टाइल्स का बिजनेस कैसे करें (पूरी जानकारी) | Tiles Business Ideas in Hindi

आजकल भारत में घरों की बनावट में काफी सुधार हो रहा है। एक वक्त था जब हमारी ज्यादा आबादी कच्चे मकानों में रहती थी। लेकिन वक्त के साथ यह सब बदल रहा है। आज एक आलीशान घर बनाना हर किसी का पहला सपना होता है।

किसी भी सुंदर घर में टाइल्स ही महत्वपूर्ण होती है। जिस घर में टाइल्स लगी होती है, उसकी सुंदरता देखते ही बनती है। कन्स्ट्रकशन का काम हमेशा चलता रहता है, इस कारण लगातार टाइल्स की आवश्यकता पड़ती रहती है।

सफल सिरेमिक टाइल बिजनेस कम पूंजी के साथ शुरू होते हैं और बहुत आसानी से चलाए जाते हैं। जिसके परिणामस्वरूप ज्यादा टर्नओवर और मुनाफा होता है। टाइल्स के बिजनेस में आपके पास सही स्किल और बढ़िया ग्राहक सेवा प्रदान करने की क्षमता होनी चाहिए।

यदि आप किसी भी बिजनेस में सफल होने के लिए आपके पास ट्रेन किए हुए एम्पलॉय और टार्गेटड कस्टमर होने चाहिए। टाइल्स के बिजनेस में आपको कई बार नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता है। इसलिए आपको संयम रखना होगा।

आजकल फर्श, छत और दीवारों पर टाइल्स लगाई जाती है। इनके उपयोग के आधार पर टाइल्स अलग-अलग प्रकार और गुणवता की होती है। घर का मालिक और बिल्डर दोनों ही घर बनाते समय टाइल्स लगाना चाहते हैं, क्योंकि इससे घर का आकर्षण अधिक बढ़ जाता है।

टाइल्स का बिजनेस

tiles ka business kaise kare

एक रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में भारत में टाइल्स मार्केट का आकार 3,720.2 मिलियन डॉलर था और 2027 तक 7,144.7 मिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। जो 2020 से 2027 तक 8.6% की सीएजीआर से बढ़ रहा है।

फर्श के लिए टाइलें मिट्टी से बनाई जाती हैं। टाइलें कच्चे माल जैसे काओलिन, बेंटोनाइट, रेत, फेल्डस्पार और कांच से बनाई जाती हैं। खरोंच न आने, पर्यावरण के अनुकूल, टिकाऊ और अन्य जैसी इनकी विशेषताओं के कारण इनका सबसे अधिक उपयोग किया जाता है।

इसके अलावा विट्रिफाइड टाइलें सिरेमिक टाइलों के प्रकार हैं, जिनका उपयोग ग्रेनाइट और संगमरमर के फर्श बनाने के रूप में किया जाता है। ये आम तौर पर बाहरी दीवारों और फर्श के लिए उपयोग की जाती हैं। यह दीवारों को पानी से बचाती है।

भारत सरकार ने कई ऐसे कार्यक्रम शुरू किए हैं, जो टाइल उद्योग को बढ़ने और फलने-फूलने में मदद कर रहे हैं। देश में खुले में शौच को खत्म करने के लिए सरकार ने पिछले 60 महीनों में 11 करोड़ से अधिक शौचालय बनाए हैं।

इसके अलावा, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) जैसे कार्यक्रमों ने छोटे आकार की टाइलों की बढ़ती मांग के कारण टाइल उद्योग को बढ़ावा दिया है।

क्लस्टर विकास कार्यक्रम (एमएसई-सीडीपी) जैसे सरकारी कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के बाद टाइल उद्योग में सालाना लगभग 6% से 8% की वृद्धि देखी गई है।

शहरीकरण में वृद्धि ने देश में रेज़िडेन्शियल और कमर्शियल बाजार में वृद्धि की है। जिसने भारत के टाइल बाजार को बढ़ने का एक मौका दिया है। निर्माण उद्योग में सुधार और विकास उन प्रमुख कारकों में से एक है जो भारत के टाइल मार्केट के विकास को गति प्रदान करते हैं।

मध्यम वर्ग के लोगों के पास बढ़ती आय को देखते हुए भारत में शहरी आबादी में वृद्धि देखी जा रही है। इसके अलावा भारत में हर साल लगभग 1 करोड़ लोग शहरी क्षेत्र की ओर पलायन कर रहे हैं। इससे 2030 तक 10 लाख से अधिक आबादी वाले 77 नए शहर बनने की उम्मीद है।

टाइल्स के बिजनेस के प्रकार

Tiles Business Ideas in Hindi

भारत में टाइल का बिजनेस तीन अलग-अलग मॉडलों में ऑपरेट होता है- सेंपल बेस्ड, स्टॉक बेस्ड और होलसेल बिजनेस। तो सबसे पहले हमें इन 3 बिजनेस मॉडलों को समझने की जरूरत है और ये कैसे काम करते हैं।

1. सेंपल बेस्ड टाइल्स बिजनेस

आप इस बिजनेस को न्यूनतम निवेश के साथ शुरू कर सकते हैं। इसमें आपको ग्राहकों को टाइल के नमूने दिखाने के लिए आपको केवल एक शोरूम की आवश्यकता है।

आप अपने क्षेत्र में टाइल व्होलसेल डीलरों से मुफ्त में टाइल के नमूने एकत्र कर सकते हैं और उन्हें अपनी दुकान में लगा सकते हैं। जब भी आपको कोई ऑर्डर मिले, तो उसे उस होलसेलर को फॉरवर्ड कर दें, जिससे आपने सैंपल कलेक्ट किए हैं।

उसके बाद होलसेलर आपके अनुरोध के अनुसार उन टाइल्स की आपूर्ति करेगा और आपको प्रत्येक ऑर्डर पर एक कमीशन मिलेगा।

ज्यादा से ज्यादा प्रॉडक्ट बेचने के लिए आप कई होलसेल डीलरों के साथ पार्टनरशिप कर सकते हैं। यदि आपकी दुकान अच्छी लोकेशन पर है तो व्होलसेलर आपको नमूने फ्री में दे जाएगा।

एक और महत्वपूर्ण बात, जिस तरह से आप अपनी दुकान में टाइल्स के नमूने दिखाते हैं, उसका ग्राहक पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। आपकी टाइल्स को देखकर ग्राहक कल्पना करेंगे कि उनकी दीवार उन टाइलों के साथ कैसी दिखेगी।

इसलिए आपको बढ़िया और डिज़ाइन वाली टाइल्स का ही sample दिखाना है। जो कस्टमर को एक नजर में पसंद आ जाए। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको एक बड़ी दुकान की जगह की आवश्यकता नहीं है। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपकी दुकान का क्षेत्रफल 300 वर्ग फुट है।

चूंकि आपके पास स्टॉक नहीं है, इसलिए इस मॉडल में जोखिम बहुत कम होता है। यदि आप अपने क्षेत्र के बड़े होलसेल डीलरों के साथ पार्टनरशिप करते हैं, तो एक वर्ष के भीतर आप आसानी से अपने बिजनेस को बढ़ा सकते हैं।

2. स्टॉक बेस्ड टाइल्स व्यवसाय

इस बिजनेस मॉडल में सेंपल बेस्ड टाइल बिजनेस की तुलना में अधिक निवेश की आवश्यकता होती है। इसके लिए आपको ज्यादा से ज्यादा टाइल्स का स्टॉक खुद के पास करना होगा। जब आपको ऑर्डर मिलता है, तो आप अपने गोदाम से इन टाइल्स की आपूर्ति कर सकते हैं।

इस मॉडल के लिए आपको स्टॉक रखने के लिए एक गोदाम और टाइल्स के सेंपल दिखाने के लिए एक दुकान/शोरूम की आवश्यकता होती है। आप अपने क्षेत्र के निर्माता या बड़े टाइल डीलर से यह सभी सामग्री खरीद सकते हैं।

इसके लिए आपका शोरूम 300 वर्ग फुट से बड़ा होना चाहिए। साथ ही गोदाम में आपको कम से कम 1500 वर्ग फुट जगह चाहिए होगी। गोदाम और शोरूम स्थापित करने और इन्वेंट्री खरीदने के लिए निवेश बहुत अधिक है।

जैसा कि आप सीधे टाइलों की आपूर्ति करेंगे, इस बिजनेस मॉडल में लाभ मार्जिन सेंपल बेस्ड बिजनेस की तुलना में काफी अधिक है। चूंकि आपको अपना खुद का स्टॉक खरीदने और बनाए रखना होता है, इस कारण इसमें जोखिम भी बहुत ज्यादा है।

3. टाइल्स होलसेल बिजनेस

यह मॉडल कुछ हद तक स्टॉक बेस्ड मॉडल के समान है, लेकिन यहां आप ग्राहक की बजाय रीटेल शोप्स में टाइल्स की आपूर्ति करेंगे। रीटेल दुकानें आपके टाइलों के नमूने अपने शोरूम में दिखाती हैं और जब भी उन्हें कोई ऑर्डर मिलता है तो वे इसे आपको फॉरवर्ड कर देती है।

इस मॉडल में सफल होने के लिए आपके पास अपने क्षेत्र में रीटेल दुकानों का एक अच्छा नेटवर्क होना चाहिए। शुरुआत में आपको अपने स्टॉक में उपलब्ध विभिन्न टाइल डिजाइनों के मुफ्त नमूनों को रिटेलर्स को दिखाना होगा।

आपको अपनी इन्वेंट्री को स्टोर करने के लिए एक वेयरहाउस की आवश्यकता है, जिसका न्यूनतम क्षेत्रफल 2000 वर्ग फुट होना चाहिए। शोरूम आवश्यक नहीं है, आप एक छोटे से ऑफिस की मदद से ही बिजनेस को चला सकते हैं।

इसमें निवेश वास्तव में बहुत अधिक है- इन्वेंट्री खरीदने के लिए, एक गोदाम बनाने के लिए, मुफ्त नमूनों की आपूर्ति करने के लिए और ऑफिस बनाने के लिए।

इसमें रिटेल व्यापार की तुलना में लाभ मार्जिन कम है। चूंकि आपको अपने क्षेत्र की रीटेल दुकानों से थोक ऑर्डर मिल रहे होंगे, इसलिए टर्नओवर अधिक होगा, जिससे आप पर्याप्त पैसा कमा सकते हैं।

इस मॉडल में जोखिम बहुत अधिक है। बाजार में कई स्थापित थोक डीलर बिना जीएसटी के काम करते हैं। ऐसे में इनकी कीमत का मुकाबला करना मुश्किल होगा। तो ये 3 प्रकार के बिजनेस मॉडल हैं जिन्हें आप टाइल्स बिजनेस में शुरू कर सकते हैं।

टाइल्स का बिजनेस कैसे करें?

Tiles business plan in hindi

टाइल्स का बिजनेस करना एक अच्छे बिजनेस आइडिया है, क्योंकि इनकी लगातार मांग बढ़ रही है। टाइलें निर्माण उद्योग में विभिन्न रूपों में उपयोग की जाती हैं जैसे कि फर्श की टाइलें, दीवार की टाइलें, टेबलटॉप, काउंटरटॉप्स आदि। टाइल्स किसी भी घर या इमारत की सुंदरता को बढ़ाती है।

टाइल्स के बिजनेस में सफल होने के लिए, आपके पास नॉलेज और स्किल होनी चाहिए। इसके अलावा अपने ग्राहकों को बेहतरीन सर्विस प्रदान करने में भी महारत हासिल होनी चाहिए।

अन्य कारक जो आपकी सफलता का निर्धारण करेंगे, वे हैं टाइल स्टॉक को नियंत्रित करने की आपकी क्षमता, एक कुशल कार्यबल होना और आपकी लोकेशन आदि। इसके अलावा आप के माल में क्वालिटी और मार्केटिंग बेहतरीन होनी चाहिए।

1. शुरुआत में

भारत में टाइल्स का कारोबार करने से पहले आपको सरकार से अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा आपको कुछ और काम करने पड़ सकते हैं। बिजनेस शुरू करने के लिए अपने बिजनेस का नाम चुनें, एक बिजनेस प्लान बनाए, फंड की व्यवस्था करें, इन्शुरेंस करवाएँ आदि।

साथ ही एक नियोक्ता पहचान संख्या, एक लाइसेंस और एक बिजनेस लाइसेंस बनवाएँ। चाहे आप बचपन से ही पत्थर के काम के शौक़ीन हों या आप अपना खुद का बिजनेस करके भविष्य बना सकते हैं। भारत में टाइल बिजनेस की बहुत बड़ी गुंजाइश है।

यह एक बहुत ही कंपीटिटर बिजनेस है, इसलिए इस बिजनेस में आने से पहले आपको बहुत काम करना होगा। यदि आप भारत में टाइल्स बिजनेस में लाभ मार्जिन प्राप्त करना चाहते हैं और इस क्षेत्र में एक बढ़िया प्लेयर बनना चाहते हैं तो आपको बहुत काम करना होगा।

2. एक बिजनेस प्लान बनाएँ

किसी भी बिजनेस में सफल होने के लिए एक बिजनेस प्लान होना बहुत जरूरी है। यह आपके बिजनेस को समझने में मदद करेगा। इसके अलावा जो चीज हमारे दिमाग से मिस हो जाती है, उसे यह बिजनेस प्लान कवर करेगा।

इस बिजनेस प्लान में आप कई बातों को कवर करेंगे। जैसे- आप किस प्रकार की टाइल का बिजनेस करना चाहते हैं, आपका बजट क्या है, आप टाइल्स बनाएंगे या इसे फ़ैक्टरि से खरीदेंगे, आपका सबसे स्ट्रॉंग मार्केट कहाँ है?

इसके अलावा भी बहुत सी बातें हैं, जो एक बिजनेस प्लान में कवर की जाती है। आपको अपने टाइल्स बिजनेस के लिए बढ़िया टाइल्स का व्यापार करना होगा। आजकल कस्टमर पैसे से ज्यादा क्वालिटी पर ध्यान देता है।

3. टाइल्स बिजनेस के लिए मार्केट एनालिसिस

हमारे आस-पास हमेशा किसी न किसी का घर बनता रहता है और जहां तक ​​टाइल्स की बात है तो इसकी जरूरत सिर्फ नए घर बनाने वालों को ही नहीं बल्कि पुराने घरों में रहने वाले लोगों को भी होती है।

इसलिए जो व्यक्ति टाइल्स का बिजनेस शुरू कर रहा है, उस क्षेत्र में नए मकान बनने चाहिए जहां वह इस प्रकार का व्यवसाय शुरू करना चाहता है या ऐसे घर होने चाहिए जिनके मालिक अपने घर में टाइल लगा रहे हों।

टाइल्स का बिजनेस शुरू करने से पहले औद्योगिक क्षेत्र का पूरा ज्ञान प्राप्त कर लें। इसके लिए यदि वह एक टाइल की दुकान खोलना चाहता है, तो उसे पहले से ही स्थित एक टाइल की दुकान में कुछ महीनों के लिए काम करना चाहिए।

इस बिजनेस के बारे में सभी बारीकियों को अच्छी तरह से समझना चाहिए। दुकान में काम करने वाले व्यक्ति को यह अनुभव होगा कि आखिर ग्राहक उस क्षेत्र की टाइलों की दुकानों पर किस प्रयोजन से आते हैं, ग्राहक दुकानदार से क्या अपेक्षा रखते हैं, उस क्षेत्र की सबसे अच्छी और बेहतरीन टाइलों का आपूर्तिकर्ता कौन है?

4. बढ़िया लोकेशन सिलेक्ट करें

एक बार जब टाइल्स बिजनेस के लिए एक प्लान तैयार हो जाए तो उस प्लान को अम्ल में लाने का वक्त हो गया है। इसके लिए सबसे पहले आपको एक लोकेशन सिलेक्ट करनी होगी, जहां से आप इस बिजनेस को चलाना चाहते हैं।

इसलिए एक उपयुक्त स्थान ढूँढना सबसे जरूरी काम है। लोकेशन ऐसी होनी चाहिए, जहां आपको ग्राहक भी मिलें और टाइल्स रखने के लिए खुली जगह भी। साथ ही आपको वाहनों के लिए पार्किंग और टाइल्स बिजनेस में होने वाले टूल्स को रखने की जगह भी मिल सकें।

इसके अलावा अगर आप खुद ही टाइल्स बनाने का काम शुरू करना चाहते हैं, तो आपको इससे भी और अधिक जगह की आवश्यकता होगी। लेकिन हमारी राय में आप टाइल्स खुद न बनाकर इसे टाइल्स फैक्ट्री से खरीद सकते हैं।

आपको लोकेशन ऐसी सिलेक्ट करनी है, जो आपको कम पैसों में मिल जाए। आप जितनी बचत करोगे, आपको उतना ही फायदा होगा। इन सबके लिए धन, आपकी अपनी बचत, निजी निवेशकों या एक या ऋण की आवश्यकता होगी।

आप शुरुआत में पैसे बचाने के लिए बिजनेस की जगह, वाहन और कुछ उपकरण किराए पर ले सकते हैं। इसके अलावा आपको कुशल राजमिस्त्री की भी आवश्यकता होगी, खासकर यदि आप खुद का टाइल्स बनाने का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं।

5. टाइल्स के बिजनेस में इनवेस्टमेंट

1.  सेंपल बेस्ड टाइल्स बिजनेस

यह बिजनेस शुरू करने के लिए, आपको अपनी खुद की दुकान को ध्यान में रखते हुए 3 से 5 लाख के निवेश की आवश्यकता होती है। यदि आपके पास दुकान नहीं है, तो आपको उपरोक्त राशि में एक दुकान खरीदने की राशि भी जोड़नी होगी।

इस राशि में से दुकान के इंटीरियर की कीमत आपको लगभग 1 से 2 लाख रुपये होगी। अपने क्षेत्र में सर्वोत्तम सेंपल पद्धति अपनाने का प्रयास करें। यदि आप एक अच्छा ग्राहक अनुभव देना चाहते हैं तो आप और भी अधिक निवेश कर सकते हैं।

अन्य लागतें दुकान फर्नीचर, साइनेज बोर्ड, और टाइल सेंपल खरीद हैं। शुरुआत में जब आप नए होते हैं, तो अधिकांश टाइल थोक डीलर आपसे नमूनों के लिए शुल्क ले सकते हैं।

2. स्टॉक बेस्ड टाइल बिजनेस

इसके लिए आपको न्यूनतम 20 लाख से 30 लाख रुपये का निवेश करना होगा। इसमें प्रमुख निवेश इन्वेंट्री खरीद और गोदाम और शोरूम की स्थापना हैं।

यदि आप इन्वेंट्री खरीद में अधिक निवेश करते हैं, तो आपको अपनी दुकान में अधिक प्रकार के टाइल संग्रह मिलेंगे। साथ ही इसमें डेड स्टॉक का ज्यादा जोखिम होता है।

3. टाइल होलसेल बिजनेस

इसके लिए भारी निवेश की आवश्यकता होती है, आपको न्यूनतम 40 लाख से 75 लाख रुपये का निवेश करने की आवश्यकता होगी। यह निवेश राशि पूरी तरह से ‘आप कितना स्टॉक खरीदने जा रहे हैं’ पर निर्भर करती है।

टाइल्स के एक ट्रक में आपको लगभग 8 से 10 लाख का खर्च आएगा। इसलिए आपको यह तय करने की आवश्यकता है कि आप शुरुआत में कितनी ट्रक लोड टाइलें खरीदने जा रहे हैं।

यदि आपके पास अधिक स्टॉक है तो आप अपने क्षेत्र की कई रिटेल दुकानों के साथ पार्टनरशिप कर सकते हैं। इसी तरह इस बिजनेस में टाइल्स टूटने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।

6. डिस्प्ले और स्ट्रक्चर

टाइल्स बिजनेस में आपको डिस्प्ले और स्ट्रक्चर की बहुत आवश्यकता होगी। अपने प्रॉडक्ट को प्रदर्शित करने के लिए आपको एक काउंटर और कई अलमारियों की आवश्यकता होगी।

टाइल्स की ज्यादा से ज्यादा चमक दिखाने के लिए आप एलईडी बल्ब का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग कर सकते हैं। इससे ग्राहक का आकर्षण आपकी तरफ काफी बढ़ेगा।

हमें हमारे ग्राहक के नेचर को समझना होगा, फिर उसी के अनुसार टाइल्स की डिस्प्ले करनी होगी। आप अपने ग्राहकों के आराम के लिए चेयरपर्सन या सेट्टी भी लगा सकते हैं। यह आपकी छोटी सी जगह को थोड़ा और आकर्षक बना देगा।

7. लाइसेंस और परमिट

भारत में कोई भी दुकान शुरू करने के लिए आपको बिजनेस लाइसेंस, पुनर्विक्रय प्रमाणपत्र जैसे कुछ निश्चित परमिट लेने होंगे। इसमें बिजनेस का नाम पंजीकरण या डीबीए प्रमाणपत्र, निवास प्रमाण पत्र, संघीय कर आईडी, आदि शामिल है।

इसके अलावा आपको टाइल्स का बिजनेस शुरू करने के लिए टैक्स रजिस्टर करना होगा। इसमें स्टेट और फेडरल टैक्स शामिल है। अलग-अलग राज्यों और क्षेत्रों में इसके अलग-अलग नियम है। इसके लिए आपको प्रॉफेश्नल व्यक्ति से सलाह लेनी होगी, जो इस क्षेत्र में लंबे समय से काम कर रहा है।

8. सप्लायर्स के साथ अच्छे संबंध बनाएं

भारत में टाइल बिजनेस शुरू करने के लिए, आपको सभी के साथ मजबूत संबंध रखने की आवश्यकता है। अगर आप सेंपल बेस्ड बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो आपको अपने ग्राहकों को ज्यादा से ज्यादा सेंपल दिखाने होगे। उनके साथ ऐसा व्यवहार करें कि वो आपसे टाइल्स खरीदने के लिए मजबूर हो जाए।

इसके अलावा अगर स्टॉक बेस्ड बिजनेस करना चाहते हैं, तो भी आपको अपने स्टॉक में ग्राहकों के लिए ज्यादा से ज्यादा विकल्प प्रदान करने होंगे। आप बड़े और धनवान ग्राहकों को अच्छे से समझाकर अपने साथ जोड़ सकते हैं। आपका रूखा व्यवहार आपके बिजनेस के लिए घातक साबित हो सकता है।

इसके अलावा अगर आप होलसेल का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो आपको रिटेलर्स के साथ अच्छा संबद्ध बनाना होगा। आप उनकी दुकान पर जाकर उनसे संपर्क कर सकते हैं। उनको अच्छे-अच्छे ऑफर दें, ताकि वो आपके साथ लंबे समय तक जुड़ें रहें।

9. मार्केटिंग

टाइल्स बिजनेस के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको निर्माताओं से मिलना चाहिए। इसके अलावा आपको टाइल्स के बड़े-बड़े शोरूम में भी जाना चाहिए। क्योंकि अपने बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए आपको टाइल बेचने के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।

ताकि आप अपने ग्राहकों द्वारा पूछे गए हर प्रश्न का उत्तर दे सके और अपने ग्राहकों को संतुष्ट कर सके। इसके अलावा टाइल बेचने का व्यवसाय शुरू करने वाले व्यक्ति को अपने क्षेत्र में मौजूद ठेकेदार, प्रापर्टी डीलर, बिल्डर, प्लंबर, बढ़ई और राजमिस्त्री से संपर्क करना चाहिए।

ऐसा करने से ये लोग आपके लिए ग्राहक लाएंगे जिससे आपकी बिक्री अच्छी होगी और आपको टाइल्स के कारोबार में फायदा होगा। इसके अलावा आप सोश्ल मीडिया की मदद से भी मार्केटिंग कर सकते हैं। बस आपको ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपने साथ जोड़ना होगा।

10. एडवांटेज और डिसएडवांटेज

टाइलें हर समय मांग में रहती हैं, जो इनका महत्वपूर्ण लाभ है। तो आपने टाइल क्षेत्र में अपना करियर बनाने का फैसला किया है। आपको अपने बिजनेसको शुरू करने और टाइल बेचने के लिए थोड़े से धन की आवश्यकता है।

इस बिजनेस का मुख्य लाभ टाइलों की निरंतर मांग है। सेंपल बेस्ड टाइल्स बेचने के बिजनेस में अपेक्षाकृत कम पूंजी निवेश की आवश्यकता होती है। आपके शोरूम के लिए टाइल्स, मैनपावर, फिक्स्चर और फिटिंग, कैश रजिस्टर, पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) सिस्टम, स्टोरेज यूनिट और परिवहन उपकरण की खरीद में प्रमुख खर्च होंगे।

एक टाइल शोरूम और गोदाम के लिए बहुत अधिक जगह की आवश्यकता होती है। और आज के बाजार में किराए अधिक होने के कारण, यह बेहतर है कि आप उस जमीन के मालिक हों जहां आप अपना बिजनेस शुरू कर रहें हैं।

अगर आप स्टॉक और हॉलसेल बेस्ड बिजनेस शुरू कर रहे हैं, तो इसमें टाइल्स टूटने का खतरा ज्यादा बना रहता है। इससे आपको काफी नुकसान होगा। इस नुकसान से बचने के लिए आप इन टाइल्स का इन्शुरेंस भी करवा सकते हैं।

निष्कर्ष:

तो दोस्तों ये था टाइल्स का बिजनेस कैसे करें, हम उम्मीद करते है की इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको टाइल्स का व्यापार करने की पूरी जानकारी मिल गयी होगी.

अगर आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगी तो प्लीज इसको शेयर जरुर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगो को टाइल्स बिजनेस करने के आईडिया और प्लान पता चल पाए.

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