भारत का 15 सबसे खतरनाक जहरीला सांप कौन सा है और उनके नाम

एक बहुत बड़ा और विविधतापूर्ण देश होने के नाते भारत सांपों की 300 से अधिक प्रजातियों का घर है। नई खोजों के परिणामस्वरूप यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। भारत को सांपों और सपेरों का देश माना जाता है।

आप भारत के गहरे जंगलों में कुछ बहुत ही खतरनाक जहरीले सांप देख सकते हैं। भारत में 300 से अधिक प्रकार के साँप पाए जाते हैं जिनमें से लगभग 60 अत्यधिक जहरीले हैं। सबसे खतरनाक में से क्रेट, कोबरा, रसेल वाइपर, सॉ-स्केल्ड वाइपर और कई अन्य है।

जहां कई लोगों को सांपों से बहुत डर लगता है, वहीं अन्य लोग इन पपड़ीदार जानवरों को पसंद करते हैं। अंटार्कटिका, न्यूजीलैंड, आयरलैंड आदि जैसे कुछ स्थानों को छोड़कर दुनिया के अधिकांश हिस्सों में साँप मौजूद हैं।

हर साल भारत के निवासी जहरीले सांपों के काटने के शिकार होते हैं और इनमें कुछ काफी घातक होते हैं। साँप के काटने के दो मुख्य प्रकार हैं: ड्राइ और जहरीला। ड्राई बाइट उस सांप के काटने को कहते हैं जिसमें कोई जहर नहीं निकलता।

वहीं जहरीले सांप का काटना कहीं अधिक खतरनाक होता है। जब जहरीले सांप काटते हैं तो वे अपनी इच्छा से जहर छोड़ते हैं। वे कितना जहर छोड़ते हैं, इस पर उनका नियंत्रण होता है। 50 से 70% जहरीले सांपों के काटने पर जहर या पोइजिंग होती है।

जहरीले सांप द्वारा काटे जाने के बाद चिकित्सा सहायता लेने में किसी भी देरी से गंभीर नुकसान झेलने पड़ सकते हैं। कई बार तो रोगी की मौत भी हो जाती है। परंतु वर्तमान समय में सांप के काटने से मौत होने के मामले कम ही सामने आते हैं।

भारत का 15 सबसे खतरनाक और जहरीला सांप कौन सा है?

bharat ka sabse jahrila saap

सांप काफी रहस्यमयी होते हैं। हममें से कुछ लोगों के लिए साँप आकर्षक प्राणी हैं, लेकिन बाकियों के लिए वे फिसलने वालेऔर रेंगने वाले खतरनाक प्राणी हैं। वैज्ञानिकों और जीवाश्म रिकॉर्ड के अनुसार, सांप 10 करोड़ से अधिक वर्षों से पृथ्वी पर रेंग रहे हैं।

ये जीव छिपकलियों से विकसित हुए हैं। अजगर जैसे कुछ साँपों में पिछले अंगों के अवशेष देखे जा सकते हैं। टिटानोबोआ सेरेजोनेंसिस प्रागैतिहासिक काल में असली सांप थे जो लगभग 5 से 7 करोड़ वर्ष पहले पृथ्वी पर घूमते थे।

जीवाश्म रिकॉर्ड के साथ अब हम जानते हैं कि टाइटनबोआ सेरेज़ोनेंसिस आधुनिक समय के बोआ-कंस्ट्रिक्टर्स के समान था लेकिन आकार में बहुत विशाल था। उसकी लंबाई 40 फीट से ज्यादा और वजन एक टन से ज्यादा था।

तो आइए जानते हैं, भारत के सबसे जहरीले सांप कौनसे हैं?

1. किंग कोबरा (King Cobra)

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किंग कोबरा दुनिया का सबसे लंबा जहरीला सांप है, क्योंकि इसकी लंबाई 5.5 मीटर तक होती है और यह अपना सिर जमीन से 2 मीटर ऊपर उठा सकता है। यह एक मांसाहारी साँप है, जो दूसरे साँपों को भी खा जाता है।

इसके पसंदीदा शिकार में गैर चूहा, अन्य कोबरा, करैत और छोटे अजगर शामिल हैं। किंग कोबरा ने अपने विषैले डंक से भारत में कई लोगों की जान ले ली है और यह दुनिया भर में सबसे खतरनाक सांपों में से एक होने के लिए जाना जाता है।

कोबरा को शिकार के लिए काटने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि ये अपने नुकीले दांतों के माध्यम से 2 मीटर की दूरी तक जहर फेंक सकते हैं। जिससे इनका शिकार अंधा हो जाता है और अगर जल्दी से नहीं धोया जाए तो आंखों को गंभीर नुकसान हो सकता है।

यह भारत के घने जंगलों, ठंडे दलदल, बांस के वनों और वर्षावन में पाया जाता है। किंग कोबरा का निवास स्थान भारत का केरल राज्य है। यह बड़ा, शक्तिशाली साँप भूरे, जैतून हरे या काले रंग का होता है, जिसमें हल्के पीले रंग के क्रॉस बैंड होते हैं।

किंग कोबरा के काटने से बचने के लिए एक एंटी-सीरम मौजूद है, लेकिन यह अभी भी भारत में सबसे जहरीले सांपों में से एक है, जिसके एक बार काटने से किसी भी व्यक्ति की मौत हो सकती है।

2. इंडियन कोबरा (Indian Cobra)

Indian Cobra

कई नामों वाला यह सांप द स्पेक्टैकल्ड कोबरा, एशियन कोबरा, बिनोसेलेट कोबरा और इंडियन कोबरा के नाम से भी जाना जाता है। कई लोग इस सांप की भौगोलिक स्थिति के कारण इसे किंग कोबरा समझ लेते हैं।

भारत के बिग फोर का यह एक सदस्य है। एशियाई कोबरा पूरे भारत में सबसे अधिक बार काटता है। ये रेंगते हुए सांप आपको देश के रेगिस्तानों और ऊंचाई वाले इलाकों को छोड़कर हर जगह मिल जाएंगे।

उत्तरी भारत में भारतीय कोबरा गहरे भूरे रंग के होते हैं, जबकि उत्तर-पश्चिमी भारत में अन्य काले और दक्षिणी भारत में पीले-भूरे रंग के होते हैं। इस सांप का एक अलग गोल फन होता है जिसमें कई चमकदार शल्क होते हैं और यह सांप के सिर को घेरे हुए रखते है।

यह प्रजाति अन्य सांपों की तुलना में थोड़ी कर्कश होती है और इनकी लंबाई तीन से पांच फीट के बीच होती है। भारतीय कोबरा दिन के दौरान सक्रिय होते हैं, हालांकि ये रात में भी शिकार करते हैं।

वे छोटी मांदों, पेड़ों की खोहों और दीमकों के टीलों के भीतर आश्रय लेते हैं। इस प्रकार का कोबरा छिपकलियों, चूहों, मेंढकों और पक्षियों को खाता है। इस सांप के इतना घातक होने का एक कारण यह भी है कि एक बार इसकी नजर अपने शिकार पर पड़ जाए तो वह बेहद फोकस्ड रहता है।

कोबरा आक्रामक रूप से फुफकारते भी हैं, जिसे आम तौर पर एक खतरे के रूप में देखा जाता है। भारतीय कोबरा का जहर अत्यधिक जहरीला होता है। इसमें न्यूरोटॉक्सिन होता है, जो तंत्रिका ऊतक को नुकसान पहुंचाता है। जिससे कार्डियोटॉक्सिन होता है।

3. कॉमन करैत (Common Krait)

Common Krait

बुंगारस कैर्यूलस, जिसे कॉमन क्रेट के नाम से भी जाना जाता है। यह एक रात्रिचर सांप है जो शिकार करने के लिए चांद की रोशनी में रेंगता है। ये रोशनी और व्यस्त इलाकों से दूर रहना पसंद करते हैं। आप उन्हें घास के मैदानों, जंगलों, चट्टानी इलाकों में देख सकते हैं।

ब्लू क्रेट की भी काफी जहरीला सांप है। यह प्रजाति सबसे शक्तिशाली जहर के लिए जानी जाती है। लोगों के लिए इन साँपों की पहचान करना आसान है। ये लंबे, बेलनाकार शरीर वाले और तीन से चार फीट तक लंबे होते हैं।

सांप की इस प्रजाति को छोटी जगहों जैसे ईंटों के ढेर और दीवार की दरारों में समय बिताना पसंद है। कॉमन क्रेट केवल आत्मरक्षा के तौर पर इंसानों को काटते हैं। सांप, कीड़े, कृंतक और छिपकलियां क्रेट के मुख्य आहार हैं।

भारत का यह सबसे जहरीला सांप काटता है, तो रोगी का नर्वस सिस्टम बंद हो जाता है। कई बार यह ठंडी रात में गर्मी के लिए इन्सानों के बिस्तर में घुस जाता है। जहां अगर कुछ भी हलचल होती है, तो यह काट लेता है।

इसके काटने से कोई ज्यादा दर्द नहीं होता है, लेकिन रोगी की दम घुटने की वजह से मौत हो जाती है। राजस्थान के लोग इस सांप को पीवणा भी कहते हैं। उनका मानना है, कि यह सांप रात को इंसान की साँसे खींच लेता है।

4. बैम्बू पिट वाइपर (Bamboo Pit Viper)

एक जहरीला पिट वाइपर और भारत में सबसे खतरनाक सांपों में से एक बैम्बू या इंडियन ग्रीन पिट वाइपर (ट्रिमेरेसुरस ग्रेमिनस) है, जो दक्षिणी भारत में पश्चिमी घाट के पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है।

बैम्बू पिट वाइपर न केवल घास के मैदानों और जंगलों में बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी पाया जाता है। यह वृक्षीय है, और यह पेड़ की लताओं, झाड़ियों और बांसों में रहता है। इस सांप में जहरीले डंक के अलावा हीट सेंसिंग सिस्टम भी होता है। यह 2.5 फीट की लंबाई तक बढ़ता है।

ये सांप आमतौर पर चमकीले हरे, पीले, भूरे या बैंगनी-भूरे रंग के होते हैं। इनकी पूँछ अक्सर अंत में पीली या लाल रंग की होती है। शरीर के निचले हिस्से हरे, पीले या सफेद रंग के होते हैं।

बैम्बू पिट वाइपर भारत के नेटिव स्नेक हैं। इस प्रजाति की सीमा दक्षिणी भारत तक ही सीमित है, विशेष रूप से तमिलनाडु के एक बड़े क्षेत्र में ये सबसे अधिक पाए जाते है। बम्बू पिट वाइपर बांस के पेड़ों और जंगलों में रहते हैं, आमतौर पर जलधाराओं के पास। ये सुखी झाड़ियों वाले जंगलों में भी पाए जाते हैं।

5. अंडमान पिट वाइपर (Andaman Pit Viper)

Andaman Pit Viper

इसे ट्राइमेरेसुरस एंडरसनी स्नेक भी कहा जाता है, जो एक विषैली पिटवाइपर प्रजाति है। अंडमान पिट वाइपर, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की एक विषैली प्रजाति है। इन्हें आमतौर पर मैंग्रोव पिट वाइपर, शोर पिट वाइपर और पर्पल-स्पॉटेड पिट वाइपर के नाम से जाना जाता है।

ये अत्यधिक विषैले होते हैं और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सांप के काटने से होने वाली मौतों के लिए जिम्मेदार हैं। ज्यादातर लोग सांपों से डरते हैं, लेकिन सांप हमारे देश की जैव विविधता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और ज्यादातर जंगलों में निवास करते हैं।

साँपों की अधिकांश प्रजातियाँ गैर विषैली होती हैं, लेकिन फिर भी उन्हें खतरनाक माना जाता है। जो ठीक है, क्योंकि लोग इन चीज़ों के बारे में इतने जागरूक नहीं हैं। चूँकि साँप प्रकृति के सच्चे मित्र हैं।

इसलिए हमें इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि वे प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए कैसे महत्वपूर्ण हैं। इस प्रजाति का एक वयस्क सांप 12-18 वर्ष के जीवनकाल तक जीवित रहता है। यह लंबाई में 38-44 इंच तक बढ़ता है।

6. रसेल वाइपर (Russell’s Viper)

Russell's Viper

ये सांप तेज़ और घातक होते हैं, जो पांच फीट दूर से भी शिकार पर हमला करने की शक्ति रखते हैं। वाइपर की यह प्रजाति भारत में हर साल हजारों लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार है। इसका रंग अक्सर पीला-भूरा होता है।

इसके शरीर पर काली धारियां भी होती हैं, जिससे सांप और भी अधिक अलग दिखता है। कई अन्य साँपों की तरह इनके त्रिकोणीय सिर V के समान होते हैं और ऊर्ध्वाधर पुतलियाँ होती हैं। भारत के हर क्षेत्र में इस सांप के कुछ स्थानीय नाम है।

इसे इसका नाम सरीसृपविज्ञानी पैट्रिक रसेल द्वारा यह पता लगाने के बाद मिला कि सांप अत्यधिक जहरीला था। उन्होंने कुत्तों और मुर्गियों पर प्रयोग किया और तुरंत देखा कि ये सांप कितने खतरनाक हैं।

आप पूरे देश में रसेल वाइपर देख सकते हैं, फिर भी ये पूर्वोत्तर क्षेत्र से दूर रहते हैं। साँप की इस प्रजाति को शुष्क वातावरण पसंद है और इसलिए इन्हें गीले या घने वर्षावनों में नहीं देखा जाता है।

रसेल वाइपर अपना शिकार रात के समय करना पसंद करते हैं। ये किसी भी चीज़ का शिकार कर सकते हैं, जिसमें अन्य रसेल वाइपर भी शामिल हैं! इनका पसंदीदा भोजन चूहे और छिपकलियां हैं।

यह सांप अत्यधिक बुद्धिमान माना जाता है, और इसके जहर की एक बूंद ही किसी भी जीव को मारने के लिए पर्याप्त है। अन्य घातक सांपों के विपरीत, रसेल वाइपर को अपने शिकार को पकड़ना नहीं पड़ता क्योंकि यह जहर छोड़ता है।

7. सॉ-स्केल्ड वाइपर (Saw-Scaled Vipers)

Saw-Scaled Viper

सॉ स्केल्ड वाइपर या इचिस कैरिनैटस सबसे अधिक सर्पदंश और मौतों के लिए जिम्मेदार है। भारत में इन दिलचस्प वाइपर की पांच अलग-अलग उप-प्रजातियां हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी विशेषताएं हैं।

उदाहरण के लिए दक्षिणी भारत के पश्चिमी घाट में जो स्नेक पाए जाते हैं, वे काफी छोटे होते हैं। सबसे लंबे सांप लगभग 15 इंच के होते हैं। हालाँकि जो राजस्थान के रेगिस्तान में पाए जाते हैं, वे लगभग दोगुने बड़े होते हैं।

सॉ स्केल्ड वाइपर पूरे भारत में पाए जाते हैं, हालाँकि, ये आमतौर पर प्रायद्वीपीय भारत और उत्तर पश्चिम भारत में पाए जाते हैं। फैला हुआ जंगली क्षेत्र, चट्टानी उबड़-खाबड़ भूभाग और वर्षावन इनके पसंदीदा आवास हैं।

सॉ स्केल्ड वाइपर का शरीर हर तरफ से चिकना होता है। सॉ स्केल्ड वाइपर छोटे जानवरों, पक्षियों, छिपकलियों और कभी-कभी अन्य सांपों को खाते हैं। ये आमतौर पर शाम के बाद अपने भोजन की तलाश में बाहर आते हैं।

8. येलो-लिप्ड सी क्रेट (Yellow-lipped Sea Krait)

Yellow-lipped Sea Krait

येलो-लिप्ड सी क्रेट एक अत्यधिक विषैला सांप है, जिसे अक्सर बैंडेड सी क्रेट के नाम से जाना जाता है। जैसा कि नाम से पता चलता है सांपों की ये प्रजातियां ज्यादातर पानी के अंदर रहती हैं।

पूर्ण विकसित येलो-लिप्ड सी क्रेट की लंबाई 1.5 मीटर होती है और यह 7-9 साल तक जीवित रहता है। ये सांप आमतौर पर एक समय में एक से दस अंडे देते हैं, या तो चूना पत्थर की गुफाओं या चट्टान की दरारों के अंदर।

ये समुद्र के पास मूंगा चट्टानों और गीली जगहों पर रहना पसंद करते हैं। मांसाहारी होने के कारण ईल इनका पसंदीदा भोजन है, हालाँकि ये छोटी मछलियाँ भी खाते हैं।

9. इंडियन टाइगर स्नेक (Indian Tiger Snake)

Indian Tiger Snake

टाइगर स्नेक अपने रंग में अत्यधिक परिवर्तनशील होते हैं, इनके शरीर पर अक्सर बाघ की तरह पट्टियाँ होती हैं। रंगों के ये पैटर्न गहरे रंग के बैंड, अत्यधिक विपरीत या अस्पष्ट होते हैं, जो हल्के से बहुत गहरे रंग के होते हैं।

टाइगर स्नेक (नोटचिस स्कुटैटस) दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया के बड़े और अत्यधिक विषैले सांप हैं। जो भारत में भी पाए जाते हैं। भारत में इन्हें इंडियन टाइगर स्नेक के नाम से जाना जाता है। ये आम तौर पर जमीन पर रहने वाले होते हैं लेकिन अच्छी तरह तैरते और पेड़ों और इमारतों पर भी चढ़ जाते हैं।

टाइगर स्नेक का नाम इनकी बाघ जैसी धारियों के नाम पर रखा गया है। हालाँकि कुछ टाइगर साँपों पर बिल्कुल भी धारियाँ नहीं होती हैं। टाइगर स्नेक दुनिया के सबसे जहरीले सांपों में से एक हैं। इनके दाँत आमतौर पर 3.5 – 5 मिमी लंबे होते हैं।

10. पिट वाइपर (Pit Vipers)

Pit Vipers

दक्षिण-पश्चिम भारत में स्थानिक, पश्चिमी तट और पश्चिमी घाट पर पाया जाने वाला मालाबार पिट या रॉक वाइपर भारत में सबसे खतरनाक सांपों में से एक है। इस सांप के एक बार काट लेने से अगर इलाज न मिले तो मौत होना निश्चित है।

भारत और श्रीलंका में पाई जाने वाली पिट वाइपर की एक अन्य प्रजाति कूबड़-नाक वाला पिट वाइपर (हिपनेल हाइपनेल) है, जो रात में सक्रिय होती है और सुबह में शिकार करती है।

एक और जहरीला भारतीय पिट वाइपर शोर या मैंग्रोव पिट वाइपर (ट्राइमेरेसुरस पुरप्यूरेओमैक्युलैटस) है जो अंडमान द्वीप समूह के द्वीपों और हिंद महासागर में कार निकोबार द्वीप में पाया जाता है।

रैटलस्नेक और अन्य पिट वाइपर का जहर काटने के स्थान के आसपास के ऊतकों को नुकसान पहुंचाता है। जहर ब्लड कोशिकाओं में परिवर्तन का कारण बनता है, ब्लड को जमने से रोक सकता है और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है।

इससे उनमें रिसाव हो सकता है। इन परिवर्तनों से आंतरिक ब्लीडिंग और हार्ट, श्वसन और किडनी फैलियर की समस्या सामने आती है।

11. हम्प नोज्ड पिट वाइपर (Hump Nosed Pit Viper)

Hump Nosed Pit Viper

यह अत्यधिक विषैला पिट वाइपर स्नेक है, जो पश्चिमी घाट और श्रीलंका में स्थानिक प्रजातियाँ है। यह सांप श्रीलंका में सबसे अधिक काटने का कारण बनता है। चिकित्सीय दृष्टि से इसका जहर काफी महत्वपूर्ण है।

इसका त्रिकोणीय सिर, गर्दन की तुलना में काफी चौड़ा, आंखों और नासिका छिद्रों के बीच गर्मी महसूस करने वाले गड्ढे होते हैं। इसका थूथन नुकीला और ऊपर की ओर मुड़ा हुआ होता है और कूबड़ में समाप्त होता है।

यह भारत में पश्चिमी घाट में पाया जाता है, जहां घने जंगल इसके पसंदीदा रहने के स्थान है। यह सांप पत्तों के कूड़े, घनी झाड़ियों और ज़मीन पर छिपकर रहता है। यह मुख्य रूप से मेंढकों, छिपकलियों और कृंतकों का शिकार करता है।

इस प्रकार के रात्रिचर और स्थलीय सांप सुबह और रात के दौरान सक्रिय रहते हैं। सूर्योदय के समय जलधाराओं के पास बास्क पाया जाता है। हालांकि यह धीमी गति से चलने वाला सांप है, लेकिन तेज प्रहार करने में सक्षम है। खतरा होने पर यह अपनी पूँछ हिलाएगा और तुरंत काट लेगा।

12. बैंडेड क्रेट (Banded Krait)

Banded Krait

भारत के विविध जीवमंडल में पाई जाने वाली सबसे बड़ी प्रजाति क्रेट सांपों में से एक बैंडेड क्रेट है। इसे काले-पीले रंग में इसके विशिष्ट क्रॉस बैंड द्वारा आसानी से पहचाना जा सकता है। यह काफी पतला लेकिन बेहद जहरीला होता है।

करैत की अन्य प्रजातियों में से यह बैंडेड सी करैत दुनिया और भारत में अत्यधिक जहरीला सांप है। यह भारत की मूंगा चट्टानों पर भोजन करता है और ज्यादातर पानी के नीचे पाया जाता है। कभी-कभी इसे ईल भी समझ लिया जाता है।

शिकार अक्सर इसकी पूँछ को इसका सिर समझ लेता है जिसे यह साँप अपने फायदे के तौर पर इस्तेमाल करता है। इस सांप की एक और विशिष्ट विशेषता यह है कि यह अपना अधिकांश समय पानी के भीतर बिताता है, लेकिन यह नियमित रूप से ताजा पानी पीने के लिए जमीन पर आता है।

बैंडेड क्रेट मुख्यतः भारत के पूर्वी भाग, विशेष रूप से उत्तर-पूर्व भारत (ब्रह्मपुत्र बेसिन), आंध्र प्रदेश (हैदराबाद, गोदावरी घाटी), मध्य भारत (छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों), उड़ीसा (महानदी घाटी) में पाया जाता है।

13. कोरल रीफ़ स्नेक्स (Coral Reef Snakes)

Coral Reef Snakes

कोरल स्नेक और सी स्नेक विषैले एलापिड सांपों के उपपरिवार से संबंधित हैं। कोरल सांपों में दुनिया में सबसे शक्तिशाली जहर होता है लेकिन ये आक्रामक नहीं होते हैं और ज्यादातर छोटी छिपकलियों और मेंढकों को खाते हैं।

सी स्नेक या कोरल रीफ स्नेक्स को हाइड्रोफिनाई कहा जाता है और यह पूरी तरह से जलीय जीवन के लिए अनुकूलित होते हैं, जो हिंद महासागर से प्रशांत तक तटीय जल में पाए जाते हैं।

कोरल रीफ़ स्नेक अपना अधिकांश समय जमीन के नीचे और बरसात और प्रजनन के मौसम के दौरान सतह पर आने में बिताते हैं। बेडडोम की कोरल स्नेक प्रजाति भारत के पूर्वी घाट और पश्चिमी घाट की पहाड़ियों में पाई जाती है।

बिब्रोन के कोरल स्नेक भारत के मूल नेटिव हैं, जो भारत के पश्चिमी घाट में पाए जाते हैं। स्थानिक कोरल स्नेक विषैले एलापिड सांप परिवार से संबंधित है और ज्यादातर कर्नाटक राज्य में पाए जाते हैं।

14. मालाबार पिट वाइपर (Malabar Pit Viper)

Malabar Pit Viper

मालाबार पिट वाइपर (क्रैस्पेडोसेफालस मालाबारिकस) की पहचान इसके त्रिकोणीय सिर, शरीर के आकार और इसके पिट अंगों से की जाती है। इस साँप की सबसे अनोखी और रहस्यमय विशेषताओं में से एक है इसके शरीर का रंग बदलने की क्षमता।

भूरे साँप के रूप में जन्मा यह वाइपर खुद को हरे, नीले, पीले, बैंगनी और यहाँ तक कि गहरे लाल रंग में बदल सकता है। इससे सांप को अपने वातावरण में घुलने-मिलने में मदद मिलती है, और शिकार करते समय और शिकारियों से बचते समय वह लगभग गायब हो जाता है।

यह सांप एक रात्रिचर, घात लगाकर हमला करने वाला शिकारी है। जो शांत रहना पसंद करता है क्योंकि यह पीछा करने के बजाय अपने शिकार के करीब आने का इंतजार करता है।

यह सांप अक्सर एक टहनी पर S-आकार में लिपटा हुआ देखा जाता है, जो अपने पसंदीदा शिकार जानवरों जैसे मेंढक, छिपकली और छोटे पक्षियों पर हमला करने के लिए तैयार रहता है।

पिट वाइपर का जहर साइटोटॉक्सिक और हेमोटॉक्सिक दोनों होता है: यह ऊतक क्षति और रक्त के जमने की क्षमता में कमी का कारण बनता है। इसका काटना बेहद दर्दनाक होता है और सूजन पैदा करता है, लेकिन यह शायद ही कभी घातक होता है।

15. सिंध क्रेट (Sind Krait)

Sind Krait

बुंगारस सिंदानस या सिंध क्रेट, क्रेट स्नेक की एक प्रजाति है। यह भारत, ईरान, बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान में पाया जाने वाला एक जहरीला एलैपिड सांप है। कभी-कभी लोग इसे कॉमन करैत भी मान लेते हैं, जो सही नहीं है।

इसे सिंध क्रेट के नाम से जाना जाता है, क्योंकि इसकी खोज पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हुई थी। यह भारत में उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल (जलपाईगुड़ी और मिदनापुर जिला), राजस्थान और गुजरात में पाया जाता है।

यह अनुमान लगाया गया है कि बांग्लादेश में सालाना दर्ज होने वाले लगभग 30-40% साँप काटने के मामले सिंध क्रेट से होते हैं। आमतौर पर, जिन लोगों को यह काट लेता है, वे इसे देख नहीं पाते हैं।

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निष्कर्ष:

तो ये था भारत का 15 सबसे खतरनाक और जहरीला सांप के नाम, हम उम्मीद करते है की इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको इंडिया के सबसे खतरनाक सांपों के बारे में पूरी जानकारी मिल गयी होगी।

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