जूते-चप्पल की दुकान कैसे खोलें | Footwear Shop Business Plan in Hindi

जूते-चप्पल हर इंसान की एक जरूरत है, आप कहीं पर भी बिना जूते-चप्पल के नहीं जा सकते हैं। आजकल जूते न केवल पैरों की रक्षा के लिए पहने जाते हैं, बल्कि ये एक फैशन भी बन चुके हैं। इनका उपयोग पुरुष और महिलाओं दोनों के द्वारा किया जाता है, जिनमें बच्चे भी शामिल है।

हमारे पैर हमारे दैनिक जीवन का आधार हैं, एक प्रकार से यह हमारी नींव है। इस कारण हर अच्छी नींव को सही सहारा मिलना जरूरी होता है। जूते-चप्पल हमारे पैरों की रक्षा करते हैं, इस कारण इनकी क्वालिटी अच्छी होना बहुत जरूरी है। एक फ़ैक्ट की बात है, कि दुनिया में आज भी 60 करोड़ लोगों के पास पहनने के लिए जूते-चप्पल नहीं है।

अच्छे जूते पहनना दैनिक जीवन का एक पहलू है जिस पर लोग बहुत कम ध्यान देते हैं। दर्द जो लोगों को दिन भर होता है जैसे पीठ दर्द और पिंडली में मोच, ज्यादातर पैरों से शुरू होता है। हर किसी के पैर में 10 उंगलियां होती हैं लेकिन हर पैर एक जैसा नहीं होता।

जूते-चप्पल की मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इस कारण कुछ लोग इस मांग को एक बिजनेस के रूप में भुना रहे हैं। अगर आप भी जूते-चप्पल की दुकान खोलना चाहते हैं, तो यह आपके लिए एक सुनहरा अवसर है। आपका टार्गेटेड मार्केट प्रत्येक इंसान है, बस आपको अपनी इनवेस्टमेंट के हिसाब से नॉन ब्रांडेड और ब्रांडेड में से एक प्रकार का चयन करना है।

फूटवियर इंडस्ट्री

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2021 में इंडिया फुटवियर मार्केट का आकार 13.49 बिलियन अमेरिकी डॉलर  था और 2027 तक कुल राजस्व 12.83% की CAGR से बढ़ने की उम्मीद है, जो लगभग 27.84 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। फुटवियर मानव निर्मित कपड़ों का एक प्रकार है जो तलवों सहित पूरे पैर को घेरता है और उसकी सुरक्षा करता है।

मोशन कंट्रोल, स्टेबिलिटी और न्यूट्रल तीन तरह के फुटवियर हैं। मोशन कंट्रोल फुटवियर सबसे आरामदायक और सुधारात्मक जूते हैं। कैजुअल, मास, एक्टिव/स्पोर्ट, लेदर और नॉन-लेदर फुटवियर के प्रॉडक्ट प्रकार हैं। महिलाएं, पुरुष और बच्चे सभी फुटवियर का इस्तेमाल करते हैं।

ऑनलाइन और ऑफलाइन भारतीय फुटवियर की बिक्री के दो प्रकार हैं। यूरोपीय संघ को 1660.41 मिलियन अमेरिकी डॉलर और अमेरिका को 312.21 मिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात के साथ, भारत अपने लगभग 78% जूते यूरोपीय देशों और संयुक्त राज्य अमेरिका को बेचता है। यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में, भारत के जूते बहुत लोकप्रिय हैं।

इंटरनेट यूजर्स की बढ़ती संख्या और कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की शुरूआत ने भारतीय ग्राहकों की खरीदारी की आदतों को काफी हद तक बदल दिया है। तेजी से शहरीकरण, अधिक ब्रांड जागरूकता और बढ़ते विवेकाधीन बजट ने फुटवियर उद्योग के विकास में लाभ पहुंचाया है, जिससे उपभोक्ताओं के दिमाग में यह एक स्टेटस सिंबल इमेज बन गया है।

भारत में लगभग 66% फुटवियर की बिक्री शहरी क्षेत्रों में होती है, शेष 34% ग्रामीण क्षेत्रों में होती है, जिससे फुटवियर उद्योग को बढ़ने के लिए काफी जगह मिलती है। हालाँकि समझ विकसित करने, खर्च करने योग्य आय में वृद्धि और बदलती जीवन शैली के कारण, उन जगहों पर बिक्री उत्तरोत्तर गति पकड़ रही है।

भारत में घरेलू जूतों की खपत लगभग 90% होने का अनुमान है। बदलती जीवनशैली और बढ़ती प्रयोज्य आय के परिणामस्वरूप घरेलू मांग में तेजी से वृद्धि होने की उम्मीद है। इस बाजार में भी वॉल्यूम तेजी से बढ़ा है, उदाहरण के लिए, 2015 में 22.8 करोड़ जूते चप्पल बिके थे जो 2019 में 27.8 करोड़ हो गए।

भारत में फुटवियर निर्माताओं को बड़ी मात्रा में कम लागत वाले कच्चे माल की उपलब्धता के साथ-साथ कम श्रम लागत से लाभ होता है। जिसके परिणामस्वरूप उत्पादन लागत कम होती है, जिससे इस क्षेत्र में समग्र कीमतें कम हो जाती हैं। दुनिया के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक होने के बावजूद, भारतीय फुटवियर उत्पादन कंपनियां अपने उत्पादों की ब्रांडिंग और बिक्री में अक्षम हैं।

जूते-चप्पल की दुकान कैसे खोलें?

jute chappal ki dukan kaise khole

फैशन और फुटवियर उद्योग दुनिया को बदल रहे हैं। जूते आपके पैरों को सुरक्षित और आरामदायक रखने का एक तरीका मात्र नहीं रह गए हैं। ये अब एक फैशन स्टेटमेंट और आपकी सामाजिक स्थिति दिखाने का एक तरीका बन गए हैं। सोशल मीडिया के आगमन और जीवन स्तर के बढ़ते स्तर के कारण, अधिक से अधिक व्यक्ति फैशन और जूतों में बहुत पैसा लगाते हैं।

नतीजतन, फुटवियर उद्योग की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। मार्केट का विस्तार हो रहा है। यह बिजनेस शुरू करने में आसान और फूटवियर की उच्च मांग, निवेशकों को इसकी ओर आकर्षित कर रही है। इस लेख की सहायता से, आप सीखेंगे कि भारत में जूते-चप्पल की दुकान कैसे शुरू करें।

हम सभी जानते हैं कि व्यवसायी सबसे अधिक पैसा कमाते हैं, इसलिए हर व्यक्ति कभी न कभी एक व्यवसायी बनने की इच्छा रखता है। अगर आपकी इच्छा सिर्फ एक इच्छा नहीं बल्कि एक लक्ष्य है जिसे आप पूरा करना चाहते हैं, तो आप सही जगह पर आए हैं।

आज के समय में चल रहे बेहद खास बिजनेस जूते-चप्पल की दुकान खोलने का बिजनेस हम कैसे कर सकते हैं? इसकी जानकारी हम आपको देने जा रहे हैं। इसके लिए आप इस आर्टिक्ल को पूरा पढ़ें।

1. प्लानिंग

एक उद्यमी के रूप में सफलता के लिए एक स्पष्ट प्लानिंग आवश्यक है। यह आपके बिजनेस की विशिष्टताओं को मैप करने और कुछ अज्ञात की खोज करने में आपकी सहायता करेगा। बिजनेस प्लानिंग हमारे बिजनेस का एक ओवरव्यू होता है। फुटवियर क्षेत्र से संबंधित कंपनियों सहित हर कंपनी को लाभदायक होने के लिए एक बिजनेस प्लानिंग की आवश्यकता होती है।

फुटवियर क्षेत्र में एक सफल उद्यमी बनने के लिए, इस मार्केट की रिसर्च और विश्लेषण करना महत्वपूर्ण है। क्योंकि इससे हमें हमारे टार्गेटेड कस्टमर्स का पता चलता है। उदाहरण के लिए यदि आपके बिजनेस में जूते महंगे होंगे, तो आपको गुणवत्ता प्रदान करने पर ध्यान देना चाहिए। इसके बजाय लो-एंड जूते पेश करते समय, लक्ष्य गुणवत्ता के बजाय मात्रा पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

  • जूते चप्पल के बिजनेस को समझें ताकि आप बिक्री पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
  • संबंध स्थापित करने और क्षेत्र में अधिक अनुभव और ज्ञान प्राप्त करने के लिए जूता सम्मेलनों में भाग लें।
  • आप इस क्षेत्र में क्या करना चाहते हैं, यह निर्धारित करने के लिए अपनी भागीदारी को परिभाषित करें।
  • अपने ब्रांड के उपयुक्त डिजाइन के लिए बाजार का गहन अध्ययन करें।

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसी दिए गए बिजनेस का क्षेत्र कहां है। चूंकि सभी को एक सुरक्षित निवेश शुरू करने और बनाने के लिए एक अच्छी तरह से तैयार की गई बिजनेस प्लानिंग की आवश्यकता होती है। एक बिजनेस गेम प्लान केवल एक व्यावसायिक योजना को हाथ में लेकर नहीं बनाया जाता है।

2. लागत

एक जूते-चप्पल की दुकान की स्टार्टअप लागत दुकान के आकार पर निर्भर करती है। अगर आप किसी ग्रामीण इलाके में दुकान खोल रहे हैं, तो आपको 2 लाख रुपए का इनवेस्टमेंट करना होगा, अगर वहीं आप किसी छोटे शहर में दुकान खोलना चाहते हैं। तो यह इनवेस्टमेंट 5 लाख रुपए से ज्यादा होती है।

इसमें किराए के लिए प्रति माह लगभग 10 हजार रुपए का भुगतान करना पड़ सकता है। यह आपकी लोकेशन के हिसाब से अलग होगा। इसके अलावा हमें अपनी दुकान में एक या दो स्टाफ को भी काम पर रखना होगा, जो ग्राहकों को उनकी मनपसंद के फूटवियर दिखाएगा।

इसलिए हमें उनको भी प्रत्येक महीने का भुगतान करना होगा। इसके अलावा बिजली और अन्य खर्चे भी हमारी इसी लागत में आते हैं। अन्य खर्चों में सबसे महत्वपूर्ण मार्केटिंग है। अपनी दुकान को प्रसिद्ध बनाने के लिए उसकी मार्केटिंग करना बहुत महत्वपूर्ण है। जितनी अच्छी आपकी मार्केटिंग स्ट्रेटजी होगी, आपके ग्राहक उतने ही ज्यादा होंगे।

इसके बाद आती है, शुरुआत में हमें अपनी दुकान के लिए माल खरीदना होगा। जिसके लिए हमारे पास दो विकल्प है। इसमें पहले विकल्प के अनुसार हम किसी मैनुफेक्चुरिंग कंपनी से जूते-चप्पल खरीदते हैं। और दूसरा विकल्प हमारे खुद के द्वारा जूते-चप्पल का निर्माण करना।

हमारे हिसाब से आपके लिए खुद के जूते बनाकर बेचना एक अच्छा विकल्प है। क्योंकि इसमें जो भी शुद्ध लाभ होता है, वो आपका ही होता है। किसी ओर कंपनी का कोई मार्जिन नहीं होता है। हालांकि इसके लिए आपको शुरुआत में अपनी ब्रांड वैल्यू बनानी होगी, ताकि लोग आपके फूटवियर खरीदते समय हिचकिचाएँ ना।

3. टार्गेटेड मार्केट

वैसे जूते-चप्पल के बिजनेस में प्रत्येक प्रकार के ग्राहक देखने को मिलते हैं। लेकिन जब आप अपनी दुकान शुरू करें तो आपको एक निश्चित वर्ग के लोगों को ही टार्गेट करना होगा। इससे आपकी दुकान पूरे मार्केट में अलग दिखाई देगी। आप जिन लोगों को टार्गेट कर दुकान शुरू कर रहे हैं। उनकी पसंद का प्रत्येक फूटवियर आपकी दुकान में होना चाहिए।

इससे वे ग्राहक किसी और दुकान में नहीं जाएंगे। क्योंकि उन्हें पता होगा कि आपकी दुकान में उनकी पसंद के जूते-चप्पल आसानी से मिल जाएंगे। यह एक प्रकार की बिजनेस प्लानिंग का ही एक हिस्सा है, जिसे आपको शुरुआत में ही डिसाइड करना होगा।

अपने टार्गेटेड ग्राहकों को अच्छे से जानने के लिए आप ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों मोड का सहारा ले सकते हैं। ऑफलाइन मोड में आपको मार्केट रिसर्च से अंदाजा हो जाएगा। इसके अलावा आप लोगों से पर्सनली बात कर उनकी राय ले सकते हैं। इसके अलावा ऑनलाइन मोड में लोगों की सर्च वॉल्यूम से पता लगाया जा सकता है।

इसके अलावा अपने टार्गेटेड ग्राहकों को जानने से समय, पैसा और ऊर्जा सही दिशा में लगाने में मदद मिलती है। आप हर किसी के पसंदीदा नहीं हो सकते, इस प्रकार अपने प्रोडक्टस को उन लोगों को पेश करें जो आपको लगता है कि इसकी सराहना करेंगे। यह कहने के बाद, एक उद्यमी के रूप में, आपको यह तय करना होगा कि आप अपने प्रोडक्टस को किसे बेचना चाहते हैं।

क्या जूते विशेष रूप से बच्चों, वयस्कों, मध्यम आयु वर्ग के लोगों या बुजुर्गों के लिए बेचने हैं। आप अपनी प्लानिंग के अनुसार अपने ग्राहकों को उनके लिंग, आय या किसी अन्य मानदंड के अनुसार वर्गीकृत भी कर सकते हैं। इसलिए अंधेरे में तुक्का मारने के बजाय, अपनी प्लानिंग को सरल और यथार्थवादी रखने का प्रयास करें।

4. लोकेशन

लोकेशन किसी भी दुकान के लिए सबसे महत्वपूर्ण होती है। यह ग्राहकों के लिए जितनी अधिक सुलभ होती है, उतनी ही ज्यादा बिक्री होती है। आप अपने एरिया में किसी ऐसी लोकेशन का चयन करें, जहां लोगों का आना-जाना लगा रहता है। इसके लिए सबसे बेस्ट जगह मार्केट एरिया है।

लोकेशन सिलेक्ट करने के बाद आपको अपनी दुकान का साइज़ चेक करना होगा। आमतौर पर 150-200 वर्ग फूट की दुकान इसके लिए उत्तम रहती है। लेकिन आप इसे अपने हिसाब से सेट कर सकते हैं। जैसे अगर आप खुद जूते-चप्पल बनाना चाहते हैं, तो इसके लिए ज्यादा जगह की आवश्यकता होगी।

वहीं अगर आप किसी होलसेलर से माल खरीदते हैं, तो आपको सिर्फ उस माल को रखने के लिए ही जगह की आवश्यकता होगी। इसके अलावा दुकान में ग्राहकों के बैठने की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही साथ आपका बाहरी काउंटर भी बढ़िया जगह पर होनी चाहिए।

आपकी दुकान जमीन से थोड़ी ऊपर होनी चाहिए, ताकि बारिश के मौसम में किसी नुकसान का सामना न करना पड़े। दुकान किराए पर लेते समय आपको पहले से ही किराया डिसाइड कर लेना है, ताकि बाद में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।

5. कंपीटीटर्स को जानना

अपने कंपीटीशन में बैठे लोगों को जानने के लिए आपको मार्केट रिसर्च और उनके बिजनेस मॉडल को समझना होगा। चूंकि फुटवियर उद्योग नया नहीं है, इसलिए कई घरेलू और इंटरनेशनल कंपीटीटर्स होंगे। नतीजतन यह तय करना आवश्यक है कि किसके साथ प्रतिस्पर्धा करनी है।

एक ब्रांड बनाने और समाज के उच्च आय वर्ग के प्रोडक्टस को बेचने के लिए कई वैश्विक और स्थानीय कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने की आवश्यकता है। अगला कदम एक प्रतियोगी के स्टोर पर जाना और उनके ग्राहकों का अध्ययन करना है। क्योंकि ग्राहक वे लोग हैं जिन्हें आप अपने संदेश में बताना चाहते हैं।

आप अपनी दुकान की संपत्ति और देनदारियों की सूची बनाएं और विकास की संभावनाओं और जोखिमों की तलाश करें। पहले सूचीबद्ध वस्तुओं पर रिसर्च करने और उन पर काम करने के बाद आपको कुछ हद तक बिजनेस समझ आ जाएगा। आपको अपनी लोकेशन के पास किसी कंपीटीटर को जड़ें नहीं जमाने देनी होगी।

या आप शुरुआत में ही ऐसी लोकेशन सिलेक्ट करें, जहां पहले से कोई बड़ी जूते-चप्पल की दुकान न हो। आप अपने कंपीटीटर्स को जानने के बाद उनकी कीमतों को एनलाइज करें, ताकि आप अपने ग्राहकों को उनसे ज्यादा कीमत पर प्रॉडक्ट न बेचें।

6. सप्लायर्स या होलसेलर्स से संपर्क करना

आपको अपनी दुकान के लिए फूटवियर की आवश्यकता होगी। इसके लिए आप किसी होलसेलर या सप्लायर से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप किसी मैनुफेक्चुरिंग फ़ैक्टरि से भी माल खरीद सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको बड़े पैमाने पर माल खरीदना होगा।

यह सबकुछ आपकी इनवेस्टमेंट और दुकान के साइज़ पर निर्भर करता है। माना आपकी दुकान किसी ग्रामीण या छोटे शहरी एरिया में है, तो आपको किसी होलसेलर या सप्लायर से संपर्क करना होगा। क्योंकि मैनुफेक्चुरिंग कंपनियाँ अक्सर इतने छोटे लेवल पर ऑर्डर प्रोवाइड नहीं करवाती है।

इसके अलावा आप किसी फूटवियर कंपनी की फ्रेचाइंजी भी ले सकते हैं, इसके लिए आपको कंपनी के साथ अच्छे से बातचीत करना होगा। अगर आपके द्वारा दिया गया प्रस्ताव उनको पसंद आता है, तो आप उनके जूते-चप्पल बेच सकते हैं। जिससे आपको कस्टमर बेस बनाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

बढ़िया होलसेलर या सप्लायर ढूँढने के लिए आप इंटरनेट का भी सहारा ले सकते हैं। हालांकि आपको अपने लोकल एरिया में मौजूद होलसेलरों से ही माल खरीदना चाहिए। क्योंकि माल में किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर आप उनको वापिस कर सकते हैं।

7. मार्केटिंग

किसी भी नए बिजनेस की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रमोशन जरूरी है। इसलिए अगर आप फुटवियर का बिजनेस शुरू करते हैं तो आपको प्रमोशन पर भी फोकस करना चाहिए। आपको अपनी दुकान ऐसी जगह खोलनी चाहिए, जहां लोगों की भारी भीड़ हो, लोगों का ध्यान आपकी दुकान की तरफ जरूर जाएगा।

बहुत से लोग बस अपना बिजनेस शुरू करते हैं लेकिन दुकान डिजाइन करने पर कोई ध्यान नहीं देते हैं, लेकिन आपको ऐसा नहीं करना है। आप अपनी जूते-चप्पल की दुकान को अच्छे से डिजाइन कर सकते हैं चाहे वह छोटी है या बड़ी, ताकि लोग आपकी दुकान पर खींचे चलें आएं।

अपनी जूते-चप्पल की दुकान के लिए एक अच्छा नाम रखें और ध्यान रखें कि आपको एक छोटा नाम रखना होगा क्योंकि छोटे नाम अक्सर लोगों को जल्दी याद हो जाते हैं। आपको कोशिश करनी होगी कि आप अपनी दुकान में ज्यादा से ज्यादा खूबसूरत जूतों और चप्पलों का कलेक्शन हो, क्योंकि जब आप ऐसा करेंगे तो लोग आपके जूतों को देखकर आपकी दुकान पर आ जाएंगे।

अपने बिजनेस की मार्केटिंग कैसे करें, इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आप इंटरनेट की मदद भी ले सकते हैं, क्योंकि वहां आपको जूतों और चप्पलों के व्यवसाय की मार्केटिंग कैसे करें, इसके बारे में बहुत सी बातें जानने को मिलेंगी।

अपनी दुकान की मार्केटिंग के लिए आप सोश्ल मीडिया का भी सहारा ले सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको सबसे पहले अपनी दुकान के नाम से विभिन्न सोश्ल मीडिया प्लैटफ़ार्म पर अकाउंट बनाने होंगे। इसके अलावा आप पंफ्लेट और बैनर्स छपवाकर भी लोगों को अपनी नई दुकान के बारे में बात सकते हैं।

समय के साथ जब ग्राहकों का आपकी दुकान पर विश्वास बढ़ता जाएगा, वैसे ही वे वर्ड-ऑफ-माउथ की मदद से मार्केटिंग करेंगे। आपकी मार्केटिंग स्ट्रेटजी जितनी अच्छी होगी, उतनी ही वह ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करेगी। हालांकि मार्केटिंग के लिए आपको अपना बजट पहले ही सेट करना होगा।

जूते चप्पल की दुकान से कितने पैसे कमा सकते हैं (Profit)

footwear business profit

किसी भी दुकान के लिए यह कहना थोड़ा मुश्किल है, कि उससे कितनी कमाई होती है? क्योंकि यह सब ग्राहकों की संख्या, दुकान के साइज़, लोकेशन, प्रॉडक्ट के प्रकार और कस्टमर सर्विस पर निर्भर करता है। अगर यह सभी आपकी दुकान में अच्छे हैं, तो आपको फायदा भी उतना ही ज्यादा होगा।

मान लीजिए आप रोजाना 50 जोड़ी जूते बेचते हैं। जिनको आपने होलसेलर से प्रत्येक जोड़ी को 600 रुपए में खरीदा। फिर आपने उसी जूते को 650 रुपए में अपने ग्राहक को बेच दिया। इस तरह आपको  एक जूते पर 50 रुपए का फायदा होगा। इसी amount को अगर हम 100 से गुणा करें तो रोजाना के 2500 रुपए होते हैं।

इस तरह से अगर हमारी दुकान पूरा महिना खुली रहती है, तो हमको 75000 रुपए का प्रॉफ़िट होगा। लेकिन इसके बाद हमें किराया, स्टाफ सैलरी, बिजली बिल और अन्य खर्चें भी कम करने होंगे। जो कुल मिलाकर 35,000 रुपए के आसपास होते हैं।

75 में से 35 निकालने के बाद 40 हजार रुपए का शुद्ध मुनाफा आपको इस गणित से होगा। हालांकि यह एक अनुमानित संख्या है, अगर आपकी दुकान एक trusted दुकान बन जाती है, तो आप इससे ज्यादा भी कमा सकते हैं।

जूते-चप्पल की दुकान में सावधानियाँ

अगर आप जूते-चप्पल की दुकान का बिजनेस शुरू करने का विचार कर रहे हैं तो आपको इस व्यवसाय से जुड़ी कुछ सावधानियों का भी ध्यान रखना चाहिए, जो इस प्रकार हैं-

  • आपको बाजार में जाकर अन्य फुटवियर दुकानों को देखना चाहिए और समझना चाहिए कि वे अपना बिजनेस कैसे करते हैं और लाभ कमाते हैं या नहीं। लोग अक्सर इन बातों को नज़रअंदाज कर अपना कारोबार शुरू कर देते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें बाद में भुगतना पड़ता है।
  • इसके अलावा आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि आप कहां से फुटवियर का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, लोगों को किस तरह के फुटवियर पसंद हैं और उनकी डिमांड क्या है।
  • यदि आप फुटवियर के व्यवसाय में लाभ कमाना चाहते हैं तो आपको शुरुआत में अपनी चीजों पर अधिक लाभ नहीं लेना चाहिए, अर्थात लाभ को सामान्य रखना होगा, ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी दुकान से खरीदारी करें।
  • जब आप अपनी दुकान शुरू करते हैं, तो आपको शुरुआती दिनों में अपना बिजनेस ऑनलाइन करना चाहिए क्योंकि आजकल ऑनलाइन बहुत अधिक चलन में है।
  • बिजनेस शुरू करने से पहले आपको बिजनेस स्ट्रैटेजी, मार्केटिंग स्ट्रैटेजी जैसी चीजों की भी जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए।
  • कई दुकानदार केवल अपने मुनाफे के बारे में सोचते हैं जिसके कारण वे अपने ग्राहकों को अच्छी गुणवत्ता वाली कोई भी जूते-चप्पल उपलब्ध नहीं कराते हैं। यदि आप अपना बिजनेस लंबे समय तक चलाना चाहते हैं तो आपको अपने ग्राहकों को हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाली जूते-चप्पलें उपलब्ध करानी चाहिए।
  • जूते चप्पल की दुकान शुरू करने के बाद अपनी दुकान का बड़े उत्साह के साथ प्रमोशन करें, क्योंकि प्रमोशन किसी भी बिजनेस का एक अनिवार्य हिस्सा है। अगर आप इन बातों का ध्यान रखते हैं तो आप आसानी से जूते-चप्पल की दुकान का बिजनेस शुरू कर सकते हैं।

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निष्कर्ष:

तो दोस्तों ये था जूते चप्पल की दुकान कैसे खोलें, हम आशा करते है की इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको फुटवियर बिजनेस प्लान अच्छे से समझ में आ गया होगा.

अगर आपको हमारी पोस्ट से हेल्प मिली तो प्लीज इसको शेयर जरुर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग अपना खुद का फुटवियर का बिजनेस शुरू कर पाए.

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