गर्मी के मौसम में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं | गर्मियों से बचने के लिए क्या खाएं

गर्मियों का मौसम अपने साथ बहुत सारी बीमारियों को लेकर आता है। यह चिलचिलाती धूप लोगों के लिए बहुत खतरा पैदा करती है। जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, शरीर भी गर्म होने लगता है। यह तो बात रही मौसम कि, जिसे आप बदल नहीं सकते।

लेकिन आप कुछ फूड्स खाकर अपने शरीर के तापमान को कंट्रोल कर सकते हैं। आज हम आपको उन फूड्स के बारे में बताएंगे जो गर्मी को दूर करने और आपके शरीर को ठंडक पहुंचाने में मदद करते हैं।

गर्मी हर साल बढ़ती जा रही है, जो ग्लोबल वार्मिंग के कारण हो रहा है। पिछले कुछ समय के आंकड़ों को देखें तो गर्मियों के मौसम में लोगों को बहुत सी बीमारियाँ घेर लेती है। इसी के साथ हर वर्ष हीटवेव भी अपना तांडव मचा रही है।

अधिक गर्मी के कारण स्ट्रैस, हृदय रोग और गुर्दे की बीमारी का खतरा बढ़ रहा है। अप्रैल-मई-जून में हमारा देश गर्मी के समय सबसे अधिक संवेदनशील एरिया बन जाता हैं। इसमें सबसे ज्यादा खतरा शहरी आबादी को होता है।

गर्मियों में हीट स्ट्रैस की समस्या बहुत तकड़ी उजागर होती है। हीट स्ट्रेस इंसानों में तब होता है, जब शरीर खुद को प्रभावी ढंग से ठंडा नहीं कर पाता है। आम तौर पर शरीर पसीने के माध्यम से खुद को ठंडा करता है।

लेकिन जब नमी अधिक होती है, तो पसीना जल्दी से वाष्पित नहीं होगा, जिससे हीट स्ट्रोक होता है। High humidity और ज्यादा रात का तापमान गर्मी से संबंधित बीमारी और मृत्यु दर के प्रमुख कारक हैं।

जब लगातार रात में गर्मी कम नहीं होती है, तो यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक है, जिनकी आय बहुत कम है। क्योंकि उनके पास रात को अपना तापमान कम रखने का कोई साधन नहीं होता है।

गर्मी का शरीर पर प्रभाव

sharir par garmi ka prabhav

गर्मियों के साथ तापमान का स्तर बढ़ रहा है। बढ़ती गर्मी न केवल असहनीय होती है, बल्कि शारीरिक नुकसान भी पहुंचाती है और हमें कई बीमारियों की चपेट में ले लेती है।

भारत में गर्मी का मौसम आमतौर पर मार्च से जून तक रहता है, अधिकांश क्षेत्रों में मई में सबसे गर्म मौसम का अनुभव होता है। चिलचिलाती गर्मी कई बीमारियों के लिए भी जिम्मेदार होती है, खासकर जब उचित उपाय नहीं किए जाते हैं।

गर्मियों के मौसम में कुछ सामान्य प्रकार की होने वाली हैल्थ प्रॉबलम्स इस प्रकार से हैं-

  • Heat Stroke- हाइपरथर्मिया, जिसे आमतौर पर हीट स्ट्रोक के रूप में जाना जाता है। यह गर्मियों की सबसे आम बीमारी है। यह आमतौर पर तब होता है जब आप लंबे समय तक हाइ temperature के संपर्क में रहते हैं। जब आप हीट स्ट्रोक से पीड़ित होते हैं, तो आपको सिरदर्द, चक्कर आना और कमजोरी का अनुभव होना लाजमी है। इसलिए गर्मी के मौसम में हीट स्ट्रोक से बचने के लिए अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखने की सलाह दी जाती है।
  • Food Poisoning- दूषित फूड्स के सेवन के कारण Food poisoning एक और गर्मी की बीमारी है। गर्म मौसम भोजन पर बैक्टीरिया के पनपने के लिए अनुकूल वातावरण के रूप में कार्य करता है, जिससे संदूषण होता है। जब आप इस दूषित भोजन या पानी का सेवन करते हैं, तो बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। जिससे पेट में दर्द, मतली, दस्त और उल्टी होती है।
  • Dehydration- निर्जलीकरण एक और कॉमन हैल्थ प्रॉबलम है, जिससे भारत में अधिकांश लोग गर्मी के मौसम में पीड़ित होते हैं। यह तब होता है जब किसी व्यक्ति द्वारा सेवन किया गया पानी उसकी शारीरिक आवश्यकता को पूरा नहीं करता है। गर्मी पसीने के रूप में शरीर से पानी और नमक की कमी का कारण बनती है।
  • Sunburn- लंबे समय तक धूप में रहना हानिकारक हो सकता है। सूरज की UV किरणें स्किन में प्रवेश करती हैं और कई समस्याएं पैदा करती हैं। साथ ही जिन लोगों के शरीर में मेलेनिन की मात्रा कम होती है, उन्हें मेलेनोमा जैसे गंभीर स्किन संक्रमण होने का खतरा होता है। इसके अलावा लंबे समय तक धूप में रहने से त्वचा में जलन, सूखापन और दरारें पड़ सकती हैं। सनबर्न से गर्मियों में सर्दी, ठंड लगना, मतली, उल्टी, बुखार और अन्य फ्लू जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।
  • Mumps- गर्मियों में एक और आम बीमारी Mumps है। Mumps एक संक्रामक वायरल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से बच्चों में होता है। यह संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से फैलता है। कहा जाता है कि यह बीमारी कानों के सामने पैरोटिड ग्रंथि को नुकसान पहुंचाती है, जिससे दर्द, सूजन और बुखार होता है।
  • खसरा- गर्मियों में यह समस्या आम है, यह अत्यधिक संक्रामक श्वसन संक्रमण है। इस रोग के शुरूआती लक्षण समर फ्लू जैसे होते हैं। इसमें खसरे के दाने, तेज बुखार, खांसी और मुंह के अंदर छोटे सफेद धब्बे में विकसित होते हैं।
  • छोटी माता या चिकनपॉक्स- चिकनपॉक्स छोटे, लाल चकत्ते और तेज बुखार से शुरू होता है। इसके दाने चमड़ी पर फफोले में बदल जाते हैं, जिससे त्वचा पर निशान पड़ते हैं। कमजोर इम्यून सिस्टम और कई बीमारियों जैसे डायबिटीज़, कैंसर, ब्लड प्रेशर, एचआईवी आदि वाले लोगों को चिकनपॉक्स होने का खतरा होता है।
  • पीलिया- पीलिया मुख्य रूप से दूषित भोजन या पानी के सेवन के कारण होता है। यदि समय पर इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो पीलिया आपके लिवर के कार्यों को प्रभावित कर सकता है। पीलिया के कुछ स्पष्ट लक्षण हैं पीलापन (त्वचा का मलिनकिरण), हल्के रंग का मल, गहरा मूत्र, स्किन पर खुजली आना आदि।
  • टाइफाइड- एक और गर्मी की बीमारी टाइफाइड है। यह दूषित भोजन या पानी से फैलता है। टाइफाइड के कुछ लक्षणों में कमजोरी, भूख न लगना, थकान, पेट दर्द, तेज बुखार आदि शामिल हैं।

गर्मी में शरीर का तापमान क्यों बढ़ जाता है?

आपके शरीर की गर्मी आंतरिक और बाहरी दोनों प्रभावों के कारण बढ़ती है। उदाहरण के लिए धूप में बहुत अधिक समय बिताने से आपके शरीर का तापमान काफी बढ़ सकता है। इसके अलावा भारी एक्सर्साइज़ या सामान्य से अधिक इधर-उधर घूमने के कारण भी यह बढ़ सकता है।

महिलाओं के लिए पेरिमेनोपॉज़ और रजोनिवृत्ति जैसी स्थितियों के कारण शरीर की गर्मी बढ़ती है, जिसके दौरान उन्हें हीट फ्लैशेस या रात को पसीना आता है।

आपके शरीर की गर्मी बढ़ने का एक और महत्वपूर्ण लेकिन काफी असामान्य कारण कुछ दवाओं के उपयोग के कारण हो सकता है। कुछ दवाएं आपके शरीर में अत्यधिक गर्मी पैदा करती हैं, जिससे आपके शरीर की गर्मी बढ़ जाती है।

यहाँ शरीर की गर्मी बढ़ने के सबसे सामान्य कारण हैं-

  • उच्च environmental temperatures, जैसे बहुत अधिक गर्म इनडोर वातावरण में रहने से।
  • इसी तरह सूरज की किरणें हीटस्ट्रोक या सनस्ट्रोक का कारण बनती है। यह अक्सर ऐसा तब होता है जब आपको गर्मी का मुकाबला करने के लिए बहुत अधिक पसीना आता है। इससे आपका शरीर निर्जलित होता है और आपके शरीर में पर्याप्त पानी नहीं होता है।
  • माइक्रोबियल संक्रमण (जैसे बैक्टीरिया, वायरस या कवक से) से शरीर की गर्मी में वृद्धि के सबसे सामान्य कारणों में से एक है।
  • थायरॉइड स्टॉर्म की कारण भी शरीर की गर्मी बढ़ सकती है। थायराइड स्टॉर्म तब होता है जब शरीर में अत्यधिक मात्रा में थायराइड हार्मोन का उत्पादन और रिलीज होता है। इसके परिणाम गंभीर होते हैं और इसमें पसीना आना, तेज़ हार्ट गति, उल्टी, पीलिया और असामान्य दर्द शामिल हैं।

गर्मी के मौसम में क्या खाना चाहिए?

garmi ke mausam me kya khana chahiye

गर्मियों के दौरान जब पारा का स्तर बढ़ता है, तो चिलचिलाती गर्मी हमें पूरी तरह से तंग करती है। अगर हम इसे नजरअंदाज करते हैं, तो हमारे शरीर को अधिक खतरा होगा।

गर्मियों में हममें से कई लोग निर्जलित (dehydrated) महसूस करते हैं, जिससे ऊर्जा की कमी होती है। यह एक और संकेत है कि हमारा गर्मी से शरीर कमजोर हो गया हैं।

गर्मियों में हमें अपने शरीर का खास ख्याल रखना चाहिए। सही खान-पान से लेकर अपनी जीवनशैली में बदलाव लाने तक, हम गर्मियों के हानिकारक प्रभावों से खुद को बचा सकते हैं।

1. नारियल पानी

गर्मियों के दौरान सबसे अच्छा ड्रिंक नारियल पानी है। नारियल पानी में प्राकृतिक रूप से ठंडक देने वाले गुण होते हैं जो इस चिलचिलाती गर्मी से लड़ने में आपकी मदद कर सकते हैं।

यह आपके शरीर को हाइड्रेट करता है और इस प्रकार तापमान पैदा करने वाले इलेक्ट्रोलाइट्स को स्वाभाविक रूप से संतुलित करता है। इसमें मलाई की मात्रा के कारण नारियल पानी हमेशा मीठा होता है।

आप अपने चेहरे को ठंडक देने के लिए पानी पी सकते हैं और बची हुई मलाई को अपने चेहरे पर भी लगा सकते हैं। वास्तव में नारियल पानी गर्मियों के मौसम में एक सुपरफूड है।

गर्म और उमस भरी दोपहर में नारियल पानी पीना आपके सुस्त शरीर को फिर से ऊर्जावान बनाने और सुपर-फ्रेश महसूस करने का सबसे आसान तरीका है। इसमें लगभग कोई फैट नहीं होता है और यह आवश्यक विटामिन, मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर है।

नारियल पानी आपके शरीर की गर्मी को स्वाभाविक रूप से कम करने में मदद करेगा। शाम को फ्रेश महसूस करने के लिए दोपहर की कॉफी या चाय के बजाय एक गिलास नारियल पानी पीने की कोशिश करें।

2. छाछ

इस स्वस्थ पेय में हमारे शरीर को अत्यधिक गर्मी में भी ठंडा रखने के लिए आवश्यक प्रोबायोटिक्स, विटामिन और मिनरल्स होते हैं। छाछ रोजाना या शायद दिन में दो बार पीने से आपके शरीर को ठंडा करने में मदद मिल सकती है।

अपनी एनर्जी को फिर से रिस्टोर करने और स्वाभाविक रूप से अपने शरीर को ठंडा करने के लिए एक गिलास ठंडा छाछ पीना हमेशा फायदेमंद होता है। भारत में cooling refreshment के रूप में सैकड़ों वर्षों से छाछ का सेवन किया जाता है।

यह आपके पाचन में सुधार करने की क्षमता रखती है और पित्त दोष को भी ठीक करती है। छाछ टेट्रा पैक और अन्य रूपों में आसानी से उपलब्ध है जिसे एक दिन में कई बार पिया जा सकता है। निर्जलीकरण को रोकने के लिए आप बाहर जाते समय भी इसे ले जा सकते हैं।

छाछ पीने से आपके शरीर को ठंडा करने और चयापचय में सुधार करने में मदद मिलती है। यह प्रोबायोटिक्स, विटामिन और मिनरल्स से भी भरपूर है जो आपके शरीर की प्राकृतिक ऊर्जा को रिस्टोर करने में मदद करती है।

3. एलोवेरा

यह एक natural cooling agent है। जब शरीर की आंतरिक और बाहरी गर्मी को कम करने की बात आती है तो इसका प्रभाव काफी अधिक है। इससे निकलने वाला जेल त्वचा पर लगाया जाता है। जिससे आप तुरंत कूल महसूस करते हैं।

इसके अलावा आप एलोवेरा जेल के अर्क को खीरे या पुदीने के साथ मिला सकते हैं। फिर इसे पीकर आप अपने शरीर को काफी हद तक ठंडा कर सकते हैं।

लगातार धूप, गंदगी और प्रदूषण हमारी स्किन को रूखा, खुरदरा और धब्बेदार बना देते हैं। जबकि हमारी त्वचा लगातार पानी की कमी के कारण शुष्क हो जाती है, तो एलोवेरा मॉइस्चराइज़र और हाइड्रेशन जैल लगाना बेहद फायदेमंद होता है।

इससे हम अपनी त्वचा को हाइड्रेट करते हैं और इसे हर समय मॉइस्चराइज़ रखते हैं। चूंकि एलोवेरा पूरी तरह से प्राकृतिक और हानिरहित घटक है। इसलिए यह सभी प्रकार की त्वचा के अनुरूप होता है, चाहे वह सूखी, तैलीय या दोनों हो।

4. पुदीना

पुदीना भारत में सबसे अधिक खपत वाली जड़ी-बूटियों में से एक है। इसे आमतौर पर शरीर से गर्मी के प्रभाव को बेअसर करने के लिए भोजन या ड्रिंक में मिक्स किया जाता है। यह न केवल आपके शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है बल्कि एक अद्भुत कूलिंग इफेक्ट भी प्रदान करता है।

दही, छाछ या नींबू पानी में पुदीना मिलाने से आपको अधिक लाभ मिलता है। आप पुदीने की चटनी भी बना सकते हैं, जो सभी भारतीय घरों में सबसे पसंदीदा चटनी में से एक है।

पुदीना ताज़गी देने वाला और आनंददायक ग्रीष्मकालीन जड़ी-बूटी है, जो कुछ हैल्थ बेनेफिट्स का पावरहाउस भी है। आपको ताज़ी हवा देने से लेकर पाचन में मदद करने तक, पुदीना गर्मियों में आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है।

साथ ही इसे कई तरीकों से अपने आहार में शामिल किया जा सकता है। पुदीना रायता और चटनी, पुदीना और नींबू मोजिटो, सलाद ड्रेसिंग, और यहां तक ​​कि आपकी बिरयानी में भी इसका इस्तेमाल कर सकते है।

यह जड़ी बूटी एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है। यह सिरदर्द, सामान्य सर्दी, अस्थमा के इलाज में मदद करती है। इसके अलावा पुदीना स्किन की हैल्थ में सुधार करता है और वजन घटाने में भी लाभदायक है।

5. तरबूज

आम के अलावा तरबूज एक और ऐसा फल है जो भारत में गर्मी के मौसम में सबसे अधिक खाया जाता है। आमतौर पर तरबूज में पानी की मात्रा 90% तक होती है, जो डिहाइड्रेशन को रोकने और शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है।

अगर नियमित रूप से इसका सेवन किया जाए तो यह आपके शरीर की गर्मी को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। तरबूज में 90% से अधिक पानी होता है जो इसे एक बहुत ही हाइड्रेटिंग फूड ऑप्शन बनाता है।

जब गर्मियों की बात आती है तो यह लोकप्रिय फलों में से एक है और आप दिन में दो बार इसका आनंद ले सकते हैं। तरबूज का शरीर पर ठंडा प्रभाव पड़ता है और इसे तरबूज के ज्यूस के रूप में भी पिया जा सकता है।

यह व्यक्ति को एंटी-ऑक्सीडेंट और शरीर में बुनियादी इलेक्ट्रोलाइट्स का अच्छा स्रोत प्रदान करता है। यह फल अपने मूत्रवर्धक गुणों के लिए भी जाना जाता है जो लिवर और किडनी के कार्यों को ठीक रखने में मदद करता है।

6. खीरा

तरबूज की तरह खीरे में भी पानी की मात्रा अधिक होती है। इसके अलावा इसमें फाइबर भी होता हैं, जो कब्ज को दूर करने में मदद करता है। गर्मियों के दौरान या जब आपके शरीर की गर्मी बढ़ जाती है, तो कब्ज आम समस्याओं में से एक है।

खीरा न केवल आमतौर पर सलाद में उपयोग किया जाता है, बल्कि आंखों को ठंडा करने के लिए भी उपयोग किया जाता है। चूँकि इसमें 95% पानी होता है, इसलिए यह शरीर में अतिरिक्त कैलोरी को भी कम करने में मदद करता है।

आयुर्वेद में इसे ‘सुशीतला’ कहा गया है, इसका अर्थ है प्राकृतिक रूप से ठंडा होना। खीरा अक्सर उन रोगियों को खाने के लिए दिया जाता है जिन्हें पेशाब या अत्यधिक प्यास से संबंधित समस्या होती है।

इसमें बड़ी मात्रा में पानी होता है जो शरीर से गर्मी को कम करता और आपके शरीर को ठंडा रखता है। अधिक गर्मी में आपको खीरे और कुछ पुदीने की पत्तियों के साथ कुछ ड्रिंक पीने की कोशिश करनी चाहिए, यह आपके शरीर के लिए बहुत ताज़ा और हाइड्रेटिंग है।

7. गुलकंद

गुलकंद को natural summer coolant माना जाता है। यह गर्मी से जुड़ी आम समस्याओं जैसे हीट स्ट्रोक, थकान, मांसपेशियों में दर्द, थकावट, मतली, अपच, मानसिक तनाव, सुस्ती और गर्मी से लड़ने में मदद करता है।

यह एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट एजेंट भी है। गुलकंद को आपके दैनिक आहार में कई अलग-अलग रूपों में एड किया जा सकता है जैसे जैम, मुरब्बा, और मिल्कशेक आदि। थोड़ी सी मेहनत और सामग्री के साथ इसे घर पर बनाना बेहद आसान है।

गुलकंद चिंता और तनाव से लड़ने में मदद करता है। तंत्रिका तंत्र पर इसके कूलिंग इफ़ेक्ट्स के कारण गुलकंद तनाव से लड़ने में मदद करता है। गुलकंद के साथ एक गिलास पानी दिमाग को आराम और energizing देने में मदद करता है।

गुलकंद कैसे तैयार करें?

गुलकंद सुगंध, स्वाद और पोषक तत्वों से भरपूर होता है और यह प्राकृतिक coolant घर पर कांच के जार में आसानी से तैयार किया जा सकता है। इसका तरीका कुछ इस प्रकार से हैं-

  • सबसे पहले अपने बगीचे या फूलवाले से कुछ देसी गुलाब की पंखुड़ियाँ खरीद लें।
  • अब जार में बराबर मात्रा में गुलाब की पंखुड़ियां और चीनी तब तक डालें जब तक यह ऊपर न आ जाए।
  • इस मिश्रण को अलग-अलग करके चीनी को पिघलने दें और गुलाब की पंखुडियों से इस ठंडा और स्वादिष्ट गुलकंद का मुरब्बा तैयार करें।

8: नींबू पानी

शोध से पता चला है कि नींबू विटामिन C से भरपूर होने के कारण शरीर के तापमान को कम करने में मदद करता है। यह शरीर को मॉइस्चराइज़ और ऑक्सीजनेट भी करता है। इससे एनर्जी को रिस्टोर करने और गर्मियों के दौरान ताज़ा महसूस करने में मदद मिलती है।

यह हमारे होममेड इलेक्ट्रोलाइट के महत्वपूर्ण पार्ट्स में से एक है। नींबू पानी बनाने के लिए आधे नींबू का रस निचोड़ें, उसमें एक चुटकी नमक और ½ छोटी चम्मच चीनी (अपने स्वाद के अनुसार) डालें और ठंडे पानी में मिला लें।

इस तरह आप उन सभी अवयवों को मिलाते हैं जो आपके शरीर के लिए प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट के रूप में काम करते हैं। वास्तव में नींबू पानी प्रत्येक घर में गर्मियों के मौसम में एक कोल्ड ड्रिंक के रूप में काम करता है।

नींबू के रस में विटामिन C होता है, जो एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। हम लंबे समय से जानते हैं कि विटामिन सी की कमी से स्कर्वी होता है। अगर आपका विटामिन C का सेवन कम है, तो नींबू पानी पीने से मदद मिल सकती है।

9: प्याज

यह जानकर हैरानी होती है कि प्याज में भी कूलिंग इफेक्ट होता है। खैर यह क्वेरसेटिन से भरपूर माना जाता है, जो एक एंटी-एलर्जेन के रूप में काम करता है। लू से बचाव के लिए भी यह फायदेमंद है।

यही मुख्य कारण है कि हमारे बुजुर्ग हर गर्मियों में प्याज और कच्चे आम का मिश्रण क्यों बनाती हैं। आप इन्हें कच्चे रूप में नींबू और थोड़ा सा नमक मिलाकर या सलाद, रायता या सैंडविच आदि में मिला कर खा सकते हैं।

जब आप गर्मी के मौसम में कच्चे प्याज का सेवन करते हैं तो यह आपके शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है। गर्मी के मौसम में लू लगना काफी आम है। प्याज का सेवन करने से लू लगने से बचा जा सकता है।

प्याज में क्वेरसेटिन नामक यौगिक होता है जो हीट स्ट्रोक से लड़ता है। गर्मी के मौसम में हम सभी पाचन संबंधी किसी न किसी समस्या से परेशान रहते हैं। प्याज का सेवन आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करता है और खराब बैक्टीरिया को पाचन संबंधी समस्याएं पैदा करने से रोकता है।

इलेक्ट्रोलाइट्स हमारे शरीर में मिनरल्स होते हैं जिनमें विद्युत आवेश होता है। ये बहुत आवश्यक हैं क्योंकि ये शरीर में पानी की मात्रा को संतुलित करते हैं।

गर्मी के मौसम में प्याज का सेवन फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें पोटैशियम और सोडियम होता है जो शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स उत्पन्न करता है। ये गर्मियों के दौरान आपको भीतर से हाइड्रेटेड रखने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

10: अजवाइन

अजवाइन में 90% पानी होता है और इसमें महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, जो आपको गर्मियों में ठंडा रखते हैं। अजवाइन में सोडियम, पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम और जिंक भी अधिक होता है।

अजवाइन फाइबर का एक अद्भुत स्रोत है। इसकी कैलोरी की मात्रा को देखते हुए इसकी फाइबर सामग्री काफी प्रभावशाली है। इस कारण यह वजन कम करने या स्वस्थ पाचन बनाए रखने से संबंधित लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प है।

अजवाइन एक फाइटोकेमिकल से भरपूर होती है जिसे फथलाइड्स के नाम से जाना जाता है। यह शरीर में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है। इस बढ़े हुए रक्त प्रवाह से ब्लड प्रेशर कम होता है।

शोध से पता चलता है कि एल-3-एन-ब्यूटिलफथलाइड के रूप में जाना जाने वाला अजवाइन बीज खाने से संज्ञान और मेमोरी दोनों में सुधार होता है। यह अर्क अल्ज़ाइमर के इलाज और इसे विकसित होने से रोकने दोनों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

11. लौकी

जब हल्के और स्वादिष्ट भोजन की बात आती है तो यह हरी सब्जी आपकी पहली पसंद नहीं होती है। लेकिन अगर वजन घटाने और फिट रहने की बात की जाए तो इसकी बहुत सलाह दी जाती है।

यह सुपर वेजी कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन A और C से भरपूर होता है और शरीर को सक्रिय और हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है। यह आपके ब्लड प्रेशर के लेवल को नियंत्रण में रखने में मदद करता है। साथ ही यह हार्ट हैल्थ में भी सुधार करता है।

गर्मी के मौसम में क्या नहीं खाना चाहिए?

garmi ke mausam me kya nahi khana chahiye

हम सभी जानते हैं कि गर्मी के मौसम में हाइड्रेटेड रहना कितना जरूरी है। अन्यथा यह आपके स्वास्थ्य पर वास्तविक प्रभाव डाल सकता है। पानी पीना गर्मी से बचने के सबसे अच्छे तरीकों में से एक है।

लेकिन कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ भी हैं जो निर्जलीकरण का कारण बन सकते हैं, जिससे आप कम और अस्वस्थ महसूस करते हैं। तो आइए जानते हैं, कि गर्मियों के मौसम में क्या नहीं खाना चाहिए।

1. अधिक नमक

नमक को सोडियम क्लोराइड के रूप में भी जाना जाता है और इसका उपयोग भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता है। आहार में नमक की ज्यादा मात्रा सूजन, हाइ ब्लड प्रेशर और हार्ट रोग सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देता है।

जब बहुत अधिक सोडियम शरीर में प्रवेश करता है, तो इससे गुर्दे खराब हो जाते हैं और निर्जलीकरण होता है। इसका मतलब है कि शरीर कोशिकाओं से पानी खींचने लगता है। इसलिए अपने आहार में नमक का सेवन कम करने की सलाह दी जाती है।

2. चाय और कॉफी

अगर आप चिलचिलाती गर्मी में खुद को ठंडा और हाइड्रेटेड रखना चाहते हैं, तो चाय या कॉफी जैसे गर्म पेय पदार्थों के सेवन से बचें या कम करें। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे शरीर के समग्र तापमान को बढ़ाते हैं और पाचन तंत्र को परेशान करते हैं।

इसके बजाय नींबू पानी और छाछ आदि का सेवन करें। चाय और कॉफी में कैफीन की मात्रा होती है, जिसका गर्म मौसम में सेवन करना खतरनाक होता है।

3. कुछ मसाले

गर्मी के मौसम में हमेशा मसालेदार भोजन से बचने की सलाह दी जाती है, अन्यथा यह आपके स्वास्थ्य पर भारी पड़ता है। मसालेदार भोजन में ज्यादातर कैप्साइसिन होता है, जो शरीर की गर्मी को बढ़ाने वाले पित्त दोष को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करता है।

इसके परिणामस्वरूप अत्यधिक पसीना आता है। जिससे त्वचा पर फोड़े, निर्जलीकरण और बीमारी पैदा होती है। इसलिए जब तापमान बढ़ रहा हो तो मसालेदार भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए।

4. तला हुआ और जंक फूड

यह कोई रहस्य नहीं है कि तला हुआ भोजन आपके लिए अच्छा नहीं है। लेकिन यह उनसे बचने का एक और बड़ा कारण है। चाहे वह आपका पसंदीदा समोसा हो, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज़, जंक फूड आदि।

ये सभी खाद्य पदार्थ आपको निर्जलित कर सकते हैं, साथ ही गर्मी के महीनों में इन्हें पचाना विशेष रूप से कठिन होता है। इन फूड्स के सेवन से आपके संपूर्ण स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

5. अचार

अचार में सोडियम की मात्रा बहुत अधिक होती है, जिससे water retention, सूजन और उल्टी की समस्या होती है। अगर आप ज्यादा अचार खाते हैं तो इससे अपच भी हो सकता है। इसके अलावा अचार खाने से शरीर में तेजाब की समस्या भी होती है।

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निष्कर्ष:

तो ये था गर्मी से बचने के लिए क्या खाएं, हम उम्मीद करते है की इस आर्टिकल को पढने के बाद आपको गर्मी से बचने के लिए आपको क्या खाना चाहिए.

यदि आपको ये आर्टिकल अच्छी लगी तो इसको शेयर जरुर करें ताकि अधिक से अधिक लोगों को गर्मी से बचने के उपाय पता चल पाए. इसके अलावा अगर आपको और कोई फ़ूड या ड्रिंक पता है तो गर्मी से बचने में मद्दद करती है तो उसको आप कमेंट में हमें जरुर बताएं.

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