वॉरेन बफेट का पूरा जीवन परिचय | Warren Buffett Biography in Hindi

शेयर मार्केट की दुनिया का अगर किसे बादशाह बनाया जाए, तो उसमें सबसे पहले वॉरेन बफेट का नाम आता है। वारेन बफ्फेट दुनिया के सबसे अमीर आदमियों में से एक है।

इनकी महानता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि माइक्रोसॉफ़्ट कंपनी के CEO और दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बिल गेट्स, वारेन बफ्फेट को अपना सबसे करीबी मित्र मानते हैं।

बिल गेट्स कहते है कि बफ्फेट मेरे लिए एक दोस्त से ज्यादा एक प्रेरणादायक व्यक्ति है। इनसे मैंने जिंदगी में बहुत कुछ सीखा है।

“कमाई करने का दूसरा नाम निवेश है। जब तक आप किसी में निवेश नहीं करोगे, तब तक आप उससे कमाई नहीं कर सकते”- Warren Buffett.

वारेन बफ्फेट को सिर्फ दौलत के लिए नहीं अपितु उनके दयालु और ईमानदार स्वभाव के कारण भी जाना जाता हैं। आज भी लोग इनकी ईमानदारी की मिशाल देते हैं।

दुनिया का लगभग शेयर मार्केट इनके इर्द-गिर्द घूमता है, दुनिया की लगभग अर्थव्यवस्था में इनकी भूमिका रहती है। इनके बिजनेस करने का अंदाज सबसे निराला है। जो इन्हें इस दुनिया के सबसे अमीर आदमियों के सूची में शुमार करता है।

इनकी दौलत की बात करें तो अगस्त 2020 में इनकी कुल नेटवर्थ तकरीबन 78.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। साल 2008 में बफ्फेट दुनिया के सबसे अमीर आदमी बने थे।

तब इनकी कुल नेटवर्थ तकरीबन 62 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी। ऐसे बहुत से किस्से हैं वारेन के, जो आज हम इस लेख में जानेंगे। तो आइए शुरू करते हैं इनके जन्म से।

वॉरेन बफेट का जीवन परिचय (Biography)

Warren Buffet Biography in hindi

क्र.व्यक्ति की जानकारीजीवन परिचय
1.पूरा नामवॉरेन बफेट
2.निक नामऑरेकल ऑफ ओमाहा
3.जन्म तारिक30 अगस्‍त 1930
4.जन्‍म स्‍थाननेब्रास्‍का, ओमाहा, स. रा. अमेरिका
5.पिता का नामहावर्ड बफेट
6.माता का नामलीला स्‍टॉल
7.पत्‍नी का नामसुसान थॉम्‍पसन, एस्ट्रिड मेंक्‍स
8.बच्चों का नामएलिस हावर्ड तथा पीटर
9.उनका पेशा (Occupation)निवेशक (Investor)
10.उनकी कंपनी का नामबर्कशायर हैथवे

1. जन्म और शुरुआती जीवन

वारेन बफ्फेट का जन्म 30 अगस्त, 1930 को अमेरिका के ओमाहा शहर में हुआ, जो नेब्रास्का स्टेट में है। बफ्फेट अपने माता-पिता की तीन संतानों में से बीच वाले थे। इनकी माता का नाम Leila और पिता का नाम Howard बफेट था। Howard एक बिज़नसमैन, निवेशक और एक राजनेता थे।

1942 में इनके पिता काँग्रेस के 4 पदों में से पहले पद पर चुने गए थे। इस कारण इनका परिवार 1942 में वाशिंगटन में आकार बस गया। हॉवर्ड एक अच्छे निवेशक थे, इनके इसी काम के कारण इनका बेटा आगे जाकर दुनिया का सबसे अमीर आदमी बना।

अपने पिता के नक्से-कदमों पर चलते हुए, बफ्फेट ने शुरू से ही शेयर मार्केट और बिज़नस में रुचि दिखाना शुरू कर दिया था। बफ्फेट चाहते थे की वो अपनी पढ़ाई को पूरी किए बिना ही बिज़नस की शुरुआत करें।

लेकिन उनके पिता ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया। उनके पिता ने कहा की तुम सबसे पहले अपनी पढ़ाई पूरी करो फिर इसके बाद तुम जो चाहो वो कर सकते हो।

बफ्फेट कहते हैं कि उन्हें बिज़नस और निवेश करने का विचार तब आया जब उन्होंने एक किताब पढ़ी। बात उस समय की है जब बफ्फेट सात वर्ष के थे। एक दिन वो ओमाहा के सार्वजनिक पुस्तकालय में किताबें पढ़ रहे थे, तब उन्हें एक किताब मिली।

जिसका नाम था “1000 डॉलर कमाने के 1000 तरीके”, बस इसी से प्रेरित होकर वो पैसा कमाने के बारे में सोचने लगे।
इसके बाद वो ऐसे ऐसे तरीके सोचने लगे, जिससे वो अपने व्यापार को शुरू कर सके।

बफ्फेट का शुरुआती बिज़नस चविंगम, कोका कोला की बोतलें और साप्ताहिक समाचार पत्रों को घर-घर पहुंचाना था। फिर इन्होंने अपने दादा के किरयाना स्टोर में काम किया। हालांकि वो एक अच्छे परिवार से थे, लेकिन फिर भी वो अपने दम पर इस दुनिया में कुछ करना चाहते थे।

बफ्फेट स्कूल की अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपना काम भी करते थे। वो कभी भी ऐसा नहीं सोचते थे कि वो पढ़ाई और काम को एक साथ नहीं कर सकते। महज 14 साल की उम्र में बफ्फेट ने अपना आयकर भरा था। जो एक बहुत बड़ा कारनामा है। अब बफ्फेट पूरी तरह से जान गए थे कि बिज़नस कैसे किया जाता है?

1945 में बफ्फेट ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर 25 डॉलर में एक पिनबॉल गेम मशीन को खरीदा। उन्होंने उस मशीन को पास की नई की दुकान में रख दिया।

ताकि जब दुकान पर भीड़ ज्यादा हो तो लोग मनोरंजन के लिए उस मशीन पर अपना समय व्यतीत कर सके। 25 डॉलर से शुरू किए बिज़नस को थोड़े समय बाद ही 1200 डॉलर में बेचकर बफ्फेट ने बिज़नस में अपना लोहा मनवाया।

अपने इसी 1200 डॉलर से बफ्फेट ने 40 एकड़ जमीन खरीदी। इसके बाद बफ्फेट ने शेयर मार्केट में पैसा लगाना शुरू किया। इसके लिए उन्होंने Cities Services के तीन शेयर अपने लिए और 3 शेयर अपनी बहन के लिए खरीदे।

फिर यहीं से शुरुआत होती है शेयर बाजार के बादशाह यानी वॉरेन बफेट के अमीर बनने की कहानी।

2. शिक्षा

वारेन की शुरुआती शिक्षा Rose Hill Elementary स्कूल से हुई। 1942 में इनका परिवार जब वाशिंगटन आ गया तो इन्होंने Alice Deal Junior High School में दाखिला ले लिया।

जहां पर उन्होंने अपने हाई स्कूल की शिक्षा को पूरा किया। इसके बाद इन्होंने 1947 में Woodrow Wilson High School से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की।

इस समय तक बफ्फेट का पूरा ध्यान बिज़नस पर केन्द्रित हो गया था, इस कारण इन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई एक बिज़नस कॉलेज से लेने की योजना बनाई।

1947 में ही उन्होंने Wharton School of the University of Pennsylvania में दाखिला लिया जो एक बिज़नस विश्वविद्यालय था। जहां पर बफ्फेट ने बिज़नस पर अपना पूरा ध्यान लगाकर बहुत कुछ सीखा।

19 वर्ष की उम्र में बफ्फेट ने University of Nebraska से बिज़नस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। अब बफ्फेट का पूरा ध्यान सिर्फ और सिर्फ बिज़नस पर था, इसलिए उन्होंने Harvard Business School से बिज़नस की पढ़ाई करने की योजना बनाई।

लेकिन वहाँ पर इनका दाखिला स्वीकार नहीं हुआ। फिर इन्होंने 1951 में कोलम्बिया बिज़नस स्कूल (कोलम्बिया विश्वीद्यालय) से Master of Science में Economics की डिग्री ली।

जहां पर इन्हें इनके सबसे आदर्श गुरु बेंजामिन ग्राहम ने पढ़ाया। कुछ ही दिनों में बफ्फेट, बेंजामिन के प्रिय विद्यार्थी बन गए।

बेंजामिन ग्राहम भी अपने समय के अच्छे निवेशक और बिज़नसमैन थे। बफ्फेट कहते है कि उन्होंने शेयर बाज़ार का सबसे ज्यादा ज्ञान अपने गुरु बेंजामिन ग्राहम से लिया था।

इसके बाद बफ्फेट ने New York Institute of Finance में प्रवेश लिया। इसके बाद इन्होंने बिज़नस की दुनिया में अपने आप को पूरी तरह से ढाल लिया।

3. निवेश में अपना कैरियर बनाना

#1 शुरुआती बिज़नस

बफ्फेट ने 1951 में स्टॉकब्रोकर के रूप में काम करना शुरू किया। जहां से उन्होंने बहुत कुछ सीखा। वो अपनी आयु के लोगों से सबसे अलग थे।

महज 21 वर्ष की छोटी सी उम्र में ही बफेट ने “सिनक्लेयर टेक्सगो गैस स्टेशन” को खरीदा, लेकिन उनका यह दांव उल्टा पड़ा। और उन्हें बिज़नस में पहली बार मात खानी पड़ी।

इसके बाद 1954 में बेंजामिन ग्राहम ने बफ्फेट को अपने यहाँ नौकरी करने का प्रस्ताव दिया। बेंजामिन ने बफ्फेट की काबिलियत देखकर 12000 डॉलर/प्रतिवर्ष तनख्वाह देने की पेशकश की।

जिसे वारेन ने खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया। यहाँ पर इनको Walter Schloss के साथ काम करने का मौका मिला। वाल्टर उस समय एक अच्छे निवेशक माने जाते थे।

यह समय बफेट के जीवन का सबसे कीमती समय था। क्योंकि बेंजामिन ग्राहम जैसे व्यक्ति आपको कुछ भी बना सकते है। उन्होंने बेंजामिन को अपना प्रेरणादायक मानते हुए बिज़नस और निवेश के अनेक गुण सीखे। जो भविष्य में उनके बहुत काम आने वाले थे।

लेकिन 1956 में बेंजामिन ग्राहम ने सेवा-निवृत्त (रिटाइर) हो गए। उस समय तक बफ्फेट अपनी मेहनत और लगन से तकरीबन 174,000 डॉलर की बचत कर चुके थे।

बेंजामिन के जाने के बाद बफ्फेट का मन भी वहाँ नहीं लगा। और उन्होंने अपनी एक नई कंपनी खोलने की योजना बनाई।
बफेट ने अपनी नई कंपनी का नाम बफेट Partnership Ltd. रखा। 1957 में बफ्फेट ने कंपनी के तीन हिस्सों में भागीदारी बेची।

जिससे उनके पास भारी-भरकम दौलत आ गई। 1960 तक आते-आते कंपनी में उनके 7 साझेदार हो चुके थे। उन्हें अपने प्रत्येक भागीदार (पार्टनर) से कहा की वो 11 ऐसे निवेशक ढूँढे, जिसमें से प्रत्येक उनकी कंपनी में 10000 डॉलर का निवेश कर सके।

बफ्फेट ने इस निवेश के 35% हिस्से को सनबॉर्न मैप कंपनी में निवेश किया। जहां पर उन्हें अच्छी ख़ासी कामयाबी मिली। इसके बाद बफ्फेट ने कंपनी के 23% शेयर एक एक्टिविस्ट इन्वेस्टर के रूप में खरीदे और वो कंपनी में बोर्ड डायरेक्टर बने।

बफ्फेट ने महज 2 साल के समय में ही अपने निवेश का 50% हिस्सा वापिस प्राप्त कर लिया था।

#2 बर्कशायर हाथवे

1962 तक आते-आते बफ्फेट एक करोड़पति बन चुके थे। अब Warren के पास तकरीबन 10,25,000 डॉलर की संपत्ति बन चुकी थी। इतनी संपत्ति होने के बावजूद वारेन बफ्फेट ने निवेश करना जारी रखा।

इस बार उन्होंने “बर्कशायर हाथवे” में निवेश करने की योजना बनाई। शुरुआत में बफ्फेट ने 7.60 डॉलर/शेयर के हिसाब से शेयर खरीदे। 1965 तक आते-आते बफेट ने कंपनी पर अपना नियंत्रण कर लिया। अब वो कंपनी के शेयर खरीदने में बहुत आक्रामक हो चुके थे और तेजी से इसमें निवेश कर रहे थे।

लेकिन 1966 में उनका यह दांव उनके लिए गलत साबित हुआ। क्योंकि उनके निवेश का उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ। और उन्होंने इसमें निवेश करना बंद कर दिया। उन्होंने कहा की एक कपड़े की कंपनी में निवेश करना उनके लिए सबसे खराब निर्णय था।

इसके बाद उन्होंने अपने बिज़नस को Investment Sector में स्थानांतरित कर दिया। यानी बर्कशायर अब एक Investment Sector बन चुकी थी।

1973 में बर्कशायर ने Washington Post Company में अपना स्टॉक बनाना शुरू किया। बफ्फेट, कैथरीन ग्राहम के सबसे अच्छे दोस्त बन गए, जो इस कंपनी को नियंत्रित करती थी।

अब धीरे-धीरे बफ्फेट एक अरबपती बनने की तरफ अग्रसर हो रहे थे। इसके बाद 1977 में बर्कशायर ने “बफ़ेलो ईवनिंग न्यूज़” को 32.5 मिलियन डॉलर में खरीदा। बर्कशायर ने बफ्फेट को बहुत लाभ दिया। वो आज भी कहते है कि मैं आज जो भी हूँ उसमें बर्कशायर का बहुत बड़ा हाथ है।

1987 में बर्कशायर ने Salomon Inc. में 12% हिस्सेदारी खरीदी। जो उस कंपनी में सबसे बड़ी हिस्सेदारी थी। इस हिस्सेदारी के कारण बफ्फेट डायरेक्टर पद पर काबिज हो गए। 1988 में वारेन ने The Coca Cola Company के 7% हिस्से को करीबन 1.02 बिलियन डॉलर में खरीदा। जो उस समय तक बर्कशायर का सबसे बड़ा निवेश था। यह वाकई बहुत ज्यादा था।

29 मई, 1990 को बफ्फेट एक अरबपती बन चुके थे, जब बर्कशायर हाथवे ने अपने क्लास-ए के सभी शेयर बेचने शुरू किए। जिनकी बाजार कीमत 7,175 डॉलर प्रति शेयर थी।

2007-2008 का वित्तीय संकट

2007-08 का वित्तीय संकट सबके लिए एक बुरे सपने की तरह था। इस दौरान बड़े से बड़े उद्योगपति, बिज़नसमैन, निवेशक सभी को भारी नुकसान झेलना पड़ा था।

2007 की शुरुआत में ही बफ्फेट ने इस आर्थिक मंदी के लिए सबको आगाह कर दिया था। इस दौरान बर्कशायर के शेयरों की कीमत में 77% की भारी गिरावट आई, जो एक सदमे से कम नहीं थी।

इसके बाद लगातार बफ्फेट को कई क्षेत्रों में इस महामंदी का सामना करना पड़ा। लेकिन इस मंदी के दौर में भी बफ्फेट ने अपनी उदारता और दयालुता को कम नहीं किया।

जब बर्कशायर ने Dow Chemical को 18.8 बिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता दी। जिसमें से 3 बिलियन डॉलर बफ्फेट के थे।
2008 में वारेन दुनिया के सबसे अमीर आदमी बने, जब इनकी कुल नेटवर्थ 62 बिलियन डॉलर थी।

लेकिन 2009 में बिल गेट्स ने वॉरेन बफेट को पीछे छोड़कर इस स्थान को हासिल किया। तब दोनों को ही बिज़नस में काफी नुकसान हुआ था। 2008-2009 के समय में वॉरेन बफेट को 25 बिलियन डॉलर का नुकसान झेलना पड़ा था।

लेकिन कहते हैं ना कि बुरे वक्त का भी एक दिन अंत जरूर होता है। 14 अगस्त, 2014 को Berkshire Hathaway के प्रत्येक शेयर की कीमत 2,00,000 डॉलर तक पहुँच गई थी, जिससे कंपनी की कुल पूंजी 328 बिलियन डॉलर के मुकाम को हासिल करने में कामयाब हो गई थी।

हालांकि इस समय तक वॉरेन बफेट ने अपने अधिकांश शेयर दान में दे दिए थे। फिर भी इनके पास 64.2 बिलियन डॉलर की कीमत के 3,21,000 शेयर थे।

4. व्यक्तिगत जीवन (Personal Life)

1949 में बफेट एक ऐसी लड़की से मिले जिसका एक पहले से बॉयफ्रेंड था। लेकिन उसके साथ वारेन ज्यादा समय तक नहीं रह सके। इसके बाद 1952 में बफेट ने Susan Thompson से शादी की।

शादी के एक साल बाद ही उनके घर में एक लड़की ने जन्म लिया, जिसका नाम Susan Alice था। इसके दो वर्ष बाद Susan ने एक और बच्चे को जन्म दिया। जिसका नाम बफेट ने Howard Graham रखा। 1958 में इनके तीसरे बच्चे का जन्म हुआ, जिसका नाम पीटर एंड्रू था।

हालांकि 1977 में वारेन और सुज़ेन अलग हो गए थे। लेकिन इन्होंने कभी भी तलाक नहीं लिया। Susan की मौत 2004 में हुई, तब तक दोनों पति-पत्नी बनकर ही रहे। इनकी बेटी Susan Alice ओमाहा में रहती है। जो लड़कियों को परिशिक्षित करने वाली एक राष्ट्रिय संस्था में काम करती है।

वर्ष 2006 में, अपने 76वें जन्मदिन पर वॉरेन बफेट ने Astrid Menks से शादी की, जो 1977 से उनके साथ रह रही थी। अपनी पहली पत्नी से अलग होने के बाद Astrid ने ही बफ्फेट का पूरा साथ दिया था।

इनकी शादी के वक्त Astrid की उम्र 60 वर्ष थी। बफेट को ब्रिज गेम (Bridge Game) खेलना बहुत पसंद है। वो एक सप्ताह में 12 घंटे इस गेम को जरूर खेलते है।

यह ताश के पत्तों का ऐसा गेम है, जिसमें 4 व्यक्ति मिलकर इसको खेलते है। उनमें से 2-2 एक दूसरे के साझेदार होते है। दुनिया में बहुत से लोग इस गेम को खेलते है।

जिनमें से वॉरेन बफेट एक है। इसके अलावा बफेट को फूटबाल मैच देखना भी अच्छा लगता है। कुल संपत्ति और दान 2008 में Buffett, 62 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के सबसे अमीर आदमी थे।

लेकिन 2009 में वो पहले पायदान से दूसरे पर आ गए। तब बफेट के ही दोस्त Bill Gates ने उनको पीछे छोडकर यह स्थान हासिल किया था। क्योंकि उस 2008 की महामंदी ने दोनों की नेटवर्थ पर काफी बुरा असर डाला था।

1999 में कार्सन ग्रुप द्वारा कराए गए सर्वे में वॉरेन बफेट को 20वीं सदी के सबसे अमीर आदमियों में जगह दी गई थी। इसके अलावा 2007 में वारेन को 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में भी जगह दी गई।

2011 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इनको Presidential Medal of Freedom के अवार्ड से नवाजा था। बफेट ने जून 2006 में Bill & Melinda Gates Foundation को 10 मिलियन Berkshire Hathaway के शेयर दान किए थे।

तब इनकी कीमत तकरीबन 30.7 बिलियन डॉलर थी। यानी वारेन बफ्फेट ने एक साथ 30.7 बिलियन डॉलर का दान किया। जो इतिहास का सबसे बड़ा दान था।

9 दिसम्बर, 2010 को Warren Buffett, Bill Gates और Mark Zuckerberg ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। जिसका नाम “गेट्स-बफ्फेट गिविंग प्लेज” था। इस समझौते के अनुसार ये तीनों अपने धन का कम से कम आधा हिस्सा दान करेंगे और बाकी अमीर लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगे।

2018 में बफ्फेट ने 3.4 बिलियन डॉलर का दान किया था। इसके बावजूद वे दुनिया के तीसरे सबसे आदमी बने रहे। इसके अलावा Warren अपने परिवार के नाम से संचालित सभी फ़ाउंडेशन की आर्थिक सहायता करते है।

जिसमें उनकी पहली पत्नी का Susan Thompson बफेट Foundation भी शामिल है। इस तरह वॉरेन बफेट दुनिया के सबसे अमीर आदमी होने के बावजूद दुनिया के सबसे दानवीर व्यक्ति भी है।इतिहास में इन्हें एक दानवीर के रूप में पहचाना जाएगा।

5. राजनीति में हाथ आजमाना

Warren को राजनीति से भी काफी अच्छा लगाव है। इन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के राष्ट्रपति अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

2008 के एक राष्ट्रपति बहस में बराक ओबामा ने कहा कि बफ्फेट आने वाले समय में अमेरिका के वित्तीय कोश के सचिव बनेंगे। लेकिन फिर उन्होंने कहा कि वो बफेट को एक आर्थिक सलाहकार के रूप में ज्यादा पसंद करेंगे।

इसके बाद 16 दिसम्बर, 2015 को वारेन ने राष्ट्रपति उम्मीदवार पद के लिए ‘हिलेरी क्लिंटन’ का समर्थन किया। 1 अगस्त, 2016 को वॉरेन बफेट ने डोनाल्ड ट्रम्प को अपना टैक्स दिखाने के लिए कहा।

वो जानना चाहते थे कि क्या वाकई में ट्रम्प अपना आयकर भरते है। बफेट ने 10 अक्टूबर, 2016 में अपना आयकर दिखाया। जिसमें उन्होंने कहा कि 2015 में उन्होंने 1.8 मिलियन डॉलर का भुगतान किया था।

इसके साथ बफेट ने दिखाया कि वो पिछले साल 2.8 बिलियन डॉलर का दान भी कर चुके है। इसके जवाब में ट्रम्प ने कहा कि वो अपना आयकर “अंडर ऑडिट” होने के कारण कभी नहीं दिखाते है।

इसके जवाब में Warren ने कहा कि उन्हें भी कई बार IRS के द्वारा ऑडिट किया गया है, लेकिन फिर भी मैं अपना आयकर सबको दिखा रहा हूँ। ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद बफेट ने कहा कि वो पहले अपने देश की राष्ट्रिय सुरक्षा, आर्थिक विकास और आर्थिक भागीदारी में ट्रम्प के योगदान को देखेंगे। इसके बाद ही वो फैसला लेंगे कि 2020 के चुनाव में किसे अपना वोट देना है।

6. स्वास्थ्य

11 अप्रैल, 2012 को जब वॉरेन बफेट अपने स्वास्थ्य की नियमित जाँच करवा रहे थे, तब उन्हें स्टेज-I प्रोटेस्ट कैंसर का पता चला। इसके बाद मध्य जुलाई में उन्होने ‘रेडियसन उपचार’ लेना शुरू किया। उन्होंने कभी भी यह महसूस नहीं होने दिया कि वो इस बीमारी से परेशान है।

अपने साथियों को पत्र लिखते हुए उन्होंने कहा कि वो अभी स्वस्थ है, और उनमें ऊर्जा का स्तर भी पहले जैसा ही है। 15 सितंबर को उनका रेडियसन का उपचार खत्म हो चुका था। तब उन्होंने कहा कि वो आज बहुत खुश है, क्योंकि अब यह सब खत्म हो चुका है। और वे पहले की तरह अपने जीवन को जिएंगे।

वॉरेन बफेट के कुछ अनमोल विचार

  • हमेशा लंबे समय के लिए निवेश करे, 2-3 महीनों के लिए किया गया निवेश ज्यादा लाभ नहीं देता है।
  • मैंने खुद पर कभी संदेह नहीं किया कि मैं कभी अमीर आदमी नहीं बन सकता।
  • पढ़ना सफल आदमी के जीवन का सबसे बड़ा मंत्र है। इसलिए हमेशा पढ़ो, जी लगाकर पढ़ो और खूब पढ़ो।
  • अंधेरे में चलाया हुआ तीर कभी निशाने पर नहीं लगता है। लेकिन अगर लक्ष्य निर्धारित हो तो आप कहीं से भी इसे निशाना बना सकते हो।
  • अगर आप सच में कमाई करना चाहते है तो कभी भी एक स्त्रोत पर निर्भर न होना। इसके लिए आपको किसी दूसरी वस्तु में निवेश करना होगा।
  • बचत करने के बाद जो पैसा बच जाता है, उसे हमेशा खर्च करना चाहिए।
  • ईमानदारी इस दुनिया का सबसे कीमती तोहफा है, छोटे लोगों की ऐसे तोहफे रखने की औकात नहीं है।
  • यदि आप बाजार से उस वस्तु को खरीद रहे हो, जिसकी आज आपको जरूरत नहीं है। तो कल आप बाज़ार में उस वस्तु को बेचेंगे जिसकी आज आपको सबसे ज्यादा जरूरत थी।
  • निवेश कभी भी एक जगह नहीं करना चाहिए। हमेशा नए अवसर तलाशने चाहिए।
  • जिस चीज का आप भुगतान करते हो वो कीमत होती है, और जिस चीज को आप उस भुगतान से पाते हो वो मूल्य होता है।

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निष्कर्ष:

तो यह था वॉरेन बफेट का जीवन परिचय, हम उम्मीद करते हैं कि उनकी यह बायोग्राफी पढ़ने के बाद आप सभी को स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने के बारे में कुछ बेहद अच्छी जानकारी मिल गई होगी।

यदि आपको ये आर्टिकल अच्छी लगी तो इसको शेयर जरूर करें ताकि अधिक से अधिक लोगों को उनकी ये जीवनी पढ़कर मोटिवेशन और प्रेरणा मिल पाए और वो भी अपने जीवन में कुछ बड़ा काम करके दिखाएँ।

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