90+ महात्मा गाँधी के नारे | Inspiring Mahatma Gandhi Slogans in Hindi

आज के इस लेख में हम आपके साथ महात्मा गाँधी के प्रेरणादायक नारें शेयर करने वाले है जिनको पढ़कर आपको उनकी सोच के बारे में पता चलेगा और हमारे देश को अंग्रेजों की गुलामी से छुटकारा पाने उनका योगदान का पता चलेगा.

आज के समय में ऐसा कोई भी नहीं है जो की महात्मा गाँधी को नहीं जनता है और केवल ये भारत तक सीमित नहीं है पुरे दुनिया में गांधीजी के चर्चे होते है.

क्यूंकि उनकी सोच की वजह से ही आज हम आजादी से घूम रहे है और दुनिया में सबसे बड़ा धन है आजादी जब तक वो हमारे पास है हम उसकी क़द्र नहीं करते है लेकिन जैसे ही वो हमसे दूर हो जाती है तब हमको उनका योगदान का एहसास होगा.

उनके द्वारा भारत छोड़ो आंदोलन अभियान चलाया गया था और उसके अलावा उनके कई अभियान थे. महात्मा गांधी जी का जन्म 2 October 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था.

और 1948 में नाथूराम के द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी और 2 अक्टूबर के दिन पुरे भारत में गांधी जयंती मनाया जाता है. तो चलिए इस लेख को शुरू करते है और आप ये सभी स्लोगन को जरुर पूरा पढ़े.

90+ Inspiring Mahatma Gandhi Slogans in Hindi

Mahatma Gandhi Slogans in Hindi

1. हिम्मत और हौसले थे उनके बुलंद, कमजोर दिखने वाले महात्मा गांधी ने करवाया अंग्रेजों से आत्मसमर्पण ।

2. हिंसा नहीं अहिंसा का समर्थन, गांधी जी ने कराए हमें आजादी के दर्शन।

3. देश में थे और भी महान, गांधीजी से था देश को अधिक प्यार, तभी तो उनके पास है, राष्ट्रपिता का सम्मान।

4. महात्मा गांधी की थी साफ-सुथरी छवि, स्वच्छता उनके मन में सदा वासी।

5. गांधी जी के सारे आंदोलन थे सफल, हिंसा हुई तो सफल आंदोलन भी उन्होंने किए खत्म।

6. महात्मा गांधी जहां जाते भीड़ से घिर जाते थे, अंग्रेज उनके व्यक्तित्व से घबराते थे ।

7. गांधी जी के कार्य थे महान, उनकी प्रसिद्धि को कम करना, अंग्रेजों के लिए नहीं था आसान।

8. धन शोहरत से गांधी जी ने खत्म की मोह, देश की आज़ादी की रखी बस उत्तम सोच।

9. दिख ने में थे साधारण जन, गांधी जी के कार्यों को महापुरुष भी करते थे नमन।

10. आजादी तो गांधी जी को निश्चित पानी थी, लेकिन सत्य अहिंसा प्रेम से जीत अंग्रेजों से दिलानी थी। तभी तो दुनिया सत्य अहिंसा प्रेम का महत्व मानी थी।

11. जीवन में होना है सफल, तो महात्मा गांधी के चले नक्शे कदम।

12. नई पीढ़ी को दें जानकारी, महात्मा गांधी जी के विचारों को अपनाने से खत्म होगी समस्याएं हमारी।

13. 2 अक्टूबर का दिन महान, पूरे जीवन को गांधी जी के विचारों से ले सुधार।

14. राष्ट्रपिता का एहसान, उन्होंने हमें दिलाया, आजादी की सांस लेने का अधिकार।

15. जीवन के संघर्ष को जीतता, जो महात्मा गांधी को आदर्श मानकर जिता।

16. गांधी जी को जिसने माना आदर्श, उसकी कम पड़ जाए खुशियों से भरने के लिए हजारों गागर।

17. तन पर लंगोटी हाथ में सोढ़ी लेकिन,अंग्रेजों को गांधीजी ने उनकी औकात दिखा दी।

18. महात्मा गांधी जी का बच्चों को ना दे परिचय, तन मन में रक्त जैसे सबके महात्मा गांधी बसतें।

19. गांधीजी के तीन बंदर, आदर्श जीवन जीने का दे सबक।

20. भारत के कण कण में उनका निवास, महात्मा गांधी के नाम से दूध पीता बच्चा भी नहीं अनजान।

21. महात्मा गांधी जी के चेहरे पर था अनोखा नूर, अंग्रेज देश छोड़ने के लिए हो गए थे मजबूर।

22. तलवार बंदूक नहीं, सत्य अहिंसा से गांधीजी ने आजादी ली खूब।

23. छुआछूत से नफरत स्वच्छता का चलाया अभियान, गांधीजी के थे सारे कर्म महान।

24. बार-बार नहीं लेते जन्म, महात्मा गांधी जैसे स्वर्ण रतन गांधीजी साष्टांग नमन।

25. गांधी जी का व्यक्तित्व था महान, बिना लड़े अंग्रेजों ने मान ली थी उनसे हार।

26. धर्म जाति का मतभेद महात्मा गांधी को इस बात से नहीं था प्रेम, आजादी के साथ उनका उद्देश्य देश में खत्म हो विभेद।

27. महात्मा गांधी हैं अमर, नई पीढ़ी को उनके विचारों पर चलकर मिले, जीवन में सफलता की डगर।

28. गांधी जी ने सूत चरखे से किया प्यार, स्वदेशी का किया देश में प्रचार, खादी का देश को दिया ज्ञान।

29. देश के बंटवारे की भूल, बंटवारे को रोकने के गांधी जी के प्रयत्नों को देश याद रखेगा जरूर।

30. गांधी जी ने पूरे देश में मनाया एकता राष्ट्र प्रेम का माहौल, गांधीजी के पीछे चलते थे हजारों करोड़ों लोग।

31. राष्ट्रपिता जन जन के प्यारे, सत्य अहिंसा आदि विचार हमारे जीवन को सुधारें।

32. गांधी जी ने ऐसी अनोखी लड़ी लड़ाई, बिना लहू बहाए भारत को आजादी दिलाई।

33. महात्मा गांधी की कथनी करनी थी एक, तभी तो देश छोड़कर भागे थे अंग्रेज।

34. देश में बढ़ाई एकता, गांधी जी के विचारों से किसी को नहीं मतभेद था।

35. महात्मा गांधी ऐसे थे महापुरुष, राष्ट्रप्रेम में जिए और मरे, उनके विचारों से मनुष्य का जीवन निखरे।

36. गांधीजी के अद्भुत गुणों से अंग्रेज हुए जब अवगत, तो भारत से भागे सरपट।

37. राष्ट्रपिता जैसे बहुत से थे महापुरुष, सारे महापुरुष राष्ट्रपिता को करते थे सेल्यूट।

38. देश के बंटवारे की भूल गांधी जी को नहीं थी कुबूल, गुलामी जैसा दुख उन्होंने किया महसूस।

39. अंग्रेजों का विशाल शक्तिशाली शासन, बूढ़े महात्मा गांधी जी के आगे हुआ, नतमस्तक।

40. स्त्री पुरुष दोनों को अत्यंत दुख, महात्मा गांधी जी जैसे हम क्यों नहीं ।

41. धरती मां को होता गर्व, महात्मा गांधी जैसा महापुरुष जब लेता जन्म।

42. 500 का नोट नहीं, राष्ट्रपिता की तस्वीर जेब में रखें, राष्ट्रपिता को आदर्श मानकर जीवन में आगे बढ़े।

43. देश को गांधीजी से थी उम्मीद, आजादी दिला कर महात्मा गांधी जी ने दिखाई सत्य अहिंसा की शक्ति।

44. खरा सोना थे उनके दोस्तों का नहीं दुश्मनों का भी यह कहना था।

45. गांधीजी की सोच जैसा बनाओ देश, यह गांधी जी को श्रद्धांजलि देने का अच्छा उद्देश्य।

46. संपूर्ण देश ले शपथ, महात्मा गांधी जैसे हो सबके कर्म।

47. अपने को समझे भाग्यशाली, क्योंकि हमारे देश के थे महात्मा गांधी प्राणी।

48. महात्मा गांधी से जिसने रखी प्रीत, समझे वह समझ गया, पाप रहित जीवन जीने की रीत।

49. हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई कोई भी बताएं, राष्ट्रपिता ने उनकी भलाई में कमी दिखाई।

50. महात्मा गांधी से जिसने किया मुकाबला, उसने अपनी हार को भी जीत माना, उनके विचार चरित्र का दुनिया ने लोहा माना।

51. सत्य कभी ऐसे कारण को हानि नहीं पहुंचा था, जो न्याय पूर्ण हो, गांधी जी का उत्तम विचार सत्य का करें सम्मान।

52. प्रेम का महत्व समझाया, प्रेम से ही गांधीजी ने जीवन को बताया।

53. राष्ट्रपिता का कहना किसी की मेहरबानी मांगना, अपनी आजादी बेचना, मेहरबानी से महापुरुष को भी गुलामी हो पड़ता है सहना।

54. गांधी जी का विचार दिल की कोई भाषा नहीं होती, दिल दिल से बात करता है, इस भाषा को अमीर गरीब शिक्षित अशिक्षित समझता है।

55. विरोधी को प्रेम अहिंसा से जीते, हिंसा क्रोध से दोनों जमीन के नीचे या लकड़ी के ऊपर, गांधीजी के विचार से आप यह सीखे।

56. दूसरों की सेवा आपको अपना पता देगी, राष्ट्रपिता के इस विचार से दुनिया खुद को पा लेगी।

57. केवल प्रसंता ही एकमात्र इत्र है जिसे आप दूसरे पर छिडके, तो उसकी कुछ बूंदें अवश्य ही आप पर भी पड़ती हैं, इसलिए इस विचार से गांधी जी से सदा प्रसन्न रहते थे।

58. राष्ट्रपति का कहना मुझे बेड़ियों में जकड़ो यातना भी दे, शरीर को खत्म भी कर दें, लेकिन मेरे विचारों को कैद कौन करें है कोई जो यह सोचे।

59. समय धन की बचत कमाई के बराबर समझ, गांधी जी के इस विचार में वर्तमान भविष्य की समझ।

60. लंबे लंबे भाषणों से कहीं अधिक मूल्यवान है इंच भर कदम बढ़ाना, गांधीजी कथनी करनी का अर्थ और कर्म हीन मनुष्य को चाहते हैं समझान।

61. खोने के बाद पता चले कौन महत्वपूर्ण, गांधी जी का यह विचार सत्य से परिपूर्ण।

62. पवित्रता अपनाएं निर्भयता स्वयं पाए, गांधी जी के इस विचार को आज ही अपनाए।

63. आचरण रहित विचार खोटे मोती के समान, गांधीजी जैसे आचरण से ही आप का उद्धार।

64. मेरा जीवन मेरा संदेश, महात्मा गांधी जी का यह महान उपदेश।

65. मैं किसी को भी अपने गंदे पांव के साथ अपने मन से नहीं जाने दूंगा, गांधी जी के इस विचार को आपस में अच्छे बुरे सब को समझना होगा।

66. विश्व में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इतने भूखे हैं कि भगवान उन्हें किसी और रूप में नहीं दिख सकता, सिवाय रोटी देने वाले के रूप में, जीवन जीने का कायदा गांधी जी ने दिया खूब, इसे अपनाएं जरूर।

67. मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है, सत्य मेरा भगवान है अहिंसा उसे पाने का साधन, महात्मा गांधी जी के इस विचार का जिसने किया पालन, सुख शांति उसके घर आंगन।

68. ईश्वर ना तो काबा में है और ना ही काशी में है, हर दिल में मौजूद है, गांधी जी यह भाईचारे का संदेश सब को समझना जरूर है।

69. जो जानते हैं कैसे सोचना चाहिए उन्हें किसी टीचर की जरूरत नहीं होती, राष्ट्रपिता की सोच महान होती, तभी तो दुनिया उन्हें राष्ट्रपिता कहती।

70. आपके विचार ही आपके जीवन का निर्माण करते हैं, कार्य महान करता गांधीजी का जिसने माना कहना।

71. गांधी जी से पूरे देश को प्यार, यह नहीं कि उन्होंने देश कराया आजाद, बल्कि व्यक्तित्व उनका था महान।

72. गांधी जी जैसा ढूंढने से ना मिले, उनके विचारों से हम उनसे रोज मिले।

73. सारे नहीं तो एक-दो विचार ही गांधीजी के अपना लें, और अपना जीवन स्वर्ग बना ले।

74. गांधीजी को साधारण मनुष्य समझना, इसलिए अंग्रेजों को पड़ा था, देश छोड़कर भागना।

75. गांधीजी के एक-एक शब्द थे अनमोल, धन दौलत शोहरत को छोड़, इनको अपना फिर खुशियों के साथ जीवन में दौड़ा।

76. अंग्रेजों का किया जड़ से अंत, गांधीजी के शरीर नहीं चरित्र में था दम।

77. आज भी गांधी जी के विचार नवीन, इनको अपनाने से जीवन में खुशियों की ना रहे कमी।

78. खुद सम्मान देने की होती है इच्छा, महात्मा गांधी जी जैसे महापुरुष से मिले जब ज्ञान की भिक्षा।

79. राष्ट्रपिता से मिलने का नहीं मिला मौका, लेकिन भारत के जन-जन में गांधीजी के विचारों का प्रभाव दिखता।

80. 24 घंटे में एक बार गांधीजी का हो स्मरण, अपनी अशांति के हल की तरफ तब बढ़ेंगे हम।

81. सुख शांति पाने का एक ही विकल्प, गांधीजी जैसे जीवन जीने का लें संकल्प।

82. एक सदी से ज्यादा भारत रहा गुलाम, पूरी सदी के दुख का आजादी दिला कर गांधी जी ने कर दिया निदान।

83. भारत नहीं दुनिया ने भी किया गांधीजी का सम्मान, क्योंकि उन्होंने कट्टर दुश्मन को भी नहीं पहुंचाया नुकसान।

84. शरीर नहीं आत्मा की थी शक्ति, गांधीजी के सामने आते ही अंग्रेजों के कदम तले खिसक जाती थी धरती।

85. गांधी जी को चाहता है पूरा देश, गांधी जी की प्रशंसा में कसीदे कसने का नहीं है कोई अर्थ।

86. जाति धर्म के भेदभाव का विरोध स्वच्छता अभियान आजादी, महात्मा गांधी जी के कार्य महान, जन जन के जीवन में आया इनसे सुधार।

87. गांधीजी की गलत से होती थी तकरार, लेकिन उनके थे हथियार सत्य अहिंसा और प्यार, दुश्मन की भी एक लहू की बूंद उन्हें नहीं थी स्वीकार।

88. गांधी जी का जीवन खुली किताब, जिसने नहीं पढा उस बदनसीब को भी गांधी जी के विचारों से अवगत कराना, मानवता का काम।

89. आजादी की लड़ाई गांधीजी ने लड़ी अनोखी, अपने अद्भुत व्यक्तित्व से यह लड़ाई उन्होंने जीती।

90. जिसने कि राष्ट्रपिता की हत्या, उसे परमात्मा को कष्ट देने जैसा दुख महसूस हुआ होगा।

91. विदेशी का किया बहिष्कार, गांधीजी के प्रयत्नों से स्वदेशी उद्योग धंधे का हुआ विकास।

92. मातृभूमि से था उन्हें प्रेम, देश की भलाई में गए उनके प्राण।

93. गांधी जी के कार्य से किसी को नहीं थी नफरत, क्योंकि वह स्वयं ही थे सत्य अहिंसा प्रेम के समुंदर।

94. पहले अपने पर परीक्षण करते, फिर दूसरों को गांधी जी उपदेश देते, ऐसे महात्मा गांधीजी के हैं बहुत किस्से।

95. गलती मनुष्य से होती है, लेकिन गांधी जी जैसे महापुरुष गलती से सबक लेते हैं, तब ही तो राष्ट्रपिता उन्हें लोग कहते हैं।

96. घर-घर में तिरंगा फहराएं, सत्य अहिंसा प्रेम से देश की शान दुनिया में बढ़ाएं और राष्ट्रपिता को शत-शत प्रथम कहते जाएं।

97. गांधीजी को जिस ने दिल से माना, गांधी जी के महान विचारों से उसका जीवन निश्चित ही है सुधर जाना।

98. गुलामी का दुख देता था भारत की जनता को बहुत कष्ट, महात्मा गांधी जी ना होते तो हो जाता बहुत अनर्थ।

99. गांधीजी और सभी स्वतंत्रता सेनानियों का हो आदर सत्कार, दूध पीते बच्चे को भी दे ऐसे संस्कार।

100. 2 अक्टूबर राष्ट्रीय त्योहारों पर ही नहीं, पूरे वर्ष स्वतंत्रता सेनानियों और राष्ट्रपिता का हो गुणगान उन्हें करें शत-शत प्रणाम।

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निष्कर्ष:

तो ये थे महात्मा गाँधी के नारे, हम उम्मीद करते है की आपको ये सभी स्लोगन पसंद आये होंगे. यदि आपको हमारे द्वारा प्रकाशित किये हुए ये सभी नारे अच्छे लगे तो इनको शेयर अवश्य करें ताकि अधिक से अधिक लोगों को ये शानदार स्लोगन पढ़ने का अवसर मिले.

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