टेलीविज़न एक ऐसा नाम है, जिसने रंगमंच की दुनिया को बदल कर रख दिया है। यह इंसान को आज की टेकनोलॉजी द्वारा दिये गए सबसे बड़े उपहारों में से एक हैं। टेलीविज़न, जिसे संक्षिप्त भाषा में TV भी कहा जाता है। मौजूदा समय में TV मनोरंजन का सबसे अच्छा साधन है।
टीवी निश्चित रूप से आज के समय की सबसे प्रभावशाली ताकत में से एक है। आप टीवी नामक इस डिवाइस के माध्यम से समाचार, खेल, मनोरंजन, सूचना और विज्ञापन देखने में सक्षम होते हैं। 2017 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार प्रत्येक भारतीय रोज़ाना औसत 3 घंटे, 44 मिनट टीवी देखता है।
प्राचीन समय में कलाकार लोगों के सामने नाटक कर उनका मनोरंजन करते थे। इसके लिए वो नृत्य का भी सहारा लेते थे। लेकिन बदलते वक्त और TV के आविष्कार ने इसे पूरी तरह बदल कर रख दिया है। आज कलाकार लोगों की बजाय कैमरे के सामने अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं।
TV पर आप जब चाहे तब कोई भी प्रोग्राम देख सकते हैं। इसमें आप फिल्में, खेल, न्यूज़, गाने आदि अपनी मर्जी से देख सकते हैं। इसके अलावा आप देश-विदेश की वो जानकारी भी हासिल कर सकते हैं, जो आपके लिए जरूरी हो। कुल मिलकर टीवी ने इंसान के जीवन को मनोरंजित कर दिया है।
अब आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि आखिर टीवी का आविष्कार किसने किया था? जिसका जवाब हम आज अपने इस लेख में देंगे। परंतु इस सवाल का जवाब थोड़ा कठिन है, क्योंकि टीवी एक व्यक्ति की बजाय अलग-अलग व्यक्तियों के द्वारा विकसित हुआ है।
टीवी का आविष्कार किसने किया?
सवाल का जवाब जानने से पहले हमें टीवी के बारे में कुछ सामान्य जानकारियाँ जाननी होगी। जिसमें हम सबसे यह जानेंगे कि आखिर टीवी क्या है और यह कैसे काम करता है?
टीवी क्या है?
टीवी एक ऐसी डिवाइस है जो ध्वनि और चलती इमेजस को सोर्स (Source) से प्राप्तकर्ता तक पहुंचाता है। यानी एक जगह से प्रसारण किए गए प्रोग्राम को कहीं पर भी देखा जा सकता है। टीवी भी उन डिवाइसों में शामिल है, जो बिजली पर चलते हैं।
दूसरे शब्दों में कहे तो टीवी मूव होती इमेजस को प्रसारित करने और प्राप्त करना वाला दूरसंचार माध्यम है। यह मोनोक्रोम या रंगीन हो सकता है, जिसमें ध्वनि हो भी सकती है और नहीं भी। “Television” को टेलीविज़न सेट, टेलीविज़न प्रोग्रामिंग और टेलीविज़न ट्रांसमिशन के रूप में भी संदर्भित किया जा सकता है।
टेलीविज़न शब्द की व्युत्पत्ति लेटिन और ग्रीक शब्दों से मिलकर हुई है। जिसमें ‘Tele’ एक ग्रीक शब्द है और इसका मतलब ‘दूर’ होता है। वही ‘Visio’ एक लेटिन शब्द है, जिसका अर्थ ‘देखना’ होता है। इस तरह से टेलीविज़न शब्द का अर्थ दूर देखना होता है।
साल 1920 के बाद से TV सेट सभी के लिए आमतौर पर उपलब्ध हो गया था। इसे अभी कोई भी खरीद और बेच सकता था। धीरे-धीरे टेलीविज़न का उपयोग विज्ञापन, मनोरंजन और समाचार के लिए होने लग गया था। हालांकि इस समय तक भारत में टीवी की पकड़ इतनी मजबूत नहीं हुई थी।
टीवी कैसे काम करता है?
१) टीवी पिक्सलस और हमारा दिमाग (इमेज का बनना)
आज हम आपको एक आश्चर्यजनक बात बताते हैं। दरअसल टीवी को जिस तकनीक पर बनाया गया है, वो सीधा हमारे दिमाग से जुड़ा हुआ है। आपको जानकार हैरानी होगी कि टीवी हमारे दिमाग से निकलने वाली फ्रिक्वेन्सी पर काम करता है।
हमारे दिमाग में दो ऐसी आश्चर्यजनक चीजें है, जो टीवी को संभव बनाती है। इन दो तथ्यों को समझकर आप आसानी से जान पाएंगे कि टीवी को किस तरह और कैसे डिजाइन किया गया है।
पहला सिद्धान्त यह है कि आप एक तस्वीर को छोटे-छोटे बिन्दुओं में विभाजित कर लीजिए। अब इन बिन्दुओं को एक जगह संग्रहीत करने पर हमारा दिमाग फिर से इसे एक छवि के रूप में बना लेगा। परंतु अगर वो बिन्दु बड़े आकार के होंगे तो हमारा दिमाग उसे एक छवि के रूप में नहीं बना पाएगा।
इसे हम इस तरह से समझ सकते हैं। जैसे आप किसी भी वस्तु को नजदीक से देखते हैं तो आप उसके प्रत्येक कण को देखने में सक्षम होते हैं। माना हम किसी कम्प्युटर स्क्रीन के बहुत नजदीक बैठे है। तो हमें कोई भी छवि साफ रूप से नहीं दिखाई देगी।
वहीं अगर हम उस स्क्रीन से कुछ दूरी पर हो तो हमें वो छवि स्पष्ट रूप से दिखाई देगी। क्योंकि इस समय हमारा दिमाग बहुत सारे बिन्दुओं को एक जगह इकट्ठा कर एक इमेज बना लेगा। दूर से देखने पर बहुत ज्यादा बिन्दु दिखाई देते है, जबकि नजदीक से देखने पर कम।
टेलीविज़न और कम्प्युटर स्क्रीन पर बनी इमेजस छोटे-छोटे बिन्दुओं का संग्रहण होती है। इन बिन्दुओं को टेकनोलॉजी की भाषा में पिक्सल कहा जाता है। हमारे कम्प्युटर स्क्रीन का 1024×768 पिक्सल होता है। इस तरह से कम्प्युटर स्क्रीन पर दिखाई देने वाली एक छवि छोटे-छोटे चित्रों का संग्रहण होती है।
२) टीवी मोशन और हमारा दिमाग (वीडियो बनना)
ऊपर के भाग में हमने हमारे दिमाग से जुड़े पहले तथ्य के बारे में पढ़ा है। अब हम मानव दिमाग की दूसरी आश्चर्यजनक विशेषता के बारे में पढ़ते हैं। यह आपके लिए काफी इंट्रेस्टिंग और ज्ञानवर्धक साबित होने वाला है। क्योंकि इसमें हम वीडियो के बारे में जानेंगे।
अगर हम एक गतिमान दृश्य को छवियों के रूप में विभाजित करते हैं और उन्हें फिर तेजी से देखते हैं। तो हमारा दिमाग उन छवियों को एक गतिमान दृश्य (वीडियो) के रूप में बना लेगा।
माना कोई लड़का भाग रहा है। हमने उस भागते हुए लड़के की प्रत्येक सेकंड में 100 इमेजस क्लिक कर ली। माना वो लड़का 10 सेकंड तक भागता है। तो इस तरह से हमारे पास उसकी 1000 फोटोज हो जाएगी। अब इन 1000 फोटोज को एक क्रम में तेजी से देखने पर हमारे सामने एक गतिमान दृश्य बन जाएगा।
बस इसी सिद्धान्त पर हमारा टीवी काम करता है। टीवी में दिखाया गया दृश्य बहुत सारी इमेजस का कलेक्शन होता है। इन इमेजस को टेकनोलॉजी के द्वारा बहुत तेजी से दिखाया जाता है। जिस कारण हमें वो चलती हुई वीडियो दिखाई देती है। यह सिर्फ और सिर्फ हमारे दिमाग की क्षमता के कारण संभव हो पाता है।
तो इस तरह से हमने समझा कि टीवी कैसे काम करता है। अब हम टीवी के इतिहास और आविष्कार के बारे में जानेंगे। हमारे सवाल (टीवी का आविष्कार किसने किया?) का जवाब हमें यही मिलेगा।
टीवी का इतिहास
टीवी का इतिहास काफी नाटकीय रहा है। इसकी शुरुआत 1930 के दशक में होती है, जब कई महान आविष्कारक अपनी कल्पना शक्ति से टीवी को बनाने में कामयाब हो गए थे।
इस तकनीक ने पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया था। समय के साथ इसमें काफी परिवर्तन आते गए। जैसे- 1960 के दशक में रंगीन टीवी, 70 में केबल, 80 में वीसीआर, 90 के दशक में हाइ-डेफ़िनिशन आया।
प्रारंभिक TV Technology: Mechanical Spinning Discs
टीवी के आविष्कार के लिए हम एक अकेले व्यक्ति को श्रेय नहीं दे सकते। जैसा कि हम जानते है किसी भी वस्तु को बनाने से पहले उसके बारे में कल्पना करना बहुत जरूरी है। आज के आधुनिक टीवी के आविष्कार के लिए कई वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने अपना योगदान दिया था।
टेलीविज़न की उत्पत्ति का पता 1830-40 के दशक में लगाया जा सकता है। जब सैमुअल एफ.बी. मोर्स ने टेलीग्राफ का आविष्कार किया। यह एक तारों के साथ संदेश भेजने की प्रणाली थी, जो बीपिंग साउंडस में अनुवादित थी।
इसके बाद साल 1876 में अलेक्ज़ेंडर ग्राहम बेल ने टेलीफोन का आविष्कार किया। इस तकनीक से एक इंसान की आवाज को लंबी दूरी तक तारों के माध्यम से पहुंचाया जा सकता था। ग्राहम बेल के इस आविष्कार ने टीवी के आविष्कार को संभव बना दिया था।
ग्राहम बेल और थॉमस एडिसन ने एक ऐसी उपकरण के बारे में अनुमान लगाया जो ध्वनि के साथ चित्रों को भी प्रसारित कर सके। परंतु एक जर्मन शोधकर्ता ने टीवी बनाने वाली तकनीक को विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।
1884 में पॉल निप्पो ने तारों के द्वारा घूमने वाली डिस्क (Spinning Disc) के माध्यम से चित्रों को भेजने की प्रणाली विकसित की। उन्होंने उसे इलेक्ट्रिक टेलिस्कोप कहा, परंतु यह एक मैकेनिकल टेलीविज़न का प्रारंभिक रूप था।
कैथोड रे ट्यूब का प्रयोग
1900 के दशक की शुरुआत में रूसी भौतिक विज्ञानी बोरिस रोसिंग और स्कॉटिश इंजीनियर एलन आर्चीबाल्ड कैंपबेल-स्विंटन ने कैथोड रे ट्यूबों को Spinning Disc की जगह बदलकर एक प्रयोग किया। हालांकि यह तकनीक जर्मन भौतिक विज्ञानी कार्ल ब्रौन द्वारा विकसित थी।
इसके बाद रूसी इंजीनियर व्लादिमीर ज़्वोरकिन ने पहली बार छवियों को प्रसारित करने के लिए कैथोड रे ट्यूब का इस्तेमाल किया था। इस यंत्र को उन्होंने “आइकोनोस्कोप” नाम दिया।
इसी बीच स्कॉटिश इंजीनियर जॉन लोगी बेयर्ड (John Logie Baird) ने 1927 में लंदन में पहले टेलीविज़न को दुनिया के सामने रखा। अपने इस नए आविष्कार के साथ बेयर्ड ने टेलीविज़न डेवलपमेंट कंपनी का गठन किया। और 1928 में लंदन और न्यूयॉर्क के मध्य पहला ट्रांसलांटिक टेलीविज़न का प्रसारण किया। इस तरह से बेयर्ड को पहले रंगीन टीवी दिखाने का श्रेय दिया जाता है।
RCA में टेलीविज़न का विकास
1929 में ज़्वोरकिन ने रेडियो इंजीनियरों के एक सम्मेलन में अपने सभी इलेक्ट्रोनिक टेलीविज़न सिस्टम को सामने रखा। उन दर्शकों में उस समय की अमेरिका की सबसे बड़ी संचार कंपनी रेडियो कॉरपोरेशन ऑफ़ अमेरिका (RCA) के एक कर्मचारी डेविड सरनोफ़ भी थे।
सरनोफ़ ने इस बात पर गौर किया कि रेडियो की तरह टेलीविज़न में भी मनोरंजन के साथ-साथ संचार की भी अपार संभावनाएं हैं। 1930 में उन्हें RCA का अध्यक्ष बनाया गया, जिसके बाद उन्होंने कंपनी में Television Technology में विकास और सुधार पर ज़ोर दिया। इसके लिए उन्होंने ज़्वोरकिन को कंपनी में रखा।
इसी बीच एक अमेरिकी आविष्कारक फिलो फार्नवर्थ (Philo Farnsworth) टेलीविज़न सिस्टम पर काम कर रहे थे। फार्नवर्थ एक गरीब में पले-बड़े थे, लेकिन उन्होंने टेलीविज़न के आविष्कार के लिए एक ऐसा शक्तिशाली विचार रखा। जिसने पूरी टेलीविज़न टेकनोलॉजी को ही बदल दिया था।
उन्होंने वैक्युम ट्यूब का सहारा लिया, जो चित्रों को लाइनों में विच्छेदित कर रहा था। फिर उन लाइनों को प्रसारित कर उन्हें फिर से चित्र के रूप में बदल सकती थी।
महज 21 वर्ष की उम्र में Farnsworth “Image Dissector” के आधार पर काम करने वाले पहले इलेक्ट्रॉनिक टीवी सिस्टम को बनाया। इसके बाद RCA ने उन पर आरोप लगाया कि उन्होंने यह आइडिया ज़्वोरकिन से चुराया है, जो उन्होंने 1923 में लोगों के सामने रखा था।
परंतु 1934 में अमेरिका की न्यायालय द्वारा उनके पक्ष में फैसला सुनाया गया। इस तरह से Farnsworth को इतिहास में TV के आविष्कारक के रूप में जाने जाना लगा। लोगों द्वारा अभी भी यही समझा जाता है कि Philo Farnsworth ने ही टीवी का आविष्कार किया था। जो कुछ हद तक सही भी है।
इसके बाद 1939 में RCA ने दुनियाभर में टीवी बेचने के लिए जबरदस्त मार्केटिंग की। इसके बाद पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति फ़्रेंकलिन डी रूज़वेल्ट के भाषण को टीवी पर प्रसारित किया गया। जिसे अमेरिका की National Broadcasting Company (NBA) ने RCA की मदद से किया था।
टीवी का एक नया युग
1940 तक दुनियाभर में बहुत कम टीवी उपयोग में थे। इस समय तक रेडियो लोगों की पहली पसंद थी। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, लोगों का टीवी पर भरोसा बढ़ता गया। 1949 तक आते-आते दुनियाभर में टीवी की संख्या बढ़ने लगी, अकेले अमेरिका में इस समय 10 लाख टीवी थे।
इसके बाद दुनिया में रंगीन टीवी के बाद डिजिटल टेलीविज़न का उदय हुआ। यह एक ऐसी तकनीक थी, जिसने टेलीविज़न की परिभाषा ही बदल कर रख दी। इसकी शुरुआत 1990 के दशक में होती है। जब 1987 में जापान की एक कंपनी NHK ने पहले HDTV का निर्माण किया।
इस आविष्कार ने अमेरिका को जापान से एक कदम पीछे धकेल दिया था। जो अमेरिका के लिए एक खुली प्रतस्पर्धा की तरह था। अमेरिका ने ज्यादा देरी न करते हुए 1990 में General Instrument Corporation (GI) ने दुनिया की पहली ऑल-डिजिटल टेलीविजन प्रणाली की घोषणा कर सभी को चौंका दिया।
इस तकनीक को कोरिया में जन्मे इंजीनियर वू पाइक द्वारा डिजाइन किया गया था। जीआई सिस्टम में 1080 लाइन कलर पिक्चर को एक वाइड स्क्रीन पर दिखाने की क्षमता थी। इससे पहले डिजिटल टीवी के उत्पादन में सबसे बड़ी समस्या बैंडविड्थ की थी।
जीआई की घोषणा के कुछ महीनों के भीतर ही जेनिथ इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन और डेविड सरनॉफ रिसर्च सेंटर (पूर्व में आरसीए लैबोरेटरीज) दोनों ने अपने स्वयं के डिजिटल एचडीटीवी सिस्टम की घोषणा की।
इसके बाद 1993 में चार अन्य टीवी प्रयोगशालाओं का गठन किया गया, जिसका नाम ‘ग्रैंड एलायंस’ था। इसके बाद धीरे-धीरे दुनियाभर में डिजिटल टीवी का बोलबाला बढ़ता गया। आज के समय में भी अधिकांश देशों में डिजिटल टीवी का ही उपयोग किया जाता है।
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निष्कर्ष:
तो ये था टीवी का आविष्कार किसने किया था और कब, हम उम्मीद करते है की इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद आपको टीवी का आविष्कार के बारे में पूरी जानकारी मिल गयी होगी।
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