंदगी को;
एक नए जीवन का आगाज़ कऱ;
दिखानी है अगर दुश्मनी की हद तो;
ज़िक्र भी मत कर, नज़र अंदाज़ कर।
41.
मिलने की आस तन्हाई होती हे,
वफ़ा की आस बेवफा होती हे,
दिल मे जीने की उमंग समाई होती हे,
पता नही किसको क्या मिले,
क्योकि किस्मत रब की बनाई होती हे.
42.
आकाश मे डूबा एक प्यारा तारा हे,
हमको तो किसी की बेवफ़ाई ने मारा हे,
हम उनसे अब भी मोहब्बत करते हे,
जिसने हमे मौत से भी पहेले मारा हे.
43.
आग दिल मे लगी जब वो खफा हुए,
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए,
कर के वफ़ा कुछ दे ना सके वो,
पर बहुत कुछ दे गये जब वो बेवफा हुए.
44.
उनकी आँखो मे इस कदर का नूर हे की,
उनके ख़यालो मे रोना भी मंज़ूर हे.
बेवफा भी नही कहे सकते उन्हे क्यू की,
प्यार तो हमने किया था वो तो बेकसूर हे.
45.
जिस गुलशन को मैने लहू से सजाया था,
हर फूल को मैने खून-ए-जिगर पिलाया था,
उससे वीरान कर दिया तेरी बेवफ़ाई ने,
और मैने तुझको वफ़ा की देवता बनाया था.
46.
बेवफाई उसकी मिटा के आया हूँ;
ख़त उसके पानी में बहा के आया हूँ;
कोई पढ़ न ले उस बेवफा की यादों को;
इसलिए पानी में भी आग लगा कर आया हूँ।
47.
वो खून करके मेरे दिल का बेगुनाह कहलाते हे,
छेड़कर मेरे ज़ख़्मो को बेशर्मी से मुस्कुराते हे.
बड़े बेदर्द होते हे वो हसीन अदा ओ वाले,
जो चहेरे से बड़े हे मासूम नज़र आते हे.
48.
आज अभी उनकी नज़र में राज़ वही था , चेहरा वही था चेहरे का लिबास वही था ,
कैसे उन्हें बेवफा कह दूं आज भी उनके देखने का अंदाज़ वही था.
49.
मोहब्बत ने हमपर ये इल्जाम लगाया है,
वफा कर के भी बेवफा का नाम पाया है.
राहे अगल नही थी हमारी फिर भी,
हमने अगल अगल मंजिल को पाया है.
50.
जो वादा किया है वो निभाना होगा,
एक दिन लौट कर तुम्हे आना होगा,
दिल तोड़कर मुस्कुरा रहे हो आज,
देखना एक दिन तुम्हे भी जरुर पछताना होगा.
51.
क्या बताऊँ मेरा हाल कैसा है;
एक दिन गुज़रता है एक साल जैसा है;
तड़पता हूँ इस कदर बेवफाई में उसकी;
ये तन कंकाल जैसा बनता जा रहा है.
52.
खुद मेरा पता नही हम कैसे जी लेते हे,
तो दुनिया की हालत हम कैसे बताए आपको,
गये थे हम मोहब्बत की जंग जीतने,
प्यार में धोखा खाकर वापस लौट आए हे.
53.
दुनियाँ को इसका चेहरा दिखाना पड़ा मुझे;
पर्दा जो दरमियां था हटाना पड़ा मुझे;
रुसवाईयों के खौफ से महफिल में आज;
फिर इस बेवफा से हाथ मिलाना पड़ा मुझे।
54.
दूर चले गये तेरी दुनिया से और तुझे अलविदा भी ना कह सके,
तेरी सादगी भी इतनी हसीन थी की तुझे बेवफा भी ना कह सके.
55.
झुकी पलको से उनका दीदार किया था,
सब कुछ भूलके उनका इंतेज़ार किया था.
वो समज ना सके मेरे जज्बात कही,
जिन्हे जिंदगी मे सबसे ज्यादा प्यार किया था.
56.
उमर की राह मे रस्ते बदल जाते हैं,
वक्त की आंधी में इन्सान बदल जाते हैं,
सोचते हैं तुम्हे इतना याद न करें,
लेकिन आंखे बंद करते ही इरादे बदल जाते हैं
57.
सामने आकर चाहे जान से मार डालो,
मगर पीछे से बद्दुआ दिया ना करो,
हाल भी ना जानो मेरा बर्बादी के बाद,
इतने भी सनम पत्थर दिल हुआ ना करो.
58.
जान कर भी वो मुझे जान ना पाए,
आज तक वो मुझे पहचान ना पाए,
खुद ही कर ली बेवफ़ाई हमने,
ताकि उनपर कोई इल्ज़ाम ना आए.
59.
सह लिया है हर दर्द हमने हस्ते-हस्ते,
उजड़ गया है मेरा घर बस्ते-बस्ते.
अब वफ़ा करे भी तो कैसे करे,
वफ़ा करने गया तो बेवफ़ाई ही मिली है रस्ते रस्ते.
60.
हम अपनी वफ़ा का यकीन तुमको दिला ना सके,
तुमसे दूर गये क्या फिर पास आ ना सके,
इस कदर टूट कर प्यार किया तुझे के,
तेरे जाने के बाद हम किसी और के हो ना सके.
61.
उन्होंने जो किया ये शायद उनकी फितरत है
अपने लिये तो प्यार एक इबादत है
न मिले उनसे तो मरकर बता देंगे
कि कितनी मुहब्बत है उनके लिए इस दिल में.
62.
समज़ते है की पत्थर है हम,
उनको ठोकर मार जाएँगे,
एक बार कह दे नफ़रत है हम से,
खुदा कसम पत्थर तो क्या,
फूल बन कर भी उनकी राह मे नही आएँगे.
63.
भुला कर हमें वो खुश रह पाएंगे, साथ में नही तो मेरे जाने के बाद मुस्कुरायेंगे,
दुआ है खुदा से की उन्हें कभी दर्द न देना, हम तो सह गए पर वोह टूट जायेंगे.
64.
शायरी नहीं आती मुझे बस हाले दिल सुना रही हूँ; बेवफ़ाई का इलज़ाम है,
मुझपर फिर भी गुनगुना रही हूँ; क़त्ल करने वाले ने कातिल भी हमें ही बना दिया;
खफ़ा नहीं उससे फिर भी मैं बस, उसका दामन बचा रही हूँ.
65.
अगर दुनिया में जीने की चाहत ना होती; तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती;
लोग मरने की आरज़ू ना करते; अगर मोहब्बत में बेवाफ़ाई ना होती.
66.
वो समझें या ना समझें मेरे जजबात को, मुझे तो मानना पड़ेगा उनकी हर बात को,
हम तो चले जायेंगे इस दुनिया से, मगर आंसू बहायेंगे वो हर रात को.
67.
जो आपने न लिया हो, ऐसा कोई इम्तहान न रहा, इंसान आखिर मोहब्बत में इंसान न रहा,
है कोई बस्ती, जहां से न उठा हो ज़नाज़ा दीवाने का, आशिक की कुर्बत से महरूम कोई कब्रिस्तान न रहा.
68.
प्यार गुनाह है तो होने ना देना,
प्यार खुदा है तो खोने ना देना,
करते हो प्यार जब किसी से तो
कभी उस प्यार को रोने ना देना.
69.
ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक हैं, तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक हैं,
वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी, हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक हैं.
70.
कभी रो के मुस्कुराये , कभी मुस्कुरा के रोये,
तेरी याद जब भी आयी, तुझे भुला भुला के रोये,
एक तेरा ही नाम था जिसे हज़ार बार था लिखा,
जिसे खुश हुए थे लिख कर ,
उसे मिटा मिटा के रोये.
71.
दिल टूटेगा तो फरियाद करोगे तुम भी,
हम न रहे तो हमने याद करोगे तुम भी,
आज कहते हो हमारे पास वक़्त नहीं हैं,
पर एक दिन मेरे लिए वक़्त बर्बाद करोगे तुम भी.
72.
पलकों के किनारे हमने भिगोये ही नहीं,
वो सोचते हैं कि हम रोये ही नहीं,
वो पूछते हैं कि ख्वाबों मैं किसे देखते हो,
हम हैं कि एक उम्र से सोये ही नहीं.
73.
पलकों के किनारे हमने भिगोये ही नहीं,
वो सोचते हैं कि हम रोये ही नहीं,
वो पूछते हैं कि ख्वाबों मैं किसे देखते हो,
हम हैं कि एक उम्र से सोये ही नहीं.
74.
मत ज़िकर कीजिये मेरी अदा के बारे में;
मैं बहुत कुछ जानता हूँ वफ़ा के बारे में;
सुना है वो भी मोहब्बत का शोक़ रखते हैं;
जो जानते ही नहीं वफ़ा के बारे में.
75.
मोहब्बत से खफा तुम भी, मोहब्बत से खफा हम भी नहीं तुझमे जफ़ा कुछ भी,
नहीं मुझमे जफ़ा कुछ भी मगर कहते रहे मजबूर से हम इस मोहब्बत में बड़े हो बेवफ़ा तुम भी , बड़े है बेवफा हम भी
76.
एक अजीब सा मंजर नज़र आता हैं,
हर एक आँसूं समंदर नज़र आता हैं ,
कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना,
हर किसी के हाथ मैं पत्थर नज़र आता हैं.
इन्हे भी जरूर देखे: