चप्पल का बिजनेस कैसे करें (पूरी जानकारी)

चप्पल प्रत्येक भारतीय की पहली पसंद है, जिसका उपयोग लोग घर के अंदर करते हैं। हालाँकि कुछ चप्पल या सैंडल घर के बाहर भी पहने जाते हैं। बाजार में तरह-तरह की चप्पलें या सैंडल बिकते हैं। कई छोटी-बड़ी कंपनियां चप्पल बनाकर काफी मुनाफा कमा रही हैं।

आप भी इस बिजनेस की मदद से हर महीने अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। भारत में चप्पल को हवाई चप्पल भी कहा जाता है। हवाई चप्पल हल्के फुटवियर होते हैं जो पुरुषों, महिलाओं और बच्चों द्वारा पहने जाते हैं। इसके अलावा सभी उम्र के व्यक्तियों द्वारा उपयोग किए जाते हैं।

आज के युग में लोग कपड़े, भोजन, बैग, लैपटॉप, फोन, जूते आदि पर काफी खर्च करते हैं। इसी कारण बाजार में लगातार इनकी मांग बढ़ रही है। चीन के बाद भारत दुनिया में फुटवियर का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, जो सालाना उत्पादन का 13% हिस्सा है। यह लगभग 206.5 करोड़ जोड़ी फुटवियर का निर्माण करता है।

भारत में फुटवियर के प्रमुख उत्पादन केंद्र चेन्नई, तमिलनाडु, आगरा, पुणे, फरीदाबाद, कलकत्ता आदि में हैं, जिनमें से लगभग 11 करोड़ कर्मचारी इस उद्योग में लगे हुए हैं। इसी से उनका जीवन यापन होता है।

इसी को देखते हुए, आप चप्पल का बिजनेस शुरू कर सकते हैं। कुछ गिने-चुने बिजनेस की ही तरह इसमें लॉस होने का बहुत खतरा है। अगर आप पूरी मेहनत और प्लानिंग से इस बिजनेस को करते हैं, तो कुछ ही दिनों में आपकी इनकम काफी बढ़ जाएगी।

भारत में चप्पल का मार्केट

chappal ka business kaise kare

भारत में चप्पल का मार्केट एक फलता-फूलता मार्केट है। चप्पलों की मांग दिन-ब-दिन बढ़ रही है, इस कारण इसकी मांग 2020-2025 की अवधि के दौरान 20% बढ़ने की उम्मीद है।

भारत में चप्पल का मार्केट तीन प्रकार का है।

  • एक वो, जिसमें सामान्य चप्पलें बनाई जाती है, जिनकी कीमत भी सामान्य होती है।
  • दूसरा वो, जिसमें प्रीमियम चप्पलें बनाई जाती है, जिनकी कीमत भी प्रीमियम होती है।
  • तीसरा वो, जिसमें बड़े पैमाने पर चप्पलें बनाई जाती है।

भारत में चप्पल का मार्केट बड़े और छोटे स्तर पर मौजूद है। कुछ लोग बड़े तौर पर चप्पल बनाते है, तो कुछ लोग छोटे तौर पर। इस कारण इसका मार्केट काफी तरह से बिखरा हुआ है। भारत में टॉप 10 चप्पल बनाने वाली कंपनियाँ कुल चप्पलों का 30% बनाती है।

हमारे यहाँ पर सबसे ज्यादा चप्पल बनाने वाली कंपनियाँ बाटा इंडिया लिमिटेड, लिबर्टी शूज़ लिमिटेड, रिलैक्सो फुटवियर्स लिमिटेड और विनया एंटरप्राइजेज हैं। बाटा इंडिया लिमिटेड लगभग 15% की बाजार हिस्सेदारी के साथ भारतीय फ्लिप फ्लॉप बाजार में सबसे ज्यादा कामयाब कंपनी है।

लगभग 10% की बाजार हिस्सेदारी के साथ लिबर्टी शूज़ लिमिटेड बाजार में दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी अपने प्रमुख ब्रांडों जैसे लिबर्टी, विल्किंसन और स्टेनली के तहत अलग-अलग प्रकार के प्रॉडक्टस का निर्माण करती है।

रिलैक्सो फुटवियर्स लिमिटेड लगभग 9% की बाजार हिस्सेदारी के साथ भारतीय स्लिपर बाजार में तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी अपने प्रमुख ब्रांडों जैसे फ़्लाइट, स्पार्क्स और पावर के तहत विभिन्न प्रकार के प्रोडक्टस पेश करती है।

विनया एंटरप्राइजेज भारतीय स्लिपर बाजार में लगभग 5% की बाजार हिस्सेदारी के साथ चौथी सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी अपने प्रमुख ब्रांड नामों जैसे प्यूमा, स्पार्क्स और एडिडास के तहत विभिन्न प्रकार के प्रॉडक्ट बनाती है।

भारत में मध्यम वर्ग की आबादी में फ्लिप फ्लॉप की बढ़ती मांग और भारत में बढ़ते पर्यटन उद्योग के कारण इसका मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। यदि आप भारत में अपना चप्पल का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो आप हमारे द्वारा बताए गए स्टेप्स का पालन कर सकते हैं।

चप्पल का बिजनेस कैसे करें?

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भारत में शहरी और ग्रामीण दोनों आबादी चप्पलों का उपयोग करती है। इस प्रॉडक्ट को दूसरे देशों में भी बेचा जा सकता है। चीन के बाद भारत फुटवियर का सबसे बड़ा उत्पादक देश है।

आजकल एक आवश्यकता होने के अलावा, यह विभिन्न डिजाइनों में उपलब्ध एक महत्वपूर्ण फैशन एक्सेसरी बन गया है। इस कारण चप्पल का बिजनेस एक फायदे का सौदा है।

स्टेप-1. एक बिजनेस प्लान बनाएँ

चप्पल का बिजनेस करने के लिए आपको सबसे पहले इसके बेसिक को समझना होगा। फिर उसके बाद आपको एक प्लान तैयार करना होगा, जो बिजनेस शुरू करने से पहले एक शुरुआती कदम होगा।

बिजनेस प्लानिंग में आपको फंड, मार्केट, कस्टमर, एम्पलॉयज, मशीनरी आदि पर एक रिपोर्ट तैयार करनी होगी। फिर जैसे-जैसे आप बिजनेस के लिए प्लान बनाते हैं, वैसे-वैसे उसे अम्ल में भी लाना होगा। इसके अलावा आप इस बिजनेस में सफल लोगों की सलाह भी ले सकते हैं।

स्टेप-2. अपने बिजनेस को नाम देना

चप्पल के बिजनेस के लिए आपको इसका नाम देना बहुत जरूरी है। क्योंकि जब आप अपने ब्रांड से चप्पल सेल करेंगे, तभी लोग आपकी चप्पलों और आपके बिजनेस को जानेंगे। इससे आपका बिजनेस बढ़ेगा और ग्राहक भी आपसे जुड़ेंगे।

आप भारत में चल रहे कुछ चप्पल ब्राण्डों जैसे बाटा, relaxo, खादिमास, अजान्ता आदि से प्रेरणा ले सकते हैं। आज चप्पल मार्केट में इन कंपनियों का सिक्का बोलता है। हालांकि ये काफी पुरानी है, इस कारण बाजार में लंबे समय से टिकी हुई है।

स्टेप-3. बिजनेस को लीगल बनाएँ

यदि आप अपने बिजनेस को लीगली बनाना चाहते हैं, तो आपको इसे रजिस्टर करवाना बहुत जरूरी होगा। इससे आपको बहुत सारे फायदे मिलते हैं। एक बार रजिस्ट्रेशन होने के बाद आपको अपना बिजनेस बढ़ाने में कोई समस्या नहीं आएगी।

आप जिसे लेवल पर अपने बिजनेस को ऑपरेट करना चाहते हैं, उस पैमाने के आधार पर विभिन्न प्रकार की कानूनी संस्थाएं हैं। कुछ लोकप्रिय एकल स्वामित्व, पार्टनर्शिप, एलएलपी और प्राइवेट लिमिटेड कंपनी हैं। आप अपने स्थानीय वकील या इससे जुड़े प्रॉफेश्नल लोगों से बात करें और जो आपको सबसे अच्छा लगे उसे चुनें।

स्टेप-4. चप्पल के बिजनेस में इनवेस्टमेंट

आप चप्पल का बिजनेस दो तरह से शुरू कर सकते हैं, पहला मैनुअल मशीन खरीदकर और दूसरा ऑटोमैटिक मशीन खरीदकर। मैनुअल मशीन की कीमत आपको करीब 35000 रुपये पड़ेगी।

इसके अलावा अगर आप ऑटोमेटिक मशीन से कारोबार शुरू करते हैं तो आपको 1,00,000 रुपये से 1,50,000 लाख रुपये का निवेश करना होगा। इस निवेश से आप पूरी तरह से ऑटोमैटिक मशीनें और चप्पल बनाने के लिए कुछ कच्चा माल खरीद सकते हैं।

इसके अलावा आपको लोकेशन, एम्पलॉय, परमिट, मार्केटिंग आदि के लिए भी खर्च करना होगा। इस तरह अगर आपके पास 2.50 से 3 लाख के बीच फंड की व्यवस्था है, तो आप इस बिजनेस को छोटे लेवल पर आसानी से शुरू कर सकते हैं।

स्टेप-5. प्रॉफ़िट मार्जिन

आमतौर पर चप्पल बनाने की लागत 30 से 40 रुपए/प्रति पीस होती है। फिर इन चप्पलों का विक्रय मूल्य 100 रुपए से अधिक होता है। यानी आप 40 रुपए की वस्तु को मार्केट में 100 रुपए की बेच रहे हैं। अगर आप किसी व्होलेसेलर को चप्पलें बेचते हैं, तो आपको मार्जिन थोड़ा कम मिलेगा।

यदि आपके बिजनेस का सेटअप छोटा है तो कम क्वालिटी वाली मशीन से आप एक बार में कम से कम 100 दर्जन चप्पलों का उत्पादन कर सकते है। यानी आप 1200 चप्पल बना सकते हैं, जिससे आपको लगभग 50,000 रुपए का फायदा होगा।

इस तरह देखा जाए तो अगर आप छोटे लेवल पर बिजनेस कर रहे हैं, तो आप महीने में इससे 15,000 से 20,000 रुपए कमा सकते हैं। यदि बहुत बड़ा सेटअप है, तो आप एक महीने में 40,000 रुपए और उससे अधिक कमा सकते हैं।

स्टेप-6. मार्केटिंग स्ट्रेटजी

स्लिपर एक ऐसी चीज है, जिसका इस्तेमाल लगभग हर कोई करता है। आमतौर पर हवाई चप्पल का इस्तेमाल समाज के हर वर्ग द्वारा बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। यह स्पष्ट है कि कई निर्माता ऐसे होंगे जो इस बिजनेस में हैं।

इसलिए आपके प्रॉडक्ट या बिजनेस के लिए अधिक ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए मार्केटिंग स्ट्रेटजी अलग होनी चाहिए। सबसे पहले यह महत्वपूर्ण है कि जितना हो सके प्रॉडक्ट की मार्केटिंग करें।

यह विज्ञापनों या ऑफ़र (छूट) आदि के माध्यम से होता है। निर्माता को यह सुनिश्चित करना होता है कि प्रॉडक्ट को बाजार में अधिकतम एक्सपोजर मिले ताकि लोग आकर आपका प्रॉडक्ट खरीद सकें। जितना आपका प्रॉडक्ट लोगों की नजर में आएगा, उतनी ही उसकी बिकने की संभावना होती है।

स्टेप-7. मार्केटिंग के लिए टार्गेट एरिया

चूंकि हर घर में चप्पल का उपयोग किया जा रहा है, इसलिए आपका टार्गेट एरिया कोई भी इलाका हो सकता है। स्थानीय बाजारों के अलावा आप अपनी चप्पलें मॉल या बड़े डिपार्टमेंटल शू स्टोर्स में भी बेच सकते हैं।

प्रोडक्टस को बेचने से पहले आपको अपनी चप्पलों का विज्ञापन करना होता है और उन्हें लोकप्रिय बनाना होता है। इसे और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए निर्माता स्थानीय समाचार पत्रों, लीफलेट, कियोस्क, बैनर और होर्डिंग जैसे विज्ञापनों का उपयोग कर सकते हैं।

इनडोर विज्ञापनों के लिए, रेडियो चैनल या टेलीविज़न विज्ञापन बहुत अंतर ला सकते हैं। इसके अलावा आप सोश्ल मीडिया पर अपने बिजनेस की मार्केटिंग कर सकते हैं। यह आज के समय में मार्केटिंग करने का सबसे बढ़िया तरीका माना जाता है।

चप्पल कैसे बनाएँ?

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चप्पलें पैरों की हर तरह से रक्षा करती हैं। कपड़े हमारे लिए जितना जरूरी है, चप्पल भी उतनी ही जरूरी है। चाहे शहर हो या गाँव चप्पल का उपयोग हर जगह, हर घर और हर इंसान के द्वारा किया जाता है।

भारत में बड़ी मात्रा में चप्पलों की बिक्री होती है। ज्यादातर लोग चप्पल का इस्तेमाल घर के अंदर करते हैं। चप्पलें कई तरह की होती हैं, कुछ ऐसी भी होती हैं जिन्हें पहनकर आप घर से बाहर भी जा सकते हैं।

बाजार में कई तरह की छोटी रंगीली चप्पलें मौजूद हैं। कंपनियां इन चप्पलों को बेचकर भारी मुनाफा कमाती हैं। इसलिए हमने आपको चप्पल के बिजनेस कैसे करें? इसके बारे में पहले ही बता दिया है। अब आप इन्हें बनाने का काम भी सीख सकते हैं।

चप्पल बनाने के लिए बहुत सी मशीनों का उपयोग किया जाता है। हमें जिस मशीन की आवश्यकता होगी वह है-

1. मशीनें

1) हैंड ऑपरेटड काटने की मशीन

चप्पल बनाने के लिए रबर शीट का उपयोग किया जाता है। फिर इस मशीन की सहायता से इसे हर आकार में काटा जाता है। आप जिस भी आकार की चप्पल बनाना चाहते हैं, वो इस मशीन की मदद से बन जाएगी।

यह मशीन बिजली से चलती है और इस मशीन को चलाने के लिए 3 Faz बिजली की आवश्यकता होती है। आप इसे ऑनलाइन बहुत आसानी से खरीद सकते हैं।

2) चप्पल शाइनिंग की मशीन

जब हम चप्पल को काटते हैं, तो उसके किनारों पर रबर बच जाता है। इसके अलावा उस समय शाइनिंग भी नहीं होती है। इस मशीन की मदद से चप्पल के तलवों को घिसकर तैयार किया जाता है। ऐसा करने से चप्पल की खूबसूरती थोड़ी बढ़ जाती है। यह मशीन 3 फेज बिजली से चलती है।

3) स्क्रीन प्रिंटिंग

स्क्रीन प्रिंटिंग मशीन की मदद से आप चप्पल के ऊपरी हिस्से में डिजाइन बना सकते हैं, इससे चप्पल की खूबसूरती बढ़ जाती है। यह मशीन 2 से 3 हजार में मिलती है। इससे आपके प्रॉडक्ट में कुछ क्वालिटी दिखाई देगी।

4) हवाई चप्पल ड्रिल मशीन

ड्रिल मशीन का उपयोग चप्पल में छेद करने के लिए किया जाता है, फिर उसमें एक पट्टा लगाया जाता है। जब चप्पल को शुरू में काटा जाता है, तो उसमें 3 छोटे छेद निकाले जाते हैं। यह काम ड्रिल मशीन द्वारा किया जाता है। इसके जरिए इसे बड़ा किया जाता है ताकि स्ट्रैप आसानी से इस मशीन में घुस सके।

5) पट्टा मशीन

इस मशीन की मदद से निकले गए छेदों में पट्टा डाला जाता है। कई जगहों पर इसे फीता भी कहा जाता है।

6) डाई

इस डाई की मदद से चप्पल के तले को काटा जाता है, इस डाई से चप्पल का साइज बनाया जाता है और यह डाई अलग-अलग साइज की होती है। इसकी कीमत 400 से 600 रुपये प्रति डाई होती है। यह डाई आपको और सस्ते में भी मिल सकती है।

2. चप्पल बनाने के लिए कच्चा माल

पूरी मशीन लग जाने के बाद आपको कच्चे माल की भी जरूरत पड़ेगी। इन कच्चे माल में सबसे प्रमुख बात यह है कि चप्पल बनाने के लिए केवल 2 कच्चे माल का उपयोग किया जाता है।

1) रबर शीट

जूता बनाने वाली रबर शीट अलग-अलग क्वालिटी की बाजार में उपलब्ध है। पतली रबर शीट की कीमत कम है, यह 200 से 250 रुपए में उपलब्ध है। इससे सस्ते दाम की चप्पलें बनती हैं।

दूसरे टाइप की शीट थोड़ी मोटी होती है। यह थोड़ी अच्छी गुणवत्ता की है और इसकी कीमत 400 से 450 तक है। एक रबर शीट 20 चप्पल आसानी से बनाती है। इस तरह से हमारी राय में आप अच्छी क्वालिटी की शीट का चयन करें।

2) चप्पल का पट्टा/फीता

पट्टा का अर्थ है चप्पल का फीता। इसे चप्पल के तीनों हॉलस में लगाया जाता है। इसकी कीमत 4 से 5 रुपये प्रति स्ट्रैप है। चप्पल के बिजनेस में प्रयुक्त होने वाला कच्चा माल स्थानीय बाजारों में आसानी से उपलब्ध हो जाता है।

अगर आप इसे ऑनलाइन ऑर्डर करना चाहते हैं, तो आप इसे ऑर्डर कर सकते हैं। इसके अलावा आप बड़े शहरों के करीब रहते हैं, तो वहाँ आपको अच्छी क्वालिटी और कम कीमत में कच्चा माल मिल जाएगा।

3. चप्पल बनाने का प्रोसेस

आइए जानते हैं, चप्पल कैसे तैयार करें? सबसे पहले रबर शीट को शोल कटिंग मशीन में रखा जाता है। इसके बाद आपको जितने सॉल बनाने की जरूरत होती है, उतनी ही डाई को रबर शीट के ऊपर रखा जाता है। फिर काटने की मशीन के द्वारा डाई दबाया जाता है।

काटने के दौरान चप्पलों में बहुत छोटे-छोटे छेद हो जाते हैं, यदि मशीन अच्छी गुणवत्ता की हो तो कटिंग अच्छी होती है। काटने के बाद शाइनिंग वाली मशीन की मदद से चप्पल के खुरदुरे हिस्से को हटाया जाता है। यह बहुत सावधानी से किया जाता है, चप्पल के चारों ओर एक मशीनिंग प्लेन रखा जाता है, जिससे चप्पल में सुंदरता बढ़ जाती है।

इसके बाद चप्पल पर डिज़ाइन किया जाता है। इसमें बहुत कम खर्च होता है। स्क्रीन प्रिंटिंग मशीन की मदद से स्लिपर के ऊपरी हिस्से में एक डिज़ाइन बनाया जाता है, जिससे प्रिंट होने के बाद चप्पल और भी खूबसूरत लगती है। इसे कुछ देर के लिए सूखने के लिए छोड़ देना जरूरी है।

तला सूख जाने के बाद अब ड्रिलिंग मशीन की जरूरत है। इस मशीन की मदद से तीन छोटे-छोटे छेद चप्पल पर निकाले जाते हैं। फिर उन्हें ड्रिलिंग मशीन की मदद से और बड़ा किया जाता है।

इसके बाद स्ट्रैप इंसर्ट मशीन की मदद से फीतों को चप्पलों में डाला जाता है। इस तरह चप्पलें बनकर तैयार हो जाती हैं और अब इन्हें पैक कर बाजार में सप्लाई किया जा सकता है।

4. चप्पल की पैकिंग

किसी भी प्रॉडक्ट की पैकिंग सबसे पहले ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इसलिए पैकिंग हमेशा ऐसी होनी चाहिए कि ग्राहक आपके प्रॉडक्ट को पहली नजर में खरीदने के लिए उत्सुक हो जाए।

चप्पल पैक करने के लिए छोटे बक्से का उपयोग किया जाता है, और बॉक्स पर कार्टून या विभिन्न आकर्षक डिज़ाइन प्रिंट होते हैं। इन चप्पलों को पॉलीथिन में रखकर इन डिब्बों में पैक किया जाता है। फिर बिक्री के लिए बाजार में भेजा जाता है।

चप्पल के बिजनेस में सावधानी

चप्पल का बिजनेस शुरू करते समय सबसे पहली बात जो ध्यान में रखनी चाहिए वह है जगह। चप्पल बनाने वाली मशीनों को लगाने के लिए बहुत अधिक जगह की आवश्यकता होती है।

जैसा कि उल्लेख किया गया है कि चप्पल के बिजनेस के लिए विभिन्न प्रकार की मशीनों की आवश्यकता होती है, साथ ही उन्हें बहुत अधिक स्थान की भी आवश्यकता होती है। इसलिए आपको उस स्थान का ध्यान रखना चाहिए, जहां आप चप्पल का बिजनेस कर रहे हैं।

चप्पल के बिजनेस में जोखिम

चप्पल के बिजनेस से जुड़ा सबसे बड़ा जोखिम इस्तेमाल होने वाले रबर की क्वालिटी है। बाजार में विभिन्न प्रकार की रबर शीट उपलब्ध हैं। विभिन्न कम गुणवता वाली शीटें जो कम खर्चीली हैं, वो भी उपलब्ध हैं।

इस बात का ध्यान रखें कि चप्पल बनाते समय उनका उपयोग न करें। ये कम गुणवत्ता वाली रबर शीट आसानी से टूट जाती हैं और मौसम के प्रति संवेदनशील नहीं होती हैं। रबर शीट का उपयोग करते समय सुनिश्चित करें कि चप्पल के लिए सबसे अच्छी गुणवत्ता वाली रबर शीट का प्रयोग करें।

चप्पल का बिजनेस भारत में सबसे आम और लाभदायक बिजनेस में से एक है। जैसा कि ऊपर बताया गया है कि इस बिजनेस को शुरू करने के लिए लोगों को अधिक धन की आवश्यकता नहीं होती है। आप 3 लाख रुपए के अंदर इस बिजनेस को आसानी से शुरू कर सकते हैं।

निष्कर्ष:

तो दोस्तों ये था चप्पल का बिजनेस कैसे करें, हम उम्मीद करते है की इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको चप्पल का व्यापार करने की पूरी जानकारी मिल गयी होगी.

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